कद्दू वर्गीय फसलों में बोरोन है बेहद महत्वपूर्ण, जानें इसकी कमी के लक्षण

बोरोन का महत्व:  यह पौधे के ऊतकों का स्थिरीकरण करता है, और फसल की ताकत में सुधार करता है। बोरोन कैल्शियम के साथ मिलकर काम करता है और फसल की गुणवत्ता में वृद्धि करने में भी मदद करता है। इसके अलावा बोरोन का फसलों में फूल, फल विकास में भी मुख्य योगदान होता है। यह फूल व फलों को झड़ने से रोकने तथा फलों के आकार व गुणवत्ता को बढ़ाने में मुख्य भूमिका निभाता है।

बोरोन कमी के लक्षण: इसकी कमी के कारण पौधों की नई पत्तियाँ सामान्य से छोटी होती हैं, और मुड़ी हुई हो सकती हैं। पीलापन शिराओं के बीच सीमांत क्षेत्र से केंद्र की ओर बढ़ता है। सबसे छोटी पत्तियों की नोक सूखी हुई होती है, और इसके विकास बिंदु मर जाते हैं, फूल भी नहीं लगते हैं और फल खराब हो जाते हैं। फलों के आकार लेने पर फल के बाहर की त्वचा में लचीलापन जरूरी है, जिससे फल ठीक तरह से विकसित होता है, लेकिन बोरोन की कमी से फल की त्वचा में कठोरता आती है जिससे फल फट जाते हैं। 

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