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- आलू की फसल में होने वाला यह रोग फफूंद जनित होता है।
- इस रोग का प्रभाव आलू के कंद पर बहुत अधिक मात्रा में देखे जाते हैं।
- आलू के कंदो पर गहरे भूरे रंग के स्कैब उभरते हैं जो हाथ से छूने पर दरदरे महसूस होते हैं।
- इस रोग से ग्रसित आलू के कंद खाने योग्य नहीं रहते हैं।
- इस रोग के निवारण के लिए थायोफिनेट मिथाइल 70% W/W @ 300 ग्राम/एकड़ या कासुगामायसिन 5% + कॉपर आक्सीक्लोराइड 45% WP@ 300 ग्राम/एकड़ की दर से उपयोग करें।
- जैविक उपचार के रूप में स्यूडोमोनास फ्लोरोसेंस @ 250 ग्राम/एकड़ की दर से उपयोग करें।
- इस रोग के प्रभावी के नियंत्रण के लिए बुआई से पहले बीज उपचार करना बहुत आवश्यक होता है।
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