Importance of Microbes in Soil (ZnSB )

  • भारत की कृषि योग्य भूमि में 50% तक ज़िंक की कमी पाई जाती हैं 
  • जिंक एक अनिवार्य सुक्ष्म पोषक तत्व है जो पौधों के विकास के लिए आवश्यक हैं। परन्तु यह मिट्टी में अनुपलब्ध रूप में रहता हैं जिसे पौधे आसानी से उपयोग नहीं कर पाते |
  • यह जीवाणु पौधों को जिंक उपलब्ध करवाते हैं परिणामस्वरूप यह फसलों में रोग’ का नियंत्रण करते हैं, फसल की उपज और गुणवत्ता की वृद्धि में सहायक होते हैं, मिट्टी के स्वास्थ्य में सुधार और हार्मोन की सक्रियता को बढ़ाते हैं और प्रकाश संश्लेषण की गतिविधि को भी बढ़ाते हैं।
  • जिंक घोलने वाले जीवाणु मिट्टी में कार्बनिक अम्ल उत्पन्न करते हैं जिससे अघुलनशील जिंक (जिंक सल्फाइड, जिंक ऑक्साइड और जिंक कार्बोनेट), Zn+ (पौधों के लिए उपलब्ध रूप ) में बदल जाता हैं इसके अलावा ये मिट्टी के pH का संतुलन बनाए रखते हैं।
  • जिंक घुलनशील जीवाणु 2 किलो/ एकड़ की दर से 50 किलो अच्छी तरह सड़ी हुई गोबर की खाद में मिला कर खेत में बुरकाव करे |

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Zinc solubilizing bacteria in snake gourd

ज़िंक घुलनशील बेक्टेरिया प्राकृतिक उपलब्ध लाभकारी बेक्टेरिया हैं जो जमीन में मौजूद अकार्बनिक ज़िंक को कार्बनिक एसीड के जरिये घुलनशील और उपलब्ध रूप में बदलते हैं जिससे पौधों की वृध्दि में मदद मिलती हैं|

  • इसका उपयोग ज़िंक की कमी के कारण होनी वाले रोगों जैसे:- धान का खैरा रोग में और कुछ अन्य फसलों जैसे टमाटर, प्याज, गेहु, भिन्डी आदि में विशेष रूप किया जाता हैं|
  • इससे फसल की उपज एवं गुणवत्ता बढ़ती हैं|
  • हार्मोन्स गतिविधियों को बढ़ाता हैं|
  • पौध एवं जड़ों की वृध्दि को बढ़ाता हैं |
  • प्रकाश संश्लेषण को बढ़ाता हैं |
  • मिट्टी में बेक्टेरिया होने से मिट्टी की उर्वरकता बढ़ाती हैं|

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Importance of Zinc solubilizing bacteria

ज़िंक घुलनशील बेक्टेरिया प्राकृतिक उपलब्ध लाभकारी बेक्टेरिया हैं जो जमीन में मौजूद अकार्बनिक ज़िंक को कार्बनिक एसीड के जरिये घुलनशील और उपलब्ध रूप में बदलते हैं जिससे पौधों की वृध्दि में मदद मिलती हैं|

  • इसका उपयोग ज़िंक की कमी के कारण होनी वाले रोगों जैसे:- धान का खैरा रोग में और कुछ अन्य फसलों जैसे टमाटर, प्याज, गेहु, भिन्डी आदि में विशेष रूप किया जाता हैं|
  • इससे फसल की उपज एवं गुणवत्ता बढ़ती हैं|
  • हार्मोन्स गतिविधियों को बढ़ाता हैं|
  • पौध एवं जड़ों की वृध्दि को बढ़ाता हैं |
  • प्रकाश संश्लेषण को बढ़ाता हैं |
  • मिट्टी में बेक्टेरिया होने से मिट्टी की उर्वरकता बढ़ाती हैं|

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