बुवाई के बाद 80 से 90 दिनों में- कटाई अवस्था
तने का मुरझाना और फल के रंग में परिवर्तन फलों के पकने के अच्छे लक्षण हैं। बेलों से फलों को चाकू की सहायता से तोड़ लेना चाहिए।
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बुवाई के बाद 80 से 90 दिनों में- कटाई अवस्था
तने का मुरझाना और फल के रंग में परिवर्तन फलों के पकने के अच्छे लक्षण हैं। बेलों से फलों को चाकू की सहायता से तोड़ लेना चाहिए।
Shareबुवाई के 60-65 दिनों बाद – फलों का आकार बढ़ाने, रोग और कीट प्रकोप को रोकने के लिए
फलों के आकार को बढ़ाने और रोग और कीट के संक्रमण को रोकने के लिए, थियामेंथोक्साम 12.6% + लैम्डा सिहलोथ्रिन 9.5% जेडसी [नोवा लेक्सम] 80 मिली + प्लस क्लोरो फ्लुजुरॉन 5.4% ईसी [एटा ब्रॉन] 300 मिली + मैन्कोजेब 64%+ मेटलैक्सिल 8% डब्ल्यूपी [संचार] 500 ग्राम + 00:00:50 [आदित्य] 1 किलो/एकड़ की दर से छिड़काव करें l
Shareबुवाई के 46 से 50 दिन बाद- फूलों की संख्या को बढ़ावा देने, रोगों और कीटों के नियंत्रण के लिए
फूलों को बढ़ावा देने और पाउडरी मिल्ड्यू रोग एवं अन्य कीटों के नियंत्रण के लिए पायरिप्रोक्सीफेन 10% + बायफेंथ्रिन 10% ईसी [प्रुडेंस] 250 मिली + इमामेक्टिन बेंजोएट 5% एसजी [इमा नोवा] 100 ग्राम/एकड़ + जिब्रेलिक एसिड 0.001% [नोवा मैक्स] 300 मिली + एज़ोक्सीस्ट्रोबिन 11% + टेबुकोनाजोल 18.3% एससी [कस्टोडिया] 300 मिली प्रति एकड़ का छिड़काव करें l
Shareबुवाई के 41-45 दिनों बाद – मृदा अनुप्रयोग-पोषक तत्वों की पूर्ति के लिए
प्राथमिक पोषक तत्वों की पूर्ति के लिए 19:19:19 @ 50 किलो + MOP 50 किलो + 20:20:20 @ 50 किलो प्रति एकड़ की दर से मिट्टी में मिलाएं l
Shareबुवाई के 36 से 40 दिन बाद- फल मक्खी प्रबंधन करने के लिए
फल मक्खी के अच्छे प्रबंधन के लिए 10 फेरोमोन ट्रैप प्रति एकड़ की दर से उपयोग करें l
Shareबुवाई के 31 से 35 दिन बाद- फूल, रोग और कीटों का प्रबंधन करने के लिए
फूलों की संख्या को बढ़ावा देने और रस चूसने वाले कीटों के प्रबंधन के लिए एसिटामिप्रिड [एरिस्टाप्रिड] 100 ग्राम + थियोफेनेट मिथाइल 70% डब्ल्यूपी [मिल्ड्यू विप] 300 ग्राम + होमोब्रासिनोलाइड 0.04 डब्ल्यू/डब्ल्यू [डबल] 100 मिली/एकड़ का छिड़काव करें।
Shareबुवाई के 26-30 दिनों बाद – मृदा अनुप्रयोग-पोषक तत्वों की पूर्ति के लिए
आवश्यक तत्वों की पूर्ति के लिए एमओपी 25 किलो + 10:26:26 @ 100 किग्रा + बोरॉन [वनिता माइक्रोबोर] 800 ग्राम + कैल्शियम नाइट्रेट [वनिता] 10 किलो/एकड़ की दर से मिलाकर मिट्टी में मिलाएं l कैल्शियम नाइट्रेट और बोरॉन फलों को फटने से रोकने में मदद करेंगे l
Shareबुवाई के 21 से 25 दिन बाद- दूसरी सिंचाई
वानस्पतिक अवस्था के दौरान फसल को दूसरी सिंचाई दें। जड़ सड़न, विल्ट जैसी बीमारियों से बचाव के लिए अतिरिक्त पानी को बाहर निकालें।
Shareबुवाई के बाद 11 से 15 दिनों में- मिट्टी में प्रयोग – पोषक तत्वों की पूर्ति के लिए
वानस्पतिक विकास को बढ़ावा देने के लिए, यूरिया 75 किग्रा + सूक्ष्म पोषक तत्व मिश्रण [एग्रोमिन] 5 किग्रा + सल्फर [कोसावेट फर्टिस] 5 किग्रा/एकड़ मिट्टी में प्रयोग करें।
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