- खेत में गहरी जुताई कर मिट्टी अच्छी भुरभुरी कर लेनी चाहिए।
- संकर या बीटी किस्म का लगभग 450 ग्राम कपास बीज प्रति एकड़ की दर से बुआई के काम आता है।
- संकर एवं बीटी जातियों में कतार से कतार 4 फीट (48 इंच) तथा एवं पौधे से पौधे के बीच की दूरी 1.5 (18 इंच) फीट रखी जाती है।
- बुआई के ठीक बाद पहली सिंचाई दें।
Sowing time, Planting and Seed Rate of Garlic
- कलियों की चोपाई मध्य भारत में सितम्बर- नवम्बर तक की जाती हैं|
- लहसुन की कलियॉं को गाँठ से अलग कर लें यह काम बुआई के समय ही करें|
- कलियों का छिलका निकल जाने पर वह बुआई के लिए उपयुक्त नहीं होती हैं|
- कड़क गर्दन वाली लहसुन, जिसके एक एक कली कड़क और अलग अलग हो उपयुक्त होता हैं |
- बड़ी कलियों (1.5 ग्राम से बड़ी) का चयन करना चाहिए| छोटे, रोग ग्रस्त एवं क्षति ग्रस्त कलियों को हटा दो |
- लहसुन की बीज दर 160-200 किलो प्रति एकड़.
- चयनित कलियों को 2 सेमी. की गहराई पर 15 X 10 सेमी. की दूरी पर लगना चाहिए|
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ShareSowing method and seed rate of Bottle gourd
- अच्छे अकुरण के लिये बीजों को बुवाई के पहले 24-48 घंटे पानी में डूबा कर रखे।
- एक एकड़ भूमि के लिये उन्नत किस्म के 1 से 1.5 कि. ग्राम बीज की आवश्यकता होती है।
- एक गढ्ढे में चार से पाँच बीजों को बोया जाता है।
- बीजों के अंकुरण के दो सप्ताह के बाद अस्वस्थ एवं छोटी वृद्धि वाले पौधों को उखाड़कर अलग कर देना चाहिये, ताकि प्रत्येक गढ्ढे में 2 से 3 स्वस्थ पौधे ही रहे।
- संकर एवं प्राइवेट कम्पनी के किस्मों की बीज दर 300-500 ग्राम/एकड़ होती हैं| बीजदर किस्मों एवं लगाने के तरीकों पर निर्भर करती हैं|
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ShareSowing method of sweet corn
- मेढ़ो के शीर्ष से थोड़ा नीचे लगभग एक तिहाई दूरी पर बीज हाथ से बोये जाते हैं |
- अंकुरण के 10 दिन बाद अतिरिक्त पौधा को निकाल कर पौधों की संख्या संतुलित कर ली जाती हैं ताकि प्रत्येक पौधों को पर्याप्त जगह मिल सके |
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ShareSowing and seed rate in muskmelon
- खरबूज की बुवाई के लिए डिबलिंग विधि और रोपाई विधि का उपयोग किया जाता है।
- खरबूज के बीज की बुवाई 3-4 मीटर चौड़े तैयार बेड पर करें।
- एक साथ दो बीज बोएं और बेड के बीच 60 सेमी की दूरी रखें।
- बीज को लगभग 1.5 सेमी गहराई पर डालें ।
- एक एकड़ भूमि में बुवाई के लिए 300 -400 ग्राम बीज की आवश्यकता होती है।
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Method of sowing in okra
- भिन्डी को समतल मिट्टी या मेढ पर बोया जाता है, यदि मिट्टी भारी है तो इसे मेढ पर बोया जाना चाहिए।
- भिंडी की संकर किस्मों को 75 x 30 सेमी या 60 x 45 सेमी की दूरी पर लगाया जाता है।
- भिंडी की बुवाई से 3-4 दिन पहले सिंचाई करना फायदेमंद होता हैं।
- लगभग 4-5 दिनों में बीज अंकुरित हो जाते हैं।
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ShareSowing method of makkhan grass
- मक्खन घास 30 सेमी. पर पंक्तियों में प्लॉट बना कर बोया जाता हैं।
- बीज की बोवाई स्प्रेडर, सीडर, हाइड्रोसीडर या हाथ से की जा सकती हैं।
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ShareSowing method and seed rate of Bitter gourd
- करेले के बीज का आवरण कड़ा होता है, इसलिए 2-3 माह पुराने बीजों को रात भर के लिए ठंडे पानी में भिगोया जाता है।
- बीजों को अच्छे अंकुरण के लिए एक से दो दिन तक नम कपडे में लपेट कर रखा जाता है।
- बीजों में अंकुरण के तुरन्त पश्चात ही गडढों में बो दिया जाता है।
- प्रत्येक गडढे में 4-5 बीजों की बुवाई की जाती है।
- 1.5 -2 किलों देशी बीज एक एकड़ भूमि के लिए पर्याप्त होते है। संकर एवं प्रायवेट कम्पनी के उन्नत बीज 400-600 ग्राम प्रति एकड़ लगते है| बीजदर किस्मों एवं लगाने के तरीकों पर निर्भर करती हैं|
- बीज प्रायः सीधी बुवाई के द्वारा ही बोया जाता है।
- प्रत्येक गडढों में 4-5 बीजों को 2 से.मी. गहराई में बोना चाहिये।
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ShareSowing method and seed rate of Bottle gourd
- अच्छे अकुरण के लिये बीजों को बुवाई के पहले 24-48 घंटे पानी में डूबा कर रखे।
- एक एकड़ भूमि के लिये उन्नत किस्म के 1 से 1.5 कि. ग्राम बीज की आवश्यकता होती है।
- एक गढ्ढे में चार से पाँच बीजों को बोया जाता है।
- बीजों के अंकुरण के दो सप्ताह के बाद अस्वस्थ एवं छोटी वृद्धि वाले पौधों को उखाड़कर अलग कर देना चाहिये, ताकि प्रत्येक गढ्ढे में 2 से 3 स्वस्थ पौधे ही रहे।
- संकर एवं प्राइवेट कम्पनी के किस्मों की बीज दर 300-500 ग्राम/एकड़ होती हैं| बीजदर किस्मों एवं लगाने के तरीकों पर निर्भर करती हैं|
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ShareSowing method of Snake gourd
- मध्य भारत में ककड़ी के बीजों को मेढों में या समतल क्यारियों या गढ्ढे में बोया जाता है।
- सामान्यतः बीजों की बुवाई मेढों के किनारे वाले ऊपरी भाग पर की जाती है। गर्मी के मौसम में लताओ को भूमि की सतह पर फैलने दिया जाता है।
- एक गढ्ढे में 5-6 बीजों की बुवाई की जाती है। उसमे से केवल दो ही लताओ को बढने के लिये छोड़ा जाता है।
- बीजों के बुवाई करने के पूर्व 12 घंटे पानी में डूबाकर रखा जाता है, तत्पश्चात फूले हुये बीजों की बुवाई की जाती है।
- जब पौधों को रोपाई विधि के द्वारा लगाया जाता है, तब बीजों की बुवाई 10-15 से.मी. वाले पाँलीथीन बैग में पूर्ण रूप से पका हुआ कार्बोनिक खाद भरकर की जाती है।
- इस विधि से तैयार किये गये पौधों को दो-पत्ती अवस्था में अथवा तीन सप्ताह के बाद ही खेत में लगाया जाता है।
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