Seed rate, sowing time and sowing method of Soybean

सोयाबीन की बीजदर, बोने का समय एवं बोनी की विधि :-

बीजदर:- विभिन्न जातियों के बीज के आकार के अनुसार सामान्य अंकुरण क्षमता वाले बीज दर निम्नानुसार उपयोग करना चाहिए:- (1) छोटे दाने वाली किस्में 28 किलो प्रति एकड़ (2) मध्यम दाने वाली किस्में 30 से 32 किलो प्रति एकड़ (3) बड़े दाने वाली किस्में – 36 किलो प्रति एकड़ |

बोने का समय:- बुवाई का उचित समय 20 जून से जुलाई का प्रथम सप्ताह होता है, जब लगभग 3-4 इंच वर्षा हो चुकी हो तो बुवाई प्रारम्भ कर देना चाहिये | यदि देर से बुआई करनी पड़ें तो बीज की मात्रा सवाई एवं कतार से कतार की दूरी 30 सेमी. कर देना चाहिए| देर से बुआई की स्थिती में शीघ्र पकने वाली जातियों का प्रयोग करना चाहिए |

बोनी की विधि :- सोयाबीन की बोनी कतारों में करना चाहिए | बीज को 45 से.मी. कतार से कतार की दूरी पर एवं 3-5 सेमी. गहराई पर बोवें| बोवनी के लिए सीडड्रिल कम फ़र्टिलाइज़र का उपयोग करें जिससे खाद एवं बीज अलग अलग दी जा सकें और खाद नीचे और बीज ऊपर गिरे | बीज एवं उर्वरक कभी भी बोवनी में एक साथ उपयोग नहीं करना चाहिए |

source:- https://iisrindore.icar.gov.in/

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Sowing and sowing time of Chickpea (Gram)

  • असिचिंत क्षेत्रों में चने की बुवाई अक्टूबर के प्रथम पखवाड़े में कर देनी चाहिये। जिन क्षेत्रों में सिंचाई की सुविधा हो वहाँ पर बुवाई 30 अक्टूबर तक अवश्य कर देनी चाहिये।
  • फसल से अधिक पैदावार प्राप्त करने के लिए खेत में प्रति इकाई पौधों की उचित संख्या होना बहुत आवश्यक है। पौधों की उचित संख्या के लिए आवश्यक बीज दर व पंक्ति से पंक्ति एवं पौधे से पौधे की उचित दूरी की महत्वपूर्ण भूमिका होती है|
  • बारानी खेती के लिए 80 कि.ग्रा. तथा सिंचित क्षेत्र के लिए 60 कि.ग्रा. बीज की मात्रा प्रति हैक्टेयर पर्याप्त होती है।
  • बारानी फसल के लिए बीज की गहराई 7 से 10 से.मी. तथा सिंचित क्षेत्र के लिए बीज की बुवाई 5 से 7 से.मी. गहराई पर करनी चाहिये। पंक्ति से पंक्ति की दूरी 45 से 50 से.मी. पर रखनी चाहिये।

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Pea seed rate and sowing

मटर की बीजदर तथा बुवाई:- बीज दर :- अगेती के लिए – 100 से 120 किग्रा. बीज प्रति हेक्टेयर की दर से उपयोग करना चाहिये| मध्य तथा देर के लिए 80-90 किग्रा. बीज प्रति हेक्टेयर की दर से उपयोग करना चाहिये| बीजोपचार: बीज को राइजोबियम कल्चर से उपचारित करके बोने से मटर की अधिक उपज मिलाती है| भूमि उर्वरा शक्ति में भी वृद्धि होती है| बुवाई से पहले बीज को 2.5 ग्राम कार्बेन्डाजिम से प्रति किलोग्राम बीज की दर से बीज शोधन कर लेना चाहिएI बोने का समय:- इसकी बुआई अक्टूवर से नवम्बर महीने के बीच की जाती है|

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