जैविक कीटनाशक पर मिलेगा 90% का अनुदान, जानें सरकार की योजना

90% subsidy will be given on various organic pesticides

राजस्थान सरकार ने जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश में कई नई योजनाओं की शुरूआत की है। इन योजनाओं के माध्यम से जैविक खेती के लिए किसानों को प्रोत्साहित किया जा रहा है। इसी कड़ी में राज्य सरकार किसानों को जैविक कीटनाशक की खरीद पर 90% तक की सब्सिडी प्रदान कर रही है।

खेती में लगने वाले अलग-अलग कीटों के लिए अलग-अलग कीट नाशकों का प्रयोग होता है। ऐसे में राज्य सरकार ने सभी अनुशंसित जैविक कीटनाशकों पर अनुदान देने का फैसला लिया है। इस योजना के माध्यम से किसानों को ट्राइकोडर्मा, एनएसकेई, अजाडिरेक्टिन, बिउवेरिया बासिना, मेटाहरजिसम, वर्टीसीलम, एन.पी.वी., फेरेमौन ट्रेप, ट्राईकोकार्ड्स आदि बायो पेस्टीसाइट अनुमोदित दर पर प्रदान किए जाएगें।

राज्य सरकार की इस योजना का उद्देश्य खेती में किसानों की लागत को कम करके उनकी आमदनी को बढ़ाना है। बता दें कि राज्य की योजना के अन्तर्गत एक लाख किसानों को बायो पेस्टीसाइट किट उपलब्ध कराई जाएगी। इसके चलते किसान भाईयों को जैविक कीटनाशकों की खरीद का केवल 10% ही भुगतान करना होगा, बाकि 90% या अधिकतम 900 रूपए प्रति हेक्टेयर की दर से भुगतान सरकार द्वारा किया जाएगा।

इस योजना के द्वारा राज्य के कम से कम 50 प्रतिशत लघु व सीमांत किसानों को लाभान्वित किया जाएगा। इसके अलावा योजना में अनुसूचित जाति, जनजाति, महिला किसान, बीपीएल, अंत्योदय एवं खाद्य सुरक्षा परिवारों के कृषकों को प्राथमिकता दी जाएगी।

स्रोत: किसान समाधान

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50% अनुदान पर खेतों में कराएं तारबंदी, जानेंं सरकार की योजना

Get fencing done in the fields on 50% grant

फसलों को आवारा पशुओं से बचाने के लिए खेतों में तारबंदी की जाती है। तारबंदी होने से पशु खेत में नहीं घुस पाते और फसल सुरक्षित रहती है। हालांकि छोटे वर्ग के किसान आर्थिक तंगी के चलते तारबंदी नहीं करवा पाते हैं। इस कारण उन्हें काफी नुकसान पहुंचता है।

ऐसे में इन किसानों की आर्थिक मदद हेतु राजस्थान सरकार ने तारबंदी योजना शुरू की है। इसके तहत राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन तिलहन के अंतर्गत साथी किसान अनुदान पर अपने खेतों के चारों ओर कांटेदार जाल लगवा सकते हैं। इस योजना के माध्यम से तारबंदी की लागत का 50% या फिर अधिकतम 40 हजार रूपए का अनुदान दिया जाएगा। 

इस योजना का लाभ उठाने के लिए कम से कम 3 किसान साथियों का समूह होना जरूरी है। साथ ही किसान समूह के पास 3 हेक्टेयर कृषि योग्य भूमि यानी 12 बीघा जमीन होनी चाहिए। वहीं शर्तानुसार तारबंदी में विद्युत कनेक्शन प्रवाहित नहीं कर सकते हैं।

राजस्थान तारबंदी योजना का लाभ सभी श्रेणी के किसान साथियों को दिया जाएगा। इस योजना का लाभ उठाने के लिए राजस्थान के कृषि विभाग की आधिकारिक वेबसाइट राज किसान साथी पोर्टल पर जाएं। यहां पर तारबंदी योजना का फॉर्म डाउनलॉड करें। इसके बाद सारी जानकारियों को सावधानीपूर्वक भरकर फॉर्म जमा कर दें।

स्रोत:  कृषि जागरण

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छात्राओं को मिल रही 15 हजार रूपए तक की छात्रवृत्ति, जल्द करें आवेदन

आज के समय महिलाएं हर क्षेत्र में पुरूषों के साथ कदम से कदम मिलाकर चल रही हैं। कृषि क्षेत्र में भी उनकी भागीदारिता कम न हो इसलिए राजस्थान सरकार कई प्रयास कर रही है। इसी कड़ी में प्रदेश सरकार शिक्षा के क्षेत्र में कृषि विषय का अध्ययन करने वाली बालिकाओं को छात्रवृत्ति प्रदान कर रही है, ताकि ज्यादा से ज्यादा महिलाएं  शिक्षा के दौरान ही कृषि क्षेत्र से जुड़ सकें।

योजना के तहत यह छात्रवृत्ति कृषि विषय में 11वीं व 12वीं कक्षा से लेकर पी.एच.डी. कर रहीं छात्राओं को दी जा रही है। इसके अंतर्गत 11वीं एवं 12वीं की छात्राओं को 5 हजार रूपए की प्रोत्साहन राशि प्रदान किए जा रहे हैं। वहीं कृषि विषय के पाठ्यक्रमों में स्नातक और स्नाकोत्तर कर रहीं छात्राओं को प्रतिवर्ष 12 हजार रूपए दिए जा रहे हैं। इसके अलावा पी.एच.डी. कर रहीं छात्राओं को प्रोत्साहन स्वरूप 15 हजार रूपए प्रतिवर्ष मिल रहे हैं।

इसी क्रम में शिक्षा विभाग ने कृषि विषय का अध्ययन कर रहीं छात्राओं से छात्रवृत्ति के लिए आवेदन पत्र मांगे हैं। इसके के लिए इच्छुक छात्राएं स्वयं की एस.एस.ओ.आई.डी. से आधिकारिक वेबसाइट ‘राज किसान साथी’ पर आवदेन कर सकती हैं, या फिर ई-मित्र पोर्टल पर भी आवेदन कर सकती हैं। बता दें कि आवेदन की अंतिम तिथि 30 नवंबर 2022 है, तो बिना समय गंवाए जल्द इस लाभकारी योजना का लाभ उठाएं।

स्रोत: कृषि समाधान

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खेत में सोलर पम्प लगवाने पर सरकारी देगी किराया, जानें योजना से जुड़े लाभ

कृषि क्षेत्र में बिजली की बढ़ती खपत को पूरा करने के लिए अक्षय ऊर्जा को बढ़ावा दिया जा रहा है। इसके तहत केंद्र सरकार द्वारा देश में कुसुम योजना चलाई जा रही है। इसके माध्यम से सोलर पम्प लगवाने पर सरकार की ओर से भूमि का किराया दिया जाएगा। इस योजना का लाभ किसानों तक पहुंचाने के लिए इसमें तीन घटकों को शामिल किया गया है। 

ये घटक इस प्रकार हैं :-

  • किसान अपनी भूमि पर सोलर प्लांट की स्थापना करके इससे प्राप्त बिजली सरकार को बेच सकते हैं।

  • फसलों की सिंचाई करने के लिए अपने खेत में सोलर पम्प लगवा सकते हैं।

  • किसान भाई फसलों की सिंचाई के लिए और सरकार को बिजली बेचने के लिए भी सोलर पम्प की स्थापना करवा सकते हैं। 

इस योजना के तीनों घटकों का लाभ राजस्थान किसानों को दिया जा रहा है। राज्य सरकार ने योजना के अन्तर्गत 1 लाख सौलर पम्प स्थापित करने के निर्देश दिए हैं। इस योजना की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए जल्द एक पोर्टल शुरू किया जाएगा। जिसके माध्यम से इच्छुक किसान अपनी जमीन का पंजीकरण करवा सकते हैं। इसकी मदद से किसान जीएसस स्थापित करने के लिए अपनी जमीन को 25 साल तक के लिए लीज किराए पर दे सकते हैं। 

किसान भाईयों के अलावा विकासकर्ता भी इस योजना का लाभ उठा सकते हैं। योजना के तहत 8 लाख रूपए की जमीन पर 80 हजार रूपए प्रति हेक्टेयर वार्षिक लीज किराय दिया जाएगा। वहीं 20 लाख रूपए से अधिक भूमि होने पर 1 लाख 60 हजार तक का प्रति हेक्टेयर के हिसाब से लीज किराया दिया जाएगा। इतना ही नहीं हर दो साल में लीज किराए पर 5% की वृद्धि की जाएगी।

स्रोत: किसान समाधान

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समय पर लोन चुकाने वालें किसान भाईयों को मिलेगी 50% की छूट

मौसम की अनिश्चितता की वजह से किसान भाईयों को खेती में हमेशा नुकसान का डर बना रहता है। जहां कई बार तो बाढ़ या सूखे के चलते पूरी की पूरी फसल बर्बाद हो जाती है। ऐसे में किसानों को आर्थिक राहत पहुंचाने के लिए केंद्र और राज्य सरकार की ओर से कम ब्याज पर लोन दिया जाता है। 

इसी कड़ी में कोरोना काल के दौरान राजस्थान सरकार ने अपने प्रदेश के किसानों के लिए एक खास योजना लागू की थी। इसके अन्तर्गत राजस्थान सरकार ने ‘एकमुश्त समझौता योजना’ शुरू की गई थी। इसके माध्यम से सहकारी भूमि विकास बैंकों के द्वारा किसानों को बहुत कम ब्याज पर लोन उपलब्ध कराया जाता है। 

हालांकि कई किसान समयावधि पूर्ण होने बाद भी लोन का भुगतान नहीं कर पाए हैं। किसान भाईयों की आर्थिक मजबूरी समझते हुए राज्य सरकार ने इस योजना में नया अपडेट जारी किया है। इसके अनुसार सहकारी भूमि विकास बैंकों के द्वारा लिए गए लोन को समय पर चुकाने पर किसानों को ब्याज में छूट दी जाएगी। 

आदेशानुसार लोन चुकाने की अंतिम तारीख 30 जून, 2022 तय की गई है। इस तय तिथि पर लोन का भुगतान करने पर किसानों के ब्याज और दंडनीय ब्याज को 50% तक मांफ कर दिया जाएगा। इसके अलावा जिन ऋणी किसानों की मृत्यू हो गई है, उनके परिवार को हर तरह की दंडनीय राशि से राहत दी गई है। हालांकि इनके वारिसान को मूलधन जमा कराना अनिवार्य होगा। 

स्रोत: किसान समाधान

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