कद्दू की फसल में मृदुरोमिल आसिता रोग की पहचान कैसे करें?

  • इसके कारण पत्तियों की निचली सतह पर जल रहित धब्बे बन जाते हैं।
  • जब पत्तियों के उपरी सतह पर कोणीय धब्बे बनते है प्राय: उसी के अनुरूप ही निचली सतह पर भी जल रहित धब्बे बनते है।
  • जैसे-जैसे रोग बढ़ता हैं धब्बे पीले और भूरे रंग के हो जाते हैं।
  • ग्रसित लताओं पर फल नहीं लगते हैं। 
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मार्च-अप्रैल में फसलों की इन किस्मों की करें बुवाई, तो ज़रूर बढ़ेगी पैदावार

क्र.  फसल का नाम        प्रमुख किस्म के नाम (कम्पनी का नाम)
1. करेला नागेश (हाइवेज),अमनश्री, US1315 (ननहेमस),आकाश (VNR)
2. लौकी आरती
3. कद्दू कोहीनूर (पाहुजा), VNR 11 (VNR)
4. भिंडी राधिका, विंस प्लस (गोल्डन), सिंघम (ननहेम्स), शताब्दी (राशि)
5. धनिया सुरभी (नामधारी), LS 800 (पाहुजा)
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Suitable Climate for Pumpkin Production

कद्दु की खेती के लिये उपयुक्त जलवायु:-

  • गर्म एवं नमी युक्त मौसम इस फसल के लिये उपयुक्त होता है।
  • अर्द्ध शुष्क एवम ठंडे वातावरणीय दशा भी इस फसल के लिये अनुकुल होती है।
  • इस फसल की अच्छी वृद्धि एवं विकास के लिये रात व दिन का तापमान 18-22 C एवं 30-35 C के मध्य होना चाहिये। 25-30 C तापमान पर बीज अंकुरण बहुत तेजी से होता हैं।
  • अनुकूल तापमान होने पर मादा फुलो एवं फलो की संख्या प्रति पौधा मे वृद्धि होती है।

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