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पोटेशियम (पोटाश) की कमी के कारण: अधिक क्षारीय मिट्टी होने, कार्बनिक खाद का उपयोग नहीं होने या कम होने के कारण तथा लगातार सघन फसल चक्र अपनाने से भूमि में पोटाश तत्व की कमी दिखने लगी है।
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पोटेशियम की किमी के लक्षण: पोटाश की कमी के कारण पौधा वातावरणीय तनाव के प्रति अधिक सवेदनशील हो जाता है एवं बीज़ व फल का आकार सही से विकसित नहीं हो पाता है।
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पोटेशियम की अधिकता: MOP एवं अन्य पोटाश उर्वरकों के अधिक उपयोग के कारण मिट्टी में पोटाश की अधिकता हो जाती है। इसकी अधिकता के कारण पत्तियों का आकार बिगड़ जाता है।
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पोटाश के कार्य: फसलों के लिए पोटाश एक अति आवश्यक पोषक तत्व है। पोटाश पौधों में संश्लेषित शर्करा को फलों तक पहुंचाने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। पोटाश प्राकृतिक नत्रजन की कार्य क्षमता को बढ़ावा देता है। टमाटर के सुर्ख़ लाल रंग के लिए आवश्यक लाइकोपेन का निर्माण के लिए पोटाश जरूरी है। पोटाश फल के वजन को बढ़ाता है।
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