सोयाबीन के स्वस्थ बढ़वार एवं फूल-फल विकास के लिए जरूरी छिड़काव

Necessary spraying for proper growth and flowering in soybean

सोयाबीन खरीफ मौसम में उगाई जाने वाली प्रमुख तिलहन, दलहन फसलों में से एक है। सोयाबीन की उच्च पैदावार के लिए उचित पोषण प्रबंधन बहुत ही आवश्यक है।

सोयाबीन में उचित वृद्धि और विकास के लिए निम्न दो उत्पादों का उपयोग बेहद जरूरी होता है। 

ट्राई कोट मैक्स – यह एक पौध वृद्धि प्रोत्साहक है। इसमें जैविक कार्बन 3% (ह्यूमिक, फुलविक, कार्बनिक पोषक तत्वों का मिश्रण) होता है। यह पौधों की जड़ों एवं तने के अच्छे विकास में मददगार साबित होता है और साथ ही साथ पौधों के प्रजनन प्रक्रिया को भी बढ़ाता है।  

उपयोग विधि – 4 किलो ग्राम ट्राई कोट मैक्स प्रति एकड़ के हिसाब से उस समय दिए जाने वाले पोषक तत्व के साथ मिलाकर भुरकाव करें।

न्यूट्रीफूल मैक्स: यह भी ख़ास पौध वृद्धि प्रवर्तक है। इसमें फुलविक एसिड अर्क – 20% + कैल्शियम, मैग्नीशियम और पोटाश सूक्ष्म मात्रा में 5% + अमीनो एसिड आदि तत्व पाए जाते हैं। यह फूलों की संख्या बढ़ाता है और उन्हें गिरने से बचाता है। फलों की गुणवत्ता को बढ़ाता है, साथ ही पोषक तत्वों की उपलब्धता को भी बढ़ाता है। सूखे, पाले आदि के खिलाफ रोग प्रतिरोधक शक्ति को बढ़ावा देता है।

उपयोग विधि: 250 मिली न्यूट्रीफूल मैक्स प्रति एकड़ के हिसाब से छिड़काव करें

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पछेती खरीफ प्याज की बढ़वार के लिए पोषक तत्व प्रबंधन

इस समय पछेती खरीफ प्याज रोपाई के 20 से 25 दिन की हो रही है, इस अवस्था में पौध विकास के लिए, यूरिया 30 किलोग्राम + कोसावेट (सल्फर 90% डब्ल्यू जी) @ 10 किलोग्राम प्रति एकड़ के हिसाब से समान रूप से भुरकाव करने के बाद हल्की सिंचाई करें। साथ ही नोवामैक्स 30 मिली + 19:19:19 @ 70 ग्राम प्रति 15 लीटर पानी के हिसाब से छिड़काव करें। 

यूरिया – इसके उपयोग से, पत्तियों में पीलापन एवं सूखने की समस्या नहीं होती है। साथ ही ये नाइट्रोज़न प्रकाश संश्लेषण की क्रिया को तेज़ करता है।

कोसावेट मिट्टी में लवणीय और क्षारीय पीएच को कम करने में मदद करता है। इसके साथ ही एन, पी, के जैसे सूक्ष्म पोषक तत्वों के अवशोषण में सुधार करने में मदद करता है। 

नोवामैक्स नोवामैक्स पौध वृद्धि में सहायता के साथ ही प्रकाश संश्लेषण एवं पौधों के चयापचय क्रिया में सुधार लाता है। इसके साथ ही ये पौध को तनाव मुक्त रखता है। 

19:19:19 इसमें नाइट्रोजन, फास्फोरस एवं पोटाशियम तत्व पाए जाते हैं, जो फसल की वानस्पतिक वृद्धि को बढ़ाता है, साथ ही फसल को स्वस्थ बनाए रखने में मदद करता है।

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