Role of Calcium in Plants

पौधे में कैल्शियम की भूमिका:- कैल्शियम एक आवश्यक पोषक तत्व है जिसकी कई भूमिकाएँ है|

  • अन्य पोषक तत्वों की चयापचय प्रक्रियाओं में भाग लेते हैं|
  • उचित पौध कोशिका वृद्धि को बढ़ावा देता है|
  • कोशिका भित्ती संरचना को मजबूत बनाना – कैल्शियम पौधे की कोशिका भित्ती का एक अनिवार्य हिस्सा है। यह कैल्शियम पेक्टेट यौगिक बनाता है जो कोशिका भित्ति और बाँध कोशिकाओं को स्थिरता प्रदान करते हैं।
  •  एंजाइमेटिक और हार्मोनल प्रक्रियाओं में भाग लेता है|
  • गर्मी के तनाव के खिलाफ पौधों की रक्षा करने में मदद करता है – कैल्शियम स्टोमेटा प्रकिया में सुधार करता है और हीट शोक प्रोटीन को बनाने में भाग लेता है।
  • रोगों से पौधों को बचाव करने में मदद करता है – कई कवक और जीवाणु गुप्त एंजाइमों जो पौधे की कोशिका भित्ति को खराब कर देते हैं। कैल्शियम द्वारा प्रेरित मजबूत कोशिका भित्ति आक्रमण से बचा सकती हैं।
  • फल की गुणवत्ता को प्रभावित करता है|
  • स्टोमेटा के नियमन में एक भूमिका अदा करता है |

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Nutrient Management in Pea

मटर में पोषक तत्व प्रबंधन:-

बुआई के समय  30 किलो नाईट्रोजन प्रति हेक्टेयर की आधारीय खुराक प्रारंभिक वृद्धि को उत्तेजित करने के लिए पर्याप्त होती है। नाईट्रोजन की अधिक मात्रा ग्रंथियों के स्थिरीकरण पर बुरा प्रभाव डालती है |फसल फास्फोरस प्रयोग को अच्छी प्रतिक्रिया देती है क्योंकि यह जड़ में ग्रंथ गठन को बढ़ाकर नाइट्रोजन निर्धारण का समर्थन करता है। इससे मटर की उपज और गुणवत्ता भी बढ़ जाती है।पौधे की उपज और नाइट्रोजन निर्धारण क्षमता बढ़ाने में पोटेशिक उर्वरकों का भी प्रभाव होता है।

सामान्य अनुशंसा :-

उर्वरको के प्रयोग की सामान्य अनुशंसा निम्न बातों पर निर्भर करता है-

  • मृदा उर्वरकता एवं दी जाने वाली कार्बनिकखाद/गोबर खाद की मात्रा |
  • सिंचाई की स्तिथि:- वर्षा आधरित या सिंचित
  • वर्षा आधारित फसल में उर्वरको की मात्रा आधी दी जाती है |

कितनी मात्रा में दे, कब देना हे-

  • मटर की भरपूर पैदावार के लिए 10 किलोग्राम यूरिया, 50 किलोग्राम डी.ए.पी, 15 किलोग्राम म्यूरेट ऑफ  पोटाश और 6 किलोग्राम सल्फर 90% डब्लू.जी. को प्रति एकड़ प्रयोग करते है|
  • खेत की तैयारी के समय यूरिया की आधी मात्रा एवं डी.ए.पी, म्यूरेट ऑफ पोटाश और सल्फर की पूरी मात्रा को प्रयोग करते है| एवं शेष बची हुई यूरिया की मात्रा को दो बार में सिंचाई के समय देना चाहिए|

Source: IIVR, VARANASI and Handbook Of Agriculture

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Calcium deficiency in tomato

कमी के लक्षण दिखाई देने पर कैल्शियम EDTA @ 15 ग्राम / 15 लीटर पानी का छिड़काव दो बार करे |

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