Nutrient Management in Pea

बुआई के समय 12 किलो नाईट्रोजन प्रति एकड़ की आधारीय खुराक प्रारंभिक वृद्धि को उत्तेजित करने के लिए पर्याप्त होती है। नाईट्रोजन की अधिक मात्रा ग्रंथियों के स्थिरीकरण पर बुरा प्रभाव डालती है |फसल फास्फोरस प्रयोग को अच्छी प्रतिक्रिया देती है क्योंकि यह जड़ में ग्रंथ गठन को बढ़ाकर नाइट्रोजन निर्धारण का समर्थन करता है। इससे मटर की उपज और गुणवत्ता भी बढ़ जाती है।पौधे की उपज और नाइट्रोजन निर्धारण क्षमता बढ़ाने में पोटेशिक उर्वरकों का भी प्रभाव होता है।

सामान्य अनुशंसा :-

उर्वरको के प्रयोग की सामान्य अनुशंसा निम्न बातों पर निर्भर करता है-

  • मृदा उर्वरकता एवं दी जाने वाली कार्बनिकखाद/गोबर खाद की मात्रा |
  • सिंचाई की स्तिथि:- वर्षा आधरित या सिंचित
  • वर्षा आधारित फसल में उर्वरको की मात्रा आधी दी जाती है |

कितनी मात्रा में दे, कब देना हे-

  • मटर की भरपूर पैदावार के लिए 10 किलोग्राम यूरिया, 50 किलोग्राम डी.ए.पी, 15 किलोग्राम म्यूरेट ऑफ  पोटाश और 6 किलोग्राम सल्फर 90% डब्लू.जी. को प्रति एकड़ प्रयोग करते है|
  • खेत की तैयारी के समय यूरिया की आधी मात्रा एवं डी.ए.पी, म्यूरेट ऑफ पोटाश और सल्फर की पूरी मात्रा को प्रयोग करते है| एवं शेष बची हुई यूरिया की मात्रा को दो बार में सिंचाई के समय देना चाहिए|

 

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Nutrient management in maize

  • मक्का की अधिक उपज लेने के लिए संतुलित उर्वरको की मात्रा का उपयोग करना चाहिए।
  • मक्का की फसल लेने से 15-18 दिन पहले खेत में 8-10 टन/एकड़ की दर से सड़ी हुई गोबर की खाद मिला दे।
  • बुवाई के समय यूरिया @ 65 किलो/एकड़ + डीएपी @ 35 किलो/एकड़ + एमओपी @ 35 किलो/एकड़ + कार्बोफ्यूरान @ 5 किलो/एकड़ की दर से जमीन से दे।
  • बुवाई के 15-20 दिन बाद मैग्नेशियम सल्फेट @ 10 किलो/एकड़ + जिंक सल्फेट @ 07-10 किलो/एकड़ + माईकोरायजा @ 04 किलो/एकड़ की दर से दे।
  • यदि मक्के की बुवाई बेड प्रणाली से की जाती है तब सूक्ष्म पोषक तत्वों के मिश्रण को फर्रों के बीच डाले |

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