अरब सागर से आ रही है अम्फान जैसी आफ़त, फ़सलों को हो सकता है भारी नुकसान

Will Amphan effect the monsoon, differences in scientists, know when monsoon will come

पश्चिम बंगाल एवं ओडिशा में आए अम्फान तूफान के कारण किसानों के भारी नुकसान की ख़बरे अभी चल ही रही थी कि अचानक अब दक्षिण पश्चिम राज्य केरल के निकट अरब सागर में एक और चक्रवात के आने की प्रबल संभावना बन रही है। इस तूफ़ान का असर पश्चिमी राज्यों के अलावा उत्तरप्रदेश और मध्यप्रदेश के कुछ भागों में भी देखने को मिल सकता है। इससे फ़सलों को भारी नुकसान भी हो सकती है।

कृषि विशेषज्ञों के मुताबिक इस चक्रवात का सबसे बुरा प्रभाव गुजरात पर पड़ सकता है। भारतीय मौसम विभाग ने हालांकि चक्रवात को लेकर फिलहाल कुछ भी स्पष्ट नहीं कहा है लेकिन इतना ज़रूर कहा है की अगर अगले पांच दिन में स्थिति बेहतर नहीं हुई तो भयंकर चक्रवात के आने का अंदेशा है। मौसम विभाग के अनुसार 30 मई के बाद ही इस विषय पर कुछ भी कहना सही होगा, लेकिन लोगों को सचेत रहने की जरूरत है।

स्रोत: कृषि जागरण

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टिड्डी दल के बड़े हमले को देखते हुए म.प्र के कृषि मंत्री ने किया मुआवज़े का ऐलान

Locusts team knocked in Madhya Pradesh, Can cause heavy damage to crops

राजस्थान, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के कई क्षेत्रों में फ़सलों का सबसे बड़े दुश्मन टिड्डी दल का हमला हो चुका है। कृषि विभाग के अधिकारियों का कहना है की टिड्डियों का इतना बड़ा हमला खासकर के मध्यप्रदेश में 27 साल बाद हुआ है। इस बड़े टिड्डी हमले को देखते हुए सरकार की तरफ से भी एहतियाती कदम उठाये जा रहे हैं।

इस मसले पर मध्य प्रदेश के कृषि मंत्री श्री कमल पटेल ने बताया कि टिड्डी दल के प्रकोप के कारण किसानों को होने वाले नुकसान का सर्वेक्षण कराया जाएगा। सर्वेक्षण का कार्य राजस्व विभाग और कृषि विभाग के अमले का संयुक्त दल बनाकर कराया जाएगा। इस सर्वेक्षण में जिन किसानों को अधिक मात्रा में नुकसान हुआ है उन्हें आरबीसी 6 (4) के अंतर्गत मुआवजा देकर क्षति पूर्ति की जाएगी। इसके साथ ही राज्य स्तर से इसके लिए आवश्यक निर्देश भी जल्द जारी किए जाने की बात मंत्री श्री कमल पटेल ने कही।

स्रोत: नई दुनिया

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बढ़ेगा किसानों का मुनाफ़ा, खरीफ फ़सलों के समर्थन मूल्य को बढ़ाने की हो रही है तैयारी

कोरोना संकट के बीच किसानों के लिए एक और खुशख़बरी आने वाली है। ख़बरों के अनुसार किसानों को अतिरिक्त लाभ दिलाने के लिए अब केंद्र सरकार खरीफ फ़सलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य को बढ़ाने पर विचार कर रही है। अगर ऐसा होता है तो मुख्य रूप से धान, कपास और दाल जैसी फ़सलों का समर्थन मूल्य बढ़ जाएगा।

इस संबंध में केंद्र सरकार को कमीशन फॉर एग्रीकल्चरल कॉस्ट्स एंड प्रइसेज़ (सीएसीपी) ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। अब इस रिपोर्ट को केंद्रीय कैबिनेट के समक्ष रखा जाएगा। अगर इन सिफारिशों को स्वीकार कर लिया गया तो किसानों को फसल का ज्यादा दाम मिलेगा और उनकी आय बढ़ेगी।

मीडिया में आई ख़बरों के अनुसार सीएसीपी ने 17 खरीफ फ़सलों के समर्थन मूल्य को बढ़ाने की सिफारिश की है और इसमें धान सबसे प्रमुख है। सीएसीपी ने धान की एमएसपी को सीएसीपी ने 2.9% बढ़ाकर 1888 रुपए प्रति क्विंटल करने की सिफारिश की है। बता दें की फिलहाल धान की एमएसपी 1815 रुपए प्रति क्विंटल है।

सीएसीपी ने कॉटन की एमएसपी में 260 रुपए प्रति क्विंटल का इज़ाफा करने कि सिफारिश की है। वहीं प्रमुख दालों की भी एमएसपी बढ़ाने की सिफारिश की गई है जिसमें तुअर, उड़द, और मूंग दाल शामिल हैं। इसके अंतर्गत तुअर दाल 200 प्रति क्विंटल, उड़द दाल 300 रुपए प्रति क्विंटल, मूंग दाल 146 रुपए प्रति क्विंटल का इज़ाफा करने को कहा गया है।

स्रोत: कृषि जागरण

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अब महाराष्ट्र, UP सहित कई क्षेत्रों के निर्यातकों से सीधे जुड़ेंगे म.प्र के किसान: कृषि मंत्री श्री कमल पटेल

Now farmers of MP will directly connect with exporters of many states including Maharashtra, UP

मध्यप्रदेश के कृषि मंत्री श्री कमल पटेल ने मंत्रालय से ही वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये एक बैठक की जिसमे उन्होंने निर्यातकों से सीधी बातचीत की। इस दौरान उन्होंने बताया की कृषि एवं प्र-संस्करण खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण के माध्यम से महाराष्ट्र, उत्तरप्रदेश समेत अन्य कई प्रदेशों के 10 से ज्यादा निर्यातकों ने मध्यप्रदेश के कृषि उत्पादों में दिलचस्पी दिखाई है।

इस बैठक के दौरान निर्यातकों ने मंत्री श्री पटेल से यह अनुरोध किया कि “अगर प्रदेश सरकार उन्हें सुविधाएँ प्रदान करती है तो वे प्रदेश के किसानों से अनुबंध कर अन्य प्रदेशों में कृषि उत्पादों का निर्यात करेंगे।” निर्यातकों के इस अनुरोध पर मंत्री श्री पटेल ने उन्हें आश्वस्त करते हुए कहा की “प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान किसानों के हित में निर्णय लेंगे और सरकार आवश्यक सहयोग और सुविधाएँ निर्यातकों को मुहैया कराएगी।”

मंत्री श्री पटेल ने इस दौरान कहा कि “किसानों को उनकी उपज का फायदा पहुँचाने के लिये प्रदेश में सभी आवश्यक सुविधाएँ उपलब्ध कराई जा रही है। कोल्ड स्टोरेज, ग्रेडिंग, निर्यात के लिए तय मापदण्डों से अवगत कराने विशेषज्ञ समूह आदि सुविधाएँ उपलब्ध कराने जा रहे हैं।”

स्रोत: कृषक जगत

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7 करोड़ किसानों को बड़ी राहत, 3 महीने तक कृषि ऋण ना जमा करने की मिली छूट

Gramophone's onion farmer

कोरोना वैश्विक महामारी के संक्रमण को रोकने के लिए पिछले दो महीने से भी ज्यादा वक़्त से देशव्यापी लॉकडाउन चल रहा है। इस लॉकडाउन की वजह से किसानों को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पर रहा है। इन्हीं परेशानियों को देखते हुए अब 7 करोड़ KCC धारक किसानों को बड़ी राहत दी गई है। किसानों द्वारा लिए गए ऋण की अगली क़िस्त जमा करने की तिथि थीं महीने आएगी बढ़ा दी गई है।

बता दें की क़िस्त जमा करने की तिथि को पहले भी एक बार बढ़ा कर 31 मई कर दिया गया था। अब इस बढ़ी हुई तिथि को एक बार फिर तीन महीने के लिए आगे बढ़ा कर 31 अगस्त कर दिया गया है। इसका मतलब यह है कि अगर आप आगामी 3 महीने तक लोन की क़िस्त नहीं भरते हैं तो भी बैंक आप पर किसी तरह का कोई दबाव नहीं डालेगा।

स्रोत: कृषि जागरण

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भारतीय कृषि की आधारभूत संरचना के विकास पर खर्च होंगे एक लाख करोड़ रुपये

One lakh crores will be spent on the development of Indian agricultural infrastructure

भारत हमेशा से कृषि प्रधान देश रहा है और आज भी भारत कई फ़सलों के उत्पादन में पूरी दुनिया में नंबर एक का स्थान रखता है। ऐसा तब है जब भारतीय कृषि क्षेत्र का इंफ्रास्ट्रक्चर यानी आधारभूत ढ़ांचा अन्य विकसित देशों की तरह आधुनिक नहीं है। बहरहाल सरकार अब इसी कृषि के आधारभूत ढांचे को और ज्यादा आधुनिक और विकसित बनाने के लिए अग्रसर होने वाली है।

कोरोना महामारी से उपजे आर्थिक संकट से निपटने के लिए पीएम मोदी द्वारा घोषित आत्मनिर्भर भारत अभियान के अंतर्गत वित्‍त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कृषि‍ के आधारभूत ढाँचे के विकास के लिए एक लाख करोड़ रुपये के पैकेज का पिछले शुक्रवार को ऐलान किया है।

एक लाख करोड़ रुपये के इस बड़े पैकेज से देश भर में कृषि क्षेत्र का विकास किया जाएगा। इसके अंतर्गत कोल्ड चेन, वैल्यू चेन विकसित करने में मदद मिलेगी। इसका लाभ किसान उत्पादन संघ, कृषि उद्यमी, स्टार्टअप आदि को फार्मगेट पर मिल सकेगा।

वित्‍त मंत्री सीतारमण ने पिछले कुछ दिनों में कृषि को लेकर कई बड़ी घोषणाएँ की हैं जो किसानों के मन में नया विश्वास जगा रही हैं। यह घोषणाएँ अगर घरातल पर साकार होती हैं तो इससे भारतीय अर्थव्यवस्था को भी अच्छी रफ़्तार मिल जायेगी।

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म.प्र. में मंडी अधिनियम बदला, किसानों के लिए खुले नए विकल्प, बिचौलियों से मिला छुटकारा

Private mandis will now open in Madhya Pradesh, farmers will benefit from this

किसानों के पास अपनी उपज को बेचने के लिए बहुत अधिक विकल्प नहीं होते हैं और उन्हें सरकारी मंडियों में ही अपना उत्पादन बेचने को मजबूर होना पड़ता है। इस कारण कई बार उन्हें अपनी उपज के लिए अच्छा दाम भी नहीं मिल पाता है। मध्यप्रदेश सरकार ने किसानों की इन्हीं परेशानियों को समझ कर अब निजी क्षेत्र में मंडियां और नए खरीदी केंद्र आरंभ करने की घोषणा की है। इस घोषणा के साथ साथ अब प्रदेश में मंडी अधिनियम भी बदल गया है।

मंत्रालय में मंडी नियमों में संशोधन पर चर्चा के दौरान प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि ‘किसान भाइयों को उनकी फसल का सही मूल्य दिलाना सरकार का कर्तव्य है। ऐसा करने से प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी और किसानों को इसका सीधा लाभ मिलेगा। इससे दलालों और बिचौलियों से किसानों को छुटकारा भी मिलेगा। किसानों को अपनी फसल बेचने के लिए कई विकल्प मिलेंगे। किसान जहां चाहेगा वहां अपनी सुविधानुसार फसल बेच सकेगा।’

स्रोत: मध्यप्रदेश कृषि मंत्रालय

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अब कृषि क्रांति की तरफ बढ़ेगा भारत, वित्तमंत्री ने किये बड़े कृषि सुधारों के ऐलान

Aatm Nirbhar Bharat Package 2 lakh crore gift to farmers, Finance Minister announced

पीएम मोदी ने कोरोना त्रासदी से पैदा हुए हालात से निपटने के लिए आत्मनिर्भर भारत पैकेज के अंतर्गत 20 लाख करोड़ रूपये की घोषणा की थी। पिछले तीन दिनों से केंद्रीय वित्त मंत्री द्वारा इस पैकेज से जुड़ा हर ब्योरा दिया जा रहा है। इसी कड़ी में पिछले दो दिनों में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जो घोषणाएँ की हैं उससे ऐसा प्रतीत होता है की देश एक नए कृषि क्रांति की तरफ बढ़ने वाला है।

पिछले दो दिनों में वित्त मंत्री ने कृषि क्षेत्र को लेकर कई सकारात्मक घोषणाएँ की हैं। इसी कड़ी में शुक्रवार को उन्होंने देश में कृषि इंफ्रास्ट्रक्चर को बेहतर करने के लिए एक लाख करोड़ रूपये की घोषणा की है। कृषि क्षेत्र के लिए 2 लाख करोड़ रुपये के रियायती कर्ज से जुड़ा ऐलान उन्होंने गुरुवार को ही कर दिया था।

आइये समझते हैं कल की घोषणाओं में क्या था ख़ास?

  • सब्जी आपूर्ति के लिए सरकार ऑपरेशन ग्रीन के अंतर्गत किसानों को लाभ प्रदान करेगी। इसमें कृषि उत्पादों के भंडारण, पैकेजिंग, ब्रांडिंग का काम किया जाएगा।
  • हर्बल खेती पर होगा जोर, इसके लिए सरकार ने 4 हजार करोड़ रुपए की योजना का ऐलान किया है।
  • किसानों को अतिरिक्त आय दिलाने के लिए सरकार ने मधुमक्खी पालन के लिए 500 करोड़ रुपए की योजना पेश की है। इससे 2 लाख मधुमक्खी पालकों को लाभ होगा।
  • पशुपालन इंफ्रास्ट्रक्चर को बेहतर करने के लिए करीब 15 हजार करोड़ रुपए खर्च करेगी सरकार।
  • सरकार डेयरी सेक्टर के अंतर्गत लिए गए ऋण के ब्याज पर 2% की छूट देगी जिससे लाखों- करोड़ों किसानों को फायदा होगा।
  • मछली पालन के क्षेत्र में सरकार 20 हजार करोड़ रुपए की बड़ी आर्थिक मदद देगी।
  • सरकार ने फसल बीमा के लिए भी 64 हजार करोड़ रुपए का ऐलान किया है।
  • फूड प्रोसेसिंग के क्षेत्र में भी सरकार ने 10 हजार करोड़ रुपए खर्च करने का ऐलान किया है।
  • बहरहाल वित्त मंत्री ने यह भी कहा है की अभी कृषि क्षेत्र से जुड़े और भी ऐलान होने बाकी हैं।
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आत्मनिर्भर भारत पैकेज: किसानों के लिए 2 लाख करोड़ की सौगात, वित्तमंत्री ने की घोषणा

Aatm Nirbhar Bharat Package 2 lakh crore gift to farmers, Finance Minister announced

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा घोषित आत्मनिर्भर भारत पैकेज के अंतर्गत किस क्षेत्र को लिए कितने पैसे दिए जाएंगे इसकी घोषणा केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने की है। इस दौरान उन्होंने कृषि क्षेत्र के लिए 2 लाख करोड़ रुपये के रियायती कर्ज के साथ कई अन्य घोषणाएँ भी की।

वित्त मंत्री ने बताया की तीन करोड़ छोटे किसान को पहले ही कम ब्याज दर पर चार लाख करोड़ रुपये का कर्ज दिया जा चुका है। 25 लाख नये किसान क्रेडिट कार्डधारकों को 25,000 करोड़ रुपये का कर्ज मंजूर किया गया है। उन्होंने बताया की मार्च और अप्रैल महीने में 63 लाख लोगों के लिये 86,000 करोड़ रुपये मूल्य के ऋण मंज़ूर किये गये।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया की किसान क्रेडिट कार्ड का लाभ अब फिशरमैन और एनिमल हसबैंड्री फार्मर्स भी उठा पाएंगे। साथ ही किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से 2 लाख करोड़ रुपये का रियायती कर्ज देने की भी घोषणा की गई।

इसके साथ ही किसानों के लिए 30 हजार करोड़ की अतिरिक्त सुविधा (अडिशनल इमर्जेंसी वर्किंग कैपिटल) की घोषणा भी की गई है जिससे 3 करोड़ किसानों को लाभ मिलेगा और इसकी फंडिंग NABARD बैंक करेगा।

रूरल इकॉनमी को मज़बूती प्रदान करने के लिए रूरल इंफ्रास्ट्रक्चर डिवेलपमेंट फंड के अंतर्गत राज्यों को 4200 करोड़ रुपये देने की भी बात की गई है। इसके अलावा उन्होंने बताया की “फसली लोन पर रीपेमेंट में राहत देते हुए 1 मार्च को पेमेंट वाले लोन पर रीपेमेंट की तारीख 31 मई तक के लिए बढ़ा दी गई है। 25 लाख नए किसान क्रेडिट कार्ड जारी किए गए हैं, जिसकी लोन लिमिट 25 हजार करोड़ रुपये है।”

स्रोत: नवभारत टाइम्स

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मध्यप्रदेश में सभी किसानों का होगा फसल बीमा, सरकार जल्द लेगी फैसला

Crop Insurance

मध्यप्रदेश की सरकार ने किसानों के हितों के लिए पिछले कुछ दिनों से कई कदम उठाये हैं। इसी क्रम में सरकार ने इस बात पर भी चर्चा की है की राज्य के सभी किसानों का प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत बीमा कराया जाए। इस पर सरकार जल्द ही निर्णय ले सकती है।

इस विषय पर मध्यप्रदेश के कृषि मंत्री कमल पटेल ने मीडिया से बात करते हुए कहा की “प्रदेश के हर किसान का प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत फसल बीमा कराया जाएगा, यह निर्णय राज्य सरकार जल्दी ही करने वाली है।”

ग़ौरतलब है की मध्य प्रदेश में करीब 65 लाख किसान हैं और इनमें 36 लाख किसान अपनी फसल का बीमा करवाते हैं। फसल बीमा का प्रीमियम 12% है जिसमें किसान करीब 2% राशि देता है और शेष राशि राज्य तथा केंद्र सरकार मिल कर देती है। आने वाले समय में इस योजना से ज्यादा से ज्यादा किसानों के जुड़ने से प्रीमियम के और कम होने की संभावना है।

स्रोत: आईएएनएस

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