फसल बीमा योजना: जरूरी दस्तावेज़ों के साथ करें आवेदन, फसल के नुकसान पर होगी भरपाई

Crop Insurance

बेमौसम बारिश, ओलावृष्टि, सूखे जैसी प्राकृतिक आपदाओं की वजह से अक्सर किसानों की फसल प्रभावित होती है। इससे बचने के लिए केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना शुरू की थी। इस योजना से किसान अपने फसल को होने वाले नुकसान की भरपाई कर सकते हैं। यह योजना साल 2016 में शुरू हुई जिससे अब तक देश के करोड़ो किसान लाभान्वित हो चुके हैं।

कैसे करें आवेदन?
इसका आवेदन आप बैंक के माध्यम से और ऑनलाइन भी कर सकते हैं। ऑनलाइन आवेदन देने के लिए https://pmfby.gov.in/ लिंक पर जाकर फॉर्म भरें। इसके आवेदन के लिए एक फोटो और पहचान पात्र हेतु पैन कार्ड, ड्रायविंग लाइसेंस, वोटर आईडी कार्ड या आधार कार्ड की जरुरत होती है। इसके अलावा एड्रेस प्रूफ के लिए भी एक दस्तावेज़ जरुरी होता है जिसके लिए किसान को खेती से जुड़े दस्तावेज़ और खसरा नंबर दिखाने होते हैं। फसल की बुआई हुई है इसकी सत्यता हेतु प्रधान, पटवारी या फिर सरपंच का पत्र देना होता है। एक कैंसिल चेक भी देना होता है ताकि क्लेम की राशि खाते में सीधे आए।

स्रोत: नई दुनिया

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किसानों को 36,000 रूपए सालाना पेंशन, जानें योजना की जानकारी और आवेदन की विधि

किसानों को वृद्धावस्था में कई प्रकार की परेशानी का सामना करना पड़ता है। शरीर कमजोर हो जाने से वे कृषि कार्यों में भी पूर्णतः भागीदारी नहीं निभा पाते इसी लिए उन्हें वृद्धावस्था आर्थिक संकट का सामना करना पड़ता है। किसानों के वृद्धावस्था में इसी आर्थिक संकट को दूर करने के लिए सरकार ने प्रधानमंत्री किसान मान-धन योजना शुरू की है। इस योजना के अंतर्गत बुढ़ापे में किसानों को 36,000 रूपए सालाना पेंशन दी जायेगी।

18 से 40 वर्ष के मध्य आने वाले किसान इस योजना में रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं। किसानों को इस योजना में कम से 20 और अधिकतम 42 साल तक 55 से 200 रुपये का मासिक प्रीमियम जमा करना होगा। जितनी रकम किसान जमा करेंगे उतनी ही रकम सरकार भी इसमें जमा करेगी। आखिर में किसान के 60 वर्ष की उम्र पार करने के बाद सरकार की तरफ से 36,000 रूपए सालाना पेंशन मिलेगी। यह 36,000 रूपए किसानों 3 हजार रुपये के क़िस्त में हर माह दी जायेगी।

कैसे करें रजिस्ट्रेशन?

किसान इस योजना के अंतर्गत रजिस्ट्रेशन अपने नज़दीकी कॉमन सर्विस सेंटर पर जाकर करवा सकते हैं। इसके रजिस्ट्रेशन में कोई शुल्क नहीं लगता है। अगर कोई किसान पीएम-किसान सम्मान निधि के अंतर्गत लाभ उठा रहा है तो उसे इस योजना के लिए सिर्फ आधार कार्ड लेकर जाना होता है।

किसानों का पैसा नहीं डूबेगा

अगर कोई किसान इस योजना को बीच में ही छोड़ना चाहता है तो उसके द्वारा जमा किया गया पैसा डूबेगा नहीं बल्कि उसके द्वारा जमा की गई रकम सेविंग अकाउंट के अंतर्गत मिलने वाले ब्याज के साथ लौटा दिया जाएगा।

स्त्रोत: कृषि जागरण

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रिजर्व बैंक ने दी करोड़ों किसानों को राहत, बढ़ाई फसली ऋण चुकाने की तारीख

Gramophone's onion farmer

कोरोना संक्रमण के कारण चल रहे देशव्यापी लॉकडाउन के बीच रिजर्व बैंक ने करोड़ों किसानों को राहत दी है। यह राहत किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से बैंकों से फसली ऋण लेने वाले देश के करोड़ों किसानों को मिलेगी। भारतीय रिजर्व बैंक ने फसली ऋण की अगली किस्त चुकाने की अवधि बढ़ा कर 31 मई कर दी है।

इसके अलावा आरबीआई ने किसानों की ब्याज में भी राहत प्रदान की है। अब किसान अपनी फसल ऋण की अगली किस्त 31 मई तक सिर्फ 4% वार्षिक के पुराने दर पर ही चुका सकते हैं।

इस विषय पर रिजर्व बैंक की तरफ से बुधवार को एक पत्र जारी किया गया था। इस पत्र में यह साफ़ किया गया है की कोरोना संकट के कारण फसल ऋण पर तीन महीने के मोराटोरियम का लाभ मिलने के साथ साथ तीन महीने की अवधि हेतु दंडात्मक ब्याज भी किसानों को नहीं चुकाना पड़ेगा।

स्रोत: आउटलुक

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केंद्रीय कृषि मंत्री ने किसानों की आय दोगुनी करने में बीजों की भूमिका को बताया अहम

किसी भी फसल से बेहतर उत्पादन प्राप्त करने के लिए जिस चीज की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण होती है वो है उन्नत किस्म के बीज। बीज की इसी महत्ता को केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर ने समझा और नई दिल्ली में आयोजित भारतीय बीज कांग्रेस – 2020 को संबोधित करते हुए इस पर वक्तव्य भी दिया।

कृषि मंत्री श्री तोमर ने कहा है कि “भारत एक कृषि प्रधान देश है, हमारे देश की अर्थव्यवस्था गांव और कृषि पर निर्भर है, कृषि और गांव के ताने बाने के परिणाम स्वरूप अर्थव्यवस्था को लगने वाले झटकों से उबरने में सफलता मिली है।” बीज की भूमिका पर बात करते हुए उन्होंने कहा की “बीज उत्पादकों के अनुसंधान और वैज्ञानिकों के योगदान के फलस्वरूप आज देश खाद्यान्न की दृष्टि से आत्मनिर्भर ही नहीं बल्कि आवश्यकता से अधिक उत्पादन करके एक कीर्तिमान स्थापित करने में भी सफल हुआ है।”

किसानों का सच्चा साथी ग्रामोफ़ोन भी बेहतर कृषि हेतु बीजों की अहमियत को समझता है और इसीलिए उन्नत किस्म के बीज किसान भाइयों के घर तक बिना किसी डिलीवरी चार्ज के पहुँचाता है। उन्नत किस्म के बीज अपने घर पर मंगाने के लिए किसान भाई ग्रामोफ़ोन कृषि एप के ‘बाजार’ सेक्शन से इसके लिए ऑर्डर कर सकते हैं या फिर टोल फ्री नंबर 1800-315-7566 पर मिस्ड कॉल कर के भी बीज मंगवा सकते हैं।

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