इस योजना से मध्यप्रदेश के किसान विदेश जाकर सीख सकते हैं आधुनिक कृषि तकनीक

Mukhyamantri Kisan Videsh Adhyayn Yatra Yojana

मध्य प्रदेश के किसानों को विकसित देशों में आधुनिक कृषि तकनीकों से रूबरू करवाने और इसकी प्रायोगिक जानकारी दिलवाने के लिए मध्य प्रदेश सरकार द्वारा एक योजना चलाई जाती है जिसका लाभ किसान भाई प्राप्त कर सकते हैं। इस योजना का नाम है मुख्यमंत्री किसान विदेश अध्ययन यात्रा योजना।

इस योजना का लाभ मध्यप्रदेश के सभी वर्ग के लघु तथा सीमांत किसान उठा सकते हैं। इस योजना के अंतर्गत चयनित होने पर कुल व्यय का 90%, अजजा एवं अजा वर्ग के किसानों को 75% तथा अन्य किसानों को 50% तक का अनुदान सरकार प्रदान करती है।

पिछले कुछ वर्षों में इस योजना के अंतर्गत किसानों के विभिन्न दल विदेश यात्रा पर गए। इस दौरान उन्होंने उन्नत कृषि, उद्धनिकी कृषि अभियांत्रिकी, पशुपालन, मत्स्य पालन से जुड़ी आधुनिक तकनीकें ब्राजील – आर्जेन्टीना, फिलिपिन्स – ताईवान जैसे देशों में सीखी।

अधिक जानकारी के लिए इस लिंक पर जाएँ http://mpkrishi.mp.gov.in/hindisite_New/pdfs//Videsh_Yatra.pdf

स्रोत: किसान समाधान

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किसान विकास पत्र में डबल हो जाएगा आपका पैसा, पढ़ें पूरी जानकारी

Your money will be doubled in Kisan Vikas Patra, read full information

डाकघर की तरफ से दी जाने वाली एक छोटी बचत योजना का नाम है किसान विकास पत्र। इसके अंतर्गत किसान अपनी छोटी बचत का निवेश करके अपने पैसे को दोगुना बना सकते हैं।

इस योजना के तहत, आप केवीपी (किसान विकास पत्र) खरीदने के लिए 1,000 रुपये का न्यूनतम निवेश कर सकते हैं और निवेश पर कोई ऊपरी सीमा नहीं है। हालांकि 50,000 रुपये से अधिक के किसी भी निवेश के लिए, पैन डिटेल देना अनिवार्य होता है।

इस योजना के अंतर्गत कोई भी भारतीय नागरिक जिसकी आयु 18 वर्ष से अधिक है, निवेश कर सकता है। इस योजना के लिए कोई ऊपरी आयु सीमा नहीं है।

स्रोत: जागरण

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फलोद्यान योजना के अंतर्गत किसानों को 3 साल में मिलेंगे 2.25 लाख रुपये

Under Falodyan Yojana, farmers will get Rs. 2.25 lakhs in 3 years

लघु सीमांत किसानों के लिए सरकार फलोद्यान योजना शुरू कर रही है। अगर किसान इस योजना में शामिल होते हैं, तो उन्हें तीन साल में सरकार की तरफ से लगभग सवा दो लाख रुपए का अनुदान मिलेगा। योजना के तहत किसान को एक एकड़ में 4 फलों की पौध लगानी होगी। किसान चाहे तो इसे अपने खेतों की मेड़ पर भी लगा सकते हैं। 1 एकड़ क्षेत्रफल के लिए किसान को 4 सौ फलों के पौधे उपलब्ध कराए जाएंगे।

इस योजना के अंतर्गत शुरूआती साल में किसान को उद्यान लगाने के साथ उसकी देखरेख करने के एवज में मनरेगा के तहत 316 मानव दिवस की मजदूरी दी जाएगी। उद्यान की देखरेख में आने वाली सामग्री के लिए 35 हजार रुपए का अनुदान अलग से, तीन साल तक लगातार किसान को मिलता रहेगा।

इस योजना के अंतर्गत किसान क्षेत्रीय फल पपीता, अनार, जामुन, मुनगा, अमरूद, संतरा सहित वह फल लगा सकते है जिनके लिए उस स्थान विशेष का मौसम अनुकूल हैं। योजना में ऐसे कृषक परिवार जिसकी मुखिया कोई महिला या दिव्यांग हो, को प्राथमिकता दी जाएगी। इसके अलावा योजना का लाभ बीपीएल कार्डधारी, इंदिरा आवास योजना के हितग्राही, अनुसूचित जाति, जनजाति के साथ लघु सीमांत किसान ले सकते हैं।

स्रोत: भास्कर

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इस योजना से किसानों को कृषि यंत्रों पर मिलेगी 50 से 80% की सब्सिडी, जानें पूरी जानकारी

Relief for farmers, Govt. extended the duration of short-term crop loan

भारतीय कृषि को रफ़्तार देने में काफी मददगार हो रहे हैं आधुनिक कृषि यंत्र। इनकी मदद से न केवल कृषि विकास दर को गति मिलता है बल्कि किसानों की आर्थिक स्थिति को मज़बूती भी मिलती है। आज कृषि में जुताई, बुआई, सिंचाई, कटाई, मड़ाई एवं भंडारण आदि सभी प्रकार के कृषि कार्य आधुनिक कृषि यंत्रों से करना ही संभव है। इसी को देखते हुए केंद्र सरकार SMAM योजना के अंतर्गत कृषि यंत्रों पर 50 से 80% तक सब्सिडी दे रही है।

यह योजना देश के सभी राज्यों के किसानों के लिए उपलब्ध है और देश का कोई भी किसान इस योजना कि पात्रता रखने वाला इस योजना के लिए आवेदन कर सकता है। इसका आवेदन ऑनलाइन माध्यम से किया जा सकता है।

कैसे करें आवेदन?

कृषि यंत्रों के लिए ऑनलाइन आवेदन के लिए सबसे पहले आप https://agrimachinery.nic.in/Farmer/SHGGroups/Registration पर जाएँ। इसके बाद पंजीकरण कॉर्नर पर जाएं जहाँ आपको तीन विकल्प मिलेंगे। इन विकल्पों में आपको Farmer विकल्प पर क्लिक करना है। इसके बाद आपसे जो भी विवरण मांगा जाएं उसे सावधानी से भरें। इस तरह आपके आवेदन की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी।

स्रोत: कृषि जागरण

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बहुत आसान है किसान क्रेडिट कार्ड बनाना, मोबाइल से भी किसान बना सकते हैं KCC

It is very easy to make a farmer credit card, farmers can also make KCC from mobile

किसानों को सरकार द्वारा दिए जाने वाले किसान क्रेडिट कार्ड से करोड़ों किसान लाभ उठा रहे हैं। हालांकि अभी भी इससे बहुत सारे किसान नहीं जुड़ पाए हैं। ऐसे किसान बड़ी आसानी से किसान क्रेडिट कार्ड प्राप्त कर सकते हैं। किसान घर बैठे अपने मोबाइल से भी किसान क्रेडिट कार्ड के लिए आवेदन कर सकते हैं। 

मोबाइल से आवेदन की विधि

मोबाइल की मदद से किसान क्रेडिट कार्ड के लिए आवेदन करने हेतु सबसे पहले किसानों को मोबाइल के ब्राउजर को खोलना होगा। इसके बाद कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय की वेबसाइट https://eseva.csccloud.in/KCC/Default.aspx पर जाना होगा। यहाँ पहुँचने पर आपको ‘APPLY NEW KCC’ मेनू पर जाना होगा। इस मेनू में जाने पर आपसे CSC ID और Password पूछा जाएगा, जिसे आपको भरना होगा। इसे भरने के बाद एकबार फिर ‘APPLY NEW KCC’ पर क्लिक करना होगा और फिर आपको ‘Aadhaar’ नंबर भरना होगा। यहाँ आपको उसी आवेदक का नंबर भरना है जिसका नाम पीएम किसान सम्मान निधि योजना से जुड़ा हो। आधार नंबर भरने के बाद PM Kisan Financial Detail संबंधी जानकारी सामने आ जाएगी। यहां आपको ‘Issue of fresh KCC’ पर क्लिक करना है और इसके बाद Loan Amount और Beneficiary Mobile Number भरना होगा। इसके बाद गांव का नाम खसरा नंबर आदि की जानकारी भरनी होगी। सभी जानकारियों को भरने के बाद ‘Submit Details’ पर क्लिक कर देना है। 

जानकारियों को सबमिट करने के बाद आपके सामने एक नया विंडो खुलेगा जिसमे आपको पेमेंट करने के लिए कहा जाएगा।  इसको सीएससी आईडी के बैलेंस से Submit करना होगा और इस तरह आपका किसान क्रेडिट कार्ड बनकर तैयार हो जाएगा। 

स्रोत: कृषि जागरण

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खेती में नुकसान झेलने वाले म.प्र के किसानों को आर्थिक मदद देती है भावांतर भुगतान योजना

Bhavantar Bhugtan Yojana provides financial help to farmers of MP who suffer losses

खेती में होने वाले नुकसान के समय किसानों को वित्तीय सहायता देने उद्देश्य मध्यप्रदेश सरकार ‘मुख्यमंत्री भावांतर भुगतान योजना’ चलाती है। इस योजना के अंतर्गत किसानों को नुकसान होने की स्थिति में, नुकसान भरपाई सीधे किसान के एकाउंट में पैसे भेजकर की जाती है।

किसानों को नुकसान आम तौर पर फसल का वाजिब भाव नहीं मिल पाने की वजह से होता है। इसी नुकसान की भरपाई करते हुए उपज का उचित मूल्य दिलाने के लिए भावांतर योजना काम आती है।

इस योजना से फसल की कीमतें गिर जाने पर मध्य प्रदेश सरकार बाजार भाव और न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) के बीच के अंतर की राशि किसानों को देती है। यह राशि किसानों के खाते में जमा की जाती है।

कैसे उठायें इस योजना का लाभ?
भावांतर योजना का फायदा उठाने के लिए किसानों को अपनी उपज को बेचने से पहले रजिस्ट्रेशन कराना जरूरी होता है। इसका रजिस्ट्रेशन मध्यप्रदेश सरकार द्वारा बनाए एमपी उपार्जन पोर्टल पर कराया जा सकता है। रजिस्ट्रेशन कराने के बाद किसान को उनकी उपज का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) मिलना सुनिश्चित हो जाता है। इस योजना का लाभ लेने के लिए किसानों को सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगाने की भी जरूरत नहीं पड़ती है।

स्रोत: नई दुनिया

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भारतीय कृषि की आधारभूत संरचना के विकास पर खर्च होंगे एक लाख करोड़ रुपये

One lakh crores will be spent on the development of Indian agricultural infrastructure

भारत हमेशा से कृषि प्रधान देश रहा है और आज भी भारत कई फ़सलों के उत्पादन में पूरी दुनिया में नंबर एक का स्थान रखता है। ऐसा तब है जब भारतीय कृषि क्षेत्र का इंफ्रास्ट्रक्चर यानी आधारभूत ढ़ांचा अन्य विकसित देशों की तरह आधुनिक नहीं है। बहरहाल सरकार अब इसी कृषि के आधारभूत ढांचे को और ज्यादा आधुनिक और विकसित बनाने के लिए अग्रसर होने वाली है।

कोरोना महामारी से उपजे आर्थिक संकट से निपटने के लिए पीएम मोदी द्वारा घोषित आत्मनिर्भर भारत अभियान के अंतर्गत वित्‍त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कृषि‍ के आधारभूत ढाँचे के विकास के लिए एक लाख करोड़ रुपये के पैकेज का पिछले शुक्रवार को ऐलान किया है।

एक लाख करोड़ रुपये के इस बड़े पैकेज से देश भर में कृषि क्षेत्र का विकास किया जाएगा। इसके अंतर्गत कोल्ड चेन, वैल्यू चेन विकसित करने में मदद मिलेगी। इसका लाभ किसान उत्पादन संघ, कृषि उद्यमी, स्टार्टअप आदि को फार्मगेट पर मिल सकेगा।

वित्‍त मंत्री सीतारमण ने पिछले कुछ दिनों में कृषि को लेकर कई बड़ी घोषणाएँ की हैं जो किसानों के मन में नया विश्वास जगा रही हैं। यह घोषणाएँ अगर घरातल पर साकार होती हैं तो इससे भारतीय अर्थव्यवस्था को भी अच्छी रफ़्तार मिल जायेगी।

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म.प्र. में मंडी अधिनियम बदला, किसानों के लिए खुले नए विकल्प, बिचौलियों से मिला छुटकारा

Private mandis will now open in Madhya Pradesh, farmers will benefit from this

किसानों के पास अपनी उपज को बेचने के लिए बहुत अधिक विकल्प नहीं होते हैं और उन्हें सरकारी मंडियों में ही अपना उत्पादन बेचने को मजबूर होना पड़ता है। इस कारण कई बार उन्हें अपनी उपज के लिए अच्छा दाम भी नहीं मिल पाता है। मध्यप्रदेश सरकार ने किसानों की इन्हीं परेशानियों को समझ कर अब निजी क्षेत्र में मंडियां और नए खरीदी केंद्र आरंभ करने की घोषणा की है। इस घोषणा के साथ साथ अब प्रदेश में मंडी अधिनियम भी बदल गया है।

मंत्रालय में मंडी नियमों में संशोधन पर चर्चा के दौरान प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि ‘किसान भाइयों को उनकी फसल का सही मूल्य दिलाना सरकार का कर्तव्य है। ऐसा करने से प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी और किसानों को इसका सीधा लाभ मिलेगा। इससे दलालों और बिचौलियों से किसानों को छुटकारा भी मिलेगा। किसानों को अपनी फसल बेचने के लिए कई विकल्प मिलेंगे। किसान जहां चाहेगा वहां अपनी सुविधानुसार फसल बेच सकेगा।’

स्रोत: मध्यप्रदेश कृषि मंत्रालय

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आत्मनिर्भर भारत पैकेज: किसानों के लिए 2 लाख करोड़ की सौगात, वित्तमंत्री ने की घोषणा

Aatm Nirbhar Bharat Package 2 lakh crore gift to farmers, Finance Minister announced

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा घोषित आत्मनिर्भर भारत पैकेज के अंतर्गत किस क्षेत्र को लिए कितने पैसे दिए जाएंगे इसकी घोषणा केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने की है। इस दौरान उन्होंने कृषि क्षेत्र के लिए 2 लाख करोड़ रुपये के रियायती कर्ज के साथ कई अन्य घोषणाएँ भी की।

वित्त मंत्री ने बताया की तीन करोड़ छोटे किसान को पहले ही कम ब्याज दर पर चार लाख करोड़ रुपये का कर्ज दिया जा चुका है। 25 लाख नये किसान क्रेडिट कार्डधारकों को 25,000 करोड़ रुपये का कर्ज मंजूर किया गया है। उन्होंने बताया की मार्च और अप्रैल महीने में 63 लाख लोगों के लिये 86,000 करोड़ रुपये मूल्य के ऋण मंज़ूर किये गये।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया की किसान क्रेडिट कार्ड का लाभ अब फिशरमैन और एनिमल हसबैंड्री फार्मर्स भी उठा पाएंगे। साथ ही किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से 2 लाख करोड़ रुपये का रियायती कर्ज देने की भी घोषणा की गई।

इसके साथ ही किसानों के लिए 30 हजार करोड़ की अतिरिक्त सुविधा (अडिशनल इमर्जेंसी वर्किंग कैपिटल) की घोषणा भी की गई है जिससे 3 करोड़ किसानों को लाभ मिलेगा और इसकी फंडिंग NABARD बैंक करेगा।

रूरल इकॉनमी को मज़बूती प्रदान करने के लिए रूरल इंफ्रास्ट्रक्चर डिवेलपमेंट फंड के अंतर्गत राज्यों को 4200 करोड़ रुपये देने की भी बात की गई है। इसके अलावा उन्होंने बताया की “फसली लोन पर रीपेमेंट में राहत देते हुए 1 मार्च को पेमेंट वाले लोन पर रीपेमेंट की तारीख 31 मई तक के लिए बढ़ा दी गई है। 25 लाख नए किसान क्रेडिट कार्ड जारी किए गए हैं, जिसकी लोन लिमिट 25 हजार करोड़ रुपये है।”

स्रोत: नवभारत टाइम्स

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उपज बेचना हुआ और आसान: अब 962 मंडियों पर ऑनलाइन पोर्टल से होगी बिक्री

Farmers will sell their produce through online portals in 962 mandis

किसानों को अपनी उपज बेचने के कई बार बहुत समस्या का सामना करना पड़ता है। कभी उन्हें सही दाम नहीं मिलते तो कभी ख़रीदार नहीं मिलते। इसी समस्या को दूर करने के लिए सरकार ने साल 2016 में एक ऑनलाइन पोर्टल ई-नाम की शुरुआत की थी | यह एक प्रकार की ऑनलाइन मंडी है जो किसानों और कृषि कारोबारियों में खूब प्रसिद्ध है। हाल ही में इस पोर्टल में कुछ नए फीचर्स जोड़े गए जिसकी मदद से किसान घर या खेत से सीधे अपनी उपज बेच सकता हैं| इस पोर्टल में हाल ही में राज्यों की विभिन्न मंडियों को भी जोड़ दिया गया है |

बता दें की राष्ट्रीय कृषि बाजार (ई-एनएएम) के नाम से जाना जाने वाला यह पोर्टल हाल ही में 177 नई मंडियों से जुड़ा है। इसके बाद अब ईएनएएम में मंडियों की कुल संख्या 962 हो गई है। इससे पहले यह संख्या 785 थी।

इस पोर्टल पर कोई भी किसान स्वयं रजिस्ट्रेशन कर सकता है। किसान ई-नाम में दर्ज मंडियों में व्यापारियों को ऑनलाइन बिक्री के लिए अपनी उपज अपलोड कर सकते हैं और व्यापारी भी किसी भी स्थान से ई-नाम के तहत बिक्री के लिए उपलब्ध लॉट के की बोली लगा सकते हैं।

ज्यादा जानकारी के लिए विजिट करें www.enam.gov.in

स्रोत: किसान समाधान

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