इन किसानों को मिली 1804 करोड़ रूपए की सौगात, आप भी उठाएं योजना का लाभ

किसानों को सीधे आर्थिक मदद पहुंचाने के लिए केंद्र और राज्य सरकारें कई योजनाएं चला रही हैं। इसी क्रम में छत्तीसगढ़ सरकार ने ‘राजीव गांधी किसान न्याय योजना’ के तहत राज्य के किसानों के खातों में पहली किश्त जमा कर दी है। जिसके अंतर्गत पहली किश्त के रूप में लाभार्थियों के खातों में 1720 करोड़ 11 लाख रूपए की राशि जारी की गई है। 

राजीव गांधी किसान न्याय योजना के अंतर्गत खरीफ की प्रमुख फसलों, उद्यानिकी फसलों व कोदो, कुटकी, रागी समेत वृक्षारोपण करने वाले किसानों को शामिल किया है। जिन्हें 9 हजार से 10 हजार रुपए प्रति एकड़ की दर से सहायता राशि प्रदान की जाती है। वहीं इस साल राज्य के किसानों को लगभग 69 हजार करोड़ रूपए की सब्सिडी देने की योजना बनाई गई है, ताकि ज्यादा से ज्यादा किसान इस योजना का लाभ उठा सकें।

इसके अलावा राज्य सरकार ने और अन्य दो योजनाओं के तहत लाभार्थियों को सहायता राशि प्रदान की है। इनमें गोधन न्याय योजना और राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना शामिल है। इसके तहत किसानों, पशुपालकों, भूमिहीन मजदूरों, स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाओं को आर्थिक सहायता दी गई है। इसके लिए छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से 1804 करोड़ 50 लाख रूपए की राशि सीधे उनके बैंक खातों में जारी की गई है।

स्रोत: कृषि समाधान

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सरकार खरीदेगी गोबर, हर 15 दिन में होगा पैसे का भुगतान

Godhan Nyay Yojana

छत्तीसगढ़ सरकार पशुपालन को लाभकारी बनाने के लिए गोधन न्याय योजना चला रही है। इसके माध्यम से पशुपालकों और किसानों से 2 रूपए प्रति किलोग्राम की दर से गोबर की खरीदी की जा रही है। जिसका भुगतान राज्य सरकार हर 15 दिनों में करती है।

राज्य सरकार ने अभी 16 से 30 अप्रैल 2022 के दौरान खरीदे गए गोबर का भुगतान किया है। इसके तहत पशुपालकों, गौठानों से जुड़ी महिला समूहों और गौठान समितियों को 10 करोड़ 70 लाख रुपए की राशि ऑनलाइन जारी कर दी गई है। बता दें कि छत्तीसगढ़ राज्य की गोधन न्याय योजना देश और दुनिया की इकलौती ऐसी योजना है, जो पशुपालकों और गौठानों से गोबर की खरीदी कर रही है।

वहीं इस क्रय गोबर का इस्तेमाल कई वस्तुओं के निर्माण में किया जा रहा है। जहां बड़े पैमाने पर गोबर से वर्मी कम्पोस्ट, गो-कास्ट, दीया, अगरबत्ती, मूर्तियां व अन्य सामग्री बनाई जा रही है। इसका लाभ राज्य सरकार और लोगों को मिल रहा है। वहीं मिले आंकड़ों के अनुसार राज्य में गौठानों से 12,013 महिला स्व सहायता समूह सीधे जुड़े हैं, जिन्हें सीधे इस योजना का फायदा हो रहा है।

स्रोत: किसान समाधान

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