Fertilizer requirements in Bottle gourd

  • खेत की तैयारी करते समय 10 टन गोबर की खाद प्रति एकड़ के हिसाब से खेत में मिलाना चाहिये।
  • अंतिम जुताई के समय 30 कि. ग्राम यूरिया, 80 कि.ग्राम सिगलसुपरफास्फेट एवं 30 कि.ग्राम पोटाश प्रति एकड़ की दर से  खेत में मिलाये।
  • शेष बचे हुये 30  कि.ग्राम यूरिया की मात्रा को खेत में दो से तीन बार में बराबर भागों में बाँट कर डाले।
  • फास्फोरस, पोटश की सम्पूर्ण मात्रा एवं नाइट्रोजन की एक तिहाई मात्रा को बनाये गये प्रत्येक थाले में बोये गये बीज से 8 से 10 से.मी. के पूरी पर डाले।
  • खेत में नाइट्रोजन पोषक तत्व की कमी होने पर पत्तियाँ एवं लताएँ पीले रंग की हो जाती है, साथ ही पौधे की वृद्धि रूक जाती है।
  • यदि भूमि में पोटेशियम की कमी होती है, तब पौधे की बढ़त पत्तियों का क्षेत्रफल कम हो जाता है और फूल झड़ने लगते है व फल लगने बंद हो जाते है।

नीचे दिए गए बटन पर क्लिक करके अन्य किसानों के साथ साझा करें।

Share

Nutrient Management in Snake Gourd

  • भूमि की तैयारी के समय अच्छी तरह सड़ी हुई कम्पोस्ट खाद का प्रयोग करें|
  • 12:32:16 के मिश्रण को 50 ग्राम/पिट की दर से बेसल डोज में दें|
  • साथ ही युरिया 25 ग्राम/पिट बीज बोने के 30 दिन बाद प्रयोग करें|
  • 19:19:19 या 0:52:34 को 100 ग्राम/पिट की दर से फल की वृद्धि के समय पर उपयोग करें|
  • फास्फोरस घुलनशील बैक्टेरिया और एज़ोस्पाइरिलम 500 मिली /एकड़ का प्रयोग करें|
  • स्यूडोमोनास 1 कि.ग्रा/एकड़ को 20 कि.ग्रा कम्पोस्ट और 40 किलोग्राम नीम की खली के साथ आखरी जुताई के पहले खेत में मिलाये|

नीचे दिए गए बटन पर क्लिक करके अन्य किसानों के साथ साझा करें।

Share

Fertilizer Requirments for Watermelon

तरबूज़ की खेती के लिए उचित उर्वरक की मात्रा:- 

  • तरबूज की खेती में अच्छी उपज के लिए अच्छी तरह सड़ी हुई खाद 15-25 टन/हेक्टेयर मृदा की तैयारी के समय उपयोग करें|
  • इसकी खेती में कुल 135 क़ि.ग्रा. यूरिया, 100 क़ि.ग्रा डी.ए.पी. एवं 70 किलोग्राम एम.ओ.पी. प्रति एकड़ की आवश्यकता होती है|
  • इसमें फास्फोरस, पोटाश की पूरी मात्रा एवं नाइट्रोजन की आधी मात्रा बुवाई के पूर्व उपयोग किया जाता है|
  • बची हुई नाइट्रोजन को बुवाई के 10-15 दिनों बाद उपयोग किया जाता है|
  • सामान्यतः नाइट्रोजन की अधिक मात्रा उच्च तापक्रम पर तरबूज मे फूलों की संख्या को कम कर देता है और साथ में उपज को भी प्रभावित करता है|

नीचे दिए गए बटन पर क्लिक करके अन्य किसानों के साथ साझा करें।

Share

Nutrient Management in Wheat

गेहूं मे पौषक तत्व प्रबंधन:- गेंहू की उपज में पौषक तत्त्व प्रबंधन बहुत ही महत्वपूर्ण होता है मृदा मे उपलब्ध पौषक तत्त्व की जानकारी हेतु मिट्टी की जाँच बहुत आवश्यक है| इसी के आधार पर फसलो में पौषक तत्त्व प्रबंधन की रणनीति अपनाई जाती है|-

  • अच्छे से सडी हुई गोबर की खाद या कम्पोस्ट को 15-20 टन/हे. के हिसाब से हर 2 साल में मिट्टी में मिलाना चाहिये|
  • गोबर की खाद डालने से भूमि की संरचना में सुधार और पैदावार में बढ़ोतरी होती है।
  • गेंहू में 88  कि.ग्रा. यूरिया, 160 कि.ग्रा ,सिंगल सुपर फॉस्फेट एवं 40 कि.ग्रा. म्युरेट ऑफ़ पोटाश प्रति एकड़ के हिसाब से उपयोग करना चाहिये|
  • युरिया का उपयोग तीन भागों में करना चाहिए|
    1.) 44  कि.ग्रा. यूरिया की मात्रा बोनी के समय करें।
    2.) शेष 22 कि.ग्रा. पहली सिंचाई के समय डाले।
    3.) शेष 22 कि.ग्रा., दुसरी सिंचाई के समय डाले।
  • आशिंक सिंचाई उपलब्ध हो एवं अधिकतम दो सिंचाई होने पर यूरिया @ 175 , सुपर सिंगल फॉस्फेट@ 250 और म्युरेट ऑफ़ पोटाश @ 35-40 कि.ग्रा प्रति हेक्टेयर डाले।
    असिंचित अवस्था में नाइट्रोजन फास्फोरस एवं पोटॉश की पूरी मात्रा डालें|
  • यदि गेंहू की बुवाई मध्य दिसम्बर में करते है तो नत्रजन की 25 प्रतिशत मात्रा कम डालना चाहिये|

नीचे दिए गए बटन पर क्लिक करके अन्य किसानों के साथ साझा करें।

Share

Doses of Fertilizer and Manure in Onion Crop

  • प्याज की अच्छी उपज के लिये उर्वरक की आवश्यकता अधिक होती है।
  • रोपण के एक माह पहले गोबर की खाद को 8-10 टन प्रति एकड़ की दर से खेत में मिलाया जाता है।
  • नाईट्रोजन 50 किलो/एकड़, फास्फोरस 25 किलों प्रति एकड़ एवं पोटाश 30 किलो /एकड़
  • पौध रोपण के पहले नाइट्रोजन की आधी मात्रा और फास्फोरस एवं पोटाश की पूर्ण मात्रा खेत में मिलाया जाता है।
  • पौध रोपण के 20-25 दिनों के उपरांत नाइट्रोजन की दूसरी मात्रा एवं तीसरी मात्रा 45-60 दिनों में देना चाहिये।
  • जिंक सल्फेट 10 किलो/एकड़ एवं बोरॉन 4 किलो/एकड़ की मात्रा उपज में वृद्धि के साथ कंद की गुणवत्ता को बेहतर बनाता है।

नीचे दिए गए बटन पर क्लिक करके अन्य किसानों के साथ साझा करें।

Share

Basal Dose of Fertilizer and Manure for Maize

मक्का के लिए खाद एवं उर्वरकों की बेसल मात्रा:-

  • उर्वरक मिट्टी परीक्षण रिपोर्ट के अनुसार देना चाहिए |
  • गोबर की अच्छी सड़ी खाद 10 टन प्रति एकड़ आखरी जुताई के समय मिलाये |
  • मिट्टी परिक्षण रिपोर्ट उपलब्ध नहीं होने पर डीएपी 50 किलो और पोटाश 35 किलो प्रति एकड़ के अनुसार बुआई के समय देना चाहिए |
  • उर्वरक का बेसल मात्रा मिट्टी, किस्म और अन्य कारकों पर भिन्न हो सकता है।

नीचे दिए गए बटन पर क्लिक करके अन्य किसानों के साथ साझा करें।

Share

Basal dose of fertilizers for Chilli

मिर्च के लिए उर्वरकों की बेसल मात्रा:-

  • उर्वरक मिट्टी परीक्षण रिपोर्ट के अनुसार देना चाहिए |
  • यदि मिट्टी परिक्षण रिपोर्ट उपलब्ध नहीं होने पर डीएपी 100 किलो, यूरिया 50 किलो और पोटाश 50 किलो प्रति एकड़ के अनुसार बुआई पूर्व देना चाहिए |
  • उर्वरक का बेसल मात्रा मिट्टी, किस्म और अन्य कारकों पर भिन्न हो सकता है।

नीचे दिए गए बटन पर क्लिक करके अन्य किसानों के साथ साझा करें।

Share

Manure and fertilizer dose for Soybean

सोयाबीन के लिए खाद एवं उर्वरक:-

सोयाबीन एक दलहनी एवं तिलहन फसल है | इसमें नाईट्रोजन की आवश्यकता कम होती है | अधिक नाईट्रोजन देने से अफलन की समस्या आ सकती है इसलिए इसमें पौषक तत्व प्रबंधन में विशेष ध्यान देना होता है|

  • खाद एवं उर्वरकों की मात्रा मृदा परीक्षण रिपोर्ट, स्थान एवं किस्म के अनुसार भिन्न हो सकती है |
  • गोबर की अच्छी सड़ी खाद 10 टन प्रति एकड़ आखरी जुताई के समय मिलाये |
  • सोयाबीन अनुसंधान क्रेंद्र द्वारा अनुशंसित मात्रा 20:60:20:20 किलो प्रति हे.क्रमशः नाईट्रोजन :फास्फोरस :पोटाश : सल्फर है इसके अनुसार लगभग 50 किलो डीएपी प्रति एकड़,10 किलो सिंगल सुपर फास्फेट एवं 30 किलो पोटाश बेसल डोज़ में दे तथा बुआई के 15 दिन बाद 8 किलो प्रति एकड़ सल्फर 90% WDG एवं 4 किलो प्रति एकड़ माईकोराईज़ा (जैव-उर्वरक) देना चाहिए |
  • बुआई के समय राईज़ोबियम कल्चर 5 ग्राम प्रति किलो बीज एवं पीएसबी कल्चर 5 ग्राम प्रति किलो बीज से उपचारित करना बहुत लाभदायक होता है |

नीचे दिए गए बटन पर क्लिक करके अन्य किसानों के साथ साझा करें।

Share

Basal dose of fertilizers for Cotton

कपास के लिए उर्वरकों की बेसल मात्रा:-

  • उर्वरक मिट्टी परीक्षण रिपोर्ट के अनुसार देना चाहिए |
  • यदि मिट्टी परिक्षण रिपोर्ट उपलब्ध नहीं होने पर डीएपी 65 किलो, यूरिया 50 किलो और पोटाश 50 किलो प्रति एकड़ के अनुसार बुआई पूर्व देना चाहिए |
  • यदि बुआई पूर्व खाद नहीं दिया हो तो बुआई के 25 दिन बाद देना चाहिए|
  • उर्वरक का बेसल मात्रा मिट्टी, किस्म  और अन्य कारकों पर भिन्न हो सकता है।

नीचे दिए गए बटन पर क्लिक करके अन्य किसानों के साथ साझा करें।

Share

डीएपी के दाम कम होने की संभावना

डीएपी के दाम कम होने की संभावना:-

पिछले दिनों में डीएपी उर्वरक के दाम उछाल सब्सिडी नीति न्यूट्रीएंट बेस्ड योजना में फास्फेट पर अनुदान में लगभग 27% की वृद्धि करना पड़ी थी | हालांकि केंद्र ने पोटाश पर अनुदान में लगभग 10% की कमी कर दी | केंद्र शासन के उर्वरक विभाग नई उर्वरक अनुदान नीति के क्रियान्वयन के लिए गाईड लाईन्स जारी करते हुए यह भी स्पष्ट किया है कि बोरोन तथा जिंक कोटेड फास्फोटिक अथवा पोटेशिक उर्वरकों पर क्रमशः 300 रु. व 500 रु. प्रति टन की दर से अतिरिक्त सब्सिडी दी जाएगी| जिससे किसानों में इन सूक्ष्म तत्वों के उपयोग को भी बढ़ावा मिले| उर्वरक विभाग ने यह भी निर्देश दिए है कि इन उर्वरकों के निर्माता उर्वरक के बैग पर अनुदान राशि दर्शाते हुए एम आर पी आवश्यक रूप से प्रिंट करें| प्रिंटेड एम आर पी से अधिक दर पर उर्वरक बेचना दंडनीय अपराध होगा|

Source:- www.krishakjagat.org

नीचे दिए गए बटन पर क्लिक करके अन्य किसानों के साथ साझा करें।

Share