सफेद मक्खी –
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इसके शिशु एवं वयस्क पत्तियों की निचली सतह पर चिपक कर रस चूसते हैं, जिससे पत्तियां ऊपर की ओर मुड़ जाती हैं।
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इस कीट का वयस्क हल्का पीला तथा इसके पंख सफेद रंग के होते हैं। ये कीट लिफ़ कर्ल रोग और पीला मोज़ैक वायरस को फैलाने का कारण बनते हैं।
रोकथाम
इसकी रोकथाम के लिए प्रूडेंस (पायरीप्रोक्सीफैन 10% + बॉयफैनथ्रिन 10% ईसी) @ 250 मिली + सिलिको मैक्स @ 50 मिली प्रति एकड़ के हिसाब से छिड़काव करें।
2 दिन बाद प्रिवैंटल BV @ 100 ग्राम प्रति एकड़ के हिसाब से छिड़काव करें।
थ्रिप्स कीट:
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मिर्च की फसल में थ्रिप्स कीट भयंकर नुकसान पहुंचाता है। इन कीटों के वयस्क और शिशु दोनों पौधें को नुकसान पहुँचाते हैं। ये कीट मिर्च की पत्तियों के निचली सतह पर चिपका रहता है और पत्तियों का रस चूसता है।
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जिससे मिर्च की पत्तियों में झुर्रियां दिखाई देने लगती हैं तथा ये पत्तियां ऊपर की ओर मुड़ कर नाव के समान हो जाती है।
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अधिक प्रकोप होने पर पत्तियों का गुच्छा बन जाता है। जिसके कारण उत्पादन में कमी आती है. ये कीट वायरस जनित रोग को फैलाने में सहायक है |
रोकथाम
बेनेविया (सायनट्रानिलीप्रोल 10.26% ओडी) @ 240 मिली + सिलिको मैक्स 50 मिली प्रति एकड़ के हिसाब से छिड़काव करें। 2 दिन के बाद प्रिवैंटल BV 100 ग्राम,प्रति एकड़ के हिसाब से छिड़काव करें।
मकड़ी:
यह बहुत ही छोटे कीट होते है जो पत्तियों की सतह से रस चूसते है जिससे पत्तियां नीचे की ओर मुड़ जाती है। पत्तियों को खाने से सतह पर सफेद से पीले रंग के धब्बे हो जाते है जैसे जैसे संक्रमण अधिक होता जाता है, पहले पत्तियाँ चांदी के रंग की दिखने लगती है और बाद में ये पत्तियां गिर जाती है.
नियंत्रण के उपाय
इसके नियंत्रण के लिए ओमाइट (प्रोपरजाईट 57% EC) @ 400 मिली + सिलिको मैक्स @ 50 मिली प्रति एकड़ के हिसाब से छिड़काव करें।
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