Nutrient management of Cauliflower

फुल गोभी में पौषक तत्व प्रबंधन:-

  • फुल गोभी को उगाने के लिए अत्यधिक पौषक तत्वों की आवश्यकता होती है|
  • उर्वरकों की मात्रा भूमि के प्रकार एवं कार्बनिक पदार्थों के उपयोग करने पर निर्भर करती है|
  • पौध को खेत में लगाने के 4 सप्ताह पूर्व 15-20 टन गोबर की खाद को भूमि में मिलाया जाता है|
  • फसल की अच्छी उपज के लिए उर्वरकों की अनुशंसित मात्रा सामान्य किस्में के लिए 100 किलो नत्रजन, 60 किलो फास्फोरस और 100 किलो पोटाश प्रति हेक्टेयर संकर किस्मों के लिए 120-180 किलो नत्रजन 60 किलो फास्फोरस और 100 किलो पोटाश प्रति हेक्टेयर|
  • खेत की तैयारी के समय नत्रजन की आधी मात्रा एवं फास्फोरस एवं पोटाश की पुरी मात्रा डाली जाती है|
  • नत्रजन की शेष आधी मात्रा को मिट्टी चढ़ाते समय दी जाती है|

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Field preparation of Cauliflower

फूलगोभी में भूमि की तैयारी

  • खेत में 3-4 बार हल से जुताई कर मिट्टी को भुरभुरी कर पाटा चलाकर समतल करना चाहिए|
  • बुवाई मौसम व भूमि के प्रकार के अनुसार मेढ़ व नाली में करनी चाहिए|
  • अगेती किस्म को मेढ़ों में लवणीय भूमि में नालियों में व सूखे मौसम में समतल भूमि में रोपाई करनी चाहिए|

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Nursery bed preparation for Cauliflower

  • बीजो की बुआई क्यारियों में की जाती है| प्रायः 4-6 सप्ताह पुरानी तैयार हुई पौधो को रोपित किया जाता है|
  • क्यारियों की उचाई 10 से 15 सेंटीमीटर होना तथा आकार 3*6 मीटर होना है|
  • दो क्यारियों के बीच की दुरी 70 सेंटीमीटर होती है| जिससे अंतर्सस्य क्रियाये आसानी से की जा सके|
  • नर्सरी क्यारियों की सतह भुरभुरी एवं समतल होनी चाहियें|
  • नर्सरी क्यारियों का निर्माण करते समय 8-10 किलोग्राम गोबर की खाद का प्रति वर्ग मीटर की दर से मिलाना चाहियें|
  • भारी भूमि में ऊची क्यारियों का निर्माण करके जल भराव की समस्या को दूर किया जा सकता है|
  • अद्रगलन बीमारी व्दारा पौध को होने वाली हानि से बचाने के लिए कार्बेन्डाजिम 50% WP का 15-20 ग्राम /10 लि. पानी में घोल बनाकर अच्छा तरह से भूमि में मिलाना चाहियें|

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Alternaria Leaf Spot in Cauliflower and Cabbage

गोभी में अल्टरनेरिया पत्ति धब्बा रोग:-

लक्षण:-

  • पत्तियों पर छोटे छोटे गहरे पीले रंग की चित्तीयाँ दिखाई देती है|
  • जल्द ही ये चित्तियाँ आपस में मिलकर गोलाकार घाव बनाती है|
  • इन धब्बों के केन्द्रीय स्थान नीलापन लिए हुए कवक की वृद्धि पाई जाती है|
  • अधिक संक्रमण होने पर सभी पत्तियाँ गिर जाती है|
  • बैगनी गहरे,  काले-भूरे धब्बे, संक्रमित फुल व तनों पर दिखाई देते है|

नियंत्रण:-

  • प्रमाणित बीजों का उपयोग करें|
  • गर्म पानी (50OC) में बीज को आधे घंटे तक उपचारित करें|
  • रोग के लक्षण दिखाई देने पर मेन्कोजेब 3 ग्राम प्रति ली. पानी या कॉपर आक्सी क्लोराईड 3 ग्राम प्रति लीटर पानी का घोल बना कर 10-15 दिन के अंतराल पर छिडकाव करें|

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Cauliflower Diamondback Moth (DBM)

पहचान

  • अंडे सफ़ेद-पीले व हल्के हरे रंग लिये होते है|
  • इल्लियाँ 7-12 मिमी. लम्बी, हल्के पीले- हरे रंग की व पुरे शरीर पर बारीक रोयें होते है|
  • वयस्क 8-10 मिमी. लम्बे मटमैले भूरे रंग के व हल्के गेहुएं रंग के पतले पंख जिनका भीतरी किनारा पीले रंग का होता है|
  • वयस्क मादा पत्तियों पर समूह में अंडे देती है|
  • इनके पखों के ऊपर सफेद धारी होती है जिन्हें मोड़ने पर हीरे जैसी आकृति दिखती है|

नुकसान

  • छोटी पतली हरी इल्लियाँ अण्डों से निकलने के बाद पत्तियों की बाहरी परत को खाकर छेद कर देती है|
  • अधिक आक्रमण होने पर पत्तियां पुरी तरह से ढांचानुमा रहा जाती है|

नियंत्रण:- डायमण्ड बैक मोथ की रोकथाम के लिये बोल्ड सरसों को गोभी के प्रत्येक 25 कतारों के बाद 2 कतारों में लगाना चाहिये। प्रोफेनोफ़ोस (50 र्इ.सी.) का 3 मि.ली. प्रति लीटर पानी की दर से घोल बना कर छिडकाव करें। स्पाइनोसेड (25 एस. सी.) 0.5 मि.ली. प्रति ली. या ईंडोक्साकार्ब 1.5 मि.ली. प्रति ली पानी की दर से घोल बना दो छिड़काव करें। छिडकाव रोपण के 25 दिन व दूसरा इसके 15 दिन बाद करे।

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