Seed rate for Cauliflower

  • हाईब्रीड किस्मों  के लिए:- 175-200 ग्राम/एकड़ बीज की आवश्यकता होती हैं।
  • उन्नत किस्मों के लिए:- 400-500 ग्राम/एकड़ बीज की आवश्यकता होती हैं।

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Suitable soil for Cauliflower

  • फूल गोभी की खेती, हल्की एवं दोमट मिट्टी जिसका जल निकास अच्छा हो तथा पी.एच. 5.5 से 6.8 हो उपयुक्त होती हैं।
  • अगेती किस्मों के लिए हल्की मिट्टी व मध्य अवधि किस्मों और पिछेती किस्मों के लिए भारी दोमट भूमि उपयुक्त हैं।
  • लवणीय भूमि में फंगस व जीवाणु से फैलने वाले रोग ज्यादा होते हैं।

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Soil preparation for cauliflower

    • 1 से 2 आड़ी खड़ी जुताई मिट्टी पलट हल से करने के बाद 3 से 4 जुताई देसी हल से करते है।
    • अधिक उपज देने के लिए अच्छी प्रजातियों का चुनाव करें।
    • जुताई के समय 20 से 25 टन गोबर की खाद प्रति हेक्टयर की दर से भूमि में मिलाना चाहिये ।  
    • यदि खेत में नेमाटोड का प्रकोप हो तो 10 किलो प्रति एकड़ की दर से कार्बोफ्यूरान कीटनाशक पावडर का छिड़काव करें।

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Spacing for Cauliflower

फूल गोभी के लिए दूरी:-

  • किस्मों, भूमि के प्रकार व मौसम के अनुसार पौध अन्तराल निर्भर करती है।
  • पौध अन्तराल निम्नलिखित है।
  • अगेती किस्म:- 45 x  45 से.मी.
  • मध्य अवधि किस्म:- 60 x 40 से.मी.
  • पिछेती किस्म:- 60 x 60 से.मी. या 60 x 45 से.मी.

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Suitable Climate for Cauliflower

फूलगोभी के लिए अनुकूल वातावरण:-

  • फूलगोभी की किस्में तापमान के प्रति अति संवेदनशील है।
  • अच्छे अंकुरण के लिए 10°C से 21°C तापमान उपयुक्त है।
  • पौधों व फूलगोभी के विकास के लिए 10°C से 21°C तापमान अनुकूल है।
  • 10°C से कम तापमान पर पौधों का विकास कम होता व फूलगोभी भी देर से बनती है।
  • अधिक तापमान में फूलगोभी से पत्तियाँ निकलती है।
  • इसलिए उचित किस्म का चुनाव अति आवश्यक है।

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Control Of Downy Mildew in Cauliflower

फूलगोभी में आसिता रोग का नियंत्रण:-

  • तनो पर भूरे दबे धब्बे दिखाई देते हैं जिन पर फफूदी की सफेद मृदुरोमिल वृद्वि होती है।
  • पत्तियों की निचली सतह पर बैगनी भूरे रंग के धब्बे दिखाई देते है जिनमे मृदुरोमिल फफूदी की वृद्वि होती है।
  • फूलगोभी के शीर्ष पर संक्रमण होकर उसे सड़ा देती है।

नियंत्रण:-

  • गर्म पानी(50 OC) व थायरम (3 ग्रा./ ली.) में बीज को आधे घंटे तक उपचारित करें।
  • संक्रमित भागों को काटकर अलग करें व कॉपर ऑक्सीक्लोराइड (3 ग्राम/ली.) को कटे हुए भाग पर लगाये।
  • फसल पर मैन्कोजेब 75 % @ 400 ग्रा/ एकड़ का 10-15 के अन्तराल से छिड़काव करें।
  • फसल चक्र अपनाये एवं खेत में साफ़ सफाई रखे।

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Today’s Gramophone Farmer

नाम:- मनीष चौधरी

गाँव:- सिलोटिया

जिला:- इंदौर

राज्य:- मध्य प्रदेश

किसान भाई मनीष जी फूलगोभी की खेती ग्रामोफोन के मार्गदर्शन में कर रहे हैं |

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Irrigation in Cauliflower

फूलगोभी में सिंचाई प्रबंधन:-

  • अच्छी फसल के लिए पर्याप्त नमी को बनाए रखना बहुत आवश्यक हैं|
  • रोपाई के बाद हल्का पानी दे |
  • उचित नमी बनाये रखने के लिए आवश्यकतानुसार 10-15 दिन के अन्तराल पर हल्की सिंचाई करे |
  • अगेती एवं मिड सीजन की फसल की सिंचाई मानसून पर निर्भर रहती है|
  • फूल बनते और बढ़ते समय उचित नमी बनाये रखना बहुत आवश्यक हैं |

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Season of planting of Cauliflower

फूलगोभी के रोपाई का समय

  • अगेती किस्मों की बुवाई मई से जून माह में की जाती हैं |
  • मध्यम किस्मों की बुवाई जून माह के अंतिम सप्ताह से लेकर जुलाई माह के मध्य की जाती हैं |
  • मध्य पछेती किस्मों की बुवाई अगस्त माह में की जाती हैं|
  • पछेती किस्मों की बुवाई सितम्बर से अक्टूबर माह के मध्य की जाती हैं|

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Weed Control in Cauliflower

फुल गोभी में खरपतवार नियंत्रण:-

  • फसल की अच्छी बढ़वार के लिए खेत की निदाई बहुत आवश्यक है|
  • हाथ से निदाई 2-3 बार व 1-2 बार गुडाई करनी चाहिए| गहरी गुडाई नही करनी चाहिये|
  • रोपाई केबाद पेंडामिथेलीन 30% EC 3-3.5 लीटर प्रति हेक्टेयर का छिडकाव करना चाहिये|

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