- मिश्रित खेती की प्रक्रिया को कृषि की तकनीकी भाषा में अंतरसस्य (इंटरक्रॉपिंग) कहते हैं।
- इस प्रकार की खेती खेतों की विविधता और स्थिरता को बनाए रखने में मददगार होती है।
- इस प्रक्रिया का इस्तेमाल करने पर रासायनिक/उर्वरक के अनुप्रयोग में कमी आती है ।
- मिश्रित फसल में खरपतवार, कीड़े और बीमारी की समस्या कम होती है।
- अंतरसस्य (इंटरक्रोपिंग) में सब्जियों की फसलें कम अवधि में उच्च उत्पादन देती है।
भारत में कृषि विकास हेतु विश्व बैंक देगा $80 मिलियन का कर्ज
भारतीय अर्थव्यवस्था में कृषि क्षेत्र का महत्वपूर्ण योगदान है। इसका मतलब यह हुआ की कृषि में सुधार से अर्थव्यवस्था भी मजबूत होगी। यही कारण है कि सरकार ने पिछले कुछ वर्षों से कृषि क्षेत्र पर अधिक से अधिक ध्यान केंद्रित करना शुरू कर दिया है। इसी कड़ी में, हिमाचल प्रदेश सरकार ने राज्य की कृषि को विकसित करने के लिए विश्व बैंक के साथ $80 मिलियन के ऋण समझौते पर हस्ताक्षर किए।
यह राशि मुख्य रूप से हिमाचल प्रदेश के विभिन्न ग्राम पंचायतों में जल प्रबंधन में सुधार और कृषि उत्पादकता बढ़ाने पर खर्च की जाएगी। एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इस परियोजना को 428 ग्राम पंचायतों को कवर करने वाले राज्य के 10 जिलों में निष्पादित किया जाएगा। इसका लाभ लगभग 400,000 छोटे किसानों को मिलेगा।
यह परियोजना हिमाचल प्रदेश के किसानों के लिए बहुत फ़ायदेमंद होगी, क्योंकि राज्य के कई तराई क्षेत्रों में सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी की कमी है और किसान मुख्य रूप से वर्षा के जल पर निर्भर रहते हैं। जलवायु परिवर्तन और बारिश में लगातार कमी हिमाचल प्रदेश में उगाए जाने वाले फलों के उत्पादन को प्रभावित कर रही है, जिसमें इसके प्रतिष्ठित सेब भी शामिल हैं। यह कदम किसानों की आय को दोगुना करने के केंद्र सरकार के मिशन में योगदान देने में भी बड़ी भूमिका निभा सकता है।
Share‘कृषि में महिलाएं’ विषय पर हैदराबाद में दो दिवसीय राज्य स्तरीय बैठक
भारत में कृषि क्षेत्र में विशेष रूप से महिलाएं बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। परंतु न केवल समाज के द्वारा बल्कि स्वयं महिलाओं के द्वारा भी कृषि क्षेत्र में उनके योगदान को अक्सर अनदेखा कर दिया जाता है।
कृषि क्षेत्र में महिलाओं के इसी योगदान को उभारने के लिए, 6 मार्च से हैदराबाद में एक राज्य-स्तरीय बैठक आयोजित की जा रही है। इस दो दिवसीय बैठक का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण भारत में महिलाओं, विशेष रूप से कृषि क्षेत्र की महिलाओं को होने वाली समस्याओं पर ध्यानाकर्षित करवाना है। यहां कृषि संबंधित कई क्षेत्रों के विशेषज्ञ अपने शोध-पत्र प्रस्तुत करेंगे। इसके अलावा यहाँ आपको विभिन्न किसान यूनियनों, अकादमिक संस्थानों और चर्चा में भाग लेने वाले वैज्ञानिकों के प्रतिनिधि भी मिलेंगे।
एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस आयोजन के बारे में बात करते हुए, तेलंगाना रायथू संघम के उपाध्यक्ष, अरीबंदी प्रसाद राव ने कहा कि “महिलाएं कृषि में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं और यही समय है जब हम कृषि क्षेत्र में उनको आने वाली समस्याओं की पहचान करें और उन्हें दूर करें।”
Shareकद्दू की फसल में मृदुरोमिल आसिता रोग की पहचान कैसे करें?
- इसके कारण पत्तियों की निचली सतह पर जल रहित धब्बे बन जाते हैं।
- जब पत्तियों के उपरी सतह पर कोणीय धब्बे बनते है प्राय: उसी के अनुरूप ही निचली सतह पर भी जल रहित धब्बे बनते है।
- जैसे-जैसे रोग बढ़ता हैं धब्बे पीले और भूरे रंग के हो जाते हैं।
- ग्रसित लताओं पर फल नहीं लगते हैं।
गेहूं का भंडारण करते समय रखें इन बातों का ख्याल
- सुरक्षित भंडारण हेतु गेहूं के दानों में 10-12% से अधिक नमी नहीं होनी चाहिए।
- अनाज को बोरियों, कोठियों या कमरे में रखने के बाद एल्युमिनियम फास्फाइड 3 ग्राम की दो गोली प्रति टन की दर से रखकर बंद कर देना चाहिए।
मिर्च में मोजेक वायरस की पहचान
- इस वायरस के संपर्क में आने से पत्तियों पर गहरे हरे और पीले रंग के धब्बे निकलते हैं।
- इसके कारण हलके गड्ढे और फफोले भी दिखाई पड़ते हैं।
- कभी-कभी पत्ती का आकार अति सुक्ष्म सूत्रकार हो जाता है।
- यह सफ़ेद मक्खी के माध्यम से फैलता है।
- इस वायरस से ग्रषित पौधों में फूल और फल कम लगते हैं।
- इसके कारण फल भी विकृत और खुरदुरे हो जाते हैं।
गिलकी एवं तुरई की फसल के लिए खेत की तैयारी के समय पोषक तत्व प्रबंधन:
- खेत की तैयारी के समय 8-10 टन प्रति एकड़ की दर से गोबर की खाद का प्रयोग करें।
- 30 किलोग्राम यूरिया 70 किलोग्राम सिंगल सुपर फास्फेट एवं 35 किलोग्राम म्यूरेट ऑफ़ पोटाश को अंतिम जुताई के समय डालें।
- अन्य बचे हुये 30 किलोग्राम यूरिया की आधी मात्रा को 8-10 पत्ती वाली अवस्था में तथा आधी मात्रा को फूल आने के समय डालें।
मिश्रित खेती के अंतर्गत लगायी जाने वाली फसलें
क्र. | मुख्य फसल | अंतरसस्य फसले | |
1. | सोयाबीन | मक्का, अरहर |
|
2. | भिड़ी | धनियाँ, पालक | |
3. | कपास | मूँगफली, उड़द, हरी मूंग, मक्का | |
4. | मिर्ची | मूली, गाजर | |
5. | आम | हल्दी, प्याज |
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किसान भाई ऐसे करें पीएम किसान सम्मान निधि योजना के लिए आवेदन
- इसके आवेदन के लिए एक पेज का आसान फॉर्म बनाया गया है, जिसमे बेसिक जानकारियों के लिए बैंक रिकॉर्ड और साथ ही फसल की बुआई संबंधित जानकारी के साथ भूमि संबंधित विवरण के एक प्रति की आवश्यकता होगी।
- यह आवेदन फॉर्म पूरे भारत के सभी प्रमुख अखबारों में प्रकाशित होगा और पीएम किसान सम्मान निधि योजना के अंतर्गत आने वाले लाभार्थी इसे काट कर भर सकते हैं।
- आप चाहें तो सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों की वेबसाइट, कृषि विभाग, सहकारिता और किसान कल्याण विभाग की वेबसाइट और PM- KISAN से भी यह आवेदन फॉर्म डाउनलोड कर सकते हैं।
- कॉमन सर्विस सेंटरों को आवेदन फॉर्म भरने और संबंधित बैंक को भेजने की अनुमति दी गई है।
किसानों के लिए खुशखबरी लेकर आए बजट 2020…
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा आज मोदी सरकार 2.0 का दूसरा बजट पेश किया गया है। इस बजट में सरकार ने कॉर्पोरेट से लेकर आम आदमी तक सभी के लिए कई बड़े एलान किए है जिनमे जीएसटी का आसान वर्जन लाना और इनकम टैक्स स्लैब में बदलाव करना भी शामिल है। इसके साथ ही वित्त मंत्री ने किसानों के लिए भी 16 बड़े ऐलान किए है, जो इस प्रकार है-
बजट में किसानों के लिए 15 बड़े ऐलान किए गए हैं –
- राज्य सरकारों द्वारा मॉर्डन एग्रीकल्चर लैंड एक्ट को लागू करवाया जायेगा।
- पानी की समस्या से जूझ रहे देश के 100 जिलों में पानी की व्यवस्था के लिए बड़ी योजनाए चलाई जाएगी, ताकि किसानों को पानी की कमी से जूझना न पड़े।
- पीएम कुसूम स्कीम के जरिए 20 लाख किसानों को सोलर पंप का लाभ दिया जायेगा। वहीं अन्य 15 लाख किसानों के ग्रिड पंप को भी सोलर से जोड़ा जाएगा।
- किसानों को फसल में फर्टिलाइजर के बैलेंस इस्तेमाल करने के लिए जागरूक किया जाएगा, ताकि किसानों को फसल में फर्टिलाइजर के इस्तेमाल की जानकारी को बढ़ाया जा सके।
- सभी सरकारी वेयर हाउस और कोल्ड स्टोरेज नबार्ड के अंतर्गत शामिल किये जायेगे और उन्हें नए तरीके से डेवलेप किया जाएगा। इसके साथ-साथ देश में PPP मॉडल वाले नए वेयर हाउस, और कोल्ड स्टोरेज बनाए जाएंगे।
- सरकार ने महिला किसानों के लिए धन्य लक्ष्मी योजना का भी ऐलान किया है, जो कृषि के छेत्र में महिलाओं की भागीदारी को और मजबूती प्रदान करेगा
- वित्त मंत्री ने नेशनल और इंटरनेशनल रूट पर कृषि उड़ान योजना को शुरू करने का भी एलान किया है।
- दूध, मांस, मछली जैसे जल्दी खराब होने वाले खाद्य पदार्थों के लिए अलग से रेल भी चलाई जाएगी।
- किसानों के हित-अनुसार एक जिला-एक प्रोडक्ट पर फोकस किया जाएगा।
- जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए ऑनलाइन मार्केट तैयार किया जायेगा।
- सरकार ने किसान क्रेडिट कार्ड योजना को भी 2021 तक एक लिए बढ़ाने का एलान किया है।
- सरकार दूध के उत्पादन को दोगुना करने के लिए भी कुछ योजनाएं चलाएगी।
- मनरेगा के अंदर चारागार को जोड़ दिया जाएगा।
- ब्लू इकॉनोमी के जरिए मछली पालन और फिश प्रोसेसिंग को बढ़ावा दिया जाएगा।
- दीन दयाल योजना के तहत किसानों को दी जाने वाली मदद को भी बढ़ाया जाएगा।