- मटर की फसल में सबसे महत्वपूर्ण अवस्था होती है फूल अवस्था।
- इसी कारण मटर की फसल के फूल अवस्था में पोषण प्रबंधन करना बहुत आवश्यक होता है।
- बदलते मौसम एवं फसल में पोषक तत्वों की कमी के कारण मटर की फसल में फूल गिरने की समस्या होती है।
- अधिक मात्रा में फूल गिरने के कारण मटर की फसल में फल उत्पादन बहुत प्रभावित होता है।
- इस समस्या के निवारण के लिए सूक्ष्म पोषक तत्व@ 250 ग्राम/एकड़ की दर से उपयोग करें।
- फूल गिरने से रोकने के लिए होमब्रेसिनोलाइड @ 100 मिली/एकड़ या पेक्लोबूट्राज़ोल 40% SC @ 30 मिली/एकड़ की दर से उपयोग करें।
रबी फसलों का करवा लें बीमा, फसल क्षति की होगी भरपाई
किसान भाई वर्तमान में रबी फसलों की बुआई में व्यस्त हैं। पर इस व्यस्तता के बीच किसान भाई अपनी फसलों का बीमा करवाना ना भूले। इससे आपकी फसल को प्राकृतिक आपदाओं से होने वाली क्षति में मदद मिल जाती है और आपको ज्यादा नुकसान नहीं उठाना पड़ता है।
किसान प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत रबी मौसम 2020-21 की फसलों के लिये बीमा करवा सकते हैं। बीमा करवाने की आखिरी तारिख 31 दिसम्बर 2020 है। बता दें की खरीफ सीजन में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत फसलों का बीमा करवाने वाले किसानों को फसल क्षति की भरपाई की गई थी।
अगर आप फसल बीमा करवाते हैं तो प्राकृतिक आग (आकाशीय बिजली गिरना), बादल फटना, तूफान, ओलावृष्टि, चक्रवात, अंधड़, टेम्पेस्ट, हरीकेन, टोरनेडो, बाढ़, जल भराव, भू-स्खलन, सूखा, कीट व्याधियाँ इत्यादि से फसल को होने वाले नुकसान की भरपाई आप बीमा से प्राप्त कर सकते हैं।
फसल बीमा करवाने हेतु आप एग्रीकल्चर इंश्योरेंस कंपनी ऑफ इंडिया लिमिटेड के टोल फ्री नम्बर 18002337115 पर संपर्क कर सकते हैं। रबी वर्ष 2020-21 के लिये जारी की गई अधिसूचना http://govtpressmp.nic.in/history-gazette-extra-2020.html पर उपलब्ध है।
स्रोत: कृषक जागरण
Shareमटर की फसल में फल छेदक का प्रकोप एवं नियंत्रण
- फल छेदक या पोड बोरर मटर की फसल का एक प्रमुख कीट है जो फसल को भारी नुकसान पहुंचाता है।
- यह मटर की फसल की फलियों को बहुत अधिक नुकसान पहुँचाता है। यह कीट मटर की फली में छेद करके उसके अंदर के दाने को खाकर नुकसान पहुँचता है।
- इसके नियंत्रण के लिए इमामेक्टिन बेंजोएट 5% SG @ 100 ग्राम/एकड़ या फ्लूबेण्डामाइड 39.35% SC @ 100 ग्राम/एकड़ या क्लोरानट्रानिलीप्रोल 18.5% SC @ 60 मिली/एकड़ की दर से छिड़काव करें।
- जैविक उपचार के रूप में बवेरिया बेसियाना @ 250 ग्राम/एकड़ की दर से छिड़काव करें।
लहसुन की फसल में 60-65 दिनों में जरूर करें पोषण प्रबंधन
- लहसुन की फसल से अच्छा उत्पादन प्राप्त करने के लिए पोषण प्रबंधन करना बहुत आवश्यक होता है।
- सही समय पर पोषक तत्वों की पूर्ति करने से लहसुन की फसल में कंद का निर्माण बहुत अच्छा होता है।
- लहसुन की फसल में 60-65 दिनों में पोषण प्रबंधन करने के लिए कैल्शियम नाइट्रेट @ 10 किलो/एकड़ + पोटाश @ 20 किलो/एकड़ की दर से मिट्टी उपचार के रूप में उपयोग करें।
- लहसुन की फसल में 60-65 दिनों में पोषण प्रबंधन करने के बाद खेत में सिंचाई अवश्य करें।
10 हजार नए एफपीओ खोल कर किसानों की आय बढ़ाने की तैयारी
केंद्रीय कृषि मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर ने 10 हजार नए एफपीओ खोल कर किसानों की आय बढ़ाने की बात कही। उन्होंने ये बातें पिछले दिनों आयोजित नेशनल एग्रीकल्चरल कोऑपरेटिव मार्केटिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड के शहद किसान उत्पादक संगठन कार्यक्रम के उदघाटन समारोह में कही।
इस दौरान कृषि मंत्री ने 10 हजार एफपीओ बनाने की केंद्र सरकार की योजना के अंतर्गत 5 राज्यों में मधुमक्खी पालकों/शहद संग्राहकों के 5 नए एफपीओ का शुभारंभ किया। ये नए एफपीओ मध्य प्रदेश के मुरैना, पश्चिम बंगाल के सुंदरबन, बिहार के पूर्वी चंपारण, राजस्थान के भरतपुर और उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले में बनाये गए हैं।
श्री तोमर ने यहाँ कहा कि “10 हजार नए कृषक उत्पादक संगठन बनने पर छोटे-मझौले किसानों के जीवन में बदलाव आएगा और इनकी आय काफी बढ़ेगी, वहीं मीठी क्रांति से दुनिया में भारत का महत्वपूर्ण स्थान बनेगा।”
स्रोत: कृषक जगत
Shareमैक्समाइको से किसान हुआ खुश, 2.5 क्विंटल/एकड़ तक बढ़ गया धान का उत्पादन
बाजार में किसानों की फसल से उपज बढ़ाने के दावे तो बहुत सारे उत्पाद करते हैं पर अपने दावों पर कुछ ही उत्पाद खरे उतरते हैं। ऐसा ही एक उत्पाद है ग्रामोफ़ोन का मैक्समाइको जिसके इस्तेमाल से बहुत सारे किसानों ने अलग अलग फ़सलों से अच्छा उत्पादन प्राप्त किया है। इन्हीं किसानों में से एक हैं मध्यप्रदेश के होशंगाबाद जिले के हासलपुर गांव के किसान श्री रतनेश मीणा जी जिन्होंने अपनी धान की फसल में मैक्समाइको का इस्तेमाल किया था।
रतनेश जी ने 10 एकड़ में धान की फसल लगाई थी। इसमें 6 एकड़ में उन्होंने मैक्समाइको डाला और 4 एकड़ में नहीं डाला। मैक्समाइको के इस्तेमाल वाली धान की फसल को बेहतर बढ़वार मिली। आखिरकार जब कटाई के बाद उपज आई तो मैक्समाइको वाले 6 एकड़ में 16 क्विंटल/एकड़ की औसत से कुल उपज 96 क्विंटल रही वहीं बिना मैक्समाइको वाली 4 एकड़ की फसल का उत्पादन 13.5 क्विंटल/एकड़ की औसत से महज 54 क्विंटल रहा।
रतनेश जी की तरह आप भी अपनी फसल में मैक्समाइको का इस्तेमाल कर सकते हैं और अच्छी उपज की प्राप्ति कर सकते हैं। अपने घर पर मैक्समाइको मंगवाने के लिए आप हमारे टोल फ्री नंबर 18003157566 पर मिस्डकॉल करें या फिर ग्रामोफ़ोन कृषि एप पर लॉगिन करें।
Shareजुगाड़ से बने इस मशीन से करें प्याज की रोपाई, घंटों का काम हो जायेगा मिनटों में
जुगाड़ तकनीक से बनाये गए इस मशीन से प्याज के पौध की खेत में रोपाई का कार्य बड़ी ही आसानी से और बहुत ही कम समय में पूरा कर देता है। इस मशीन पर कुछ लोग बैठ जाते हैं और प्याज के पौध को मशीन में डालते हैं। मशीन एक ही बार में कई पौधे खेत में रोप देता है।
वीडियो स्रोत: एग्री टेक
Shareप्रधानमंत्री किसान सम्मान योजना के लाभार्थी सूची से 2 करोड़ किसान हटाए गए
प्रधानमंत्री कृषि सम्मान निधि योजना के अंतर्गत लाभार्थी किसानों के बैंक खातों में सातवीं क़िस्त के 2000 रूपये एक दिसंबर से भेजे जाने शुरू हो गए हैं। हालांकि अब खबर आई है की इस योजना से 2 करोड़ से भी ज्यादा किसानों के नाम हटा दिए गए हैं।
सरकार द्वारा यह कदम फर्जी किसानों पर नकेल कसने के उद्देश्य से उठाई जा रही है। कुछ दिन पहले पीएम किसान सम्मान निधि के पोर्टल पर लाभार्थी किसानों की संख्या 11 करोड़ के करीब थी पर सरकार द्वारा उठाये गए इस कदम के बाद यह संख्या अब घटकर 9 करोड़ 97 लाख के करीब रह गई है।
गौरतलब है की सरकार हर चार महीने के अंतराल पर 2 हजार रुपये की किस्त किसानों के बैंक खाते में डालती है। अब तक इस योजना के अंतर्गत 6 किस्तें भेजी जा चुकी हैं और वर्तमान में सातवीं क़िस्त भेजी जा रही है।
स्रोत: जी न्यूज़
Shareफसल से अच्छी उपज प्राप्ति के लिए ऐसे करें तापमान का नियंत्रण
खेतों की सिंचाई जरूरी: जब भी तापमान कम होने की संभावना हो या मौसम विभाग ने पूर्वानुमान में पाले की चेतावनी दी गई हो तो फसल में हल्की सिंचाई कर देनी चाहिए। इससे तापमान 0 डिग्री सेल्सियस से नीचे नहीं गिरेगा और फसलों को तापमान कम होने से होने वाले नुकसान से बचाया जा सकता है। सिंचाई करने से 0.5–2 डिग्री सेल्सियस तक तापमान में बढ़ोतरी हो जाती हैं।
पौधे को ढकें: तापमान कम होने का सबसे अधिक नुकसान नर्सरी में होता है। नर्सरी में पौधों को रात में प्लास्टिक की चादर से ढकने की सलाह दी जाती है। ऐसा करने से प्लास्टिक के अन्दर का तापमान 2-3 डिग्री सेल्सियस बढ़ जाता है। इससे सतह का तापमान जमाव बिंदु तक नहीं पहुंच पाता। पॉलीथिन की जगह पर पुआल का इस्तेमाल भी किया जा सकता है। पौधों को ढकते समय इस बात का ध्यान जरूर रखें कि पौधों का दक्षिण पूर्वी भाग खुला रहे, ताकि पौधों को सुबह व दोपहर को धूप मिलती रहे।
वायु अवरोधक: ये अवरोधक शीत लहरों की तीव्रता को कम करके फसल को होने वाले नुकसान से बचाते हैं। इसके लिए खेत के चारों ओर ऐसी फसलों की बुआई करनी चाहिए जिनसे की हवा कुछ हद तक रोका जा सके जैसे चने के खेत में मक्का की बुआई करनी चाहिए। फलवृक्षों की पौध को पाले से बचाने के लिए पुआल या किसी अन्य वस्तु से धूप आने वाली दिशा को छोड़कर ढक देना चाहिए।
खेत के पास धुंआ करें: तापमान नियंत्रण के लिए आप अपने खेत में धुंआ पैदा कर दें, जिससे तापमान जमाव बिंदु तक नहीं गिरेगा और फसलों को नुकसान से बचाया जा सकेगा।
Shareप्याज़ की फसल में कंद बनते समय ऐसे करें पोषण प्रबधन
- प्याज की फसल में अंकुरण होने के बाद और जब तक पौधे में 3 पत्ती नहीं निकलती, तब तक फसल जमीन के ऊपर और जमीन के नीचे धीरे-धीरे बढ़ती है।
- एक बार 3 पत्ती निकलने के बाद, फसल का विकास तेज हो जाता है। यह विकास जमीन के अंदर होता है।
- इस दौरान पौधे प्रकाश संश्लेषण की गतिविधि को बढ़ाते है, बड़े पत्तों का उत्पादन करते हैं और बल्ब बनाने के लिए आवश्यक पदार्थों का भंडार करने लगते हैं।
- इस स्तर पर पौधों में पोषण प्रबंधन बल्ब के गठन, फसल के विकास और अंतिम पैदावार की शुरुआत के लिए महत्वपूर्ण है।
- इस समय छिड़काव के रूप में पैक्लोब्यूट्राजोल 40% SC@ 30 मिली/एकड़ की दर से छिड़काव करें।
- कैल्शियम नाइट्रेट@ 10 किलो/एकड़ + पोटाश@ 25 किलो/एकड़ की दर से मिट्टी उपचार के रूप में उपयोग करें।