- तरबूज़ की फसल में बुआई के समय उर्वरक प्रबंधन करने से फसल में पोषण से संबंधित समस्याओं से सुरक्षा होती है।
- उर्वरक प्रबंधन करने से पोषक तत्वों की पूर्ति होती है एवं फसल में पोषक तत्वों की कमी से सुरक्षा होती है।
- बुआई के समय उर्वरक प्रबंधन करने के लिए DAP @ 50 किलो/एकड़ + एसएसपी @ 75 किलो/एकड़ + पोटाश @ 75 किलो/एकड़ + जिंक सल्फ़ेट @ 10किलो/एकड़ + मैगनेशियम सल्फ़ेट @ 10 किलो/एकड़ की दर से मिट्टी उपचार के रूप में उपयोग करें।
- इस प्रकार उर्वरक प्रबंधन करने से फसल एवं मिट्टी में फॉस्फोरस, पोटाश, नाइट्रोजन जैसे उर्वरकों की पूर्ति आसानी से हो जाती है।
चने की फसल में बुआई के 40-45 दिनों में करें ये छिड़काव
- चने की फसल में 40-45 दिनों में छिड़काव प्रबंधन करने से फसल के वृद्धि एवं विकास में काफी लाभ मिलता है।
- इस समय चने की फसल में फूल एवं फल आने शुरू हो जाते हैं जिसकी वजह से चने की फसल में बहुत अधिक मात्रा में कीट प्रकोप होता है। कीटों के प्रकोप के कारण चने की फसल का उत्पादन बहुत ज्यादा प्रभावित होता है।
- कीट नियंत्रण के लिए: इमामेक्टिन बेंजोएट 5% SG@ 100 ग्राम/एकड़ या थियामेंथोक्साम 25% WG@ 100 ग्राम/एकड़ का उपयोग करें।
- जैविक उपचार के रूप में बवेरिया बेसियाना@ 250 ग्राम/एकड़ की दर से उपयोग करें।
- कवक रोगो के लिए: हेक्साकोनाज़ोल 5% SC@ 400 ग्राम/एकड़ या थायोफिनेट मिथाइल 70% W/W @ 300 ग्राम/एकड़ की दर से उपयोग करें।
- जैविक उपचार के रूप में ट्रायकोडर्मा विरिडी@ 500 ग्राम/एकड़ या स्यूडोमोनास फ्लोरोसेंस @ 250 ग्राम/एकड़ की दर से उपयोग करें।
- वृद्धि विकास के लिए: होमोब्रेसीनोलाइड 0.04% @ 100 मिली/एकड़ या पेक्लोबूट्राज़ोल 40% SC@ 30 मिली/एकड़ की दर से उपयोग करें।
18 दिसंबर को किसानों के खातों में भेजे जाएंगे 1600 करोड़ रुपये
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ऐलान किया है की प्रदेश के किसानों को आगामी 18 दिसंबर को 1600 करोड़ रूपये दिए जाएंगे। उन्होंने बताया की 1600 करोड़ रूपये की यह राशि इसी साल हुई सोयाबीन आदि फ़सलों के नुकसान का पैसा है।
बता दें की 1600 करोड़ रूपये दरअसल कुल राहत राशि का एक हिस्सा है। मुख्यमंत्री ने किसानों से कहा है कि एक किस्त अभी देंगे और बाद में दूसरी किस्त भी देंगे। तब तक फसल बीमा योजना की राशि भी आ जाएगी।
स्रोत: नवभारत टाइम्स
Shareइंदौर के अलग अलग मंडियों में क्या चल रहा है भाव?
डिवीजन | मंडी | फसल | न्यूनतम दर (₹/क्विंटल) |
अधिकतम दर (₹/क्विंटल) |
मॉडल दर (₹/क्विंटल) |
इन्दौर | खरगोन | कपास | 3800 | 5725 | 4700 |
इन्दौर | खरगोन | गेहूँ | 1550 | 1756 | 1630 |
इन्दौर | खरगोन | ज्वार | 1170 | 1175 | 1175 |
इन्दौर | खरगोन | तुअर/अरहर | 5456 | 5571 | 5571 |
इन्दौर | खरगोन | मक्का | 1250 | 1336 | 1280 |
इन्दौर | खरगोन | सोयाबीन | 3855 | 4380 | 4160 |
इन्दौर | सेंधवा | टमाटर | 700 | 1300 | 1000 |
इन्दौर | सेंधवा | पत्ता गोभी | 800 | 1200 | 1000 |
इन्दौर | सेंधवा | फूलगोभी | 900 | 1500 | 1200 |
इन्दौर | सेंधवा | बैंगन | 700 | 1100 | 900 |
इन्दौर | सेंधवा | भिण्डी | 900 | 1300 | 1100 |
इन्दौर | सेंधवा | लौकी | 900 | 1200 | 1050 |
अब किसान क्रेडिट कार्ड बनाने के लिए नहीं लगाने होंगे बैंकों के चक्कर
किसान क्रेडिट कार्ड का फायदा सभी किसानों तक पहुँचाने के लिए सरकार ने अब इसे प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना से जोड़ दिया है। हालाँकि इस कदम के बाद भी किसान क्रेडिट कार्ड लेने की प्रक्रिया कठिन थी जिसकी वजह से किसान योजना में आवेदन नहीं कर पा रहे थे। अब इस परेशानी को दूर करने के लिए सरकार ने यूपीपीएम किसान केसीसी मोबाइल एप लांच किया है।
इस एप की मदद से किसान अब घर बैठकर किसान क्रेडिट कार्ड के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। इससे उन्हें काफी सहूलियत होगी और कहीं जाने की जरूरत भी नहीं पड़ेगी।
स्रोत: जागरण
Shareप्याज़ के पौध की खेत में रोपाई के समय करें पोषण प्रबंधन
- प्याज़ की पौध को मुख्य खेत में लगाने से पहले पोषण प्रबंधन करना बहुत आवश्यक होता है।
- अतः इस बात का विशेष ध्यान रखते हुए रोपाई के समय खेत में सभी पोषक तत्वों की पूर्ति होना आवश्यक है।
- इस समय पोषण प्रबधन करने के लिए युरिया @ 25 किलो/एकड़ की दर से मिट्टी उपचार के रूप में उपयोग करें।
- युरिया का उपयोग नाइट्रोज़न स्रोत के रूप एवं फसल एवं मिट्टी में नाइट्रोज़न की कमी की पूर्ति के लिए किया जाता है। यह फसल की बढ़वार के लिए आवश्यक है।
- इसी के साथ ग्रामोफ़ोन की पेशकश प्याज़ समृद्धि किट का उपयोग अच्छी वृद्धि एवं प्याज़ की फसल के अच्छे विकास के लिए किया जा सकता है।
प्याज़ की खेत में रोपाई से पहले ऐसे करें पौध उपचार
- जिस प्रकार प्याज़ की रोपाई के पूर्व मिट्टी उपचार आवश्यक होता है ठीक उसी प्रकार रोपाई के समय पौध उपचार करना भी बहुत आवश्यक होता है।
- इससे जमीन में मौजूद अनुपलब्ध तत्व प्याज़ की फसल को प्राप्त होते है जो की प्याज़ की सामान एवं जल्दी वृद्धि के लिए सहायक होते हैं।
- जड़ों की अच्छी वृद्धि एवं विकास तथा सफ़ेद जड़ों की संख्या में बढ़ोतरी के साथ साथ प्याज़ की फसल को अच्छी शुरुआत देने में भी पौध उपचार मददगार होता है।
- पौध उपचार करने के लिए माइकोराइजा @ 5 ग्राम प्रति लीटर का घोल तैयार करें। पौध को खेत से उखाड़ने के बाद, 10 मिनट के लिए इस घोल में डुबोएं और इसके बाद खेत में बुआई करें।
बारिश के बाद अब बढ़ेगी ठंड, जानें अपने क्षेत्र का मौसम पूर्वानुमान
देश के कई राज्यों में ठंड का असर अब देखने को मिलने लगा है। राजधानी दिल्ली और एनसीआर समेत देश के कई इलाकों में ठंड बढ़ने लगी है। हर रोज तापमान में गिरावट हो रही है।
बात करें अगले 24 घंटों के मौसम पूर्वानुमान की तो पूर्वी मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और विदर्भ में हल्की हल्की बारिश की गतिविधियाँ जारी रहेंगी। दक्षिण-पूर्वी उत्तर प्रदेश और झारखंड के कुछ हिस्सों में भी हल्की बारिश हो सकती है। पंजाब, हरियाणा के साथ-साथ उत्तर प्रदेश के कुछ इलाकों में घने कोहरे के कारण कड़ाके की ठंड जारी रहने की संभावना है। दिल्ली में भी शीतलहर की आशंका है।
स्रोत: कृषि जागरण
Shareसरकार इन 6 कीटनाशकों पर प्रतिबंध लगाने की तैयारी में
आगामी 31 दिसंबर 2020 से 6 कीटनाशकों पर प्रतिबंध लगाने वाली है। बताया जा रहा है की इन कीटनाशकों का उपयोग लोगों और जानवरों के लिए जोखिम भरा है।
ये छह कीटनाशक हैं
– अल्लाक्लोर (Alaclor)
– डिक्लोरवोस (Dichlorvos)
– फूलना (Phorate)
– फॉस्फैमिडन (Phosphamidon)
– ट्रायजोफॉस (Triazophos)
– ट्राइक्लोरफॉन (Trichlorfon)
इससे पहले सरकार ने 8 अगस्त 2020 से 12 कीटनाशकों पर प्रतिबंध लगा दिया था
ये 12 कीटनाशक हैं
– बेनामिल (Benomyl)
– कार्बेरिल (Carbaryl)
– डायज़िनॉन (Diazinon)
– फेनारिमोल (Fenarimol)
– दसवां
– लिनुरोन (Linuron)
– मेथॉक्सी एथिल मरक्यूरिक क्लोराइड (Methoxy Ethyl Mercury Chloride)
– मिथाइल पैराथियान (Methyl Parathion)
– सोडियम साइनाइड (Sodium Cyanide)
– थिओमेटोन (Thiometon)
– ट्राइडेमॉर्फ (Tridemorph)
– ट्राइफ्यूरलिन (Trifluralin)
स्रोत: कृषि जागरण
Shareप्याज़ की नर्सरी से खेत में रोपाई से पहले मुख्य खेत की तैयारी और मिट्टी उपचार
- प्याज़ की पौध को मुख्य खेत में लगाने से पहले मुख्य खेत की तैयारी करना बहुत आवश्यक होता है।
- खेत की तैयारी के समय इस बात का विशेष ध्यान रखें की खेत में सभी पोषक तत्वों की पूर्ति होना आवश्यक है।
- खेत की तैयारी के लिए FYM @ 4-6 टन/एकड़ की दर से मिट्टी में कार्बन तत्व की पूर्ति के लिए खेत में भुरकाव करें।
- एसएसपी @ 60 किलो/एकड़ की दर से फॉस्फोरस, कैल्शियम, सल्फर तत्वों की पूर्ति लिए खेत में भुरकाव करें।
- DAP@ 25 किलो/एकड़ की दर से जड़ों के अच्छे वृद्धि एवं विकास के लिए खेत में भुरकाव करें।
- पोटाश @ 40 किलो/एकड़ की दर से फसल में एवं मिट्टी में पोटाश की पूर्ति के लिए खेत में भुरकाव करें।
- इसी के साथ ग्रामोफ़ोन की खास पेशकश प्याज़ समृद्धि किट का उपयोग अवश्य करें।