सोयाबीन की फसल में राइजोबियम का होता है ख़ास महत्व

Rhizobium has special importance in soybean crop
  • सोयाबीन की जड़ों में विशेष प्रकार का जीवाणु पाया जाता है जिसे राइजोबियम कहते हैं।

  • राइजोबियम सोयाबीन की फसल को फायदा पहुंचाने वाला एक महत्वपूर्ण जीवाणु है, यह एक सहजीवी जीवाणु है।

  • राइजोबियम जीवाणु सोयाबीन की फसल की जड़ में सहजीवी के रूप में रहकर वायुमंडलीय नाइट्रोज़न को नाइट्रेट के रूप में परिवर्तित करके सोयाबीन की फसल में नाइट्रोजन की पूर्ति करता है।

  • राइजोबियम जीवाणु मिट्टी में स्थापित होने के बाद सोयाबीन की फसल की जड़ तंत्र में प्रवेश करके छोटी गाठें बना लेते हैं।

  • सोयाबीन के पौधे की जड़ों की गाठों में जीवाणु बहुत अधिक संख्या में होते हैं। पौधे का स्वस्थ होना गाठों की संख्या पर निर्भर करता है।

  • इन जीवाणुओं द्वारा नाइट्रोजन को मिट्टी में स्थिर किया जाता है, यह नाइट्रोजन अगली फसल को भी प्राप्त होती है, विशेषकर जब हम गेहूँ की फसल लगाते हैं तब नाइट्रोजन युक्त उर्वरक का कम प्रयोग कर सकते हैं।

  • दो प्रकार से, राइज़ोबियम का उपयोग फसलों में किया जा सकता है बीज़ उपचार और मिट्टी उपचार के रूप में।

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मिर्च समृद्धि किट की मदद से हुई जबरदस्त मिर्च की उपज, किसान हुआ मालामाल

Cotton Samriddhi Kit

खरगोन जिले के जामली गांव के किसान शुभम चौहान ने कृषि क्षेत्र में स्नातक तक की पढ़ाई की और फिर ग्रामोफोन की मदद से स्मार्ट खेती करने की शुरुआत की। उन्हें इसका बहुत अच्छा नतीजा मिला, ख़ास कर के मिर्च की फसल में जब उन्होंने ग्रामोफ़ोन की मिर्च समृद्धि किट का इस्तेमाल किया तो इससे उपज में 40% की भारी वृद्धि देखने को मिली।

फसल की बुआई के साथ ही अपने खेत को ग्रामोफ़ोन एप के मेरे खेत विकल्प से जोड़ें और पूरे फसल चक्र में पाते रहें स्मार्ट कृषि से जुड़ी सटीक सलाह व समाधान। इस लेख को नीचे दिए गए शेयर बटन से अपने मित्रों संग साझा करें।

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सरकार देगी 2 करोड़ का लोन, किसान उत्पादक संगठन उठा सकते हैं लाभ

Government will give loan of 2 crores to farmer producer organizations

किसानों की समृद्धि के लिए सरकार कई कदम उठा रही है। इसी कड़ी में केंद्र सरकार ने किसान उत्पादक संगठन के लिए एक बड़ी पहल की है। दरअसल सरकार की ओर से अब किसान उत्पादक संगठनों को 2 करोड़ तक का लोन मिल सकता है।

बता दें की सरकार की तरफ से मिलने वाले इस लोन के एवज में मिलने वाले ब्याज में भी छूट दी जा सकती है। केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने इस विषय पर कहा है कि “6 हजार 856 करोड़ रूपए खर्च करके 10 हजार किसान उत्पादक संगठन बनाने की योजना है, जिन्हें 2 करोड़ का लोन सहित ब्याज में छूट प्रदान करने की योजना है।”

स्रोत: कृषि जागरण

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मध्यप्रदेश के कई जिले में बारिश के साथ बिजली गिरने की संभावना, जानें मौसम पूर्वानुमान

weather forecast

मध्य प्रदेश के जबलपुर बालाघाट होशंगाबाद से लेकर रतलाम तक हलकी बारिश की संभावना बनी हुई है। इंदौर उज्जैन देवास धार मंदसौर भोपाल और विदिशा आदि क्षेत्रों में बारिश के साथ बिजली गिरने की भी संभावना जताई जा रही है। बात मॉनसून की करें तो केरल में यह जल्द दस्तक दे सकता है।

वीडियो स्रोत: मौसम तक

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29 मई को मध्य प्रदेश में क्या रहे मंडी भाव?

Madhya pradesh Mandi bhaw

सोयाबीन के भाव

मंडी

न्यूनतम

अधिकतम

अलोट

5500

6666

नीमच

6931

7540

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चुनें सोयाबीन के उन्नत बीज किस्म और बंपर उपज से कमाएं जबरदस्त मुनाफ़ा

Soybean Advanced Seed Variety

जे एस 2034, जे एस 95-60 

  • फसल पकने की अवधि 87-88 दिन

  • उपज 8-10 क्विंटल/एकड़ 

  • कई रोगो के प्रति प्रतिरोधी किस्म

  • कम और मध्यम बारिश एवं हल्की व मध्यम मृदा के लिए उपयुक्त

जे एस 2029 

  • जेएस 2029 एक नई किस्म हैं जो JNKVV  द्वारा विकसित की गई है

  • उपज लगभग 10 -12 क्विण्टल/एकड़

  • फसल पकने की अवधि 90-95 दिन

  • इसके 100 दानों का वजन 13 ग्राम होता हैं

जे एस 93-05

  • फसल पकने की अवधि: अगेती, 90-95 दिन

  • उपज  8 -10  क्विंटल/एकड़ 

  • 100 दाने का वजन 13 ग्राम से ज्यादा 

जे एस-335

  • फसल पकने की अवधि 95-110 दिन

  • अधिक शाखाओं वाले पौधे

  • उपज 10 -12  क्विंटल/एकड़

  • 100 दाने का वजन 10-13 ग्राम

जे एस 97-52

  • अवधि: 100-110 दिन

  • उपज 10 -12  क्विंटल/एकड़

  • 100 दाने का वजन 12-13 ग्राम 

  • रोग एवं कीट के प्रति सहनशील

  • अधिक नमी वाले क्षेत्रों के लिये उपयोगी 

जे एस 72-44

  • अवधि: 95-105 दिन

  •  पौधा सीधा और करीब 70 सेमी लम्बा होता है ।

  • उपज क्षमता 10 -12  क्विंटल/एकड़

जे एस 90-41

  • अवधि: 90-100 दिन  

  • फूल बैंगनी रंग के होते है तथा हर फली में 4 दाने होते हैं 

  • उपज क्षमता 10 -12  क्विंटल/एकड़

अहिल्या-3, अहिल्या-4

  • अवधि: 99-105 दिन 

  • उपज क्षमता 10 -12  क्विंटल/एकड़ 

  •  विभिन्न कीट-रोगों के लिए प्रतिरोधी किस्म

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मिलें उन करोड़पति किसानों ने जिन्होंने कृषि से कमाई के रिकॉर्ड तोड़ दिए

Meet the millionaire farmers who broke the record of Meet the millionaire farmers who broke the record of earninMeet the millionaire farmers who broke the record of earning from agricultureg from agriculturefrom agriculture

जब भी किसानों की बात आती है तो लोग वैसे किसानों की छवि महसूस करते हैं जो ज्यादा कमाई नहीं करते। हालांकि हमारे देश में ही ऐसे बहुत सारे किसान हैं जिन्होंने अपनी खेती से जबरदस्त कमाई की और करोड़पति किसान कहलाएं। आज देखिये ऐसे ही कुछ सफल किसानों के बारे में इस वीडियो के माध्यम से।

वीडियो स्रोत: ग्रीन टीवी

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अब इजरायल की तकनीक से बदलेंगे भारत के पारंपरिक खेत

Now India's traditional farms will be improved by Israeli technology

इजरायल कम पानी व आधुनिक तकनीक की सहायता से बेहतरीन खेती करने के लिए पूरे विश्व में प्रसिद्ध है। अब इजरायल भारत में भी खेती को आधुनिक बनाने में मदद करेगा।

इस विषय पर बात करते हुए केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि “भारत और इजरायल के बीच 1993 से कृषि क्षेत्र में द्विपक्षीय संबंध हैं। यह पांचवीं भारत-इजरायल कृषि कार्य योजना (आईआईएपी) है। अब तक हमने 4 कार्य योजनाओं को सफलतापूर्वक पूरा किया है। यह नयी कार्य योजना कृषि क्षेत्र में कृषक समुदाय के लाभ के लिए दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों और आपसी सहयोग को और मजबूत करेगी।”

उन्होंने आगे कहा की “इजरायली आधारित कार्य योजनाओं के तहत स्थापित ये उत्कृष्टता केंद्र किसानों की आय को दोगुना करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। भारत और इजरायल के बीच प्रौद्योगिकी के आदान-प्रदान से बागवानी की उत्पादकता और गुणवत्ता में काफी सुधार होगा, जिससे किसानों की आय में वृद्धि होगी।”

स्रोत: गांव कनेक्शन

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मिर्च की नर्सरी में ऐसे करें इल्ली का नियंत्रण

How to control the caterpillar in the chilli nursery
  • मिर्च की नर्सरी में बीज की बुआई के 15-20 दिन के अंदर बदलते मौसम के कारण कैटरपिलर का हमला हो सकता है।

  • इल्ली के प्रकोप के कारण मिर्च की पौध की वृद्धि ठीक से नहीं हो पाती है।

  • इल्ली मिर्च की पौध की कोमल पत्तियों को खाकर नष्ट कर देती है।

  • इसके नियंत्रण के लिए क्लोरानट्रानिलीप्रोल 18.5% SC @ 60 मिली/एकड़ या नोवालूरान 5.25% + इमामेक्टिन बेंजोएट 0.9% SC@ 600 मिली/एकड़ या प्रोफेनोफोस 40% + सायपरमेथ्रिन 4% EC@ 400 मिली/एकड़ या इमामेक्टिन बेंजोएट 5% SG@ 100 ग्राम/एकड़ की दर छिड़काव करें।

  • जैविक उपचार रूप में बवेरिया बेसियाना @ 250 ग्राम/एकड़ की दर से छिड़काव करें।

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तूफान यास का असर अभी भी जारी, जानें मौसम पूर्वानुमान

Yaas storm wreaked havoc on many states of the country

तूफान यास के असर से कई राज्यों में अभी भी बारिश हो रही है। यह चक्रवातीय तूफान अब कमजोर होकर निम्न दबाव के क्षेत्र में तब्दील हो गया है, लेकिन इसके प्रभाव से पूर्वी उत्तर प्रदेश और बिहार के कई जिलों में बारिश लगातार जारी है। दिल्ली सहित उत्तर भारत में भी आंशिक बादल छाने के आसार हैं। इसके साथ ही केरल में मानसून के जल्द आगमन की संभावना भी बन गई है। जो धीरे धीरे आगे बढ़ेगा और पूरे देश में बारिश करवाएगा।

वीडियो स्रोत: मौसम तक

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