एजोटोबैक्टर क्यों होता है फसलों के लिए बेहद लाभकारी?

What is Azotobacter and what is its importance in crops

एजोटोबैक्टर ऑक्सीजन की उपस्थिति में वायुमंडलीय नाइट्रोजन का स्थिरीकरण करने वाला जैव उर्वरक है। इसके प्रयोग से मिट्टी में 12-15 किलोग्राम नाइट्रोजन प्रति एकड़ स्थिर हो जाती है। एजोटोबैक्टर का उपयोग मिट्टी और बीजाें के उपचार तथा रोपाई के लिए किया जाता है। एजोटोबैक्टर का उपयोग मिट्टी के उपचार के लिए, 750 ग्राम एजोटोबैक्टर को 25 किलोग्राम सड़ी गोबर की खाद में समान रूप से मिलाएं और जुताई से पहले खेत मे डालें। एजोटोबैक्टर के उपयोग से लगभग 4-6 किलोग्राम तक नाइट्रोजन प्रति एकड़ परिवर्तित होकर पौधों को मिल जाती है। इसके इस्तेमाल से फसल का उत्पादन भी लगभग 10-20 प्रतिशत तक बढ़ जाता है। एजोटोबैक्टर, भूमि में पर्याप्त मात्रा में जैव सक्रिय पदार्थ विटामिन के लिए वृद्धिकारक है। इसके कारण बीज का अंकुरण तथा पौधे की बढ़वार अच्छी होती है। 

एजोटोबैक्टर कल्चर के उपयोग की विधि: एजोटोबैक्टर कल्चर से बीजों को उपचारित करने के लिए आवश्यकतानुसार पानी में 50 ग्राम गुड़ घोलकर उसमें 200 ग्राम कल्चर मिलाएं। इसको एक एकड़ के बीजाें पर छिड़कते हुए हल्के हाथाें से मिला दें, ताकि बीजाें पर कल्चर की एक बारीक परत चढ़ सके, इसके बाद बीजों की बुवाई करें। 

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कहीं भीषण गर्मी तो कहीं भारी बारिश, देखें मौसम पूर्वानुमान

know the weather forecast,

अगले 24 घंटे के दौरान पंजाब और हरियाणा के कुछ जिलों में हल्की मेघ गर्जना हो सकती है। पहाड़ों पर दो दिन के दौरान हल्की बारिश संभव है। उत्तर भारत सहित उत्तर पश्चिम भारत और पूर्वी भारत में अभी फिलहाल गर्मी से राहत नहीं मिलने वाली है। गर्म और शुष्क पश्चिमी हवाएं तापमान को बढ़ाएंगे और लू का प्रकोप पूरे गंगा के मैदान में क्षेत्र तक दिखाई देगा। विदर्भ और तेलंगाना में 14 जून को तेज बारिश होगी उसके बाद दक्षिण भारत में मानसून कमजोर पड़ जाएगा। 16 या 17 जून से मानसून फिर एक्टिव होगा। बिहार और उत्तर पूर्वी उत्तर प्रदेश में 17 जून से बारिश की गतिविधियां बढ़ना शुरू हो जायेगी। 18 और 19 जून को पश्चिम बंगाल, झारखंड, उड़ीसा, छत्तीसगढ़ और पूर्वी मध्य प्रदेश में भी बारिश तेज होना शुरू हो जाएगी।

स्रोत: स्काइमेट वेदर

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मध्य प्रदेश के मंडियों में क्या चल रहे हैं सरसों के भाव?

Mustard mandi bhaw

सरसों के मंडी भाव में तेजी देखने को मिल रही है। देखिये मध्य प्रदेश के अलग अलग मंडियों में क्या चल रहे हैं सरसों के भाव!

मध्य प्रदेश की मंडियों में सरसों के ताजा मंडी भाव
जिला कृषि उपज मंडी किस्म न्यूनतम मूल्य (प्रति क्विंटल) अधिकतम मूल्य (प्रति क्विंटल)
शाजापुर आगर सरसों 5147 5391
अशोकनगर अशोकनगर सरसों 5090 5621
अशोकनगर अशोकनगर सरसों-ऑर्गेनिक 4300 5400
छतरपुर बड़ामलहेरा सरसों 5300 5450
शिवपुरी बदरवास सरसों 4575 5550
सागर बामोरा सरसों 5299 5299
होशंगाबाद बानापुरा सरसों 4501 4501
शिवपुरी बराड़ सरसों 5601 5678
बैतूल बैतूल पीला (काला) 4700 4800
बैतूल बैतूल सरसों 4793 4875
भिंड भिंड सरसों 5230 5485
राजगढ़ ब्यावरा सरसों 4880 5315
मंडला बिछिया सरसों 4800 4800
सागर बीना सरसों 4450 5950
गुना बीनागंज सरसों 5020 5340
अशोकनगर चंदेरी सरसों 5325 5370
ग्वालियर डबरा सरसों 5600 5600
मंदसौर दलोदा सरसों 5201 5411
दमोह दमोह सरसों 4400 5395
देवास देवास सरसों 4800 5186
विदिशा गंजबासौदा सरसों 3000 5750
विदिशा गंजबासौदा सरसों-ऑर्गेनिक 2100 5481
सागर गढ़ाकोटा सरसों 5125 5125
भिंड गोहद सरसों (काला) 5450 5760
भिंड गोहद पीला (काला) 5565 5740
गुना गुना सरसों 4250 5375
हरदा हरदा सरसों 4200 5300
हरदा हरदा सरसों-ऑर्गेनिक 5000 5000
होशंगाबाद इटारसी सरसों 5100 5212
जबलपुर जबलपुर सरसों 4840 5210
रतलाम जावरा सरसों 3300 5511
मुरैना कैलारस सरसों 5670 5735
कटनी कटनी सरसों(काला) 4945 5300
कटनी कटनी सरसों 4400 5377
शिवपुरी खनियाधाना सरसों 5350 5410
टीकमगढ़ खरगापुर सरसों 5300 5400
देवास खातेगांव सरसों 4700 5200
राजगढ़ खिलचीपुर सरसों 5370 5370
सागर खुरई सरसों 4980 6341
शिवपुरी कोलारस सरसों 4305 5775
राजगढ़ कुरावर सरसों 5240 5250
भिंड लहार सरसों (काला) 5300 5440
ग्वालियर लश्कर सरसों 5495 5735
नीमच मनासा सरसों 5099 5540
मंदसौर मंदसौर सरसों 5262 6590
भिंड मेहगांव सरसों 5580 5605
मुरैना मुरैना सरसों 5535 5765
मुरैना मुरैना अन्य 5710 5710
अशोकनगर मुंगावली सरसों 5275 5395
शाजापुर नलकेहड़ा सरसों (काली) 5340 5350
शाजापुर नलकेहड़ा सरसों 5299 5352
राजगढ़ नरसिंहगढ़ सरसों 4700 5325
नीमच नीमच सरसों 5000 5586
राजगढ़ पचौर सरसों 5375 5475
होशंगाबाद पिपरिया सरसों 4800 5000
शिवपुरी पोहरी सरसों 5510 5700
मुरैना पोरसा सरसों(काली) 5540 5610
छतरपुर राजनगर सरसों(काली) 5200 5200
रीवा रीवा सरसों(काली) 5100 5116
शाजापुर साजापुर सरसों 5170 5331
राजगढ़ सारंगपुर सरसों 5167 5167
सतना सतना सरसों 4625 5600
सीहोर सीहोर सरसों (काली) 5060 5200
सीहोर सीहोर सरसों 5201 5290
मंदसौर शामगढ़ सरसों 5200 5399
श्योपुर श्योपुरबड़ौद सरसों 5190 5546
श्योपुर श्योपुरकलां सरसों 4600 5730
शाजापुर शुजालपुर सरसों 5200 5461
उज्जैन तराना सरसों 5280 5280
टीकमगढ़ टीकमगढ़ सरसों 4500 5500
विदिशा विदिशा सरसों 3000 5280
विदिशा विदिशा सरसों-ऑर्गेनिक 5210 5210
श्योपुर विजयपुर सरसों 5600 5650

स्रोत: एगमार्कनेट

खेती से सम्बंधित जानकारियों और ताजा मंडी भाव जानने के लिए पढ़ते रहें ग्रामोफ़ोन के लेख। आज की जानकारी पसंद आई हो तो  शेयर जरूर करें।

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सोयाबीन की खेत की तैयारी के समय उचित पोषण जरूर दें

Fertilizer Management in Soybean

किसानों को सोयाबीन की खेती से अच्छा मुनाफ़ा मिलता है। हालांकि कई बार सोयाबीन की खेती के समय कुछ लापरवाहियों के कारण पैदावार में कमी आ जाती है। इन लापरवाहियों में सही उर्वरक प्रबंधन ना करना भी शामिल है। सही समय पर एवं सही मात्रा में उर्वरकों का प्रयोग नहीं करने से फसल की गुणवत्ता पर भी प्रतिकूल प्रभाव होता है। सोयाबीन की बेहतर फसल प्राप्त करने के लिए उर्वरक प्रबंधन करना अति आवश्यक है।

बेहतर फसल के लिए, खेत की तैयारी करते समय प्रति एकड़ खेत में 4-5 टन अच्छी तरह सड़ी हुई गोबर की खाद का उपयोग करें।

सोयाबीन की अच्छी वृद्धि विकास के लिए, DAP-40 किलो, म्यूरेट ऑफ पोटाश-20 किलो, ग्रोमोर (सल्फर 90%) 5 किलो और ट्राई-कोट मैक्स  4 किलो प्रति एकड़ की दर से आखिरी जुताई या खेत की तैयारी करते समय दें। 

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मानसून 17 जून से पकड़ेगा रफ्तार, देखें मौसम पूर्वानुमान

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हीट वेव का असर अब हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, गंगीय पश्चिम बंगाल और उड़ीसा तक दिखाई दे रहा है। अगले 5 दिनों तक यहां कोई भी राहत नहीं मिलती नजर आ रही है। पश्चिमी हवाएं और जलता सूरज गर्मी की तपन बनाए रखेगा। महाराष्ट्र के तटीय जिलों सहित कर्नाटक और केरल के तटीय भागों में बारिश जारी रहेगी। दक्षिणी प्रायद्वीप के अंदरूनी हिस्से में बारिश कम हो जाएगी। 16 या 17 जून से मानसून पूर्वी भारत से आगे बढ़ना शुरू करेगा और 22 जून तक उत्तर प्रदेश के ज्यादातर इलाकों तक पहुंच सकता है।

स्रोत: स्काइमेट वेदर

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पीएम कुसुम योजना में इस तारीख से पहले करें आवदेन और लगवाएं सोलर पंप

PM Kusum Yojana

किसानों को अपने खेत की सिंचाई के लिए बारिश के पानी पर निर्भर करना पड़ता है। कई बार बारिश न होने पर फसल ख़राब भी हो जाती है, ऐसी परिस्थितियों से किसान को बचाने के लिए सरकार पीएम कुसुम योजना चला रही है। इस योजना के माध्यम से किसान सरकारी सब्सिडी पर सोलर पंप लगवा सकते हैं। सरकार की प्रधानमंत्री कुसुम योजना के अंतर्गत किसानों को खेत में सोलर पंप लगवाने के लिए ऑनलाइन आवेदन करना होता है। अगर आप भी इस योजना का लाभ लेना चाहते हैं और अभी तक आवेदन नहीं कर पाए हैं तो आपको फ़िक्र करने की जरूरत नहीं है क्योंकि अब इस योजना में आवेदन की आखिरी तारीख बढ़ा कर 20 जून, 2024 कर दी गई है।

बता दें की इस योजना के माध्यम से किसान को अपने खेत में सोलर पंप लगवाने पर तक़रीबन 60% तक की सब्सिडी मिलती है। पहले इस योजना में 7.5 HP डीसी व 10 HP डीसी पंप लगवाने पर सब्सिडी दी जाती थी परंतु अब 3 से 5 HP के सोलर प्लांट पर भी सब्सिडी दी जा रही है। योजना से सम्बंधित ज्यादा जानकारी के लिए आप https://mnre.gov.in/ पर विजिट कर सकते हैं।

स्रोत: कृषि जागरण

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लहसुन के भाव में तेजी जारी, 27000 रुपये तक पहुंचे उच्च भाव

garlic Mandi bhaw,

मध्य प्रदेश के अलग अलग मंडियों में क्या चल रहे हैं लहसुन के भाव? आइये देखते हैं पूरी सूची।

मध्य प्रदेश की मंडियों में लहसुन के ताजा मंडी भाव
जिला कृषि उपज मंडी किस्म न्यूनतम मूल्य (प्रति क्विंटल) अधिकतम मूल्य (प्रति क्विंटल)
रतलाम अलोट लहसुन 6701 10400
शाजापुर अकोदिया औसत 1000 14400
उज्जैन बड़नगर औसत 3600 14900
उज्जैन बड़नगर लहसुन 2600 6500
धार बड़नावर लहसुन 2005 20400
धार बदनावर लहसुन-ऑर्गेनिक 6000 14200
भोपाल भोपाल लहसुन 2000 19650
मंदसौर दलोदा लहसुन 1950 22400
सागर देवरी औसत 5375 6000
इंदौर गौतमपुरा लहसुन 2000 12700
इंदौर इंदौर लहसुन 1000 20425
रतलाम जावरा औसत 4600 4600
नीमच जावद लहसुन 11102 22801
शाजापुर कालापीपल लहसुन 3101 14500
नीमच मनासा लहसुन 5701 22000
मंदसौर मंदसौर लहसुन 811 25001
राजगढ़ नरसिंहगढ़ लहसुन 2000 16200
नीमच नीमच औसत 5601 14100
नीमच नीमच लहसुन 5892 27000
मंदसौर पिपल्या लहसुन 2011 20670
मंदसौर पिपल्या लहसुन-ऑर्गेनिक 4801 19500
धार राजगढ़ लहसुन 3000 16500
रतलाम रतलाम देसी 1300 19112
रतलाम रतलाम लहसुन 1000 9801
रतलाम सैलाना औसत 8900 14801
रतलाम सैलाना देसी 9520 9520
रतलाम सैलाना लहसुन 6400 25151
शाजापुर साजापुर लहसुन 4850 9025
राजगढ़ सारंगपुर औसत 4000 5500
सीहोर सीहोर लहसुन 1460 18401
मंदसौर शामगढ़ लहसुन 1200 17600
शाजापुर शुजालपुर देसी 3000 16830
मंदसौर सीतमऊ देसी 10700 16430
मंदसौर सीतमऊ लहसुन 6000 11500
शाजापुर सोयतकलां लहसुन 1500 19219
उज्जैन उज्जैन लहसुन 1800 16700

स्रोत: एगमार्कनेट

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धान की नर्सरी में बुवाई से पहले बीज उपचार से मिलेंगे कई फायदे

Benefits of seed treatment before sowing in paddy nursery

बीज उपचार एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसमें फसल को बीमारियों और कीटों से बचाव के लिए रसायन, जैव रसायन या ताप से बीजों को उपचारित किया जाता है। बीज उपचार से बीजों में उपस्थित आन्तरिक या बाहरी रूप से जुड़े रोगजनकों (फफूँद, बैक्टीरिया आदि) की रोकथाम होती है। बीजों की ऊपरी तथा अंदर की परतों में सूक्ष्म फफूँद रहती है जो बीज को ख़राब कर देता है, साथ ही साथ बीज की अंकुरण क्षमता को भी प्रभावित करता है। बीज उपचार करने से बीजों का अंकुरण अच्छा होता है, तथा फसल की बीमारियों के प्रसार को रोकता है। मिट्टी जनित रोग एवं कीटों को नियंत्रित करता है, जिससे  बीजों को सड़ने और अंकुरों के झुलसने से बचाया जा सकता है।

धान के बीज को बोने से पूर्व बीजोपचार कर लेना चाहिए। इसके लिए, कॉम्बैट (ट्राइकोडर्मा विरडी) 8 ग्राम/किलो बीज या धानुस्टिन (कार्बेन्डाजिम 50% WP) 2.5 ग्राम/किलो बीज या विटावैक्स पावर (कार्बोक्सिन 37.5% + थिरम 37.5% WS)- 2.5 ग्राम/किलो बीज से उपचारित करें। जीवाणु झुलसा रोग की समस्या आने पर, 4 ग्राम स्ट्रेप्टोसाइक्लीन या 40 ग्राम प्लान्टोमाइसीन को 25 किग्रा बीज के साथ मिलाकर रात भर के लिए भिगों दें, तथा अतिरिक्त पानी निकाल कर बीजों की बुवाई करें।

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अगले 4 दिन मानसून रहेगा सुस्त, आधे भारत में भीषण गर्मी के आसार

know the weather forecast,

24 घंटे के बाद महाराष्ट्र सहित कर्नाटक और तेलंगाना में बारिश की गतिविधियों में कमी आएगी, मानसून कुछ सुस्त पड़ जाएगा। अगले चार दिनों तक मानसून की चाल कमजोर बनी रहेगी परंतु पूर्वी भारत में मानसून अब धीरे-धीरे आगे बढ़ने लगेगा। पश्चिम दिशा से चलने वाली गर्म हवाएं पंजाब, हरियाणा, राजस्थान सहित दिल्ली, उत्तर प्रदेश, उत्तरी मध्य प्रदेश, बिहार, झारखंड, गंगीय पश्चिम बंगाल और उड़ीसा में भीषण गर्मी पैदा करेगी। 17-18 जून से मानसून फिर तेजी पकड़ सकता है।

स्रोत: स्काइमेट वेदर

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सरकारी खर्च पर करें फसलों को सुरक्षित, करवाएं अपने खेतों की तारबंदी

Get fencing done in the fields on 50% grant

फसलों को छोटे छोटे कीटों और घातक रोगों के अलावा आवारा जानवरों से भी बहुत ज्यादा खतरा रहता है। किसान जंगली जानवरों, नीलगाय व अन्य आवारा पशुओं से अपनी फसल की बचाने के लिए खेतों के चारों तरफ तारबंदी करवाते हैं। हालांकि तारबंदी करवाना एक खर्चीला काम है इसीलिए ज्यादातर किसान अपने खेतों में यह नहीं करवा पाते हैं। किसानों की इसी समस्या को दूर करने के लिए सरकार ने तारबंदी योजना की शुरुआत की है।

मीडिया में आई ख़बरों के अनुसार राजस्थान सरकार द्वारा चलाई जा रही इस तारबंदी योजना के माध्यम से किसानों को अपने खेत में तारबंदी करवाने पर अनुदान मिल रहा है। योजना के तहत छोटे व सीमांत किसानों को 400 रनिंग मीटर पर करीब 60% तक अनुदान दिया जा रहा है। इसके तहत अधिकतम 40000 रुपये तक राशि पात्र किसानों को दी जाएगी। इसके अलावा इस योजना के माध्यम से सामुदायिक आवेदन के तौर पर 10 या फिर इससे अधिक किसान के समूह को कम से कम 5 हेक्टेयर जमीन में तारबंदी की सुविधा उपलब्ध करवाई जाती है। इसके लिए उन्हें यूनिट कॉस्ट का 70% अनुदान के रूप में दिया जाता है। योजना की अधिक जानकारी या फिर आवेदन करने के लिए Raj Kisan Sathi Portal पर जरूर विजिट करें।

स्रोत: कृषि जागरण

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