मध्यप्रदेश की चुनिंदा मंडियों में क्या चल रहे लहसुन के भाव?

Indore garlic Mandi bhaw

मध्य प्रदेश के अलग अलग मंडियों जैसे बदनावर, अलोट, मनावर, जावरा, थांदला और गरोठ आदि में क्या चल रहे हैं लहसुन के भाव? आइये देखते हैं पूरी सूची।

विभिन्न मंडियों में लहसुन के ताजा मंडी भाव

कृषि उपज मंडी

न्यूनतम मूल्य (प्रति क्विंटल)

अधिकतम मूल्य (प्रति क्विंटल)

अलोट

400

2900

बदनावर

500

2150

गरोठ

4000

4000

जावरा

3000

3000

मनावर

1900

2100

पिपल्या

500

500

थांदला

800

1200

अलोट

400

2900

स्रोत: एगमार्कनेट

अब ग्रामोफ़ोन के ग्राम व्यापार से घर बैठे, सही रेट पर करें अपनी  लहसुन जैसी फसलों की बिक्री। भरोसेमंद खरीददारों से खुद भी जुड़ें और अपने किसान मित्रों को भी जोड़ें। लेख पसंद आया हो तो लाइक और शेयर करना ना भूलें।

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फसलों में जलभराव से होने वाले नुकसान एवं जल निकासी के उचित उपाय

जलभराव एक ऐसी स्थिति को संदर्भित करता है जब पानी अपनी इष्टतम आवश्यकता से अधिक मात्रा में खेत में मौजूद होता है।

खेत में अतिरिक्त जल से निम्न हानि होती है:

  • वायु संचार में बाधा, मृदा तापक्रम में गिरावट, हानिकारक लवणों का एकत्रित होना, बीजांकुरण कम होना और कभी कभी बीज का सड़ना, जड़ों का सड़ना, लाभदायक जीवाणुओं की सक्रियता कम होना, नाइट्रोजन स्थिरीकरण क्रिया का कम होना साथ ही हानिकारक रोगों व कीटों का आक्रमण बढ़ना आदि। खेत में जलभराव को कम करने के लिए जल निकास जरूरी हैl

  • जल निकास: फसल की उपज बढ़ाने हेतु भूमि की सतह अथवा अधोसतह से अतिरिक्त जल कृतिम रूप से बाहर निकालना ही जल निकास कहलाता हैं। कभी कभी अतिवृष्टि अथवा नहरों के कारण जल निकास जरूरी हो जाती है।

  • जल निकास के लाभ: उचित वायु संचार, मृदा ताप में सुधार, लाभदायक जीवाणुओं की सक्रियता बढ़ना, मृदा कटाव को रोकना, हानिकारक रोगों व कीटों की रोकथाम, पौधों में नाइट्रोजन की क्रिया का बढ़ना आदि।

फसल की बुआई के साथ ही अपने खेत को ग्रामोफ़ोन एप के मेरे खेत विकल्प से जोड़ें और पूरे फसल चक्र में पाते रहें स्मार्ट कृषि से जुड़ी सटीक सलाह व समाधान। इस लेख को नीचे दिए गए शेयर बटन से अपने मित्रों संग साझा करें।

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सोयाबीन की बुवाई के बाद खरपतवार नियंत्रण के उपाय

यांत्रिक विधि:- सोयाबीन की बुवाई के 20-25 दिन बाद हाथों से पहली निराई-गुड़ाई करें एवं दूसरी निराई-गुड़ाई बुवाई के 40-45 दिनों की अवस्था पर करें।

चौड़ी और सकरी पत्ती के खरपतवार के लिए –

सोयाबीन उगने के 12 – 20 दिन बाद तथा 2 – 4 पत्ती वाली अवस्था में मिट्टी में पर्याप्त नमी के साथ शकेद (प्रोपाक्विजाफोप 2.5% + इमाज़ेथापायर 3.75% डब्ल्यूपी) @ 800 मिली या वीडब्लॉक, एस्पायर (इमाज़ेथापायर 10% एसएल) @ 400 मिली प्रति एकड़ 150-200 लीटर पानी के हिसाब से छिड़काव करें।

सकरी पत्ती के खरपतवार के लिए

सोयाबीन के उगने के बाद 20-40 दिन की अवस्था में, टरगा सुपर (क्यूजालोफाप इथाइल 5% ईसी) @ 400 मिली या गैलेन्ट (हेलोक्सीफॉप आर मिथाइल 10.5% ईसी) @ 400 मिली प्रति एकड़ 150-200 लीटर पानी के हिसाब से छिड़काव करें। छिड़काव के समय खेत में नमी अवश्य रखे। एवं फ्लैट फेन नोजल का प्रयोग करें।

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कद्दू वर्गीय फसल में लीफ माइनर कीट के नियंत्रण के उपाय

Measures to control leaf miner pest in cucurbits crop
  • किसान भाइयों कद्दू वर्गीय फसल में लीफ माइनर कीट के शिशु बहुत अधिक हानि पहुंचाते है। यह छोटे, पैर विहीन, पीले रंग के एवं प्रौढ़ कीट हल्के पीले रंग के होते हैं। इसकी क्षति के लक्षण सबसे पहले पत्तियों पर दिखाई देते हैं।

  • मादा पतंगा पत्तियों के अंदर कोशिकाओं में अंडे देती है, जिससे लार्वा निकलकर पत्तियों के अंदर के हरित पदार्थ को खाकर सुरंग बनाते हैं। इस कारण पत्तियों पर सफेद लकीरें दिखाई देती हैं।

  • प्रभावित पौधे पर फल कम लगते हैं और पत्तियां समय से पहले गिर जाती हैं। पौधों की बढ़वार रुक जाती है एवं पौधे छोटे रह जाते हैं। इस कीट के आक्रमण के कारण पौधों की प्रकाश संश्लेषण क्रिया भी प्रभावित होती है।

नियंत्रण के उपाय:-

  • इस कीट के नियंत्रण के लिए, अबासीन (एबामेक्टिन 1.9% ईसी) @ 150 मिली + सिलिकोमैक्स @ 50 मिली प्रति एकड़ 150 से 200 लीटर पानी के हिसाब से छिड़काव करें।   

  • जैविक उपचार के लिए  बवे कर्ब (बवेरिया बेसियाना 5% डब्ल्यू.पी.) @ 500 ग्राम प्रति एकड़ की दर से छिड़काव करें। 

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जारी रहेगा भारी बारिश का दौर, देश के कई राज्य होंगे प्रभावित

know the weather forecast,

अगले कुछ दिनों के दौरान उड़ीसा छत्तीसगढ़ मध्य प्रदेश तथा महाराष्ट्र के उत्तरी भागों में बारिश की गतिविधियां जारी रहेंगे। पूर्वी राजस्थान में मूसलाधार बारिश तथा गुजरात में हल्की से माध्यम बारिश हो सकती है। पहाड़ों पर आफत की बारिश शुरू होने की संभावना है। उत्तर प्रदेश और बिहार के साथ-साथ अब बारिश की गतिविधियां झारखंड, पश्चिम बंगाल तथा उत्तर भारत में बढ़ेंगी।

स्रोत: स्काइमेट वेदर

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कद्दू वर्गीय फसल में लीफ माइनर कीट के नियंत्रण के उपाय

किसान भाइयों कद्दू वर्गीय फसल में लीफ माइनर कीट के शिशु बहुत अधिक हानि पहुंचाते है यह छोटे, पैर विहीन, पीले रंग के एवं प्रौढ़ कीट हल्के पीले रंग के होते है।

इसकी क्षति के लक्षण सबसे पहले पत्तियों पर दिखाई देते है। मादा पतंगा पत्तियों के अंदर कोशिकाओं में अंडे देती है जिससे लार्वा निकलकर पत्तियों के अंदर के हरित पदार्थ को खाकर सुरंग बनाते हैं। जिसके कारण पत्तियों पर सफेद लकीरें दिखाई देती हैं। प्रभावित पौधे पर फल कम लगते है और पत्तियां समय से पहले गिर जाती है।

पौधों की बढ़वार रुक जाती है एवं पौधे छोटे रह जाते है। इस कीट के आक्रमण के कारण पौधों की प्रकाश संश्लेषण क्रिया भी प्रभावित होती है।

नियंत्रण के उपाय:-

  • इस कीट के नियंत्रण के लिए, अबासीन (एबामेक्टिन 1.9% ईसी) @ 150 मिली + सिलिको मैक्स @ 50 मिली प्रति एकड़ 150 से 200 लीटर पानी के हिसाब से छिड़काव करें।   

  • जैविक उपचार के लिए  बवे कर्ब (बवेरिया बेसियाना 5% डब्ल्यू.पी.) @ 500 ग्राम प्रति एकड़ की दर से छिड़काव करें। 

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देश के सभी राज्यों में बारिश के आसार, देखें संपूर्ण देश का मौसम पूर्वानुमान

know the weather forecast,

देश के कई राज्य सूखे की मार झेल रहे हैं इनमें उत्तर प्रदेश बिहार पश्चिम बंगाल तथा झारखंड शामिल हैं। इन राज्यों में अब बारिश शुरू होगी तथा कई जगहों पर मूसलाधार बारिश हो सकती है। दिल्ली पंजाब हरियाणा में भी बारिश शुरू होगी। पहाड़ों पर भी भारी बारिश संभव है। मध्य भारत में भारी बारिश की गतिविधियां कम होगी परंतु बारिश जारी रहेगी। इसके अलावा पश्चिमी तट पर तेज बारिश तथा अंदरूनी प्रायद्वीप में बारिश कम होगी।

स्रोत: स्काइमेट वेदर

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बेल वर्गीय फसलों में पंडाल लगाने के फायदे

पंडाल तैयार करने की विधि 

लता या बेल वाली सब्जियों को किसी सहारे की सहायता से जमीन से ऊपर तैयार संरचना पर फैला देते हैं, जिसे मंडप, ट्रेलिस अथवा पंडाल ,मचान  कहा जाता है। इसमें पौधों को लकड़ी, लोहे या सीमेंट के पोल पर तार अथवा प्लास्टिक जाल से तैयार संरचना पर फैला दिया जाता है। यह कई तरह से तैयार कर सकते हैं जैसे खड़ी पंडाल, छतनुता पंडाल, तिकोनी पंडाल आदि।

बेल वाली सब्जियों में सहारा देना अति आवश्यक होता है। खम्भों के ऊपरी सिरे पर तार बांध कर पौधों को पंडाल पर चढ़ाया जाता है। सहारा देने के लिए ऊर्ध्वाधर खंभों को सीधा खड़ा करते है 2-2.5 फीट के गहरे गड्ढे तैयार कर लें। गड्ढे से गड्ढे की दूरी लगभग 6 फीट की रखें, अधिक दूरी होने से फसल के भार से पंडाल झूलने लगती है। खंभों को सीधा खड़ा करके मिट्टी में अच्छी तरह दबा दें। सीमेंट के पोल का उपयोग कर रहे हैं, तो कोई समस्या नहीं आती, परन्तु जब लकड़ी के खंभों का प्रयोग करते हैं, तो दीमक से खराब हो जाते हैं। अतः इनके बचाव के लिए मिट्टी में दबने वाले हिस्से पर प्लास्टिक का पाईप अथवा पॉलीथीन चढ़ा दें। इसके तदुपरान्त सभी खंभों के ऊपरी सिरों को एक से दूसरे खंभे को जोड़ते हुए लोहे के तार से बांध दिया जाता है व फिर प्लास्टिक की रस्सी अथवा जाल से ऊपरी भाग को ढक दिया जाता है, जिससे बेल नीचे नहीं झूले। पंडाल की ऊंचाई 1.5-2.0 मीटर रख सकते हैं। लेकिन ऊंचाई फसल के अनुसार अलग-अलग होती है सामान्यतः करेला और खीरा के लिए 4.50 फीट, लेकिन लौकी आदि के लिए 5.50 फीट, रखते है ।

पंडाल लगाने के फायदे 

  • तैयार संरचना पर पौधों को फैला देने से फैलने के लिए पर्याप्त जगह मिल जाती है, जिसके परिणामस्वरूप प्रकाश संश्लेषण के कारण पैदावार में बढ़ोतरी होती है। 

  • फल, भूमि के संपर्क में नहीं आने से आकार में लंबे, मुलायम एवं  एक समान रहते हैं, जिससे फलों का बाजार मूल्य अधिक मिलता है। 

  • पंडाल विधि में पौधे भूमि से दूर रहने के कारण कीट व रोगों से कम प्रभावित होते हैं व नियंत्रण करना भी आसान होता है। 

  • लता वाली सब्जियों को पंडाल पर चढ़ा देने की वजह से नीचे बची खाली जगह में आंशिक छाया वाली फसलें जैसे-धनिया, पालक, हल्दी, अरबी, मूली आदि उगाकर दोहरा लाभ ले सकते हैं। 

  • इस विधि से खेती करने पर सम-सामयिक कार्य में आसानी होने के साथ ही फलों की तुड़ाई भी आसानी से कर सकते हैं।

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देश के विभिन्न मंडियों में 17 जुलाई को क्या रहे फलों और फसलों के भाव?

Todays Mandi Rates

देश के विभिन्न शहरों में फलों और फसलों की कीमतें क्या हैं?

मंडी

फसल

न्यूनतम मूल्य (किलोग्राम में)

अधिकतम मूल्य (किलोग्राम में)

लखनऊ

प्याज़

10

11

लखनऊ

प्याज़

12

13

लखनऊ

प्याज़

14

लखनऊ

प्याज़

15

16

लखनऊ

प्याज़

10

लखनऊ

प्याज़

12

लखनऊ

प्याज़

15

लखनऊ

प्याज़

17

लखनऊ

लहसुन

15

लखनऊ

लहसुन

20

लखनऊ

लहसुन

30

38

लखनऊ

लहसुन

45

50

रतलाम

अदरक

23

26

रतलाम

आलू

21

23

रतलाम

टमाटर

32

38

रतलाम

हरी मिर्च

45

55

रतलाम

कद्दू

15

18

रतलाम

भिन्डी

25

30

रतलाम

नींबू

25

35

रतलाम

फूलगोभी

15

16

रतलाम

बैंगन

13

16

रतलाम

आम

30

33

रतलाम

आम

40

45

रतलाम

आम

30

34

रतलाम

पपीता

14

16

रतलाम

खीरा

14

15

रतलाम

करेला

32

35

रतलाम

शिमला मिर्च

28

30

जयपुर

प्याज़

13

14

जयपुर

प्याज़

17

18

जयपुर

प्याज़

20

21

जयपुर

प्याज़

5

6

जयपुर

प्याज़

8

जयपुर

प्याज़

10

11

जयपुर

प्याज़

13

जयपुर

लहसुन

12

15

जयपुर

लहसुन

18

22

जयपुर

लहसुन

28

35

जयपुर

लहसुन

38

45

गुवाहाटी

प्याज़

14

गुवाहाटी

प्याज़

16

गुवाहाटी

प्याज़

18

गुवाहाटी

प्याज़

19

गुवाहाटी

प्याज़

13

गुवाहाटी

प्याज़

17

गुवाहाटी

प्याज़

18

गुवाहाटी

प्याज़

19

गुवाहाटी

प्याज़

15

गुवाहाटी

प्याज़

20

गुवाहाटी

प्याज़

21

गुवाहाटी

प्याज़

22

गुवाहाटी

लहसुन

22

27

गुवाहाटी

लहसुन

28

35

गुवाहाटी

लहसुन

35

40

गुवाहाटी

लहसुन

40

42

गुवाहाटी

लहसुन

23

26

गुवाहाटी

लहसुन

27

35

गुवाहाटी

लहसुन

35

40

गुवाहाटी

लहसुन

40

42

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मध्यप्रदेश की चुनिंदा मंडियों में क्या चल रहे सोयाबीन के भाव ?

मध्य प्रदेश के अलग अलग मंडियों जैसे मन्दसौर, बदनावर, खरगोन, कालापीपल और खातेगांव आदि में क्या चल रहे हैं सोयाबीन के भाव? आइये देखते हैं पूरी सूची।

विभिन्न मंडियों में सोयाबीन के ताजा मंडी भाव

कृषि उपज मंडी

न्यूनतम मूल्य (प्रति क्विंटल)

अधिकतम मूल्य (प्रति क्विंटल)

आगर

2500

6069

बड़नगर

4010

6097

बदनावर

4825

6100

बड़वाह

5055

5655

बाणपुरा

5200

5200

बेगमगंज

5100

6075

बैतूल

5700

6061

भीकनगांव

5661

6139

दमोह

4810

5980

देवास

3500

6150

धामनोद

4405

6080

गंज बासौदा

4500

5993

हाटपिपलिया

5750

6010

हरदा

4301

6070

इछावर

5000

6111

ईसागढ़

5400

6200

जावरा

4500

5970

जावद

5900

5900

जवार

3900

6116

जीरापुर

5700

6300

झाबुआ

5700

5700

जोबाट

5800

5950

कालापीपाल

4870

6320

कालापीपाल

4500

5990

खाचरोडी

5901

6020

खंडवा

4000

6101

खरगोन

5701

6014

खातेगांव

3200

6050

खातेगांव

3200

6050

खिरकिया

5000

6129

खुजनेर

5800

6010

खुजनेर

6000

6180

खुराई

5350

5945

कोलारासी

2500

6060

लटेरी

2905

5855

मन्दसौर

4300

6021

महू

3400

3400

नरसिंहगढ़

5000

6100

निवादी

5800

5800

पंधाना

6025

6100

पंधुरना

5850

5850

पथरिया

5405

6105

राजगढ़

5500

5930

सनावद

3200

5775

सांवेर

5965

6200

सतना

5350

5841

सीहोर

4800

6030

श्योपुरबडोद

5521

5876

श्योपुरकलां

4305

5965

स्रोत: एगमार्कनेट

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