जानें प्राकृतिक खेती के महत्वपूर्ण सिद्धांत

Natural farming

प्राकृतिक खेती क्या है? – प्राकृतिक खेती (natural farming) देसी गाय पर आधारित प्राचीन खेती पद्धति है। जिसमें रासायनिक उर्वरकों और रसायनों के दूसरे उत्पाद का विकल्प के रूप में देसी गाय का गोमूत्र और गोबर  का उपयोग फसल उत्पादन में किया जाता है। यह भूमि के प्राकृतिक स्वरूप को बनाए रखती है। प्राकृतिक खेती में रासायनिक कीटनाशक का उपयोग नहीं किया जाता है। इस प्रकार की खेती में जो तत्व प्रकृति में पाए जाते है, उन्हीं को कीटनाशक के रूप में काम में लिया जाता है।

प्राकृतिक खेती में खाद के रूप में गोबर, गौ मूत्र, जीवाणु खाद, फ़सल अवशेष द्वारा पौधों को पोषक तत्व दिए जाते हैं। प्राकृतिक खेती में प्रकृति में उपलब्ध जीवाणुओं, मित्र कीट और जैविक कीटनाशक द्वारा फ़सल को हानिकारक सूक्ष्म जीव और कीट से बचाया जाता है।

आइये  जानते है प्राकृतिक खेती के चार सिद्धांत  

👉🏻खेतों में कोई जुताई नहीं करना, यानी न तो उनमें जुताई करना, और न ही मिट्टी को  पलटना है । धरती अपनी जुताई स्वयं स्वाभाविक रूप से पौधों की जड़ों के प्रवेश तथा केंचुओं व छोटे प्राणियों, तथा सूक्ष्म जीवाणुओं के जरिए कर लेती है।

👉🏻किसी भी तरह की तैयार खाद या रासायनिक उर्वरकों का उपयोग न किया जाए। इस पद्धति में हरी खाद और गोबर की खाद को ही उपयोग में लाया जाता है।

👉🏻निराई-गुड़ाई न की जाए। न तो हल से, न शाकनाशियों के प्रयोग द्वारा। खरपतवार मिट्टी को उर्वर  बनाने तथा जैव-बिरादरी में संतुलन स्थापित करने में प्रमुख भूमिका निभाते हैं। बुनियादी सिद्धांत यही है कि खरपतवार को पूरी तरह समाप्त करने की बजाए नियंत्रित किया जाना चाहिए।

👉🏻रसायनों पर बिल्कुल निर्भर न करना है। जोतने तथा उर्वरकों के उपयोग जैसी गलत प्रथाओं के कारण जब से कमजोर पौधे उगना शुरू हुए, तब से ही खेतों में बीमारियां लगने तथा कीट-असंतुलन की समस्याएं खड़ी होनी शुरू हुई। छेड़छाड़ न करने से प्रकृति-संतुलन बिल्कुल सही रहता है।

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10 राज्यों के लिए तूफान का अलर्ट, मौसम विभाग ने जारी की चेतावनी

know the weather forecast,

मौसम विभाग की ताज़ा अपडेट के मुताबिक आज और इस हफ्ते में पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, बिहार, राजस्थान, झारखंड, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, जम्मू कश्मीर के पहाड़ी इलाकों, असं, मेघालय, तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक में भारी बारिश हो सकती है। बिहार में 30 से 40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ़्तार से हवाएं चल सकती हैं। असम-मेघालय में 2 और 3 अक्टूबर को भारी बारिश हो सकती है।

स्रोत: अमर उजाला

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गाय-भैंस पालन पर मिलेगी 1 लाख रुपये तक की सरकारी मदद, ऐसे करें आवेदन

Gopal Credit Card Loan Scheme

राज्य व केंद्र सरकार की योजनाएं किसानों के साथ साथ पशुपालकों के लिए भी बहुत फायदेमंद होती है। आज बहुत सारे किसान पशुपालन कर के भी अपनी आमदनी में इजाफा कर रहे हैं। सरकार की कई योजनाएं पशुपालकों के लिए चलाई जा रही हैं, इन्ही में से एक योजना राजस्थान सरकार भी अपने प्रदेश के पशुपालकों के लिए चला रही है। इस योजना का नाम “गोपाल क्रेडिट कार्ड ऋण योजना” जिसकी मदद से किसान पशुपालन के लिए लोन की सुविधा प्राप्त कर सकते हैं।

बता दें कि राजस्थान सरकार की “गोपाल क्रेडिट कार्ड ऋण योजना” के माध्यम से पशुपालकों को तक़रीबन 1 लाख रुपये तक का लोन दिया जाता है। यह लोन पशु सुरक्षा के लिए बिना ब्याज के मिलता है। यहाँ इस बात का जरूर ध्यान रखें कि यह लोन 1 वर्ष की अवधि के लिए मिलता है। इस सुविधा का लाभ वैसे किसान व पशुपालक उठा सकते हैं जो प्राथमिक दुग्ध उत्पादक सहकारी समिति के सदस्य से जुड़े हों। बता दें की सरकार ने इस योजना के तहत प्रदेश के करीब 5 लाख पशुपालकों को लोन देने का लक्ष्य तय किया है। योजना का लाभ लेने के लिए आप गोपालक किसान ई-मित्र केंद्र या संबंधित ग्राम सेवा सहकारी समिति से संपर्क करें। या फिर पशुपालन योजना के आधिकारिक पोर्टल पर जाएँ।

स्रोत: कृषि जागरण

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मध्य प्रदेश के मंडियों में क्या चल रहे हैं सरसों के भाव?

Mustard mandi bhaw

सरसों के मंडी भाव में तेजी देखने को मिल रही है। देखिये मध्य प्रदेश के अलग अलग मंडियों में क्या चल रहे हैं सरसों के भाव!

मध्य प्रदेश की मंडियों में सरसों के ताजा मंडी भाव
जिला कृषि उपज मंडी किस्म न्यूनतम मूल्य (प्रति क्विंटल) अधिकतम मूल्य (प्रति क्विंटल)
भिंड आलमपुर सरसों 5780 6055
अशोकनगर अशोकनगर सरसों 6190 6245
रीवा बैकुंठपुर सरसों 5650 6501
शिवपुरी बराड़ सरसों 6080 6400
भिंड भिंड सरसों 5721 5721
राजगढ़ ब्यावरा सरसों 5754 5801
मंडला बिछिया सरसों 5240 6000
छतरपुर बिजावर सरसों(काला) 6255 6355
इंदौर इंदौर सरसों 6251 6700
टीकमगढ़ जतारा सरसों 5011 5011
राजगढ़ जीरापुर सरसों(काला) 5300 5300
मुरैना कैलारस सरसों(काला) 5800 5800
टीकमगढ़ खरगापुर सरसों 5900 5900
भिंड लहार सरसों 4575 6500
भिंड लहार सरसों(काला) 6000 6000
भिंड लहार पीला (काला) 5100 5400
ग्वालियर लश्कर सरसों 5200 5200
छतरपुर लवकुश नगर (लौंदी) सरसों 6025 6245
सतना मेहर सरसों 5590 5840
मुरैना मुरैना सरसों 5750 6005
नीमच नीमच सरसों 5800 5805
राजगढ़ पचौर सरसों 5800 6100
सागर राहतगढ़ सरसों 5500 5505
छतरपुर राजनगर सरसों 5455 5700
छतरपुर राजनगर सरसों(काला) 4700 6360
मुरैना सबलगढ़ सरसों(काला) 6425 6425
सागर सागर सरसों-जैविक 5895 6245
सागर शाहगढ़ सरसों 3801 5520
श्योपुर श्योपुरबडोद सरसों 5260 6050
श्योपुर श्योपुरकलां सरसों 5655 5655
टीकमगढ़ टीकमगढ़ सरसों 6011 6210
टीकमगढ़ टीकमगढ़ (F&V) सरसों 6035 6165

स्रोत: एगमार्कनेट

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सरसों की बुआई करते समय इन बातों का रखें ध्यान

Keep these things in mind while sowing mustard
  • सरसों की बुआई का सबसे अच्छा समय 5 से 25 अक्टूबर के बीच होता है।

  • इस समय सरसों की बुआई करने से अच्छा उत्पादन मिलता है, इसलिए किसानों को 25 अक्टूबर तक सरसों की बुआई कर देनी चाहिए।

  • सरसों की बुआई के लिए किसानों को एक एकड़ खेत में 1 किलो बीज का प्रयोग करना चाहिए।

  • सरसों को कतारों में बोना चाहिए ताकि निराई करने में आसानी हो।

  • सरसों की बुआई देसी हल या सीड ड्रिल से करनी चाहिए।

  • इसमें पंक्ति से पंक्ति की दूरी 30 सेमी तथा पौधे से पौधे की दूरी 10-12 सेमी रखा जाना चाहिए।

  • सरसों की बुआई करते समय इस बात का ध्यान रखें कि बीज 2-3 सेमी की गहराई में लगाई गई हो।

  • 100 सेमी से अधिक गहराई पर बीज नहीं बोना चाहिए क्योंकि अधिक गहराई पर बीज बोने से बीज के अंकुरण पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।

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जानें कहां बरसेंगे मानसूनी बादल और कहां रहेगा मौसम शुष्क

know the weather forecast,

आज 30 सितंबर मानसून का आखिरी दिन है। मानसून सामान्य से ऊपर समाप्त होगा। आज पूर्वोत्तर राज्यों सहित गुजरात, दक्षिण पूर्वी राजस्थान और मध्य प्रदेश के पश्चिमी जिलों में बारिश की संभावना बनी हुई है। कल 1 अक्टूबर से इन सभी राज्यों में बारिश कम हो जाएगी परंतु उत्तर पूर्वी राज्य अगले तीन या चार दिनों तक तेज बारिश देखेंगे। दिल्ली, पंजाब, हरियाणा तथा पहाड़ों का मौसम अब शुष्क बना रहेगा। महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, तेलंगाना सहित दक्षिण भारत में भी बारिश बहुत कम हो जाएगी। परंतु आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, केरल और तमिलनाडु में हल्की बारिश जारी रहेगी। उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, उड़ीसा और पश्चिम बंगाल में रुक रुक कर बारिश होने की संभावना है, यहाँ भारी बारिश की संभावना नहीं है।

स्रोत: स्काइमेट वेदर

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मटर की बुवाई के 15 दिनों में जरूर करें ये पोषण प्रबंधन

How to manage nutrition in 15 days of sowing in Peas
  • जिस प्रकार मटर की बुआई के समय पोषण प्रबंधन किया जाता है ठीक उसी प्रकार बुआई के 15 दिनों में भी पोषण प्रबंधन किया जाना बहुत आवश्यक होता है।

  • बुआई के 15 दिनों में पोषण प्रबंधन करने से मटर की फसल को बहुत अच्छी शुरुआत मिलती है।

  • यह पोषण प्रबंधन मटर की फसल को कवक व कीट जनित रोगों एवं पोषण की कमी के प्रति प्रतिरोधक क्षमता प्रदान करने में सहायता प्रदान करता है।

  • इस समय पोषण प्रबंधन करने के लिए सल्फर 90% @ 5 किलो/एकड़ + जिंक सल्फ़ेट @ 5 किलो/एकड़ की दर से मिट्टी उपचार के रूप में उपयोग करें।

  • यह भी ध्यान रखें की पोषण प्रबंधन के समय खेत में पर्याप्त नमी जरूर होनी चाहिए।

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प्याज की नर्सरी के लिए जरूरी छिड़काव प्रबंधन

This spraying management is necessary for onion nursery
  • प्याज़ की नर्सरी की बुआई के सात दिनों के अंदर छिड़काव प्रबंधन करना बहुत आवश्यक होता है।

  • यह छिड़काव कवक जनित बीमारियों एवं कीटों के नियंत्रण एवं पोषण प्रबंधन लिए किया जाता है।

  • इस समय छिड़काव करने से प्याज़ की नर्सरी को अच्छी शुरुआत मिलती है।

  • कवक जनित रोगो लिए करमानोवा (कार्बेन्डाजिम 12% + मैन्कोजेब 63% WP) @ 30 ग्राम/पंप की दर से छिड़काव करें।

  • कीट प्रबंधन के लिए थियानोवा (थियामेथोक्साम 25% WG) @10 ग्राम/पंप की दर से छिड़काव करें।

  • पोषण प्रबंधन के लिए (मैक्सरूट) ह्यूमिक एसिड @ 10 ग्राम/पंप की दर से छिड़काव करें।

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एमपी, यूपी, बिहार समेत कई राज्यों में मानसून जल्द करेगा वापसी, होगी भारी बारिश

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अगले 24 घंटे के दौरान मुंबई सहित महाराष्ट्र के उत्तरी तटों पर भारी बारिश होगी। गुजरात के दक्षिणी जिलों में भारी से अधिकारी बारिश जारी रहेगी। नेपाल सहित उत्तरी बिहार और उत्तर पूर्वी उत्तर प्रदेश में भारी बारिश के कारण बाढ़ की आशंका है। मानसून अब 2 दिनों बाद पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और गुजरात के कुछ क्षेत्रों से विदाई लेना शुरू कर सकता है। बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, उड़ीसा और उत्तर पूर्वी जिलों में बारिश की गतिविधियां जारी रहेगी लेकिन तीव्रता कम हो जाएगी। दिल्ली, पंजाब, हरियाणा सहित राजस्थान और पश्चिमी उत्तर प्रदेश का मौसम शुष्क बना रहने की संभावना है।

स्रोत: स्काइमेट वेदर

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लहसुन के भाव में तेजी जारी, 34000 रुपये तक पहुंचे उच्च भाव

garlic Mandi bhaw

मध्य प्रदेश के अलग अलग मंडियों में क्या चल रहे हैं लहसुन के भाव? आइये देखते हैं पूरी सूची।

मध्य प्रदेश की मंडियों में लहसुन के ताजा मंडी भाव
जिला कृषि उपज मंडी किस्म न्यूनतम मूल्य (प्रति क्विंटल) अधिकतम मूल्य (प्रति क्विंटल)
शाजापुर आलोट लहसुन 5000 19700
उज्जैन बड़नगर लहसुन 7305 13500
धार बदनावर देसी 9500 9500
धार बदनावर लहसुन 2000 26200
भोपाल भोपाल लहसुन 6000 24000
मन्दसौर दलौदा लहसुन 1000 31452
इंदौर गौतमपुरा लहसुन 6811 23000
इंदौर इंदौर लहसुन 594 27500
रतलाम जावरा लहसुन 1500 34252
शाजापुर कालापीपल लहसुन 15880 20500
ग्वालियर लश्कर लहसुन 25000 25000
नीमच मनसा लहसुन 9100 25201
मन्दसौर मन्दसौर लहसुन 5000 34000
राजगढ़ नरसिंहगढ़ लहसुन 3000 26000
नीमच नीमच औसत 8000 23000
नीमच नीमच लहसुन 14201 30000
मन्दसौर पिपल्या लहसुन 1450 29101
मन्दसौर पिपल्या लहसुन-जैविक 10430 26100
धार राजगढ़ लहसुन 5000 23000
रतलाम रतलाम देसी 2601 25780
रतलाम रतलाम लहसुन 950 26818
रतलाम सैलाना औसत 17000 23000
रतलाम सैलाना लहसुन 2313 24050
सीहोर सीहोर लहसुन 5000 25601
शाजापुर शाजापुर लहसुन 9500 23600
मन्दसौर शामगढ़ लहसुन 13261 22912
शाजापुर शुजालपुर देसी 8150 28300
मन्दसौर सीतामऊ देसी 14000 18700
मन्दसौर सीतामऊ लहसुन 12200 23800
मन्दसौर सीतामऊ लहसुन-जैविक 21500 21500
उज्जैन उज्जैन लहसुन 500 25002

स्रोत: एगमार्कनेट

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