रोपाई के 65 से 70 दिन बाद- मकड़ी एवं कवक रोगो से फसल बचाव
फसल को कवक या मकड़ी के संक्रमण से बचाने के लिए कीटाजिन 48%EC (किटाजिन) 400 मिली + एबामेक्टिन 1.9% EC (एबासिन) 150 मिली + 00:52:34 1 किग्रा प्रति एकड़ 200 लीटर पानी में मिलकर छिड़काव करे ।
ShareGramophone
रोपाई के 65 से 70 दिन बाद- मकड़ी एवं कवक रोगो से फसल बचाव
फसल को कवक या मकड़ी के संक्रमण से बचाने के लिए कीटाजिन 48%EC (किटाजिन) 400 मिली + एबामेक्टिन 1.9% EC (एबासिन) 150 मिली + 00:52:34 1 किग्रा प्रति एकड़ 200 लीटर पानी में मिलकर छिड़काव करे ।
Shareरोपाई के 56-60 दिन बाद- रसचूसक कीट व फफूंदजनित रोग नियंत्रित करने के लिए
रसचूसक कीट व फफूंदजनित रोग नियंत्रित करने के लिए मायक्रोन्यूट्रिएंट मिक्सचर (मिक्सोल) 250 ग्राम + (थियामेथोक्सम 12.6% + लैम्ब्डा साइहलोथ्रिन 9.5% ZC) (नोवालक्सम) 80 मिली+ (कार्बेन्डाजिम 12% + मेन्कोज़ेब 63%) (करमनोवा) 300 ग्राम प्रति एकड़ की दर से छिड़काव करे।
Shareबुवाई के 61 से 70 दिन बाद – दाने के आकार में वृद्धि और फली छेदक और कवक रोग के प्रबंधन के लिए
गेरुआ रोग और फली छेदक के प्रबंधन के लिए नोवेलूरान 5.25 + एमामेक्टिन बेंजोएट 0.9 एससी (बाराज़ाइड) 600 मिली + टेबुकोनाज़ोल + सल्फर (स्वाधीन) 500 ग्राम प्रति एकड़ छिड़काव करें। दाने का आकार बढ़ाने के लिए इस स्प्रे में 00:00:50 1 किलो डालें।
Shareबुवाई के ८० से ८५ दिन बाद- कटाई की अवस्था
फसल की कटाई तब करें जब दानें सख्त हो जाए और पुआल सूखकर भंगुर हो जाए। अधिक जानकारी के लिए हमारे टोल नंबर 1800-315-7566 पर मिस्ड कॉल करे|
Shareबुवाई के 70 से 75 दिन बाद- अंतिम सिंचाई
दानें भरने की अवस्था के दौरान फसल को अंतिम सिंचाई दें। इसके बाद सिंचाई बंद कर दें। अधिक जानकारी के लिए हमारे टोल नंबर 1800-315-7566 पर मिस्ड कॉल करे|
Shareबुवाई के 61 से 65 दिन बाद- दाने और भुट्टे का आकार बढ़ाने के लिए
दाने और भुट्टे का आकार बढ़ाने के लिए 200 लीटर पानी में 00:00:50 @ 1 किग्रा प्रति एकड़ का छिड़काव करें। फॉल आर्मीवॉर्म और फफूंदजनित रोगों के प्रबंधन के लिए इस छिड़काव में क्लोरेंट्रानिलिप्रोल 18.4% एसएल (कोराजन) 60 मिली + क्लोरोथालोनिल 75% डब्ल्यूपी (जटायु) 400 ग्राम प्रति एकड़ मिलाएं। अधिक जानने के लिए हमारे टोल-फ्री नंबर 18003157566 पर मिस्ड कॉल दें।
Shareबुवाई के 46-50 दिन बाद- तीसरी पोषण खुराक
यूरिया 35 किग्रा + सूक्ष्म पोषक मिश्रण (केलबोर) 5 किग्रा प्रति एकड़ मिट्टी पर प्रसारित करें। अधिक जानने के लिए हमारे टोल-फ्री नंबर 18003157566 पर मिस्ड कॉल दें।
Shareबुवाई के 41-45 दिन बाद- पत्ती धब्बे, गेरुआ जैसे रोगों के प्रबंधन के लिए
फूल आने में सुधार के लिए और इल्ली और गेरुआ, पत्ती धब्बा जैसे रोगों के प्रबंधन के लिए इमामेक्टिन बेंजोएट 5% SG (एमनोवा) 100 ग्राम + हेक्साकोनाज़ोल 5% एससी (नोवाकोन) 400 मिली + होमब्रेसिनोलॉइड (डबल) 100 मिली 200 लीटर पानी में प्रति एकड़ छिड़काव करें। अधिक जानने के लिए हमारे टोल-फ्री नंबर 18003157566 पर मिस्ड कॉल दें।
Shareबुवाई के बाद 35 से 40 दिनों में – हाथ से निदाई एवं गुड़ाई के लिए
यह समय फसल-खरपतवार में भोजन की प्रतियोगिता के लिए आदर्श है। इस अवधि में पहली निराई-गुडाई पूरी करें| अधिक जानकारी के लिए हमारे टोल नंबर 1800-315-7566 पर मिस्ड कॉल करे|
Shareबुवाई के बाद 26 से 30 दोनों में – आगामी सिंचाई के लिए
वानस्पतिक अवस्था के दौरान फसल को दूसरी सिंचाई दें। जड़ सड़न, विल्ट जैसी बीमारियों से बचाव के लिए अतिरिक्त पानी को बाहर निकालें। मिट्टी की नमी के आधार पर 7 से 10 दिनों के अंतराल पर अगली सिंचाई दें। अधिक जानकारी के लिए हमारे टोल नंबर 1800-315-7566 पर मिस्ड कॉल करे|
Share