बुवाई के 61 से 65 दिन बाद- मूलभूत पोषक तत्व प्रदान करने के लिए पोषण खुराक
इस स्तर परगेहू के कल्लों की वृद्धि में सुधार करने के लिए अंतिम पोषण खुराक प्रदान करें। यूरिया 40 किग्रा + एमओपी 15 किग्रा प्रति एकड़ की दर से मिट्टी पर भुरकाव करें।
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बुवाई के 61 से 65 दिन बाद- मूलभूत पोषक तत्व प्रदान करने के लिए पोषण खुराक
इस स्तर परगेहू के कल्लों की वृद्धि में सुधार करने के लिए अंतिम पोषण खुराक प्रदान करें। यूरिया 40 किग्रा + एमओपी 15 किग्रा प्रति एकड़ की दर से मिट्टी पर भुरकाव करें।
Shareबुवाई के 56 से 60 दिन बाद- गेहू के पुष्पगुच्छों की या कल्लों की वृद्धि में सुधार और आर्मीवर्म और गेरुआ रोग का रोकथाम करने के लिए
गेहू के पुष्पगुच्छों की या कल्लों की वृद्धि में सुधार और आर्मीवर्म और गेरुआ रोग का रोकथाम करने के लिए होमोब्रासिनोलाइड 0.04% (डबल) 100 मिली + 00:52:34 (ग्रोमोर) 1 किलो + हेक्साकोनाज़ोल 5% एससी (नोवाकोन) 400 मिली + इमामेक्टिन बेंजोएट 5% एसजी (इमानोवा) 100 ग्राम प्रति एकड़ की दर से छिड़काव करे।
Shareबुवाई के 51 से 55 दिन बाद- तीसरी सिंचाई
यह कल्ले निकलने का समय है। अनाज के उचित विकास के लिए इस अवस्था में तीसरी सिंचाई करें।
Shareबुवाई के 31 से 35 दिन बाद- उगने के बाद खरपतवार नियंत्रण
पोषक तत्वों के लिए फसल-खरपतवार में प्रतियोगिता के लिए यह आदर्श अवधि है। उगने के बाद चौड़ी पत्ती वाले खरपतवारों के प्रबंधन के लिए क्लोडिनाफॉप प्रोपरगिल डब्ल्यूपी (डायनोफॉप) 160 ग्राम या मेसोलफुरन मिथाइल 3% + आयोडोसल्फ्यूरॉन मिथाइल सोडियम 0.6% डब्ल्यूजी (अटलांटिस) 160 ग्राम या मेट्रिब्यूज़िन 70% डब्ल्यूपी (मेट्री) 100 ग्राम प्रति एकड़ छिड़काव करें।
Shareबुवाई के 26 से 30 दिन बाद- वृद्धि को बढ़ावा देना और आर्मी वर्म या अन्य प्रकार की इल्ली के नियंत्रण के लिए
वानस्पतिक विकास को बढ़ावा देने के लिए 19:19:19 (ग्रोमोर) 1 किग्रा + जिब्बरेलिक एसिड (नोवामैक्स) 300 मिली प्रति एकड़ का छिड़काव करें। यदि पत्तियों पर किसी भी प्रकार की इल्ली या छोटे छेद दिखाई देते हैं तो इस छिड़काव में क्लोरेंट्रानिलिप्रोल 18.4% SL (कोराजन) 60 मिली प्रति एकड़ मिलाकर डाले।
Shareबुवाई के 21 से 25 दिन बाद – सिंचाई के लिए नाजुक चरण
ताजमूल अवस्था यह जड़ लगने की महत्त्वपूर्ण अवस्था है। इस अवस्था में उचित जड़ और वानस्पतिक विकास के लिए दूसरी सिंचाई करें।
Shareबुवाई के 16 से 20 दिन बाद- जड़ माहु की रोकथाम और पोषण प्रदान करें
यूरिया 40 किग्रा + जिंक सल्फेट (ग्रोमोर) 5 किग्रा + सल्फर 90% डब्ल्यूजी (ग्रोमोर) 5 किग्रा + सूक्ष्म पोषक मिश्रण (एरीज टोटल)- 5 किग्रा प्रति एकड़ मिट्टी में भुरकाव करे। इसके साथ-साथ जड़ माहु के प्रबंधन के लिए थियामेथोक्सम 25% डब्ल्यूपी (थियानोवा 25) 250 ग्राम प्रति एकड़ की दर से मिट्टी पर फैलाए।
Shareबुवाई के 3 से 5 दिन बाद – पूर्व उद्धभव खरपतवार के लिए छिड़काव
उगने से पहले खरपतवार के प्रबंधन के लिए पेंडामेथालिन 38.7% सीएस (धानुटॉप सुपर) 700 मिली प्रति एकड़ का छिड़काव करें।
Shareबुवाई के 1 से 2 दिन बाद – बेसल डोज एवं प्रथम सिचाई
बुवाई के ठीक बाद पहली सिंचाई दें और उर्वरक की पहली खुराक जमीन से दे । यूरिया 20 किग्रा, डीएपी- 50 किग्रा, एमओपी- 25 किग्रा, एनपीके बैक्टीरिया (एसकेबी फोस्टरप्लस बीसी -15)-100 ग्राम, ज़िंक सोल्युबलाइजिंग बैक्टीरिया (एसकेबी जेडएनबीबी) – 100 ग्राम, समुद्री शैवाल, अमीनो, ह्यूमिक और माइकोराइजा (मैक्समाइको) – 2 किलो प्रति एकड़ सभी को मिलाएं और मिट्टी में फैलाएं
बुवाई से 3 दिन पहले- बीज उपचार
बीज को मिट्टी में मौजूद फफूंद से बचाने के लिए कार्बेन्डाजिम + मैनकोजेब (कार्मानोवा) 2.5 ग्राम या कार्बोक्सिन 37.5% + थायरम 37.5% (विटावक्स पावर) 2.5 ग्राम प्रति किलो बीज की दर से उपचारित करें। बुवाई से तीन दिन पहले खेत में हल्की सिंचाई करें।
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