बुवाई से 1 दिन पहले- बीज़ उपचार
मृदा जनित कवक रोगो से बीज की रक्षा के लिए, बीज को कार्बेन्डाजिम 12% + मैनकोजेब 63% डब्ल्यूपी (करमानोवा) 2.5 ग्राम प्रति किलो बीज से उपचारित करें। बुवाई से तीन दिन पहले खेत में हल्की सिंचाई करें।
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बुवाई से 1 दिन पहले- बीज़ उपचार
मृदा जनित कवक रोगो से बीज की रक्षा के लिए, बीज को कार्बेन्डाजिम 12% + मैनकोजेब 63% डब्ल्यूपी (करमानोवा) 2.5 ग्राम प्रति किलो बीज से उपचारित करें। बुवाई से तीन दिन पहले खेत में हल्की सिंचाई करें।
प्याज- बुवाई से 10 से 8 दिन पहले- नर्सरी चरण
नर्सरी तैयार करते समय 25 किलोग्राम FYM + 25 ग्राम ट्राइकोडर्मा विरिडी (राइज़ोकेयर) + 25 ग्राम फिप्रोनिल 0. 3% Gr (फ़ैक्स ग्रेन्युल) + 25 ग्राम सीवीड,एमिनो,हुमीक & मायकोराइज़ा (मैक्समाइको) प्रति 30 वर्ग फीट क्षेत्र में मिलाएं।
Shareबुवाई के बाद 81 से 85 दिनों में- कटाई अवस्था
जब पत्तियां पीली होकर नीचे गिर जाती हैं, तो फसल कटाई के लिए तैयार हो जाती है। उचित परिपक्वता के लिए कटाई से 20 दिन पहले सिंचाई बंद कर दें। अधिक जानकारी के लिए हमारे टोल नंबर 1800-315-7566 पर मिस्ड कॉल करे|
Shareबुवाई के बाद 60 से 65 दिनों में- फली छेदक के प्रबंधन के लिए और दानों का आकार बढ़ने के लिए
पॉड बोरर के प्रबंधन के लिए क्लोरफ़्लूज़ुरान 5.4% EC ( आटाब्रान ) 600 मिली या नोवालूरान 5.25%+इमामेक्टिन बेंजोएट 0.9% SC ( बाराजाइड ) 600 मिली प्रति एकड़ 200 लीटर पानी में मिलाये । यह छिड़काव में 00:00:50 1 किलो प्रति एकड़ मिलाये हैं। अधिक जानकारी के लिए हमारे टोल नंबर 1800-315-7566 पर मिस्ड कॉल करे|
Shareबुवाई के बाद 36 से 40 दिनों में – फूल वृद्धि को बढ़ावा देने के लिए एवं फफूंदजनक रोगों के निवारण के लिए
कवकजनित रोग जैसे रस्ट( रतुआ), पत्ती धब्बा रोग के प्रबंधन के लिए कीट नियंत्रण के लिए प्रोफेनोफोस 40% + साइपरमेथ्रिन 4% EC (प्रोफेक्स सुपर) 400 मिली या इमामेक्टिन बेंजोएट 5% SG (ईएम -1) 100 ग्राम + हेक्साकोनाजोल 5% SC (हेक्साधान) 400 मिली को 200 लीटर पानी में मिलकर छिड़काव करे ।इस चरण के दौरान विभिन्न कारणों से फूल गिरना एक बड़ी समस्या है, अतः इसे दूर करने के लिए होमोब्रेसिनोलाइड 0.04% 100 मिली प्रति एकड़ इस छिड़काव में मिला दे| अधिक जानकारी के लिए हमारे टोल नंबर 1800-315-7566 पर मिस्ड कॉल करे|
Shareबुवाई के बाद 30 से 35 दिनों में -उगने के बाद खरपरवार प्रबधन के लिए
यह समय फसल-खरपतवार में भोजन की प्रतियोगिता के लिए आदर्श है। इस अवधि में पहली निराई-गुडाई पूरी करें| अधिक जानकारी के लिए हमारे टोल नंबर 1800-315-7566 पर मिस्ड कॉल करे|
Shareबुवाई के बाद 21 से 25 दिनों में – इल्ली प्रबंधन के लिए एवं जड़ों विकास के लिए
बीटल और विभिन्न प्रकार के लार्वा स्प्रे के प्रबंधन के लिए लैंबडा-सायलोथ्रिन 4.9% सीएस (एलओसी ++) 200 मिली या प्रोफेनोफॉस 50% एससी (सेलेक्रॉन) 500 मिली + कार्बेन्डाजिम 12% + मेंकोजेब 63% डब्ल्यूपी (साफ) 300 ग्राम 200 लीटर में। प्रति एकड़ मिलाये । बेहतर विकास के लिए इस छिड़काव में सीवेड एक्सट्रेक्ट (विगोर्मैक्सक्स जेल) 400 मिली प्रति एकड़ डालें। अधिक जानकारी के लिए हमारे टोल नंबर 1800-315-7566 पर मिस्ड कॉल करे|
Shareबुवाई के बाद 15 से 20 दिनों में-अत्यधिक जल जमाव को रोकने के लिए
वानस्पतिक अवस्था के दौरान फसल को दूसरी सिंचाई दें। जड़ सड़न, विल्ट जैसी बीमारियों से बचाव के लिए अतिरिक्त पानी को बाहर निकालें। मिट्टी की नमी के आधार पर 7 से 10 दिनों के अंतराल पर अगली सिंचाई करें। अधिक जानकारी के लिए हमारे टोल नंबर 1800-315-7566 पर मिस्ड कॉल करे|
Shareबुवाई के बाद 3 से 5 दिनों में- पूर्व उद्भव खरपतवारो के नियंत्रण के लिए
अंकुरण से पहले खरपतवारों के प्रबंधन के लिए इमिजाथपायर 2% + पेन्डीमिथालिन 30% EC (वेलोर 32) 1 लीटर या डिक्लोसुलम 84% WDG (मार्क), 12.4 ग्राम / एकड़ 200 ग्राम पानी में मिलाकर छिड़काव करें। अधिक जानकारी के लिए हमारे टोल नंबर 1800-315-7566 पर मिस्ड कॉल करे|
Shareबुवाई के बाद 1 से 2 दिनों में -फसल को प्राथमिक पोषक तत्व प्रदान करने के लिए
बुवाई के ठीक बाद पहली सिंचाई दें और नीचे उर्वरक की बेसल खुराक लागू करें। इन सभी को मिलाएं और मिट्टी में फैलाएं-, डीएपी- 40 किग्रा, एमओपी- 20 किग्रा, कार्टाप हाइड्रोक्लोराइड 3 किग्रा, जिंक सल्फेट 3 किग्रा, सल्फर 5 किग्रा प्रति एकड़। अधिक जानें तो हमारे टोल-फ्री नंबर 18003157566 पर मिस्ड कॉल दें।
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