7 करोड़ किसानों को बड़ी राहत, 3 महीने तक कृषि ऋण ना जमा करने की मिली छूट

Gramophone's onion farmer

कोरोना वैश्विक महामारी के संक्रमण को रोकने के लिए पिछले दो महीने से भी ज्यादा वक़्त से देशव्यापी लॉकडाउन चल रहा है। इस लॉकडाउन की वजह से किसानों को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पर रहा है। इन्हीं परेशानियों को देखते हुए अब 7 करोड़ KCC धारक किसानों को बड़ी राहत दी गई है। किसानों द्वारा लिए गए ऋण की अगली क़िस्त जमा करने की तिथि थीं महीने आएगी बढ़ा दी गई है।

बता दें की क़िस्त जमा करने की तिथि को पहले भी एक बार बढ़ा कर 31 मई कर दिया गया था। अब इस बढ़ी हुई तिथि को एक बार फिर तीन महीने के लिए आगे बढ़ा कर 31 अगस्त कर दिया गया है। इसका मतलब यह है कि अगर आप आगामी 3 महीने तक लोन की क़िस्त नहीं भरते हैं तो भी बैंक आप पर किसी तरह का कोई दबाव नहीं डालेगा।

स्रोत: कृषि जागरण

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ऑपरेशन ग्रीन के तहत 500 करोड़ का प्रावधान, जानें किन किसानों को मिलेगा फायदा

Provision of 500 crores under Operation Green, know which farmers will benefit

प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना त्रासदी से पैदा हुए हालात से निपटने के लिए आत्मनिर्भर भारत पैकेज के अंतर्गत 20 लाख करोड़ रूपये की घोषणा की थी। इस बड़े पैकेज़ का एक बड़ा हिस्सा कृषि क्षेत्र में लगाया जाने वाला है जिसकी घोषणा बाद में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने की। इसी कड़ी में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि ऑपरेशन ग्रीन को और ज्यादा बढ़ावा दिया जाएगा।

बता दें की इस योजना के अंतर्गत पहले टमाटर, प्याज और आलू आते थे पर अब इसके अंतर्गत बाकी सभी फल और सब्जियों को भी लाया जाएगा। इसके अलावा इस योजना के लिए 500 करोड़ रुपए का प्रावधान भी किया जाएगा जो बहुत सारे किसानों को लाभ पहुँचाएगा।

इस योजना से जो खाद्य पदार्थ नष्ट हो जाते हैं उन्हें बचाया जा सकेगा साथ ही साथ किसानों को विपरीत परिस्थितियों में कम मूल्य पर अपनी फसल नहीं बेचनी पड़ेगी। इस योजना के अंतर्गत सभी फल सब्जियों के परिवहन पर 50% और स्टोरेज पर भी 50% की सब्सिडी दी जाएगी।

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जानें क्या है हर्बल खेती जिसे आत्मनिर्भर पैकेज से मिलेंगे 4000 करोड़ रुपये

Know what is herbal farming which will get 4000 crores from Aatm Nirbhar Bharat Package

प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना त्रासदी से पैदा हुए हालात से निपटने के लिए आत्मनिर्भर भारत पैकेज के अंतर्गत 20 लाख करोड़ रूपये की घोषणा की थी। इस बड़े पैकेज़ का एक बड़ा हिस्सा कृषि क्षेत्र में लगाया जाने वाला है जिसकी घोषणा बाद में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने की। सरकार कृषि के अंतर्गत आने वाले हर छोटे बड़े क्षेत्र पर बड़ी रकम खर्च करने जा रही है। इसी कड़ी में सरकार की तरफ से हर्बल खेती के क्षेत्र में 4000 करोड़ रुपये खर्च करने की बात कही गई है।

क्या है हर्बल खेती?
हर्बल खेती के अंतर्गत किसान उन पौधों की खेती करते हैं जिनका उपयोग आयुर्वेदिक दवाइयों और पर्सनल केयर उत्पाद बनाने में होता है। इसके अंतर्गत अश्वगंधा, तुलसी, एलोवेरा, अतीश, कुठ, कुटकी, करंजा, कपिकाचु, शंखपुष्पी आदि जैसे औषधीय पौधों की खेती होती है।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने हर्बल खेती की चर्चा करते हुए बताया कि इस क्षेत्र को और बढ़ावा देने के लिए 4000 करोड़ रुपए मंजूर किए गए हैं। उन्होंने बताया की अगले दो साल में 10 लाख हेक्टेयर ज़मीन पर हर्बल फ़सलों की खेती की जाएगी।

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भारतीय कृषि की आधारभूत संरचना के विकास पर खर्च होंगे एक लाख करोड़ रुपये

One lakh crores will be spent on the development of Indian agricultural infrastructure

भारत हमेशा से कृषि प्रधान देश रहा है और आज भी भारत कई फ़सलों के उत्पादन में पूरी दुनिया में नंबर एक का स्थान रखता है। ऐसा तब है जब भारतीय कृषि क्षेत्र का इंफ्रास्ट्रक्चर यानी आधारभूत ढ़ांचा अन्य विकसित देशों की तरह आधुनिक नहीं है। बहरहाल सरकार अब इसी कृषि के आधारभूत ढांचे को और ज्यादा आधुनिक और विकसित बनाने के लिए अग्रसर होने वाली है।

कोरोना महामारी से उपजे आर्थिक संकट से निपटने के लिए पीएम मोदी द्वारा घोषित आत्मनिर्भर भारत अभियान के अंतर्गत वित्‍त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कृषि‍ के आधारभूत ढाँचे के विकास के लिए एक लाख करोड़ रुपये के पैकेज का पिछले शुक्रवार को ऐलान किया है।

एक लाख करोड़ रुपये के इस बड़े पैकेज से देश भर में कृषि क्षेत्र का विकास किया जाएगा। इसके अंतर्गत कोल्ड चेन, वैल्यू चेन विकसित करने में मदद मिलेगी। इसका लाभ किसान उत्पादन संघ, कृषि उद्यमी, स्टार्टअप आदि को फार्मगेट पर मिल सकेगा।

वित्‍त मंत्री सीतारमण ने पिछले कुछ दिनों में कृषि को लेकर कई बड़ी घोषणाएँ की हैं जो किसानों के मन में नया विश्वास जगा रही हैं। यह घोषणाएँ अगर घरातल पर साकार होती हैं तो इससे भारतीय अर्थव्यवस्था को भी अच्छी रफ़्तार मिल जायेगी।

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म.प्र. में मंडी अधिनियम बदला, किसानों के लिए खुले नए विकल्प, बिचौलियों से मिला छुटकारा

Private mandis will now open in Madhya Pradesh, farmers will benefit from this

किसानों के पास अपनी उपज को बेचने के लिए बहुत अधिक विकल्प नहीं होते हैं और उन्हें सरकारी मंडियों में ही अपना उत्पादन बेचने को मजबूर होना पड़ता है। इस कारण कई बार उन्हें अपनी उपज के लिए अच्छा दाम भी नहीं मिल पाता है। मध्यप्रदेश सरकार ने किसानों की इन्हीं परेशानियों को समझ कर अब निजी क्षेत्र में मंडियां और नए खरीदी केंद्र आरंभ करने की घोषणा की है। इस घोषणा के साथ साथ अब प्रदेश में मंडी अधिनियम भी बदल गया है।

मंत्रालय में मंडी नियमों में संशोधन पर चर्चा के दौरान प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि ‘किसान भाइयों को उनकी फसल का सही मूल्य दिलाना सरकार का कर्तव्य है। ऐसा करने से प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी और किसानों को इसका सीधा लाभ मिलेगा। इससे दलालों और बिचौलियों से किसानों को छुटकारा भी मिलेगा। किसानों को अपनी फसल बेचने के लिए कई विकल्प मिलेंगे। किसान जहां चाहेगा वहां अपनी सुविधानुसार फसल बेच सकेगा।’

स्रोत: मध्यप्रदेश कृषि मंत्रालय

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अब कृषि क्रांति की तरफ बढ़ेगा भारत, वित्तमंत्री ने किये बड़े कृषि सुधारों के ऐलान

Aatm Nirbhar Bharat Package 2 lakh crore gift to farmers, Finance Minister announced

पीएम मोदी ने कोरोना त्रासदी से पैदा हुए हालात से निपटने के लिए आत्मनिर्भर भारत पैकेज के अंतर्गत 20 लाख करोड़ रूपये की घोषणा की थी। पिछले तीन दिनों से केंद्रीय वित्त मंत्री द्वारा इस पैकेज से जुड़ा हर ब्योरा दिया जा रहा है। इसी कड़ी में पिछले दो दिनों में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जो घोषणाएँ की हैं उससे ऐसा प्रतीत होता है की देश एक नए कृषि क्रांति की तरफ बढ़ने वाला है।

पिछले दो दिनों में वित्त मंत्री ने कृषि क्षेत्र को लेकर कई सकारात्मक घोषणाएँ की हैं। इसी कड़ी में शुक्रवार को उन्होंने देश में कृषि इंफ्रास्ट्रक्चर को बेहतर करने के लिए एक लाख करोड़ रूपये की घोषणा की है। कृषि क्षेत्र के लिए 2 लाख करोड़ रुपये के रियायती कर्ज से जुड़ा ऐलान उन्होंने गुरुवार को ही कर दिया था।

आइये समझते हैं कल की घोषणाओं में क्या था ख़ास?

  • सब्जी आपूर्ति के लिए सरकार ऑपरेशन ग्रीन के अंतर्गत किसानों को लाभ प्रदान करेगी। इसमें कृषि उत्पादों के भंडारण, पैकेजिंग, ब्रांडिंग का काम किया जाएगा।
  • हर्बल खेती पर होगा जोर, इसके लिए सरकार ने 4 हजार करोड़ रुपए की योजना का ऐलान किया है।
  • किसानों को अतिरिक्त आय दिलाने के लिए सरकार ने मधुमक्खी पालन के लिए 500 करोड़ रुपए की योजना पेश की है। इससे 2 लाख मधुमक्खी पालकों को लाभ होगा।
  • पशुपालन इंफ्रास्ट्रक्चर को बेहतर करने के लिए करीब 15 हजार करोड़ रुपए खर्च करेगी सरकार।
  • सरकार डेयरी सेक्टर के अंतर्गत लिए गए ऋण के ब्याज पर 2% की छूट देगी जिससे लाखों- करोड़ों किसानों को फायदा होगा।
  • मछली पालन के क्षेत्र में सरकार 20 हजार करोड़ रुपए की बड़ी आर्थिक मदद देगी।
  • सरकार ने फसल बीमा के लिए भी 64 हजार करोड़ रुपए का ऐलान किया है।
  • फूड प्रोसेसिंग के क्षेत्र में भी सरकार ने 10 हजार करोड़ रुपए खर्च करने का ऐलान किया है।
  • बहरहाल वित्त मंत्री ने यह भी कहा है की अभी कृषि क्षेत्र से जुड़े और भी ऐलान होने बाकी हैं।
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आत्मनिर्भर भारत पैकेज: किसानों के लिए 2 लाख करोड़ की सौगात, वित्तमंत्री ने की घोषणा

Aatm Nirbhar Bharat Package 2 lakh crore gift to farmers, Finance Minister announced

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा घोषित आत्मनिर्भर भारत पैकेज के अंतर्गत किस क्षेत्र को लिए कितने पैसे दिए जाएंगे इसकी घोषणा केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने की है। इस दौरान उन्होंने कृषि क्षेत्र के लिए 2 लाख करोड़ रुपये के रियायती कर्ज के साथ कई अन्य घोषणाएँ भी की।

वित्त मंत्री ने बताया की तीन करोड़ छोटे किसान को पहले ही कम ब्याज दर पर चार लाख करोड़ रुपये का कर्ज दिया जा चुका है। 25 लाख नये किसान क्रेडिट कार्डधारकों को 25,000 करोड़ रुपये का कर्ज मंजूर किया गया है। उन्होंने बताया की मार्च और अप्रैल महीने में 63 लाख लोगों के लिये 86,000 करोड़ रुपये मूल्य के ऋण मंज़ूर किये गये।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया की किसान क्रेडिट कार्ड का लाभ अब फिशरमैन और एनिमल हसबैंड्री फार्मर्स भी उठा पाएंगे। साथ ही किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से 2 लाख करोड़ रुपये का रियायती कर्ज देने की भी घोषणा की गई।

इसके साथ ही किसानों के लिए 30 हजार करोड़ की अतिरिक्त सुविधा (अडिशनल इमर्जेंसी वर्किंग कैपिटल) की घोषणा भी की गई है जिससे 3 करोड़ किसानों को लाभ मिलेगा और इसकी फंडिंग NABARD बैंक करेगा।

रूरल इकॉनमी को मज़बूती प्रदान करने के लिए रूरल इंफ्रास्ट्रक्चर डिवेलपमेंट फंड के अंतर्गत राज्यों को 4200 करोड़ रुपये देने की भी बात की गई है। इसके अलावा उन्होंने बताया की “फसली लोन पर रीपेमेंट में राहत देते हुए 1 मार्च को पेमेंट वाले लोन पर रीपेमेंट की तारीख 31 मई तक के लिए बढ़ा दी गई है। 25 लाख नए किसान क्रेडिट कार्ड जारी किए गए हैं, जिसकी लोन लिमिट 25 हजार करोड़ रुपये है।”

स्रोत: नवभारत टाइम्स

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उपज बेचना हुआ और आसान: अब 962 मंडियों पर ऑनलाइन पोर्टल से होगी बिक्री

Farmers will sell their produce through online portals in 962 mandis

किसानों को अपनी उपज बेचने के कई बार बहुत समस्या का सामना करना पड़ता है। कभी उन्हें सही दाम नहीं मिलते तो कभी ख़रीदार नहीं मिलते। इसी समस्या को दूर करने के लिए सरकार ने साल 2016 में एक ऑनलाइन पोर्टल ई-नाम की शुरुआत की थी | यह एक प्रकार की ऑनलाइन मंडी है जो किसानों और कृषि कारोबारियों में खूब प्रसिद्ध है। हाल ही में इस पोर्टल में कुछ नए फीचर्स जोड़े गए जिसकी मदद से किसान घर या खेत से सीधे अपनी उपज बेच सकता हैं| इस पोर्टल में हाल ही में राज्यों की विभिन्न मंडियों को भी जोड़ दिया गया है |

बता दें की राष्ट्रीय कृषि बाजार (ई-एनएएम) के नाम से जाना जाने वाला यह पोर्टल हाल ही में 177 नई मंडियों से जुड़ा है। इसके बाद अब ईएनएएम में मंडियों की कुल संख्या 962 हो गई है। इससे पहले यह संख्या 785 थी।

इस पोर्टल पर कोई भी किसान स्वयं रजिस्ट्रेशन कर सकता है। किसान ई-नाम में दर्ज मंडियों में व्यापारियों को ऑनलाइन बिक्री के लिए अपनी उपज अपलोड कर सकते हैं और व्यापारी भी किसी भी स्थान से ई-नाम के तहत बिक्री के लिए उपलब्ध लॉट के की बोली लगा सकते हैं।

ज्यादा जानकारी के लिए विजिट करें www.enam.gov.in

स्रोत: किसान समाधान

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पीएम किसान: 9.13 करोड़ किसानों को मिला लाभ, आप भी मिनटों में स्वयं करें रजिस्ट्रेशन

PM kisan samman

कोरोना संक्रमण के फैलाव को रोकने के लिए मार्च महीने से ही देशव्यापी लॉकडाउन जारी है। इस दौरान पीएम किसान सम्मान निधि योजना से 9.13 करोड़ किसानों को लाभ मिला है। इस योजना के अंतर्गत 18,253 करोड़ रुपये की राशि किसानों के बैंक खाते में भेजी गई है। हालाँकि अभी भी कई किसान इस योजना ने नहीं जुड़ पाए हैं जिस कारण उन्हें इसका लाभ भी नहीं मिल पाया है।

बता दें की इस योजना के अंतर्गत रजिस्ट्रेशन करना बहुत ही आसान है। आप कुछ स्टेप्स के जरिए पीएम-किसान योजना के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं।

इसके लिए सबसे पहले पीएम किसान सम्मान निधि योजना की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएँ और लॉग ऑन करें। इसके बाद ‘Farmers Corner’ सेक्शन पर अपने माउस के कर्सर को ले जाएँ और इसके ड्रॉप डाउन लिस्ट में ‘New Farmer Registration’ का विकल्प चुने। इसके बाद आपको आधार कार्ड का नंबर एवं कैप्चा डालना होगा और फिर जो पेज खुलेगा उसपर अपनी पूरी जानकारी डालकर रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया को पूरा करना होगा।

पीएम किसान सम्मान निधि योजना की इस आधिकारिक वेबसाइट के माध्यम से ही योजना के लाभार्थियों की लिस्ट भी देख सकते हैं।

स्रोत: दैनिक जागरण

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मध्यप्रदेश में सभी किसानों का होगा फसल बीमा, सरकार जल्द लेगी फैसला

Crop Insurance

मध्यप्रदेश की सरकार ने किसानों के हितों के लिए पिछले कुछ दिनों से कई कदम उठाये हैं। इसी क्रम में सरकार ने इस बात पर भी चर्चा की है की राज्य के सभी किसानों का प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत बीमा कराया जाए। इस पर सरकार जल्द ही निर्णय ले सकती है।

इस विषय पर मध्यप्रदेश के कृषि मंत्री कमल पटेल ने मीडिया से बात करते हुए कहा की “प्रदेश के हर किसान का प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत फसल बीमा कराया जाएगा, यह निर्णय राज्य सरकार जल्दी ही करने वाली है।”

ग़ौरतलब है की मध्य प्रदेश में करीब 65 लाख किसान हैं और इनमें 36 लाख किसान अपनी फसल का बीमा करवाते हैं। फसल बीमा का प्रीमियम 12% है जिसमें किसान करीब 2% राशि देता है और शेष राशि राज्य तथा केंद्र सरकार मिल कर देती है। आने वाले समय में इस योजना से ज्यादा से ज्यादा किसानों के जुड़ने से प्रीमियम के और कम होने की संभावना है।

स्रोत: आईएएनएस

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