मंडी भाव: मध्य प्रदेश के अलग अलग मंडियों में क्या है कपास, गेहूं, मक्का, सोयाबीन के भाव?

Mandi Bhaw

इंदौर डिविज़न के अंतर्गत आने वाले खरगोन जिले के भीकनगांव मंडी में कपास, गेहूं, मक्का, सोयाबीन आदि फसलों का भाव क्रमशः 3600, 1585, 1070, और 3890 रुपये प्रति क्विंटल है।

इसके अलावा इंदौर डिविज़न के ही अंतर्गत आने वाले धार जिले के धार कृषि उपज मंडी में गेहूं 1830 रुपये प्रति क्विंटल, देशी चना 4910 रुपये प्रति क्विंटल, ज्वार 1480 रुपये प्रति क्विंटल, डॉलर चना 6030 रुपये प्रति क्विंटल, मक्का 1050 रुपये प्रति क्विंटल, मटर 3460 रुपये प्रति क्विंटल, मसूर 4800 रुपये प्रति क्विंटल और सोयाबीन
3920 रुपये प्रति क्विंटल है।

स्रोत: किसान समाधान

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अब ‘किसान रेल’ से आधे किराए पर ही हो जायेगी फल और सब्जियों की माल ढुलाई

Kisan Rail

अब किसान रेल से फल और सब्जियां भेजने पर मालभाड़े में 50% तक की सब्सिडी दी जाएगी। इसके अंतर्गत आम, केला, अमरूद, कीवी, लीची, पपीता, मौसंबी, संतरा, कीनू, नींबू, पाइनएपल, अनार, जैकफ्रूट, सेब, बादाम, आवंला और नासपाती जैसे फल और मटर, करेला, बैंगन, गाजर, शिमला मिर्च, फूल गोभी, हरी मिर्च, खीरा, फलियां, लहसुन, प्याज, टमाटर, आलू जैसी सब्जियों की ढुलाई शामिल होगी।

फल और सब्जियों की माल ढुलाई पर सब्सिडी की यह व्यवस्था बुधवार से लागू कर दी गई है। किसान ही नहीं बल्कि कोई भी व्यक्ति इस सब्सिडी का लाभ ले सकता है और किसान रेल के माध्यम से केवल 50% भाड़े पर फल और सब्जियां भेज सकता है। ग़ौरतलब है कि सरकार ने इस वित्त वर्ष के बजट में विशेष पार्सल ट्रेन ‘किसान रेल’ चलाने का एलान किया था।

स्रोत: ज़ी न्यूज़

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रबी फ़सलों की MSP पर खरीदी में मध्यप्रदेश सबसे आगे

Madhya Pradesh leads in procurement of Rabi crops on MSP

फूड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया के द्वारा जारी किये गए आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2020-21 में रबी फसलों की खरीद के 43 लाख 35 हजार 477 किसानों ने न्यूनतम समर्थन मूल्य का लाभ उठाया है। सभी किसानों को मिलाकर 389.77 लाख मिट्रिक टन अनाज की खरीद की गई है। इसमें सबसे ज्यादा 15 लाख 93 हजार 793 मध्यप्रदेश के किसानों ने न्यूनतम समर्थन मूल्य का लाभ उठाया है।

रबी फसलों में सबसे प्रमुख गेहूं के उत्पादन में पंजाब इस बार मध्यप्रदेश से पिछड़ गया। यही कारण है कि इस साल न्यूनतम समर्थन मूल्य का लाभ उठा पाने में पंजाब के किसान दूसरे नंबर पर पहुंच गए हैं। एफसीआई के आंकड़ों के मुताबिक पंजाब के 10 लाख 49 हजार 982 किसानों ने रबी की फसल के लिए एमएसपी का लाभ उठाया है। इसके अलावा हरियाणा के 7 लाख 82 हजार 240, उत्तर प्रदेश के 6 लाख 63 हजार 810 और राजस्थान के 2 लाख 18 हजार 638 किसानों ने एफसीआई के जरिए अपनी फसलें बेचकर न्यूनतम समर्थन मूल्य का लाभ उठाया है।

स्रोत: अमर उजाला

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इस योजना के माध्यम से ग्रामीणों को आसानी से मिल सकेगा बैंक लोन

Villagers will be able to get bank loan easily through this scheme

पीएम मोदी ने 6 राज्यों के 763 गांवों में स्वामित्व योजना के तहत 1 लाख लोगों को उनके घरों का प्रॉपर्टी कार्ड वितरण किया है। इसके अंतर्गत आने वाले सभी लाभार्थियों को मैसेज द्वारा लिंक भेजा गया जिससे लाभार्थियों ने अपना स्वामित्व कार्ड ऑनलाइन डाउनलोड किया।

इस मौके पर प्रधानमंत्री ने कहा, ‘स्वामित्व योजना, गांव में रहने वाले हमारे भाई-बहनों को आत्मनिर्भर बनाने में बहुत मदद करने वाली है।’ पीएम मोदी ने आगे कहा की, “पूरी दुनिया के बड़े-बड़े एक्सपर्ट्स इस बात पर जोर देते रहे हैं कि जमीन और घर के मालिकाना हक की, देश के विकास में बड़ी भूमिका होती है। जब संपत्ति का रिकॉर्ड होता है, जब संपत्ति पर अधिकार मिलता है तो नागरिकों में आत्मविश्वास बढ़ता है।”

गौरतलब हो की नए तकनीक के माध्यम से पहली बार इतना बड़ा कदम उठाया जा रहा है। इस योजना का सबसे बड़ा लाभ ग्रामीणों को बैंक लोन लेने में होगा। ऐसा कहा जा रहा है सरकार के इस कदम से ग्रामीणों द्वारा ऋण लेने और अन्य वित्तीय लाभ के लिए संपत्ति को वित्तीय संपत्ति के रूप में उपयोग करने का मार्ग प्रशस्त हो जाएगा।

स्रोत: कृषि जागरण

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इस योजना के अंतर्गत खरीदें सिंचाई उपकरण, मिलेगी 80 से 90% की सब्सिडी

Buy irrigation equipment under this scheme, will get 80 to 90% subsidy

कृषि कार्यों में फसल की सिंचाई का एक अहम स्थान होता है और इसी को ध्यान में रखते हुए सरकार ने प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना की शुरुआत की थी। इस योजना के तहत किसानों को सिंचाई उपकरणों की खरीदी पर सब्सिडी मिलती है।

इस योजना के अंतर्गत जहाँ सामान्य किसानों को 80% तक की सब्सिडी प्रदान की जाती दी है, तो वहीं लघु और सूक्ष्म किसानों को 90 प्रतिशत तक की सब्सिडी दी जाती है। इस योजना के लिए किसान ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।

किसानों को पंजीकृत फर्म से सिंचाई उपकरण खरीदने के बाद आवेदन के साथ बिल दफ्तर में जमा करना होता है। जब आवेदन स्वीकृत हो जाता है, तो किसानों को लागत पर 80 से 90% सब्सिडी दी जाती है। इस योजना के लिए केंद्र द्वारा 75% अनुदान दिया जाता है तो वहीं 25% खर्च राज्य सरकार द्वारा किया जाता है।

स्रोत: कृषि जागरण

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मंडी भाव: मध्य प्रदेश के अलग अलग मंडियों में क्या है सब्जियों के भाव?

Mandi Bhaw

इंदौर डिवीज़न के अंतर्गत आने वाले बड़वानी जिले के सेंधवा मंडी में टमाटर, पत्ता गोभी, फूलगोभी, बैंगन, भिण्डी, लौकी आदि सब्जियों का भाव क्रमशः 700, 825, 1025, 850 और 900 रुपये प्रति क्विंटल है।

इसके अलावा उज्जैन डिवीज़न के अंतर्गत आने वाले शाजापुर जिले के मोमनबडोदिया मंडी में मिल क्वालिटी की गेहूं का मंडी भाव 1934 रुपये प्रति क्विंटल है और इसी मंडी में सोयाबीन का भाव 3765 रुपये प्रति क्विंटल है।

बात करें ग्वालियर डिवीज़न के अंतर्गत आने वाले अशोक नगर जिले के पिपरई मंडी में चना, मसूर और सोयाबीन का मंडी भाव क्रमशः 4775, 5200 और 3665 रुपये प्रति क्विंटल है। ग्वालियर के ही भिंड मंडी में बाजरा 1290 रूपये प्रति क्विंटल और खनियाधाना मंडी में मिल क्वालिटी की गेहूं का मंडी भाव 1925 रुपये प्रति क्विंटल है।

स्रोत: किसान समाधान

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पिछले साल की तुलना में इस साल एमएसपी पर ज्यादा कपास खरीदेगी सरकार

Government will buy more cotton on MSP this year than last year

खरीफ फ़सलों की कटाई चल रही है और समर्थन मूल्य पर इसकी खरीदी की तैयारी भी सरकार ने शुरू कर दी है। इस साल कपास की खरीदी का लक्ष्य सरकार पिछले साल की तुलना में बढ़ा दिया है। इस साल न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कपास के 125 लाख गांठ की खरीदी का लक्ष्य रखा गया है।

ग़ौरतलब है की एक गाँठ में 170 किलो होता है और पिछले साल सरकार ने 105.24 लाख गांठ कपास की खरीद की थी। सरकार इस साल करीब 20 लाख गांठ ज्यादा खरीदने की तैयारी में है।

कृषि मंत्रालय के अनुसार कपास की खरीद पर इस बार 35,000 करोड़ रुपये का खर्च आने का अनुमान है। वहीं पिछले खरीफ सीजन में यह खर्च 28,500 करोड़ रुपये का रहा था। मंत्रालय का अनुमान है की इस साल कपास का उत्पादन बढ़कर 360 लाख गांठ हो सकता है जो पिछले साल की तुलना में 357 लाख गांठ से ज्यादा है।

स्रोत: फ़सल क्रांति

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मौसम की मार से परेशान किसानों को म.प्र. सरकार देगी 4000 करोड़ का मुआवजा

MP Government will give compensation of 4000 crores to farmers distressed due to weather

इस साल भारी बारिश की वजह से बाढ़ आने और कीट-रोग के प्रकोप के कारण फ़सलों को काफी नुकसान हुआ है। फसल को हुए नुकसान के आकलन हेतु केंद्र सरकार के ने एक टीम को भेजा था। मध्यप्रदेश में आकलन का काम पूर्ण हो चुका है अब सिर्फ किसानों को सहायता राशि मिलने का इंतजार है।

इस विषय पर सीएम शिवराज चौहान ने कहा है कि “प्रदेश में बाढ़ एवं कीट-व्याधि से प्रभावित हुए किसानों को हर हालत में पूरी सहायता राशि उपलब्ध कराई जाएगी।” ग़ौरतलब है की प्रदेश में बाढ़ एवं कीट व्याधि से लगभग 40 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में फसलें प्रभावित हुई हैं, जिनके लिए लगभग 4,000 करोड़ रुपए का मुआवजा संभावित है। गत वर्ष प्रदेश में लगभग 60 लाख हेक्टेयर क्षेत्र की फसलें खराब हुईं थी तथा किसानों को 2000 करोड़ रुपए का मुआवजा वितरित किया गया था।

स्रोत: किसान समाधान

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ग्रामोफ़ोन एप की डिजिटल सलाहों से खंडवा के किसान की आय में हुई वृद्धि

Digital Advice of Gramophone App increased income of Khandwa farmer

पूरी दुनिया धीरे धीरे डिजिटलाइज होती जा रही है, आज हर जानकारी मोबाइल के एक टच पर कहीं भी कोई भी प्राप्त कर सकता है। डिजिटलीकरण के इस जमाने में भारतीय किसान के लिए भी बहुत सारी संभावनाएं हैं। ग्रामोफ़ोन इन्हीं संभावनाओं के दरवाज़े किसानों के लिए खोल रहा है। अब किसानों को कृषि संबंधित हर जानकारी ग्रामोफ़ोन कृषि मित्र एप के माध्यम से स्मार्ट फ़ोन के एक टच पर मिल रही है। खंडवा के सोयाबीन किसान सागर सिंह सोलंकी भी ग्रामोफ़ोन कृषि मित्र एप की मदद से स्मार्ट खेती कर रहे हैं।

ग्रामोफ़ोन एप के इस्तेमाल ने सागर सिंह सोलंकी को ना सिर्फ स्मार्ट किसान बनाया बल्कि कृषि लागत में कमी करते हुए आय में ही अच्छी वृद्धि दिलाई। एप के इस्तेमाल से उनकी कृषि लागत 21% तक घटा गई और आय में 25% की वृद्धि हो गई। इसके अलावा उनका कुल मुनाफ़ा भी पहले की तुलना में 37% तक बढ़ गया।

सागर सिंह सोलंकी की ही तरह लाखों किसान ग्रामोफ़ोन एप का इस्तेमाल कर रहे हैं और इसका लाभ ले रहे हैं। अगर आप भी इनकी तरह एक स्मार्ट किसान बनना चाहते हैं तो आप भी ग्रामोफ़ोन के साथ जुड़ सकते हैं। ग्रामोफ़ोन से जुड़ने के लिए ग्रामोफ़ोन कृषि मित्र एप पर लॉगिन करें।

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मध्य प्रदेश के किसान इस तारिख से बेच सकेंगे MSP पर धान, पंजीयन प्रक्रिया जारी है

Farmers of MP will be able to sell paddy on MSP from this date, registration process is going on

खरीफ सीजन अपने आखिरी चरण में है और धान जैसी फ़सलों की कटाई शुरू हो चुकी है। ऐसे में मध्यप्रदेश सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर धान की खरीदी की तारीख़ निर्धारित कर दी है। धान की खरीदी अगले महीने यानी नवंबर की 25 तारीख़ से शुरू होगी।

बता दें की न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान की उपज बेचने के लिए पंजीयन प्रक्रिया पहले ही आरम्भ हो चुकी है और इसकी आखिरी तारीख़ 15 अक्टूबर है। बता दें की धान की खरीद 25 नवंबर से शुरू होगी और एक माह से अधिक समय तक चलेगी।

स्रोत: नई दुनिया

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