खुशखबरी: मध्य प्रदेश में आर्मी कैंटीन की तर्ज पर सरकार खोलेगी किसान कैंटीन

Government will open farmer canteens in Madhya Pradesh

मध्य प्रदेश की शिवराज चौहान सरकार सेना के लिए ख़ास तौर पर बनाये जाने वाले आर्मी कैंटीन की तर्ज पर किसान कैंटीन बनाने की तैयारी में है। खबर है की ये किसान कैंटीन राज्य की ए क्लास मंडियो में खोले जाने का प्रस्ताव है। यह जानकारी मध्य प्रदेश के कृषि मंत्री कमल पटेल ने दी है।

कृषि मंत्री कमल पटेल ने कहा कि ‘सभी सुविधाओं से युक्त मंडियां बनाई जा रही हैं। किसान मंडियों में अपनी उपज बेचकर खाली ट्रॉली लेकर मंडी से जाता है। लेकिन अब खाद-बीज, घर का सामान, पेट्रोल से लेकर तमाम अच्छी गुणवत्ता की चीजें उसे मंडियों में ही मिलेंगी। किसान को खरीदारी के लिए यहां से वहां नहीं भटकना पड़ेगा। मंडियों में शॉपिंग मॉल बनाए जाएंगे।

स्रोत: ज़ी न्यूज़

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1 दिसम्बर से मिलेगी पीएम किसान की सातवीं क़िस्त, पता करें लिस्ट में आपका नाम है या नहीं

PM Kisan Samman Nidhi Yojana

पीएम किसान सम्मान निधि योजना की सातवीं किस्त कुछ घंटों बाद करीब 11.35 करोड़ किसानों के खाते में पहुँच जायेगी। इस योजना के अंतर्गत मिलने वाली 2000 रुपये की यह क़िस्त इस वित्तीय वर्ष की तीसरी किस्त होगी जो आगामी 1 दिसंबर से आनी शुरू हो जाएगी। अगर आप भी 7वीं किस्त का इंतजार कर रहे हैं तो लिस्ट में अपना नाम जरूर देख लें।

ऑनलाइन माध्यम से लिस्ट देखने के लिए :

  • आपको वेबसाइट? pmkisan.gov.in पर जा कर मेन्यू बार में मौजूद ‘फार्मर कार्नर’ पर जाना होगा।

  • यहां मौजूद ‘लाभार्थी सूची’ के लिंक पर क्लिक करें और फिर अपना राज्य, जिला, उप-जिला, ब्लॉक और गांव विवरण दर्ज करें।
  • ये सब करने के बाद गेट रिपोर्ट (Get Report) बटन पर क्लिक करें। ऐसा करने पर आपके सामने पूरी लिस्ट आ जाएगी जहाँ आप अपना नाम सर्च कर सकते हैं।

  • लिस्ट में नाम न होने पर हेल्पलाइन नंबर 011-24300606 पर आप इसकी शिकायत कर सकते हैं।

स्रोत: लाइव हिंदुस्तान

 

 

 

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पीएम किसान योजना की 2000 रुपये की सातवीं किस्त इस तारीख से मिलेगी

The seventh installment of PM Kisan Yojana will be received from this date

केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के अंतर्गत सातवीं क़िस्त के 2000 रूपये किसानों के खातों में भेजने की पूरी तैयारी कर ली है। आगामी एक दिसंबर से किसानों के बैंक खातों में ये रकम भेजी जाने लगेगी।

गौरतलब है की पिछले साल इस महत्वाकांक्षी योजना की शुरुआत हुई थी, जिसके अंतर्गत केंद्र सरकार द्वारा आर्थिक मदद के तौर पर सीधे किसानों के बैंक खाते में पैसे भेज दिए जाते हैं। अब तक इस योजना के अंतर्गत छह किस्त किसानों के खातों में भेजे गए हैं।

स्रोत: कृषि जागरण

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फसल अवशेषों से बनेगा ईंधन, मध्य प्रदेश सरकार कर रही है तैयारी

Fuel will be made from crop residues, Madhya Pradesh government is preparing

किसानों द्वारा खेतों में पराली जलाने से प्रदूषण के साथ साथ खेतों की उर्वरता भी कम हो रही है। इन समस्याओं को ध्यान में रखते हुए सरकार किसानों से पराली न जलाने का आग्रह करती रहती है। हालांकि अब इसी मसले पर मध्यप्रदेश सरकार नया कदम उठाने जा रही है जिससे इस समस्या का हमेशा के लिए समाधान हो सकता है।

मध्यप्रदेश में पराली को जलाने से होने वाले पर्यावरणीय नुकसान को रोकने की योजना पर काम किया जा रहा है। इसके तहत राज्य में पराली से ईंधन बनाने की इकाइयां लगाए जाने का प्रस्ताव है। राज्य के कृषि मंत्री ने कहा है कि पराली जलाने से हो रहे पर्यावरणीय नुकसान को रोकने के लिए पराली से ईंधन बनाने के यूनिट लगाए जाएंगे।

स्रोत: इंडिया डॉट कॉम

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कुसुम योजना से किसानों को मिलेगा सोलर पम्प, रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया जारी है

Kusum scheme will provide solar pump to farmers

कुसुम योजना के अंतर्गत किसानों को सोलर पंप सब्सिडी दी जाती है। इससे डीजल की खपत पर और कच्चे तेल के आयात में कमी आएगी। इसीलिए सरकार इस योजना को बढ़ावा दे रही है।

इस योजना के अंतर्गत सौर ऊर्जा उपकरण स्थापित करने के लिए किसानों को महज 10% राशि का भुगतान करना होगा। इसके अलावा केंद्र सरकार किसानों को बैंक खाते में सब्सिडी देती है। योजना के अंतर्गत लगने वाले सौर प्लांट बंजर भूमि पर लगाए जाते हैं।

इस योजना के अंतर्गत रजिस्ट्रेशन करने की अंतिम तिथि बढ़ा कर 1 दिसंबर कर दी गई है। अतः अंतिम तारिख से पहले किसान कुसुम योजना की आधिकारिक वेबसाइट https://kusum.online/ पर जाकर रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं।

स्रोत: कृषि जागरण

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खुलेंगे 28 फूड प्रोसेसिंग यूनिट, 10 हजार से ज्यादा लोगों को मिलेगा रोजगार

more than 10 thousand people will get employment

केंद्रीय कृषि मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर ने 28 फूड प्रोसेसिंग यूनिट बनाये जाने की मंजूरी दी है जिससे बहुत सारे रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे। देश के कुछ 10 राज्यों में ये यूनिट लगाए जाएंगे जिससे 10 हजार से ज्यादा लोगों को रोजगार मिलेगा।

इन राज्यों में मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र, जम्मू-कश्मीर, कर्नाटक, तमिलनाडु, उत्तराखंड, असम और मणिपुर शामिल हैं। इस योजना के लिए मंत्री द्वारा 320.33 करोड़ रुपये की लागत निर्धारित की गई है।

इस योजना का मुख्य उद्देश्य प्रसंस्‍करण एवं संरक्षण क्षमताओं का निर्माण और मौजूदा फूड प्रोसेसिंग यूनिटों का आधुनिकीकरण/विस्‍तार करना है, जिससे प्रसंस्‍करण के स्‍तर में वृद्धि होगी, मूल्यवर्धन होगा तथा अनाज की बर्बादी में कमी आएगी।

स्रोत: न्यूज़ 18

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पीएम किसान योजना में हुए कई बदलाव, सातवीं किश्त से पहले पढ़ें पूरी जानकारी

PM Kisan Yojana

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के माध्यम से करोड़ो किसानों को लाभ मिल रहा है। इस योजना की सातवीं किश्त जल्द ही किसानों की मिलने वाली है। हालांकि सातवीं किश्त से पहले इस योजना में केंद्र सरकार ने कुछ बदलाव किए हैं जिनकी जानकारी आपको होनी चाहिए।

पीएम किसान सम्मान निधि का लाभ ले रहे किसान को अब पीएम किसान मानधन योजना के लिए कोई दस्तावेज नहीं देना होगा। इस योजना के अंतर्गत किसान पीएम-किसान योजना से प्राप्‍त लाभ में से सीधे ही अंशदान करने का विकल्प चुन सकते हैं।

पीएम किसान स्कीम से किसान क्रेडिट कार्ड को जोड़ दिया गया है। इसके साथ ही अब प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के लाभार्थियों के लिए केसीसी बनवाना आसान हो गया है।

किसान अगर पीएम किसान सम्मान निधि स्कीम का लाभ लेना चाहते हैं तो उनके पास आधार का होना जरूरी है। बिना आधार कार्ड के आप इस योजना का लाभ नहीं उठा सकते।

पीएम किसान सम्मान निधि स्कीम के आरम्भ के समय इसका लाभ सिर्फ वैसे किसान ले सकते थे जिनके पास 2 हेक्टेयर या 5 एकड़ कृषि योग्य खेत थी। परन्तु अब मोदी सरकार ने यह बाध्यता खत्म कर दी है।

स्रोत: इंडिया डॉट कॉम

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गेहूँ के बाद अब धान की खरीदी में भी मध्यप्रदेश बना सकता है रिकॉर्ड

After wheat now MP can create a record in the purchase of paddy

आपको पता होगा की समर्थन मूल्य पर गेहूँ की खरीदी के मामले में मध्यप्रदेश ने सी बार पंजाब को पीछे छोड़ते हुए पहला स्थान हासिल किया था। अब ऐसी संभावना जताई जा रही है की धान की खरीद में भी मध्यप्रदेश अपना पुराना रिकॉर्ड तोड़ सकता है।

गौरतलब है की पिछले साल मध्य प्रदेश में सबसे ज्यादा 25.86 लाख टन धान की खरीद हुई थी। वहीं इस बार 40 लाख टन धान की खरीदी किये जाने अनुमान है। बता दें की पिछले कुछ सालों में प्रदेश में कृषि क्षेत्र के लिए कई बड़े बदलाव किये गए हैं। प्रदेश में कृषि कैबिनेट बनाने जैसे कदमों से कृषि क्षेत्र में काफी सुधार हुआ है। अब इन्ही सुधारों के नतीजे भी सामने आने लगे हैं।

स्रोत: नई दुनिया

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प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना से दें अपनी फसल को सुरक्षा, जल्द कराएं पंजीकरण

Give protection to your crop with PMFBY, get registration soon

किसान रबी फसलों की बुआई के कार्य में लगे हैं। ऐसे में अपनी फसलों को भविष्य की प्राकृतिक आपदाओं से बचाने हेतु फसलों का बीमा करवाना भी जरूरी होता है। ऐसा करने से फसल क्षति होने पर उसकी भरपाई की जाती है। फसल क्षति की भरपाई के लिए ही सरकार प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना चलाती है। इस योजना के अंतर्गत फसल की बुआई से लेकर कटाई के बाद तक की पूरे फसल चक्र में फसल की सुरक्षा होती है।

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना रबी 2020-21 के अंतर्गत पंजीकरण का कार्य शुरू हो गया है। ज्यादातर राज्यों में किसान 15 दिसम्बर 2020 तक बीमा करा सकते हैं। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना अंतर्गत ऋणी एवं अऋणी किसान जो भू-धारक व बटाईदार हो सम्मिलित हो सकते हैं।

स्रोत: किसान समाधान

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पशुपालन क्षेत्र में विकास हेतु मध्यप्रदेश में बनेगी गौ कैबिनेट

Gau-Cabinet to be developed in MP for development in animal husbandry

मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री के द्वारा गौधन के संरक्षण एवं संवर्धन हेतु गौ-कैबिनेट बनाने का फैसला किया है। इस कैबिनेट के अंतर्गत पशुपालन, वन, पंचायत तथा ग्रामीण विकास, राजस्व, गृह और कृषि विकास एवं किसान कल्याण विभाग को शामिल किया जायेगा। बता दें कि इस कैबिनेट की पहली बैठक आने वाले 22 नवम्बर को प्रस्तावित है। इसी दिन गोपाष्टमी का पावन पर्व भी मनाया जाता है।

गौरतलब है कि मुख्यमंत्री ने इससे पहले कृषि कैबिनेट भी बनाया था। इस कैबिनेट के निर्णयों पर अमल किया गया जिसका परिणाम कृषि क्षेत्र में उत्पादन और उत्पादकता में वृद्धि के रूप में मिला। इसके अलावा किसानों को शासन की योजनाओं का लाभ भी इससे मिला जिससे उन्हें आर्थिक लाभ हुआ। अब ठीक इसी प्रकार गौ-कैबिनेट के निर्माण से गौ-सेवकों, पशु पालकों और किसानों को लाभ होगा।

स्रोत: द हिंदू

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