मध्य प्रदेश के किसानों को सम्मान कार्ड के माध्यम से मिलेंगे कई लाभ
मुख्यमंत्री कल्याण योजना के तहत मध्य प्रदेश के लाखों किसानों को सालाना चार हजार रुपए देने के बाद शिवराज सरकार अब ‘सम्मान कार्ड’ देने की तैयारी में है। इस योजना के तहत किसान ‘सम्मान कार्ड’ से मंडियों में बनाए जाने वाले बाजार में खरीदी कर सकेंगे। बता दे कि यह कार्ड बैंक खाता और आधार कार्ड से लिंक होगा।
प्रदेश के कृषि मंत्री कमल पटेल के अनुसार इस कार्ड की शुरुआत नए वित्तीय वर्ष में कर दी जाएगी और कुछ मंडियों में बाजार भी शुरू कर दिए जाएंगे। इस कार्ड से किसानों को मिलिट्री कैंटीन की तरह रियायती दर पर सामग्री मिलेगी। मध्य प्रदेश के किसानों को एक ही जगह पर सुविधाएं उपलब्ध करने के लिए सरकार कृषक बाजार बनाने जा रही है। इसके लिए मंडियों का चयन किया जा रहा है।
स्रोत : नई दुनिया
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गेहूँ की कटाई के बाद घर पर ही करें सुरक्षित भंडारण, देखें वीडियो
गेहूँ की फसल की कटाई बहुत सारे किसान भाइयों ने कर ली है। कटाई के बाद कई किसान उपज को भरोसेमंद खरीददारों के पास सही रेट पर बेचना चाहते हैं। इसके लिए तो ग्रामोफ़ोन का ग्राम व्यापार मददगार सिद्ध हो सकता है। यहाँ आप कई भरोसेमंद खरीददारों से संपर्क कर सकते हैं और घर बैठे सौदा तय कर सकते हैं। हालाँकि कई किसान अपनी गेहूँ की उपज को घर पर ही भंडारित कर के रखते हैं। तो घर पर घरेलू नुस्खों के साथ गेहूँ के सुरक्षित भंडारण हेतु देखें वीडियो।
वीडियो स्रोत: ग्रीन टीवी
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गेहूँ की पराली से खेत में ही बनाएं घरेलू खाद, जानें पूरी प्रक्रिया
किसानों के बीच फ़सल अवशेषों के निपटारे को लेकर अव्यवस्था की स्थिति बनी रहती है। अक्सर फसल की कटाई के बाद फ़सल अवशेषों को जलाये जाने की खबर आती है जिसके कारण प्रदूषण का स्तर भी काफी बढ़ जाता है। फसल अवशेषों को खेत में जलाने से खेत की उर्वरा शक्ति भी कम होती है। इसीलिए फ़सल अवशेषों के बेहतर निपटारे हेतु किसानों को कार्य करना चाहिए और इसके लिए सबसे बेहतर युक्ति है इन अवशेषों का डिकम्पोजर की मदद से घरेलू खाद बनाना। ऐसा करके वे ना सिर्फ फ़सल अवशेषों का निपटारा कर पाएंगे बल्कि डिकम्पोजर की मदद से तैयार घरेलू खाद से खेतों की उर्वरा शक्ति भी बढ़ा पाएंगे।
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पुर्तगाल से आये मिर्च ने भारत में काली मिर्च के एकाधिकार को खत्म किया
इतिहास में भारत पूरी दुनिया में मसालों के लिए जाना जाता था। भारत में कई प्रकार के मसाले होते थे और इनमें प्रमुख थी काली मिर्च। एक वक़्त पर तीखे स्वाद के लिए काली मिर्च भारत समेत पूरी दुनिया में प्रसिद्ध थी। पर काली मिर्च के इस एकाधिकार को खत्म किया पुर्तगालियों के साथ आये मिर्च ने, जी हाँ मिर्च भारत में सबसे पहले सन 1498 में आई थी और इसे पुर्तगाली सबसे पहले गोवा लेकर आए थे।
बस मिर्च के भारत आने भर की देर थी यह भारत के लोगों को भी खूब पसंद आई और जल्द ही भारत में भी इसकी खेती शुरू हो गई। आज पूरे विश्व में भारत ही है हर मायने में मिर्च का महाराजा। विश्व पटल पर भारत मिर्च का सबसे बड़ा उत्पादक, उपभोक्ता और निर्यातक देश है। यहाँ लगभग 751 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में मिर्च की खेती की जाती है जिससे लगभग 2149 हजार मीट्रिक टन उत्पादन प्राप्त होता है। तो इस तरह तीखेपन की जंग में देशी काली मिर्च विदेशी मिर्च से हार गई।
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1000 रुपये प्रति किलो बिकते हैं केकड़े, होती है लाखों में कमाई
केकड़ा पालन किसानों के लिए कमाई का एक अच्छा स्रोत है। इसके पालन की प्रक्रिया कई तरीके से कर सकते हैं। इसमें खर्च भी बहुत ज्यादा नहीं लगता है और लाभ अच्छा मिल जाता है। बाजार में इसकी कीमत 1000 रुपये प्रति किलो से भी ज्यादा होते हैं। ज्यादा जानकारी के लिए देखे वीडियो।
वीडियो स्रोत: यूट्यूब
ये भी पढ़ें: केकड़ा पालन की विस्तृत जानकारी
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मध्य प्रदेश के इन क्षेत्रों में हो सकती है छिटपुट बारिश, जानें मौसम पूर्वानुमान
मध्य भारत में फ़िलहाल मौसम काफी गर्म है। गुजरात में 1-2 दिनों के बाद बारिश थम जाएगी। हालांकि दक्षिणी पूर्वी मध्य प्रदेश के कुछ इलाकों में छुटपुट बारिश होने की संभावना है। इसके साथ ही विदर्भ, मराठवाड़ा और मध्य महाराष्ट्र जैसे इलाकों में अगले 2-3 दिनों के दौरान अच्छी बारिश होने की संभावना बन रही है।
स्रोत : स्काईमेट वेदर
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पीएम किसान योजना की आठवीं क़िस्त के 2000 रूपये किसानों को जल्द मिलने वाले हैं
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के अंतर्गत सभी पात्र किसानों के बैंक खातों में 2000 रुपये की अगली किस्त मई महीने के शुरुआत के बाद किसी भी वक़्त आनी शुरू हो जायेगी। बता दें की यह क़िस्त, इस योजना की आठवीं क़िस्त है और इससे पहले सात क़िस्त किसानों को दी जा चुकी है।
अगर आप इस योजना के पात्र किसान हैं तो अपना स्टेटस चेक कर लें और यह निश्चित कर लें की आपके आवेदन में कोई त्रुटि तो नहीं है।
अपना स्टेटस चेक करने के लिए :
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योजना की अधिकारिक वेबसाइट ? pmkisan.gov.in पर जाएँ और फार्मर कॉर्नर पर क्लिक करें। इसके बाद आपको लाभार्थी की स्थिति दिखाई देगी। अब आप उस पर क्लिक कर दें।
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लाभार्थी की स्थिति पर क्लिक करने के बाद आपको अपना आधार नंबर, खाता नंबर और मोबाइल नंबर दर्ज करना होगा।
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इतना करने के बाद आपको इस बात की जानकारी मिल जाएगी कि आपका नाम पीएम किसान सम्मान निधि योजना के लाभार्थियों की सूची में है या नहीं।
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अगर आपका नाम इस लिस्ट में है और उसमें किसी प्रकार की गलती नहीं है, तो आपको योजना का लाभ जरूर मिलेगा।
स्रोत : कृषि जागरण
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मध्य प्रदेश के पूर्वी जिलों में हो सकती है बारिश, जानें मौसम पूर्वानुमान
मध्य भारत के तेलंगना, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के कुछ इलाकों में हल्की बारिश हुई है। आने वाले दिनों में पूर्वी मध्य प्रदेश, विदर्भ और तेलंगाना जैसे इलाकों में बारिश की गतिविधियां होने की संभावना पुनः बन रही है और इसके साथ मध्य महाराष्ट्र के दक्षिणी जिलों में भी बारिश की गतिविधियां जारी रहने ही संभावना है।
स्रोत : स्काईमेट वेदर
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सिंचाई हेतु तालाब निर्माण पर मध्यप्रदेश के किसानों को मिलेगी 1 लाख तक की सब्सिडी
कृषि क्षेत्र में विकास हेतु मध्य प्रदेश सरकार बलराम ताल योजना चला रही है। इस योजना का उद्देश्य सतही व भुमीगत जल की उपलब्धता को बढ़ाना है। इसके लिए सामान्य किसानों को खेत में तालाब बनाने के लिए होने वाले खर्च का 40% हिस्सा अनुदान के रूप में दिया जाता है।
इसमें हितग्राही किसान को अनुदान के 50% (अधिकतम राशि ₹80000) के अतिरिक्त खर्च को स्वयं वहन करना होगा। अगर हितग्राही अनुसूचित जाति/जनजाति के होंगे तो अनुदान के 75% (अधिकतम राशि ₹100000) के अतिरिक्त के खर्च को स्वयं वहन करना होगा। इस योजना में आवेदन के लिए ई-कृषि यंत्र अनुदान पोर्टल पर जाएँ।
स्रोत: किसान समाधान
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