22 जून को मध्य प्रदेश की मंडियों में क्या रहे अलग अलग फसलों के भाव

Mandi Bhaw Madhya Pradesh

मंडी

फसल

न्यूनतम

अधिकतम

मॉडल

रतलाम _(नामली मंडी)

गेहूँ लोकवन

1550

1710

1657

रतलाम _(नामली मंडी)

डॉलर चना

7001

7001

7001

रतलाम _(नामली मंडी)

पीला सोयाबीन

6500

7200

7000

रतलाम _(नामली मंडी)

इटालियन चना

3900

4601

4300

रतलाम _(नामली मंडी)

सरसों

5000

5000

5000

रतलाम

गेहूँ शरबती

2382

2728

2480

रतलाम

गेहूँ लोकवन

1745

2215

1838

रतलाम

गेहूँ मिल

1623

1716

1680

रतलाम

विशाल चना

4001

4931

4700

रतलाम

इटालियन चना

4677

5112

4850

रतलाम

डॉलर चना

4650

8402

7700

रतलाम

पीला सोयाबीन

6000

8000

6960

रतलाम

मटर

4201

6601

4551

रतलाम

मक्का

1660

1660

1660

रतलाम

मेथी

5201

5201

5201

रतलाम _(सेलाना मंडी)

सोयाबीन

6100

9602

7851

रतलाम _(सेलाना मंडी)

गेहूँ

1500

2030

1765

रतलाम _(सेलाना मंडी)

चना

4591

4952

4771

रतलाम _(सेलाना मंडी)

डॉलर चना

5860

5860

5860

रतलाम _(सेलाना मंडी)

मेधी दाना

5751

6441

6096

रतलाम _(सेलाना मंडी)

मसूर

5501

5501

5501

रतलाम _(सेलाना मंडी)

रायडा

5701

5701

5701

रतलाम _(सेलाना मंडी)

मटर

4051

4351

4201

धामनोद

गेहूँ

1701

1750

धामनोद

डॉलर चना

6610

7650

धामनोद

चना

4100

4350

धामनोद

मक्का

1551

1691

रतलाम _(नामली मंडी)

लहसुन

1000

9500

4000

रतलाम _(सेलाना मंडी)

प्याज

541

2500

1520

रतलाम _(सेलाना मंडी)

लहसुन

1401

9500

5450

अब ग्रामोफ़ोन के ग्राम व्यापार से घर बैठे, सही रेट पर करें अपनी फसल की बिक्री। भरोसेमंद खरीददारों से खुद भी जुड़ें और अपने किसान मित्रों को भी जोड़ें।

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22 जून को इंदौर मंडी में प्याज की किस क्वालिटी का क्या रहा भाव?

What were the prices of onions in Indore's mandi today

वीडियो के माध्यम से जानें आज यानी 22 जून के दिन इंदौर के मंडी में क्या रहे प्याज की अलग अलग क्वालिटी के मंडी भाव?

वीडियो स्रोत: यूट्यूब

अब ग्रामोफ़ोन के ग्राम व्यापार से घर बैठे, सही रेट पर करें अपनी लहसुन-प्याज जैसी फसलों की बिक्री। भरोसेमंद खरीददारों से खुद भी जुड़ें और अपने किसान मित्रों को भी जोड़ें।

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अगले 7 दिन मध्यप्रदेश में कैसा रहेगा मौसम, कहाँ कहाँ होगी बारिश?

Weekly Madhyapradesh weather update

वीडियो के माध्यम से जानें कैसा रहेगा मध्यप्रदेश में मौसम का हाल पूरे सप्ताह।

वीडियो स्रोत: मौसम तक

मौसम सम्बंधित पूर्वानुमानों की जानकारियों के लिए रोजाना ग्रामोफ़ोन एप पर जरूर आएं। नीचे दिए गए शेयर बटन को क्लिक कर इस लेख को अपने मित्रों के साथ भी साझा करें।

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ग्रामोफ़ोन एप से खेत जोड़ें और कम खर्च में उपज में करें 40% तक का इजाफा

Add Farm with Gramophone app and increase yield by 40% in less cost

अगर आप किसान हैं और आप या आपके घर का कोई भी सदस्य स्मार्ट फ़ोन का इस्तेमाल करता है तो आप अपनी कृषि में कई क्रांतिकारी बदलाव ला सकते हैं। यह बदलाव आप ग्रामोफ़ोन कृषि मित्र एप के माध्यम से ला सकते हैं। इस एप के माध्यम से आज हजारो किसान स्मार्ट खेती कर रहे हैं और कम कृषि खर्च में अच्छा मुनाफा प्राप्त कर रहे हैं। ये सभी किसान दरअसल ग्रामोफ़ोन एप से अपना खेत जोड़ देते हैं और उन्हें पूरे फसल चक्र में अपने खेत में कौन सी गतिविधि करनी है उसकी समयपूर्व सूचना एप के माध्यम से मिलती रहती है।

ग्रामोफ़ोन एप से कोई भी किसान अपना खेत जोड़ सकता है। ऐसा करने के लिए सबसे पहले आपको एप के ‘मेरे खेत’ विकल्प कर जाना होगा और फिर वहां ‘खेत जोड़ें’ बटन पर क्लिक करना होगा। ऐसा करने के बाद आपको अपने खेत और फसल से जुड़ी कुछ जानकारियां जैसे खेत का नाम, फसल का नाम, बुआई की तिथि और खेत के क्षेत्र संबंधी जानकारी भरनी होगी।

बस इतना भर कर देने से आपका खेत एप से जुड़ जाएगा और पूरे फसल चक्र में आपको कब कौन सा कृषि कार्य करना है इसकी सूचना समय से पहले ही मिलती रहेगी। इसके साथ ही कौन से कृषि उत्पाद का उपयोग आप अपनी फसल में कर सकते हैं इसकी सूचनाएं भी आपको मिलेंगी।

बहुत सारे किसानों ने ग्रामोफ़ोन एप के इस फीचर का इस्तेमाल किया और समृद्धि की इबारत लिख डाली, कई किसानों को ऐसा करने से उपज में 40% तक की वृद्धि देखने को मिली और कृषि खर्च भी कम हुआ। इससे मुनाफे में अच्छा ख़ासा इजाफा बहुत सारे किसानों को हो रहा है। अब आपकी बारी है, इस खरीफ सीजन की अपनी सभी फसलों के खेत ग्रामोफ़ोन एप से जोड़ें और समृद्धि से नाता जोड़ें।

अपने खेत ग्रामोफ़ोन एप से जोड़ने के लिए क्लिक करें 

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इस फूल की खेती से सिर्फ छह महीने में होगी लाखों की कमाई

Cultivation of chamomile plant

अपनी औषधीय गुणों की वजह से जादुई फूल के नाम से जाना जाने वाला कैमोमाइल वनस्पति कई प्रकार के रोगों के लिए कारगर दवा साबित होती है। इसकी खेती कर के किसान कम समय में अच्छा मुनाफा प्राप्त कर सकते हैं।

कैमोमाइल वनस्पति की खेती में काफी कम कृषि खर्च लगती है, इसकी खेती आप महज 10-12 हजार रुपए के खर्च में कर सकते हैं। इसकी फसल छह महीने में तैयार हो जाती है और कमाई लाखों में होती है। इसकी अच्छी कमाई को देख कर कई किसान इसकी खेती के लिए आगे बढ़ रहे हैं।

कैमोमाइल के सुखे फूलों की बहुत ज्यादा मांग है। राजस्थान, मध्य प्रदेश जैसे कई राज्य इसके सूखे फूल को खरीदते हैं। इसका उत्पादन प्रति एकड़ पौने पांच क्विंटल तक रहता है। इस फूल का इस्तेमाल सौंदर्य उत्पादों में भी काफी होता है। इसके साथ ही कई आयुर्वेदिक और हौम्योपैथिक दवाइयों में यह उपयोग किया जाता है।

स्रोत: कृषि जागरण

कृषि क्षेत्री की ऐसी ही नई नई व महत्वपूर्ण जानकारी के लिए रोजाना पढ़ते रहें ग्रामोफ़ोन एप के लेख। इस लेख को नीचे दिए गए शेयर बटन पर क्लिक कर अपने मित्रों के साथ भी साझा करें।

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अगले 2-3 दिन मानसून रहेगा कमजोर, जानें किस क्षेत्र में कैसा रहेगा मौसम?

Monsoon Weather Forecast

पश्चिमी हवाओं के प्रभाव से मानसून के आगे बढ़ने में रुकावट आ रही है। मध्य प्रदेश में बारिश में अगले दो दिन बारिश बेहद कम होने की संभावना है। इसके अलावा उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, गुजरात, राजस्थान तथा महाराष्ट्र में जारी बारिश में भी अब कमी आने की संभावना है।

वीडियो स्रोत: स्काईमेट वेदर

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21 जून को मध्य प्रदेश की मंडियों में क्या रहे अलग अलग फसलों के भाव

Mandi Bhaw Madhya Pradesh

मंडी

फसल

न्यूनतम

अधिकतम

मॉडल

रतलाम _(नामली मंडी)

गेहूँ लोकवन

1570

1800

1705

रतलाम _(नामली मंडी)

डॉलर चना

5701

7001

7001

रतलाम _(नामली मंडी)

यलो सोयाबीन

5800

7140

6050

रतलाम

गेहूँ शरबती

2345

3288

2660

रतलाम

गेहूँ लोकवन

1725

2120

1830

रतलाम

गेहूँ मिल

1610

1710

1665

रतलाम

विशाल चना

4100

4751

4400

रतलाम

इटालियन चना

4500

5051

4876

रतलाम

डॉलर चना

4300

8541

7100

रतलाम

गेहूँ शरबती

5900

7940

6750

रतलाम

मटर

3351

6400

4400

रतलाम _(नामली मंडी)

लहसुन

1000

10555

5000

रतलाम_एपीएमसी

प्याज

650

2425

1515

रतलाम_एपीएमसी

लहसुन

1600

9700

4600

अपनी फसल की बिक्री के लिए ना हों परेशान, ग्रामोफ़ोन के ग्राम व्यापार पर घर बैठे भरोसेमंद खरीददारों से करें डायरेक्ट बात और सौदा करें तय।

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इंदौर मंडी में 21 जून को क्या रहे प्याज लहसुन और आलू के भाव?

Indore Mandi Bhaw

वीडियो के माध्यम से जानें आज यानी 21 जून के दिन इंदौर के मंडी में क्या रहे प्याज, लहसुन और आलू जैसे फसलों के मंडी भाव?

वीडियो स्रोत: यूट्यूब

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मिर्च के पौध की अच्छी वृद्धि के लिए इन उपायों को जरूर अपनाएं

What measures should be taken for good growth of chilli plant
  • मिर्च की फसल की अच्छी वृद्धि के लिए कुल 16 पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है। इनमें से किसी एक पोषक तत्व की कमी होने पर पैदावार पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है और भरपूर फसल नहीं मिलती।

  • पौधों को विकास के लिए सूरज की पर्याप्त रोशनी की जरूरत होती है। अगर मिर्च की नर्सरी किसी ऐसी जगह पर हो, जहां धूप कम आती है या नहीं आती है तो मिर्च की फसल की वृद्धि बहुत प्रभावित होती है क्योंकि पेड़-पौधों को अपना भोजन बनाने के लिए सूरज की रोशनी की जरूरत होती है।

  • मिट्टी एवं बीज़ उपचार करने के बाद ही मिर्ची की नर्सरी में बीजों की बुआई करें। मिट्टी एवं बीज़ उपचार के माधयम से मिर्च की फसल स्वस्थ रहती है साथ ही फसल का विकास बहुत अच्छा होता है।

  • मिर्च की रोप के प्रत्यारोपण के समय ही आवश्यक उर्वरकों का मिट्टी में उपयोग करने से, मिर्च की फसल के विकास के लिए आवश्यक तत्वों की उपलब्धता सुनिश्चित हो जाती है।

  • इसी प्रकार डीएपी, यूरिया, पोटाश, जिंक, मेग्नेशियम, सल्फर जैसे उर्वरको की पूर्ति मिर्च की फसल में समय से करने से अच्छी फसल वृद्धि होती है एवं फसल स्वस्थ, रोगरोधी होती है साथ ही अच्छी उपज देती है।

फसल की बुआई के साथ ही अपने खेत को ग्रामोफ़ोन एप के मेरे खेत विकल्प से जोड़ें और पूरे फसल चक्र में पाते रहें स्मार्ट कृषि से जुड़ी सटीक सलाह व समाधान। इस लेख को नीचे दिए गए शेयर बटन से अपने मित्रों संग साझा करें।

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मिर्च की नर्सरी में ट्राइकोडर्मा से ड्रेंचिंग करने से मिलेंगे कई लाभ

There are many benefits of drenching with Trichoderma in chilli nursery
  • मिर्च की नर्सरी की 10-15 दिनों की अवस्था में ट्राइकोडर्मा से ड्रेंचिंग करने से पौध को बहुत लाभ होता है। दरअसल ट्राइकोडर्मा एक जैविक कवकनाशी है जो पौध के रोग प्रबंधन के लिए एक बहुत ही प्रभावी जैविक साधन साबित होता है।

  • यह एक शक्तिशाली बायोकंट्रोल एजेंट है। इसका उपयोग मिट्टी जनित बीमारियों जैसे फ्यूजेरियम, फाइटोपथोरा, स्क्लेरोशियम आदि के लिए बड़े पैमाने पर किया जाता है।

  • ट्राइकोडर्मा वृद्धि नियामकों की तरह भी कार्य करता है। यह सुरक्षात्मक रूप में डाला जाये तो निमेटोड का भी नियंत्रण करता है।

  • ट्राइकोडर्मा का उपयोग जड़ गलन, तना गलन, उकठा रोग आदि के प्रभावी नियंत्रक के रूप में किया जाता है।

  • मिर्च की नर्सरी में ट्राइकोडर्मा विरिडी @ 5-10 ग्राम/लीटर की दर से ड्रेंचिंग करने के लिए उपयोग करें।

  • मिर्च की नर्सरी में ट्राइकोडर्मा से ड्रेंचिंग के लाभ: ट्राइकोडर्मा, ज़मीन में मौजूद फॉस्फोरस को सरल रूप में परिवर्तित कर मिर्च की फसल को प्रदान करने में मदद करता है। इसकी वजह से पौधे की जड़ों का विकास बहुत अच्छा होता है। यह मृदाजनित रोग उकठा, आद्र्गलन और जडग़लन आदि को नियंत्रित करने में एक महत्वपूर्ण योगदान देता है। यह फसलों में रोग उत्पन्न करने वाले फफूंद को रोकता है। यह पौधों के इम्यून सिस्टम को बढ़ा कर पौधे की रोग प्रतिरोधी क्षमता को सुधारता है।

स्मार्ट कृषि एवं उन्नत कृषि उत्पादों से सम्बंधित ऐसी ही महत्वपूर्ण जानकारियों के लिए रोजाना पढ़ते रहें ग्रामोफ़ोन के लेख। उन्नत कृषि उत्पादों व यंत्रों की खरीदी के लिए ग्रामोफ़ोन के बाजार विकल्प पर जाना ना भूलें।

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