12 जुलाई को मध्य प्रदेश की मंडियों में क्या रहे अलग अलग फसलों के भाव

Madhya pradesh Mandi bhaw

मंडी

फसल

न्यूनतम

अधिकतम

मॉडल

रतलाम _(नामली मंडी)

गेहूँ लोकवन

1650

1781

1705

रतलाम _(नामली मंडी)

यलो सोयाबीन

6500

7501

7250

रतलाम

गेहूँ लोकवन

1756

2235

1870

रतलाम

गेहूँ मिल

1630

1740

1715

रतलाम

विशाल चना

3500

4850

4400

रतलाम

इटालियन चना

4200

4681

4500

रतलाम

डॉलर चना

3000

8000

7351

रतलाम

यलो सोयाबीन

6700

7600

7290

रतलाम

मटर

3301

7950

6901

रतलाम

मका

1746

1746

1746

रतलाम _(सेलाना मंडी)

सोयाबीन

6500

7603

7000

रतलाम _(सेलाना मंडी)

गेहूँ

1650

2230

1940

रतलाम _(सेलाना मंडी)

चना

4000

4752

4376

रतलाम _(सेलाना मंडी)

डॉलर चना

6999

6999

6999

रतलाम _(सेलाना मंडी)

मटर

4100

4394

4247

रतलाम _(सेलाना मंडी)

मसूर

4101

5100

4750

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छोटे व मंझौले किसानों की मदद के लिए सरकार भरेगी फसल बीमा का प्रीमियम

To help farmers the government will pay the premium of crop insurance

मध्यप्रदेश के कृषि मंत्री श्री कमल पटेल ने बताया है कि किसानों के फसल बीमा का प्रीमियम सरकार भरने जा रही है। इस विषय पर जल्द ही फैसला कर लिया जाएगा। इस फैसले से उन छोटे व मंझौले किसानों को लाभ मिलेग जो किसी कारणवश अपना प्रीमियम नहीं भर पा रहे हैं। सरकार के प्रीमियम भरने से किसानों को बीमा का लाभ आसानी से मिल पायेगा।

इसके अलावा किसानों को एक ही स्थान पर कृषि उत्पाद व उपकरण से लेकर अन्य सामान कम दर में उपलब्ध कराने के लिये मंडी परिसर में कैंटीन शुरू करने पर भी विचार हो रहा हैं। सरकार इस विषय पर भी शीघ्र निर्णय लेने वाली है। इसके साथ ही अलावा मंडी आने वाले किसानों के लिए अटल बिहारी बाजपेयी के नाम पर क्लिनिक सुविधा भी प्रारंभ होने वाली है। यहाँ किसानों की सभी प्रकार की मेडिकल जांच होगी और उनके कार्ड भी बनेगें।

स्रोत: कृषक जगत

कृषि एवं किसानों से सम्बंधित लाभकारी सरकारी योजनाओं से जुड़ी जानकारियों के लिए ग्रामोफ़ोन के लेख प्रतिदिन जरूर पढ़ें। इस लेख को नीचे दिए शेयर बटन से अपने मित्रों के साथ साझा करना ना भूलें।

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मिर्च की बाढ़ सिंचाई वाली फसल में 20-30 दिनों में जरूर करें उर्वरक प्रबधन

Benefits of fertilizer management in 20-30 days in flood irrigated chili crop
  • मिर्च की फसल के अच्छे उत्पादन के लिए समय समय पर पोषक तत्वों का प्रबंधन भी बहुत आवश्यक होता है क्योंकि पोषक तत्वों की कमी मिर्च की फसल में पीलापन एवं पत्तियों के आकार में परिवर्तन का कारण बनती है। इन पोषक तत्वों की कमी के कारण मिर्च की फसल का विकास रुक जाता है।

  • मिर्च की रोपाई के 20-30 दिनों बाद उर्वरक प्रबंधन करना बहुत आवश्यक होता है। इस समय मिर्च के पौधों की जड़ें मिट्टी में फैलती हैं और पौधा वृद्धि करने लगता है। पौधे एवं जड़ों की अच्छी बढ़वार के लिए उर्वरक प्रबंधन बहुत आवश्यक है।

  • इस समय उर्वरक प्रबंधन के लिए यूरिया @ 45 किलो/एकड़, DAP @ 50 किलो/एकड़, मैग्नेशियम सल्फेट @ 10 किलो/एकड़, सल्फर @ 5 किलो/एकड़, जिंक सल्फेट @ 5 किलो/एकड़ की दर से खेत में भुरकाव करें। उर्वरकों के उपयोग के समय खेत में नमी होना बहुत आवश्यक है।

  • यूरिया: मिर्च की फसल में यूरिया, नाइट्रोज़न की पूर्ति का सबसे बड़ा स्त्रोत है। इसके उपयोग से पत्तियों में पीलापन एवं सूखने जैसी समस्या नहीं आती है। यूरिया प्रकाश संश्लेषण की क्रिया को तेज़ करता है।

  • DAP (डाय अमोनियम फॉस्फेट): डाय अमोनियम फॉस्फेट का उपयोग फास्फोरस की पूर्ति के लिए किया जाता है। इसके उपयोग से जड़ की वृद्धि अच्छी होती है और पौधे की बढ़वार में सहायता मिलती है।

  • मैग्नीशियम सल्फेट: मिर्च में मेग्नेशियम सल्फेट के अनुप्रयोग से फसल में हरियाली बढ़ती है। प्रकाश संश्लेषण की क्रिया में तेज़ी आती है और अंततः उच्च पैदावार व उपज की गुणवत्ता भी बढ़ती है।

  • ज़िंक सल्फेट: पौधों की सामान्य बढ़वार के लिए जिंक प्रमुख सूक्ष्म पोषक तत्व हैं। इसके उपयोग से, मिर्च के पौधे में वृद्धि अच्छी होती है और फसल की उपज भी बढ़ती है।

  • सल्फर: यह पौधों की जड़ों की बढ़वार के लिए मुख्य रूप से सहायक होता है। विभिन्न कोशिकाओं के विभाजन में भी इस तत्व की महत्वपूर्ण भूमिका होती है।

फसल की बुआई के साथ ही अपने खेत को ग्रामोफ़ोन एप के मेरे खेत विकल्प से जोड़ें और पूरे फसल चक्र में पाते रहें स्मार्ट कृषि से जुड़ी सटीक सलाह व समाधान। इस लेख को नीचे दिए गए शेयर बटन से अपने मित्रों संग साझा करें।

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मध्य भारत में भारी से अति भारी बारिश की आशंका, जानें मौसम पूर्वानुमान

weather forecast

मध्य भारत के ज्यादातर क्षेत्रों में भारी से अति भारी बारिश की आशंका बन रही है। दिल्ली सहित पंजाब, हरियाणा, पश्चिमी उत्तर प्रदेश तथा उत्तरी राजस्थान में गर्मी और उमस से हाल बेहाल है। पूर्वी हवाएं शुरू हो गई है तथा उमस बढ़ गई है अब जल्द ही बारिश शुरू होगी। परंतु भारी बारिश की संभावना कम है। बिहार, पश्चिम बंगाल, झारखंड सहित पूर्वोत्तर में जारी वर्षा में कमी आएगी। दक्षिण भारत में मानसून सक्रिय बना रहेगा।

वीडियो स्रोत: मौसम तक

मौसम सम्बंधित पूर्वानुमानों की जानकारियों के लिए रोजाना ग्रामोफ़ोन एप पर जरूर आएं। नीचे दिए गए शेयर बटन को क्लिक कर इस लेख को अपने मित्रों के साथ भी साझा करें।

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अब मध्य प्रदेश समेत ज्यादातर राज्यों में होगी मॉनसून की भारी बारिश

weather forecast

गुजरात, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र में भारी बारिश की संभावना तेलंगाना तेलंगाना में भी तेज बारिश के आसार। बंगाल की खाड़ी से आद्र हवा में नमी बढ़ा रही हैं। आज रात या कल से दिल्ली सहित पंजाब हरियाणा तथा पश्चिमी उत्तर प्रदेश और पूर्वी राजस्थान में बारिश की गतिविधियां शुरू हो जाएंगी। केरल गोवा कर्नाटक सहित दक्षिण भारत में मानसून सक्रिय रहेगा।

वीडियो स्रोत: स्काईमेट वेदर

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शुरू हुआ फसल सुरक्षा अभियान, जहाँ किसानों को समाधान संग मिलेगा आकर्षक इनाम

Gramophon's Fasal Suraksha Abhiyan

ग्रामोफ़ोन एप के समुदाय सेक्शन पर किसान भाइयों के लिए ‘फसल सुरक्षा अभियान’ की शुरुआत की गई है। इस अभियान में शामिल हो कर किसान भाई अपनी फसलों में आ रही समस्याओं के त्वरित समाधान तो प्राप्त करेंगे ही साथ हीं साथ हर हफ्ते आकर्षक इनाम भी जीत सकेंगे।

फसल सुरक्षा अभियान में कैसे भाग लें?
फसल सुरक्षा अभियान में भाग लेने के लिए किसानों को अपने फसल से सम्बंधित समस्याओं की फोटोज ग्रामोफ़ोन एप के समुदाय सेक्शन पर पोस्ट करनी है और अपने सवाल पूछने हैं। आपके द्वारा पोस्ट की गई फोटोज के माध्यम से आपको कृषि विशेषज्ञों द्वारा उचित और सटीक समाधान बताये जाएंगे। इसके साथ ही हर हफ्ते फोटोज पोस्ट करने वाले किसानों में से पांच किसान चुने जाएंगे और उन्हें आकर्षक पुरस्कार भी दिया जाएगा। यह अभियान 9 जुलाई से 29 जुलाई 2021 तक चलेगा।

तो देर किस बात की आज ही आप अपनी फसलों में आ रही समस्याओं की फोटोज ग्रामोफ़ोन एप के समुदाय सेक्शन पर पोस्ट करें और समाधान के साथ साथ इनाम भी जीतें।

अपनी फसल समस्याओं की फोटोज पोस्ट करने के लिए यहाँ क्लिक करें।

*नियम व शर्तें लागू

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10 जुलाई को क्या रहे इंदौर मंडी में क्या रहे प्याज के भाव?

What were the prices of onions in Indore's mandi today

वीडियो के माध्यम से जानें आज यानी 10 जुलाई के दिन इंदौर के मंडी में क्या रहे प्याज के मंडी भाव?

वीडियो स्रोत: यूट्यूब

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इस स्कीम में एक बार प्रीमियम चुकाएं और 12000 रुपये मासिक पेंशन पाएं

LIC's Saral Pension Plan

एलआईसी की सरल पेंशन योजना एक सिंगल प्रीमियम योजना है जिसमें सिर्फ एक बार प्रीमियम जमा कर पूरे जीवन में आप एक निश्चित पेंशन राशि प्राप्त कर सकते हैं। यह योजना भारतीय जीवन बीमा निगम ने 1 जुलाई 2021 को शुरू की है।

इस स्कीम को आप ऑफलाइन या ऑनलाइन www.licindia.in की ऑफिसियल वेबसाइट से खरीद सकते हैं। इस पेंशन प्लान के अंतर्गत मिनियम एन्यूटी 12000 रुपये सालाना है। इस प्लान में अधिकतम खरीद मूल्य की कोई सीमा नहीं है। वहीं योजना 40 से 80 साल की आयु के लिए उपलब्ध है। मासिक पेंशन का फायदा प्राप्त करने के लिए आपको कम से कम 1000 रुपये का योगदान करना होगा। त्रिमासिक पेंशन के लिए यह रकम 3000 रुपये है।

स्रोत: नवभारत टाइम्स

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सोयाबीन में हो रहा है पत्ती धब्बा रोग का प्रकोप, जानें नियंत्रण के उपाय

Control of leaf spot disease in Soybean Crop
  • इस बीमारी के लक्षण सर्वप्रथम घनी बोई गयी फसल में, पौधे के निचले हिस्सों दिखाई देते हैं। इसके कारन रोगग्रस्त पौधे पर पर्णदाग, पत्ती झुलसन अथवा पत्तियों के गिरने आदि के लक्षण नजर आते हैं।

  • पत्तियों पर असामान्य गीले धब्बे दिखाई देते हैं, जो की बाद में भूरे या काले रंग में परिवर्तित हो जाते हैं एवं संपूर्ण पत्ती झुलस जाती है।

  • पर्णवृंत, तना, फली पर भी भूरे धब्बे दिखाई देते हैं। फली एवं तने के ऊतक संक्रमण पश्चात भूरे अथवा काले रंग के होकर सिकुड़ जाते हैं।

  • पौधों के रोगग्रस्त भागों पर नमी की उपस्थिति में, सफेद और भूरे रंग की संरचनाए दिखाई देती है।

  • इस रोग के निवारण के लिए क्लोरोथियोनिल @ 400 ग्राम/एकड़ या कार्बेन्डाज़िन 12% + मैनकोज़ब 63% WP@ 300 ग्राम/एकड़ या कीटाजीन@ 200 मिली/एकड़ दर छिड़काव करें।

  • जैविक उत्पाद के रूप में ट्रायकोडर्मा विरिडी 250 ग्राम/एकड़ + स्यूडोमोनास फ्लोरोसेंस@ 250 ग्राम/एकड़ की दर से छिड़काव करें।

फसल की बुआई के साथ ही अपने खेत को ग्रामोफ़ोन एप के मेरे खेत विकल्प से जोड़ें और पूरे फसल चक्र में पाते रहें स्मार्ट कृषि से जुड़ी सटीक सलाह व समाधान। इस लेख को नीचे दिए गए शेयर बटन से अपने मित्रों संग साझा करें।

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बुआई के बाद मक्का की फसल में जरूर करें खरपतवार प्रबंधन

Weed management after sowing in maize crop

फसल चाहे कोई भी हो खरपतवार की अधिकता से पैदावार में कमी आ ही जाती है। अन्य सभी फसलों की तरह मक्के की फसल में भी खरपतवारों के कारण पैदावार में भारी कमी आती है। समय रहते खरपतवारों पर नियंत्रण करना बेहद जरूरी है। अगर आप मक्के की खेती कर रहे हैं तो आपके खेत में भी कई तरह के खरपतवार हो सकते हैं।

मक्का की फसल में खरपतवार प्रबंधन की यांत्रिक विधि: मक्का की खेती में निदाई और गुड़ाई की खास भूमिका है। इससे खरपतवार को अच्छी तरह से नियंत्रित किया जा सकता है। इसके लिए मक्का की खेती करने वाले किसान को, मक्का में 2 से 3 बार निदाई और गुड़ाई करना चाहिए। इस बात का विशेष ध्यान रखें कि गुड़ाई कभी भी 4 से 5 सेमी से ज्यादा गहरी न करें। ऐसा इसलिए, क्योंकि अगर गहरी गुड़ाई करते हैं तो इससे फसल की जड़ को नुकसान पहुँचती है या इससे जड़ें कट भी सकती हैं। पहली निदाई, बुवाई के 15 दिन बाद करें और दूसरी निदाई लगभग 40 दिन बाद करें।

1 -3 दिनों में खरपतवार नियंत्रण: बुवाई के दूसरे या तीसरे दिन, अंकुरण से पूर्व खरपतवारनाशी का प्रयोग करने से खरपतवार नष्ट हो जाते हैं। मक्का में उगने वाले खरपतवार, सामन्यतः वार्षिक घास एवं सकरी एवं चौड़ी पत्तियों वाली खरपतवार होती है।

मक्का में निम्न खरपतवारनाशकों का उपयोग किया जा सकता है
पेंडीमेथलीन 38.7 @ 700 मिली/एकड़(1 से 3 दिनों बाद) की दर से छिड़काव करें या एट्राजिन 50% WP @ 500 ग्राम/एकड़ (3 से 5 दिनों बाद) छिड़काव करें। यदि दलहनी फसलों को मक्का में मध्यवर्ती फसलों के रूप में उगाया जाता है तो एट्राजीन का उपयोग न करें। इसके स्थान पर पेंडीमेथलीन का ही उपयोग करें।

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