मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र समेत कई राज्यों में भारी बारिश की संभावना

know the weather forecast,

महाराष्ट्र और दक्षिण पश्चिम मध्य प्रदेश में भारी बारिश की संभावना है, गुजरात में हल्के से माध्यम और दक्षिणी राजस्थान मैं हल्की बारिश हो सकती है। पहाड़ों पर एक कमजोर वेस्टर्न डिस्टरबेंस के कारण हल्की बारिश और हल्का हिमपात हो सकता है। दक्षिण भारत में उत्तर पूर्वी मानसून सक्रिय बना रहेगा तथा कई जगहों पर अच्छी बारिश होगी। दिल्ली के प्रदूषण में कुछ सुधार हो सकता है।

स्रोत: स्काइमेट वेदर

मौसम संबंधित पूर्वानुमानों की जानकारियों के लिए रोजाना ग्रामोफ़ोन एप पर जरूर आएं। आज की जानकारी पसंद आई हो तो इसे अपने मित्रों के साथ शेयर जरूर करें।

Share

50000 रुपये की सब्सिडी पर शुरू करें स्ट्रॉबेरी की खेती

Start strawberry farming on subsidy of Rs 50000

पारंपरिक फसलों के साथ साथ आज कई किसान बागवानी फसलों की खेती से भी अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं। बागवानी फसलों में खासकर स्ट्रॉबेरी की खेती की बात करें तो यह इसकी खेती से अच्छी खासी कमाई होती है। स्ट्रॉबेरी की खेती के फायदों को देखते हुए सरकार की तरफ से इसके एवज में सब्सिडी भी दी जा रही है। बिहार सरकार भी प्रदेश के किसानों को इस बाबत सब्सिडी उपलब्ध करवा रही है।

दरअसल बिहार के किसानों के बीच सरकार बागवानी फसलों की खेती को प्रोत्साहित कर रही है और इसी कड़ी में अब सरकार प्रदेश के किसानों को एकीकृत बागवानी विकास मिशन योजना के अंतर्गत स्ट्रॉबेरी की खेती पर सब्सिडी देने जा रही है। सरकार की इस पहल से अब प्रदेश के किसानों को बागवानी फसलों की खेती करने का भी विकल्प मिल जाएगा साथ हीं अच्छी कमाई भी हो जायेगी।

इस मसले पर बिहार सरकार उद्यान निदेशालय, कृषि विभाग ने अपने ट्विटर अकाउंट पर ट्वीट किया है। इस के अनुसार, एकीकृत बागवानी विकास मिशन योजना के अंतर्गत स्ट्रॉबेरी की खेती पर प्रति इकाई खर्च का 40% सब्सिडी के तौर पर मिलेगा। बता दें की स्ट्रॉबेरी की खेती के लिए प्रति इकाई खर्च ₹1.25 लाख प्रति हेक्टेयर रखी गई है और इस खर्च का 40% अर्थात 50,000 रुपये तक की सब्सिडी मिलेगी। इस योजना का लाभ लेने के लिए आप http://horticulturebihar.gov.in पर आवेदन कर सकते हैं।

स्रोत: ज़ी बिजनेस

कृषि योजनाओं से सम्बंधित महत्वपूर्ण ख़बरों के लिए रोजाना पढ़ते रहें ग्रामोफ़ोन के लेख। आज की जानकारी पसंद आई हो तो शेयर करना ना भूलें।

Share

लहसुन के भाव 21000 रुपये के पार, देखें अपने नजदीकी मंडियों का हाल

garlic Mandi bhaw,

मध्य प्रदेश के अलग अलग मंडियों में क्या चल रहे हैं लहसुन के भाव? आइये देखते हैं पूरी सूची।

मध्य प्रदेश की मंडियों में लहसुन के ताजा मंडी भाव
जिला कृषि उपज मंडी किस्म न्यूनतम मूल्य (प्रति क्विंटल) अधिकतम मूल्य (प्रति क्विंटल)
धार बदनावर (F&V) लहसुन 2700 10000
खरगोन बड़वाह अन्य 9000 14000
भोपाल भोपाल (F&V) अन्य 6000 15500
छिंदवाड़ा छिंदवाड़ा (F&V) देसी 7400 7600
मन्दसौर दलौदा औसत 3100 13100
जबलपुर जबलपुर (F&V) देसी 2300 2700
नीमच जावद अन्य 5200 5200
शाजापुर कालापीपल अन्य 4655 16180
खंडवा खंडवा (F&V) अन्य 2000 6000
राजगढ़ कुरावर लहसुन 8000 8000
मन्दसौर मन्दसौर अन्य 10000 19500
होशंगाबाद पिपरिया औसत 9500 16000
रतलाम रतलाम (F&V) देसी 2601 21001
इंदौर सांवेर अन्य 8500 9750
सिवनी सिवनी औसत 7500 8500
शाजापुर शुजालपुर अन्य 1500 21001
झाबुआ थांदला औसत 4000 5000
हरदा टिमरनी लहसुन 10000 10000
उज्जैन उज्जैन (F&V) लहसुन 1000 17000

स्रोत: एगमार्कनेट

ताज़ातरीन मंडी भाव व कृषि क्षेत्र की सभी महत्वपूर्ण जानकारियों के लिए रोजाना पढ़ते रहें ग्रामोफ़ोन के लेख। आज का लेख पसंद आया हो तो  शेयर करना ना भूलें।

Share

फसल को दें 2 डोज ट्राई-कोट मैक्स और पाएं जबरदस्त पैदावार

Get fast growth and bumper yield in cotton crop with Tri-Coat Maxx

👉🏻ट्राई कोट मैक्स में कार्बनिक कार्बन 3%, ह्यूमिक, फुलविक, कार्बनिक पोषक तत्वों का एक मिश्रण है।
👉🏻यह अच्छे बीज अंकुरण के लिए प्रभावी है।
👉🏻यह फसल में विभिन्न पोषक तत्वों के अवशोषण को बढ़ाता है।
👉🏻उर्वरक दक्षता बढ़ाता है और तीव्र जड़ विकास में मदद करता है।
👉🏻पौधों की वानस्पतिक विकास एवं प्रजनन क्षमता बढ़ाने में मदद करता है।
👉🏻इसके उपयोग से फसल हरी भरी एवं स्वस्थ रहती है।
👉🏻यह एक जैविक उत्पाद है इसलिए इसके उपयोग से मिट्टी की संरचना बेहतर होती है।

इस उत्पाद के संघटकों को जानें
👉🏻इस उत्पाद में ह्यूमिक एसिड है जो बीज के अंकुरण को बढ़ाता है। मिट्टी में पहले से मौजूद पोषक तत्वों की उपलब्धता को बढ़ाता है एवं सूखे की स्थिति के लिए फसल को सहनशील बनाता है। मिट्टी में उपलब्ध सूक्ष्म जीवों की गतिविधि को बढ़ाता है। जिससे यह एक उत्कृष्ट जड़ उत्तेजक बन जाता है।

👉🏻इस उत्पाद में फुलविक एसिड भी है जो प्रकाश संश्लेषण की क्रिया को बढ़ावा देता है और मिट्टी में मौजूद पोषक तत्व को अवशोषित करने में मदद करता है।

उपयोग का समय एवं मात्रा: ट्राई कोट मैक्स @ 4 किग्रा प्रति एकड़ के हिसाब से भूमि की तैयारी या खाद के साथ जमीन में भुरकाव करें, एवं बुआई के 30 दिन बाद ट्राई कोट मैक्स 4 किग्रा प्रति एकड़ के हिसाब से एक बार फिर से उसी फसल में भुरकाव कर सिंचाई करें, और पाएं बेहतरीन उत्पादन।

कृषि क्षेत्र एवं किसानों से सम्बंधित ऐसी ही महत्वपूर्ण जानकारियों के लिए ग्रामोफ़ोन के लेख प्रतिदिन जरूर पढ़ें। आज की जानकारी पसंद आई हो तो लाइक और शेयर करना ना भूलें।

Share

मध्य प्रदेश राजस्थान समेत कई राज्यों में बारिश की संभावना

know the weather forecast,

क्लाइमेट चेंज का असर अब पूरी तरह दिखाई देने लगा है। गुजरात, दक्षिणी राजस्थान, दक्षिण पश्चिम मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र के जिलों में बेमौसम बारिश होने की संभावना दिखाई दे रही है। दक्षिण में मानसून सक्रिय होगा। पहाड़ों पर 23 नवंबर से एक बार फिर हल्की बर्फबारी हो सकती है। शेष भारत का मौसम शुष्क रहेगा और तापमान में हल्की गिरावट दर्ज की जाएगी। 21 नवंबर से दिल्ली को प्रदूषण से कुछ राहत मिलना शुरू हो जाएगी।

स्रोत: स्काइमेट वेदर

मौसम संबंधित पूर्वानुमानों की जानकारियों के लिए रोजाना ग्रामोफ़ोन एप पर जरूर आएं। आज की जानकारी पसंद आई हो तो इसे अपने मित्रों के साथ शेयर जरूर करें।

Share

यहां जानें कम लागत में ग्रीनहाउस बनाने की आसान तकनीक

Learn easy techniques to build a greenhouse at a low cost

खेतों में लगी फसल को अक्सर प्राकृतिक आपदा और कीटों से काफी नुकसान पहुंचता है। वहीं ग्रीनहाउस में उगाई गई फसल इन सबसे सुरक्षित रहती है। ऐसे में ग्रीनहाउस के ज़रिए बढ़िया पैदावार प्राप्त की जा सकती है। हालांकि ग्रीनहाउस बनाने में अधिक लागत लगती है, इस कारण सभी किसान इसका लाभ नहीं उठा पाते हैं। 

ऐसे में अगर आप कम लागत वाला ग्रीनहाउस बनाने की सोच रहे हैं, तो यह लेख खास आपके लिए है। यहां आप फसलों की बढ़िया पैदावार पाने के लिए कम लागत में ग्रीनहाउस बनाने की आसान तकनीक के बारे में जानेंगे। 

कम लागत में ऐसे बनाए ग्रीनहाउस

इस सस्ती तकनीक के लिए बांस और लकड़ी की जरूरत होती है। इनकी मदद से एक मजबूत भवन तैयार किया जाता है। इस साधारण ग्रीनहाउस में तापमान और आर्द्रता को बढ़ाने या घटाने के लिए सरल तकनीकों का उपयोग किया जाता है। इसमें छाया के लिए जाल का उपयोग किया जा सकता है, वहीं किनारे की दीवारों को खोलकर तापमान को कम किया जा सकता है। इस तरह बहुत ही कम लागत में ग्रीनहाउस बनाकर बढ़िया उत्पादन प्राप्त किया जा सकता है।

स्रोत: कृषि जागरण

कृषि एवं किसानों से सम्बंधित लाभकारी सरकारी योजनाओं से जुड़ी जानकारियों के लिए ग्रामोफ़ोन के लेख प्रतिदिन जरूर पढ़ें। इस लेख को नीचे दिए शेयर बटन से अपने मित्रों के साथ साझा करना ना भूलें।

Share

मध्य प्रदेश की मंडियों में सोयाबीन के भाव 5500 रुपए के पार

soybean mandi Bhaw

मध्य प्रदेश के अलग अलग मंडियों में क्या चल रहे हैं सोयाबीन के भाव? आइये देखते हैं पूरी सूची।

मध्य प्रदेश की मंडियों में सोयाबीन के ताजा मंडी भाव
जिला कृषि उपज मंडी किस्म न्यूनतम मूल्य (प्रति क्विंटल) अधिकतम मूल्य (प्रति क्विंटल)
रतलाम अलोट पीला 4500 5100
धार बदनावर पीला 3975 5650
डिंडोरी गोरखपुर पीला 4700 4825
इंदौर इंदौर पीला 4000 4000
झाबुआ झाबुआ पीला 5025 5025
झाबुआ झाबुआ सोयाबीन 4685 5200
शाजापुर कालापीपल पीला 4520 5050
राजगढ़ कुरावर पीला 4809 5010
सागर मालथोन अन्य 4300 4400
शाजापुर मोमनबड़ोदिया पीला 4700 4700
नीमच नीमच पीला 4400 5331
बड़वानी सेंधवा पीला 4950 5150
सागर शाहगढ़ अन्य 4850 4850
शाहडोल शाहडोल अन्य 4200 4200
विदिशा शमसाबाद पीला 5001 5001
शाजापुर सोयतकलां अन्य 4800 5050
उमरिया उमरिया अन्य 4900 4910

स्रोत: एगमार्कनेट

ताज़ातरीन मंडी भाव व कृषि क्षेत्र की सभी महत्वपूर्ण जानकारियों के लिए रोजाना पढ़ते रहें ग्रामोफ़ोन के लेख। आज का लेख पसंद आया हो तो  शेयर करना ना भूलें।

Share

खरपतवारों से गेहूँ को होगा 25 से 35% तक का नुकसान, जानें बचाव के उपाय

Weeds will cause 25 to 35% damage to the wheat crop, learn preventive measures

🌾गेहूँ की फसल में खरपतवार एक सबसे बड़ी समस्या है। खरपतवारों के कारण फसल उत्पादन में 25 से 35% तक की कमी देखी गई है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि जो पोषक तत्व फसलों को दिए जाते हैं, वे खरपतवार के द्वारा अवशोषित कर लिए जाते हैं। जिससे मुख्य फसल कमजोर हो जाती है।

🌾गेहूँ में मुख्यतः दो तरह के खरपतवारों की समस्या होती है और ये होते हैं सकरी पत्ती वाले खरपतवार (मोथा, कांस, जंगली जई, गेहूंसा (गेहूँ का मामा) आदि) तथा चौड़ी पत्ती वाले खरपतवार (बथुआ, सेंजी, कासनी, जंगली पालक,  कृष्णनील, हिरनखुरी आदि)। 

🌾इनसे बचाव के लिए बुवाई के 30 से 35 दिन के अंदर जब खरपतवार 2 से 5 पत्तों की अवस्था में होते हैं तब खरपतवारनाशक का छिड़काव करें। छिड़काव के समय खेत में पर्याप्त नमी होनी चाहिए। छिड़काव के लिए फ्लैट फैन या फ्लड जेट नोजल का इस्तेमाल करें। 10 से 12 टंकी प्रति एकड़ के हिसाब से छिड़काव करें।  

👉🏻सकरी पत्ती वाले खरपतवारों के लिए झटका (क्लोडिनाफॉप प्रोपरगिल 15% डब्ल्यूपी) @ 160 ग्राम प्रति एकड़ 200 लीटर पानी के हिसाब से छिड़काव करें।

👉🏻चौड़ी पत्ती वाले खरपतवारों के लिए, वीडमार सुपर (2,4-डी डाइमिथाइल अमीन साल्ट 58% एसएल) @ 300-500 मिली प्रति एकड़ 200 लीटर पानी के हिसाब से छिड़काव करें।

👉🏻सकरी एवं चौड़ी पत्ती वाले खरपतवारों के लिए वेस्टा (क्लॉडिनाफोप प्रोपेरजील 15% + मेटसुल्फुरोन मिथाइल 1 % डब्ल्यूपी) @ 160 ग्राम या सेंकोर (मेट्रिब्यूजिन 70% डब्ल्यूपी) @ 100 ग्राम प्रति एकड़ 200 लीटर पानी के हिसाब से छिड़काव करें। 

👉🏻छिड़काव के समय सावधानी जरूर बरतें, मुंह पर मास्क और हाथों में दस्ताने पहन कर हीं छिड़काव करें तथा जब हवा का बहाव ज्यादा हो तब छिड़काव बिल्कुल न करें।

कृषि क्षेत्र एवं किसानों से सम्बंधित ऐसी ही महत्वपूर्ण जानकारियों के लिए ग्रामोफ़ोन के लेख प्रतिदिन जरूर पढ़ें। आज की जानकारी पसंद आई हो तो लाइक और शेयर करना ना भूलें।

Share

समुद्र में हलचल से कई राज्यों में बारिश के आसार, देखें मौसम पूर्वानुमान

know the weather forecast,

दक्षिण पश्चिम बंगाल की खाड़ी में चक्रवातीय हवाओं का क्षेत्र बन गया है वहीं दूसरा चक्रवातीय हवाओं का क्षेत्र अंडमान सागर के पास समुद्र तल से 5.8 किलोमीटर की ऊंचाई तक बना है। दक्षिणी प्रायद्वीप में बारिश की गतिविधियां बढ़ेगी और 25 – 26 तारीख के आसपास महाराष्ट्र सहित गुजरात में भी कई जगह पर बारिश हो सकती है। पंजाब, हरियाणा, दिल्ली सहित गुजरात और राजस्थान में तापमान धीरे-धीरे गिरेंगे। एक हल्का पश्चिमी विक्षोभ पहाड़ों पर हल्की बारिश देकर निकल जाएगा परंतु महीने के आखिर में एक बड़ा वेस्टर्न डिस्टरबेंस आ सकता है।

स्रोत: स्काइमेट वेदर

मौसम संबंधित पूर्वानुमानों की जानकारियों के लिए रोजाना ग्रामोफ़ोन एप पर जरूर आएं। आज की जानकारी पसंद आई हो तो इसे अपने मित्रों के साथ शेयर जरूर करें।

Share

लहसुन में बढ़िया पौध बढ़वार के लिए जरूर करें ये छिड़काव

For better plant growth in garlic do this spray

लहसुन की फसल में इस अवस्था में अच्छे जड़ों के विकास एवं पौधों की स्वस्थ वृद्धि के लिए, मैक्सरूट (ह्यूमिक एसिड + पोटेशियम + फुलविक एसिड) 10 ग्राम + 19:19:19 @ 75 ग्राम + रीजेंट (फिप्रोनिल 05% एससी) @ 30 मिली, प्रति 15 लीटर पानी के हिसाब से छिड़काव करें।

प्याज एवं लहसुन अनुसंधान निदेशालय के अनुसार 

  • 19:19:19 इसमें नत्रजन, फास्फोरस एवं पोटैशियम तत्व पाया जाता है, जो फसल की इस अवस्था में वानस्पतिक वृद्धि को बढ़ाता है, साथ ही फसल को स्वस्थ बनाता है।

  • मैक्सरूट – इसमें ह्यूमिक एसिड + पोटेशियम + फुलविक एसिड होता है। जो मिट्टी की जल धारण क्षमता एवं सफ़ेद जड़ के विकास में मदद करता है। एवं पौधो को पोषक तत्व ग्रहण करने में मदद करता है।

महत्वपूर्ण जानकारियों के लिए रोजाना पढ़ते रहें ग्रामोफ़ोन के लेख। आज की जानकारी पसंद आई हो तो लाइक और शेयर करना ना भूलें।

Share