इन महंगी सब्जियों की खेती पर सरकार दे रही है बंपर सब्सिडी

Government is giving subsidy on the cultivation of expensive vegetables

किसानों को मदद पहुंचाने के उद्देश्य से सरकार कई तरह की योजनाएं चलाती है। इन योजनाओं से किसानों को बहुत मदद भी मिलती है। ऐसी ही एक योजना बिहार सरकार द्वारा वहां के किसानों के लिए चलाई जा रही है। इसके तहत किसानों के बीच पारंपरिक फसलों के अलावा फल, फूल एवं सब्जियों की खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है।

गौरतलब है की सब्जियां नकदी फसल होती हैं और बिहार सरकार इसके माध्यम से किसानों की आमदनी बढ़ाने का प्रयास कर रही है। इस बाबत शुरू की गई योजना का का नाम “सब्जी विकास योजना (2022-23)” है। इस योजना के अंतर्गत महंगी सब्जियों की खेती पर किसानों को अनुदान दिया जाना है।

इस योजना के माध्यम से जिन महंगी सब्जियों वाली फसलों की खेती पर सब्सिडी देने का निर्णय लिया गया है उनमें ब्रोकली, कलर कैप्सिकम, बीज रहित खीरा और बीज रहित बैंगन शामिल है। बता दें की इस योजना में सरकार 75% की सब्सिडी दी जाएगी। योजना का लाभ लेने के लिए आप आधिकारिक वेबसाइट horticulture.bihar.gov.in पर आवेदन करें

स्रोत: ज़ी बिजनेस

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लहसुन की फसल में सफेद सड़न के लक्षण एवं नियंत्रण के उपाय!

Symptoms and control measures of white rot in garlic crops
  • लहसुन की फसल में सफेद सड़न के प्रकोप के कारण पत्तियों के आधार भाग सड़ कर पीले पड़ जाते हैं, एवं मुरझाकर पत्तीयाँ गिरने लगती हैं। 

  • इसकी वजह से जड़ें और कली पर एक रोएँदार सफेद कवकजाल से ढक जाते हैं।

  • प्रभावित कली पानीदार हो जाता है, और कली के सूखने और सिकुड़ने से बाहरी परत फट जाती है। 

  • अंत में छोटे भूरे एवं काले स्क्लेरोटिया/कवक कली के प्रभावित हिस्सों पर या ऊतक के भीतर विकसित होता है।

नियंत्रण के उपाय 

  • इसकी रोकथाम के लिए, फसल चक्र अपनाना चाहिए। 

  • संक्रमित पौधे को नष्ट कर देना चाहिए।

पौधों के आसपास की मिट्टी का उपचार के रूप में, प्याज एवं लहसुन अनुसंधान निदेशालय के अनुसार  धानुस्टिन (कार्बेन्डाजिम 50 % डब्ल्यूपी) @ 15 ग्राम या भारतीय बागवानी अनुसंधान संस्थान के अनुसार कर्मानोवा (कार्बेन्डाजिम 12% + मैंकोजेब 63% डब्ल्यूपी) @ 30 ग्राम + मैक्सरुट @10 ग्राम, प्रति 15 लीटर पानी के हिसाब से पौधों के जड़ क्षेत्र के पास ड्रेंचिंग करें या गहरा छिड़काव करें जिससे की पानी पौधों के जड़ तक पहुँच जाए।

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भारी तबाही के बाद तूफान हुआ कमजोर पर अभी भी कई राज्यों पर दिख रहा असर

know the weather forecast,

समुद्री तूफान मिचौंग आंध्र प्रदेश के तट से टकराने के बाद अब कमजोर हो गया है या एक गहरे निम्न दबाव के रूप में छत्तीसगढ़ के दक्षिणी भागों और दक्षिणी उड़ीसा में बना हुआ है। यह 24 घंटे के बाद पूरी तरह से कमजोर हो जाएगा। अगले दो दिनों के दौरान इसके प्रभाव से छत्तीसगढ़, तेलंगाना, उत्तर तटीय आंध्र प्रदेश, उड़ीसा, झारखंड, दक्षिणी बिहार और पूर्वी मध्य प्रदेश में बारिश होगी। दक्षिण पूर्वी उत्तर प्रदेश एवं पूर्वोत्तर राज्यों में भी बारिश जारी रहेगी। तापमान में गिरावट दर्ज की जाएगी। उत्तर और मध्य भारत में सुबह और शाम की ठंड बढ़ेगी।

स्रोत: स्काइमेट वेदर

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फसल बीमा योजना से मिलेगी 50% की सब्सिडी, फसल क्षति पर भी मिलेगा मुआवजा

Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana

देश में किसानों की मदद के लिए सरकार की तरफ से कई प्रकार की योजनाएं चलाई जा रही है। इन्हीं योजनाओं में से एक प्रमुख योजना है प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना जिसकी मदद से किसान फसलों की क्षति पर मुआवजा प्राप्त करते हैं साथ ही इसके तहत फसल नुकसान से उबारने के लिए सरकारी सब्सिडी भी दी जाती है।

इस योजना में रबी फसलों पर बीमा कवर का प्रीमियम 1.5% और फसल क्षति से उबारने में मदद के लिए करीब 50% सब्सिडी दी जाती है। बात खरीफ फसलों की करें तो इसमें बीमा कवर का प्रीमियम 2% और बागवानी फसलों में बीमा कवर का प्रीमियम 5% है।

गौरतलब है की सरकार ने 1 दिसंबर से फसल बीमा सप्ताह शुरू किया था। आप भी अपनी रबी फसलों का बीमा इस योजना के अंतर्गत करवा सकते हैं। बता दें की प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के माध्यम से सूखा, बाढ़, ओलावृष्टि, चक्रवात तूफान, कीट और रोग प्रकोप आदि से होने वाली फसल क्षति की भरपाई हो जाती है। योजना में आवेदन के लिए पीएम फसल बीमा योजना की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएँ।

स्रोत: कृषि जागरण

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मध्य प्रदेश की मंडियों में सोयाबीन के भाव 6000 रुपए के पार

soybean mandi Bhaw,

मध्य प्रदेश के अलग अलग मंडियों में क्या चल रहे हैं सोयाबीन के भाव? आइये देखते हैं पूरी सूची।

मध्य प्रदेश की मंडियों में सोयाबीन के ताजा मंडी भाव
जिला कृषि उपज मंडी किस्म न्यूनतम मूल्य (प्रति क्विंटल) अधिकतम मूल्य (प्रति क्विंटल)
उज्जैन बड़नगर पीला 3214 5810
धार बदनावर पीला 3750 6125
शिवपुरी बराड़ सोयाबीन 4300 4658
होशंगाबाद इटारसी पीला 4001 5050
झाबुआ झाबुआ सोयाबीन 4800 5200
शाजापुर कालापीपल पीला 4075 4910
देवास खातेगांव सोयाबीन 4000 4766
मन्दसौर मन्दसौर अन्य 4600 4870
इंदौर सांवेर पीला 4051 4921
इंदौर सांवेर अन्य 4051 4921
शाजापुर शाजापुर पीला 3940 4855
शिवपुरी शिवपुरी अन्य 429.5 485
विदिशा सिरोंज अन्य 3500 4820
झाबुआ थांदला पीला 4700 4900
झाबुआ थांदला अन्य 4700 4900
रायसेन उदयपुरा अन्य 4200 4700

स्रोत: एगमार्कनेट

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गेहूँ की फसल में पोषक तत्व प्रबंधन एवं जड़ माहू का नियंत्रण

Nutrient management and control measure of root aphid in wheat crops

पोषक तत्व प्रबंधन: गेहूँ की फसल में 20-25 दिन की अवस्था में, अच्छे पौध विकास के लिए, यूरिया 40 किलोग्राम + जिंक सल्फेट @ 5 किलोग्राम + कोसावेट (सल्फर 90% डब्ल्यूजी) @ 5 किलोग्राम + मेजरसोल (फास्फोरस 15% + पोटेशियम 15% + मैंगनीज 15% + जिंक 2.5% + सल्फर 12%) @ 5 किलोग्राम, को आपस में मिलाकर एक एकड़ क्षेत्र के हिसाब से समान रूप से भुरकाव करें एवं भुरकाव के बाद हल्की सिंचाई करें।  

जड़ माहू के क्षति के लक्षण: यह कीट नवंबर से फरवरी माह तक अधिक मिलता है। ये पारदर्शी कीट हैं जो बहुत छोटे और कोमल शरीर वाले पीले भूरे रंग के होते हैं। यह पौधों के आधार के पास या पौधों की जड़ों पर मौजूद होते है एवं पौधों का रस चूसते है। रस चूसने के कारण पत्तियां पीली हो जाती हैं या समय से पहले परिपक्व हो जाती हैं एवं पौधे मर जाते हैं। 

नियंत्रण के उपाय: इस कीट के नियंत्रण के लिए, सिंचाई से पहले उर्वरक, रेत या मिट्टी में भारतीय गेहूँ एवं जौ अनुसंधान संस्थान करनाल के अनुसार  थियानोवा 25 (थियामेथोक्सम 25 % डब्ल्यूजी) @ 100 ग्राम प्रति एकड़ के हिसाब से भुरकाव करें एवं मीडिया (इमिडाक्लोप्रिड 17.80% एसएल) @ 60 से 70 मिली + सिलिकोमैक्स गोल्ड @ 50 मिली + मैक्सरुट (ह्यूमिक एसिड + पोटेशियम + फुलविक एसिड) @ 100 ग्राम, प्रति एकड़ 150 से 200 लीटर पानी के हिसाब से छिड़काव करें। 

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मिचौंग तूफान आंध्र प्रदेश के तट से टकराया, कई राज्यों में मची भारी तबाही

know the weather forecast,

समुद्री तूफान मिचौंग ने आंध्र प्रदेश के बापतला के पास 5 दिसंबर की सुबह 10:00 बजे से 1:00 बजे के बीच लैंडफॉल किया। तट से टकराते समय हवाओं की रफ्तार 100 से 110 किलोमीटर प्रति घंटा रही। भारी से अति भारी बारिश चेन्नई सहित आंध्र प्रदेश के कई तटीय जिलों में देखने को मिली। हवाओं की रफ्तार और तेज बारिश के कारण काफी नुकसान की खबर आ रही है। अब तूफान कमजोर हो जाएगा परंतु आंध्र प्रदेश और पूर्वी तेलंगाना सहित दक्षिणी छत्तीसगढ़ और उड़ीसा के कई जिलों में भारी बारिश जारी रह सकती है। बिहार, झारखंड, दक्षिण पूर्वी उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, पूर्वी मध्य प्रदेश, विदर्भ, मराठवाड़ा तथा गंगीय पश्चिम बंगाल में भी बारिश की गतिविधियां होगी। मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा में भी 24 घंटे के बाद बारिश शुरू हो सकती है।

स्रोत: स्काइमेट वेदर

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मध्य प्रदेश की मंडियों कपास के भाव में दिखी तेजी, उच्च भाव 8500 रुपए के पार

Cotton Mandi Bhav

मध्य प्रदेश के अलग अलग मंडियों में क्या चल रहे हैं कपास के भाव? आइये देखते हैं पूरी सूची।

मध्य प्रदेश की मंडियों में कपास के ताजा मंडी भाव
जिला कृषि उपज मंडी किस्म न्यूनतम मूल्य (प्रति क्विंटल) अधिकतम मूल्य (प्रति क्विंटल)
बड़वानी अंजड़ अन्य 5910 7010
खरगोन बड़वाह अन्य 5605 7000
बड़वानी बड़वानी एच 4 6300 6950
खरगोन भीकनगांव एच 4 5401 7161
धार धामनोद देसी 5730 6940
धार गंधवानी अन्य 6600 7100
झाबुआ झाबुआ डीसीएच-32(अनगिन्ड) 6000 7000
आलीराजपुर जोबट अन्य 5800 7100
खरगोन कसरावद अन्य 6900 6900
खंडवा खंडवा अन्य 6000 7083
धार मनावर अन्य 6900 7590
रतलाम सैलाना डीसीएच-32(अनगिन्ड) 6200 8570
बड़वानी सेंधवा एच 4 4911 7120
झाबुआ थांदला डीसीएच-32(अनगिन्ड) 6400 8500

स्रोत: एगमार्कनेट

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जानें क्या है एरोमा मिशन जिसके लिए सरकार किसानों को देती है विशेष ट्रेनिंग

Aroma Mission

किसान को अगर ऐसी फसलें मिले जिसमें लागत बेहद कम आती हो और मुनाफा अच्छा मिलता हो तो इन फसलों की खेती करना किसान ज्यादा पसंद करेंगे। सरकार भी ऐसी खेती के लिए किसानों को जागरूक करती है। इसी कड़ी में किसानों की मदद के लिए सरकार ने एरोमा मिशन शुरू किया है। इसके अंतर्गत किसानों को सुगंधित फसलों की खेती करने के लिए प्रशिक्षित किया जाना है। बता दें की यह प्रशिक्षण यानी ट्रेनिंग केंद्रीय औषधीय एवं सुगंध अनुसंधान संस्थान के द्वारा किसानों को दी जायेगी।

गौरतलब है की केंद्र सरकार की ओर से एरोमा मिशन के तहत देश के किसानों को लेमन ग्रास, खस, मिंट, जिरेनियम, अश्वगंधा सहित अन्य कई प्रकार की एरोमैटिक फसलों की खेती करने के लिए ट्रेनिंग दी जाएगी।

  • लेमन ग्रास का सबसे ज्यादा उपयोग परफ्यूम, साबुन, डिटर्जेंट, तेल, लोशन, दवा आदि के निर्माण में किया जाता है और इसकी खेती किसान पूरे साल कर सकते हैं।

  • जिरेनियम के उपयोग से औषधीय दवाएं, साबुन, इत्र और ब्यूटी प्रॉडक्ट का निर्माण होता है। बता दें की जिरेनियम की खेती कम पानी में अच्छा उत्पादन दे सकती है।

  • मेंथा या मिंट का उपयोग ब्यूटी प्रोडक्ट्स, टूथपेस्ट सहित कई अन्य उत्पादों के निर्माण में किया जाता है। भारत फिलहाल पूरे विश्व में मेंथा तेल का सबसे ज्यादा उत्पादन करता है।

  • खस की खेती से बेहद कम कृषि खर्च में अच्छा मुनाफा मिल जाता है। किसान खस के फूल, जड़ एवं पत्तियों से भी कमाई करते हैं क्योंकि इनका इस्तेमाल महंगे इत्र, सौंदर्य उत्पादों एवं दवाइयों के निर्माण में बहुत ज्यादा किया जाता है।

  • अश्वगंधा का उपयोग सबसे ज्यादा भारत की कई चिकित्सा पद्धतियों में होता है। ख़ास तौर पर इसका उपयोग आयुर्वेद और यूनानी दवाओं में होता है।

स्रोत: कृषि जागरण

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मटर की फसल में अधिक फूल धारण के लिए जरूरी छिड़काव!

Necessary spraying for more flowers in the pea crop!

मटर की फसल में अच्छे फूल धारण के लिए न्यूट्रीफुल मैक्स (फुलविक एसिड का अर्क– 20% + कैल्शियम, मैग्नीशियम और पोटैशियम ट्रेस मात्रा में 5% + अमीनो एसिड) @ 250 मिली या डबल (होमोब्रासिनोलाइड 0.04% डब्ल्यू/डब्ल्यू) @ 100 मिली + बोरोन @ 150 ग्राम प्रति एकड़ 150 से 200 लीटर पानी के हिसाब से छिड़काव करें। 

छिड़काव के फायदे 

  • इससे फूल अधिक लगते है एवं फलो की रंग एवं गुणवत्ता को बढ़ाता है। 

  • सूखे, पाले आदि के खिलाफ पौधो की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है।

  • जड़ से पोषक तत्वों के परिवहन को भी बढ़ाता है। 

  • डबल एक हार्मोन है जो फूल के साथ साथ पौधो की भी वृद्धि करता है। 

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