- लाइट ट्रैप प्रकाश से चलने वाला एक यंत्र होता है।
- इसमें एक बल्ब लगा होता है और बल्ब को जलने के लिए बिजली या बैटरी की जरूरत पड़ती है।
- बाज़ार में सौर्य ऊर्जा से चार्ज होने वाला लाइट ट्रैप भी उपलब्ध है।
- जब इस लाइट ट्रैप को जलाया जाता है तो कीट प्रकाश से आकर्षित होकर ट्रैप के पास आ जाते हैं।
- ट्रैप के पास आकर बल्ब से टकराकर बल्ब के नीचे लगी कीप में कीट गिर जाते हैं।
- इन कीटों को आसानी से नष्ट किया जा सकता है या कुछ दिनों बार ये खुद मर जाते हैं।
इन उपायों से आलू की फसल में बढ़ाएं कंद का आकार
- आलू की फसल में बुआई के 40 दिनों बाद कंद का आकार बढ़ाने के लिए उपाय किये जाने चाहिए।
- कंद बढ़ाने के लिए सबसे पहला छिड़काव 00:52:34 @ 1 किलो/एकड़ की दर से किया जाना चाहिए।
- इसके बाद दूसरा छिड़काव आलू निकालने के 10-15 दिन पहले 00:00:50 @ 1 किलो/एकड़ एवं इसके साथ पिक्लोबूट्राज़ोल 40% SC @ 30 मिली/एकड़ की दर से करना चाहिए।
चने की फसल में 55-60 दिनों में करें ये छिड़काव, मिलेंगे कई फायदे
- चने की फसल में 55 -60 दिनों की अवस्था में फल लगने लगते हैं और इस अवस्था में कीट एवं कवक रोगों का प्रकोप अधिक होता है।
- चने की फसलों में भारी फल उत्पादन बहुत महत्वपूर्ण है, इसलिए समय पर पोषण प्रबंधन करना बहुत महत्वपूर्ण होता है।
- कवक जनित रोगों के लिए: थायोफिनेट मिथाइल 70 WP@ 300 ग्राम/एकड़ या प्रोपिकोनाज़ोल 25% EC @ 200 मिली/एकड़ की दर से छिड़काव करें।
- जैविक उपचार के रूप में स्यूडोमोनास फ्लोरोसेंस @ 250 ग्राम/एकड़ की दर से उपयोग करें।
- कीट प्रबंधन के लिए: इमामेक्टिन बेंजोएट 5% SG@ 100 ग्राम/एकड़ या क्लोरानट्रानिलीप्रोल 18.5% SC@60 मिली/एकड़ या नोवालूरान 5.25% + इमामेक्टिन बेंजोएट 0.9% SC@ 600 मिली/एकड़ की दर से छिड़काव करें।
- जैविक उपचार के रूप में बवेरिया बेसियाना @ 250 ग्राम/एकड़ की दर से उपयोग करें।
- पोषण प्रबंधन के लिए: 00:00: 50@ 1 किलो/एकड़ की दर से उपयोग करें।
गेहूँ में बालियों की अच्छी वृद्धि हेतु जरूर अपनाएं ये उपाय
- गेहूँ की फसल में 60 से 90 दिनों की अवस्था बाली निकलने एवं बालियों में दाना भरने की अवस्था होती है।
- इस अवस्था में गेहूँ की फसल में फसल प्रबंधन करना बहुत आवश्यक होता है, इसके लिए निम्र उपाय करना बहुत आवश्यक होता है।
- होमब्रेसीनोलाइड 0.04% @ 100 मिली/एकड़ + 00:52:34 @ 1 किलो/एकड़ की दर से छिड़काव करें।
- किसान भाई 00:52:34 के बदले मजेरसोल @ 5 किलो/एकड़ मिट्टी उपचार के रूप में एवं 800 ग्राम/एकड़ छिड़काव के रूप में उपयोग कर सकते हैं।
- बालियाँ निकले की अवस्था में गेहूँ की फसल में कवक जनित रोगों का प्रकोप अधिक होने की सम्भावना होती है। इसके लिए निम्र उत्पादों का उपयोग जरूरी होता है।
- कवक जनित रोगों से रक्षा के लिए हेक्साकोनाज़ोल 5% SC 400 मिली/एकड़ दर से छिड़काव करें।
18 जनवरी तक मध्य प्रदेश समेत इन क्षेत्रों में तापमान में गिरावट जारी रहेगी
मध्य प्रदेश समेत मध्य भारत के सभी राज्यों में दक्षिण से आने वाली आद्र हवाओं तथा उत्तरी एवं उत्तर पश्चिमी हवाओं के कारण आगामी 18 जनवरी तक तापमान में गिरावट जारी रहेगी।
वीडियो स्रोत: स्काईमेट वेदर
Shareसाहूकारों से ऋण लेने वाले किसानों के लिए मध्यप्रदेश सरकार ला रही है योजना
बहुत सारे किसान साहूकारों से कर्ज लेकर खेती करते हैं और कर्ज नहीं चुका पाने पर उन्हें साहूकारों से प्रताड़ना सहना पड़ता है। मध्यप्रदेश सरकार अब ऐसे ही किसानों के लिए ख़ास योजना ला रही है जिससे इन किसानों को कर्ज मुक्त किया जाएगा।
सीएम शिवराज सिंह चौहान ने इस मसले पर कहा है कि “मध्य प्रदेश ग्रामीण ऋण मुक्ति विधेयक-2020’ ऐसे सूदखोर साहूकारों के चंगुल से जनता को मुक्त करेगा, जो बिना वैध लाइसेंस के मनमानी दरों पर ऋण देते और वसूलते हैं। ऐसे भूमिहीन कृषि श्रमिकों, सीमांत किसानों तथा छोटे किसानों को 15 अगस्त 2020 तक लिए गए सभी ऋण शून्य किए जाएंगे।”
स्रोत: किसान समाधान
Shareबैगन की फसल में पत्ते पीले होने का कारण एवं नियंत्रण के उपाय
- मौसम में बदलाव एवं कीट तथा कवक के प्रकोप के कारण बैगन के पत्ते पीले पड़ने लगते हैं।
- इस अवस्था में बैगन के पत्ते झुलसे हुए दिखाई देते हैं।
- कवक के प्रकोप के कारण बैगन की पत्तियों के किनारों से पीलेपन की समस्या शुरू होती है।
- कीट पत्तियों के हरे भाग से रस चूस जाते हैं जिसके कारण पत्तियों में पीलापन दिखाई देता है।
- पोषक तत्व की कमी के कारण भी पत्तियां पीली नजर आने लगती है।
- इसके निवारण के लिए कासुगामाइसिन 5% + कॉपर आक्सीक्लोराइड 45% WP@ 300 ग्राम/एकड़ या थायोफिनेट मिथाइल 70% W/W@ 300 ग्राम/एकड़
पोषक तत्वों की कमी के कारण होने पर सीवीड @ 400 मिली/एकड़ या ह्यूमिक एसिड 100 ग्राम/एकड़ की दर से उपयोग करें। - कीटों के प्रकोप के कारण होने वाले पीलेपन के लिए प्रोफेनोफोस 40% + सायपरमेथ्रिन 4% EC@ 400 मिली/एकड़ या फिप्रोनिल 40% + इमिडाक्लोप्रिड 40% WG@ 80 ग्राम/एकड़ की दर से उपयोग करें।
लहसुन की फसल में कैसे बढ़ाएं बल्ब का आकार
- लहसुन के पौधे में प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया को बढ़ाने में बड़े पत्ते महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और लहसुन की गाँठ को बढ़ाने के लिए आवश्यक पदार्थों का भंडार करने लगते हैं।
- इस स्तर पर पौधों में पोषण प्रबंधन कर के गाँठ को बढ़ाने के साथ साथ फसल के विकास को भी बढ़ाया जा सकता है।
- कैल्शियम नाइट्रेट @ 10 किलो/एकड़ + पोटाश @ 20 किलो/एकड़ की दर से मिट्टी उपचार के रूप में बुआई के 60-70 दिनों में उपयोग करें।
- बुआई के 120-140 दिनों में छिड़काव के रूप में पैक्लोब्यूट्राजोल 40% SC @ 30 मिली/एकड़ की दर से छिड़काव करें।
उत्तरी हवाओं के कारण मध्यप्रदेश संग इन क्षेत्रों में बढ़ेगी सर्दी
मध्यप्रदेश के लगभग सभी क्षेत्रों में तापमान गिर रहा है क्योंकि इन क्षेत्रों में उत्तरी हवाओं का प्रभाव बढ़ा है। आने वाले 48 घंटों के दौरान भी तापमान में गिरावट जारी रहने की संभावना है।
स्रोत: स्काईमेट वेदर
Shareसुकन्या समृद्धि अकाउंट से सुरक्षित होगा आपकी बिटिया का भविष्य
केंद्र सरकार की सुकन्या समृद्धि योजना बेटियों के भविष्य के लिए एक बेहतरीन योजना है जहाँ पैसे लगा कर आप ना सिर्फ अपनी बिटिया के भविष्य को सुरक्षित कर सकते हैं बल्कि आप आय कर में भी छूट प्राप्त कर सकते हैं।
इस योजना के अंतर्गत बेटी के जन्म से उसके 10 वर्ष के होने तक अकाउंट खुलवाया जा सकता है। इस अकाउंट में कम से कम 250 रुपये जमा करवाने होते हैं। वर्तमान वित्त वर्ष के अंदर इस योजना के अंतर्गत 1.5 लाख रुपये तक की अधिकतम राशि जमा की जा सकती है। यह अकाउंट पोस्ट ऑफ़िस या फिर कमर्शियल ब्रांच की किसी अधिकृत शाखा में खुलवाया जा सकता है। इस अकाउंट को बेटी के 21 वर्ष के या फिर 18 वर्ष की उम्र के पश्चात उसकी शादी हो जाने तक चालू रखा जा सकता है।
स्त्रोत: नवभारत टाइम्स
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