गेरुआ रोग से गेहूँ की फसल को होगा नुकसान, ऐसे करें बचाव

Symptoms of rust disease in wheat
  • गेहूँ की फसल में लगने वाले गेरुआ रोग को अंग्रेजी में रस्ट के नाम से भी जाना जाता है।
  • यह रोग तीन प्रकार का ‘पीला गेरुआ, काला गेरुआ, भूरा गेरुआ’ होता है।
  • गेरुआ रोग के कारण पीले, काले एवं भूरे रंग का पाउडर पत्तियों पर जमा हो जाता है।
  • जैसे जैसे तापमान में गिरावट होती है वैसे-वैसे इस रोग का प्रकोप बढ़ता जाता है।
  • पाउडर जमा होने के कारण पत्तियों की भोजन बनाने की क्षमता बहुत प्रभावित होती है।
  • इसके कारण बाद में पत्तियां सूखने लगती है जिसके कारण उत्पादन बहुत ज्यादा प्रभावित होता है।
  • इस रोग के नियंत्रण के लिए हेक्साकोनाज़ोल 5% SC@ 400 मिली/एकड़ या प्रोपिकोनाज़ोल 25% EC @ 200 मिली/एकड़ या टेबुकोनाज़ोल 25.9% EC @ 200 मिली/एकड़ की दर से छिड़काव करें।
  • जैविक उपचार के रूप में ट्रायकोडर्मा विरिडी @ 500 ग्राम/एकड़ या स्यूडोमोनास फ्लोरोसेंस @ 250 ग्राम/एकड़ की दर से छिड़काव करें।
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अब तुरंत पाएं किसान क्रेडिट कार्ड, 31 मार्च तक करें अप्लाई

Now get Kisan Credit Card immediately

किसान क्रेडिट कार्ड से किसानों को काफी लाभ मिल रहा है। इससे कृषि कार्यों हेतु सस्ते ब्याज दर पर किसानों को ऋण दिया जाता है। अगर आपने अभी तक किसान क्रेडिट कार्ड नहीं हो तो अगले 20 दिनों में आपके पास इसे तुरंत पाने का मौका है।

दरअसल केंद्र सरकार 31 मार्च 2021 तक किसानों के लिए किसान क्रेडिट कार्ड बनवा रही है। इसके तहत किसान अपने आस पास के किसी बैंक में जा कर किसान क्रेडिट कार्ड बनवा सकते हैं। इसके लिए आवेदन का फॉर्म भरना भी बहुत आसान है और इसे भरने के बाद सिर्फ 15 दिनों में आपको कार्ड मिल जाएगा।

स्रोत: ज़ी न्यूज़

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महाशिवरात्रि पर 100 वर्षों बाद बन रहा है ये शुभ संयोग, जानें शुभ मुहूर्त

Maha Shivratri

कल यानी 11 मार्च को महाशिवरात्रि पर्व है पर इस दिन एक ऐसा ख़ास संयोग बन रहा है जो इससे पहले 100 वर्ष पहले बना था। इस बार महाशिवरात्रि के दिन श्रवण-धनिष्ठा नक्षत्र और शिव योग व सिद्धि योग का शुभ संयोग बन बन रहा है, और इस संयोग के कारण इस बार पर्व का महत्व और ज्यादा बढ़ गया है।

आपको बता दें की नक्षत्र धनिष्ठा 11 मार्च को रात्रि 09:45 बजे तक रहेगा और इसके बाद शतभिषा नक्षत्र की शुरुआत होगी। महाशिवरात्रि पर शिव योग 09:24 बजे तक रहेगा और फिर सिद्ध योग लग जाएगा।

स्रोत: लाइव हिन्दुस्तान

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मध्य प्रदेश के इन क्षेत्रों में हो सकती है हल्की से मध्यम बारिश, जाने मौसम पूर्वानुमान

Weather report

मध्य प्रदेश के कुछ क्षेत्रों में आने वाले 24 घंटे में बारिश की संभावना है। मध्यप्रदेश के ग्वालिअर से लेकर टीकमगढ, सीधी, सतना, पन्ना, उमरिया, कटनी, जबलपुर और मंडला जैसे इलाकों में हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है।

स्रोत : स्काईमेट वेदर

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लहसुन की फसल में जलेबी बनने की समस्या का ऐसे करें नियंत्रण

How to prevent the problem of jalebi disease in garlic crops

  • लहसुन की फसल में लगने वाली यह एक आम बीमारी है जो थ्रिप्स कीट के कारण होता है।
  • ये कीट लहसुन की पत्तियों को सबसे पहले अपने मुंह से खुरचता है एवं पत्तियों के नाजुक भाग को खुरचने के बाद ये उसके रस को चूसने का काम करता है। इस तरह स्क्रैच और लैपिंग करके ये पौधे को नुकसान पहुंचाता है।
  • इसके कारण पत्तियाँ मुड़ने लगती हैं और धीरे- धीरे यह समस्या अधिक बढ़ जाती है यानि कि पत्तियां जलेबी का आकार लेने लगती हैं। इस तरह पौधा धीरे-धीरे सूखने लगता है और यह समस्या जलेबी रोग के नाम से जानी जाती है।
  • इस रोग के निवारण के लिए प्रोफेनोफोस 50% EC @ 500 मिली/एकड़ या एसीफेट 75% SP @ 300 ग्राम/एकड़ या लैम्ब्डा साइहेलोथ्रिन 4.9% CS @ 250 मिली/एकड़ या थियामेंथोक्साम 12.6% + लैम्ब्डा साइहेलोथ्रिन 9.5% ZC @ 80 मिली/एकड़ या फिप्रोनिल 40% + इमिडाक्लोप्रिड 40% WG @ 40 ग्राम/एकड़ या फिप्रोनिल 5% SC @ 400 मिली/एकड़ या एसीफेट 50% + इमिडाक्लोप्रिड 1.8 %SP @ 400 ग्राम/एकड़ की दर से छिड़काव करें।
  • जैविक उपचार के रूप में बवेरिया बेसियाना @ 250 ग्राम/एकड़ की दर से उपयोग करें।
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मध्यप्रदेश के मंडियों में 9 मार्च को क्या रहा अलग अलग फसलों का भाव

Mandi Bhaw Madhya Pradesh

 

मंडी फसल मॉडल भाव प्रति क्विंटल
अलोट प्याज 401-1400
रतलाम प्याज 551-1790
रतलाम लहसून 500-5625
रतलाम- सेलाना उपज मंडी लहसून 1175-5570
मंदसौर लहसून 2200-4800
अलोट लहसून 1200-5557
मंडी फसल मॉडल भाव प्रति क्विंटल
तिमरनी सोयाबीन 2586-5250
तिमरनी सरसो 4000-4700
तिमरनी गेहूँ 1550-1795
तिमरनी चन्ना 2500-4791
तिमरनी मटर 3280
तिमरनी मुंग 3700-8371
तिमरनी उड़द 3101-3401
तिमरनी सफेद चन्ना 4631-6400
खरगौन गेहूँ 1680-1920
खरगौन चन्ना 4477-5256
खरगौन मक्का 1296-1396
खरगौन कापस 4650-6495
खरगौन सोया बीन 5141-5170
खरगौन तुवर 5350-6472
खरगौन डॉलर चन्ना 6767-6925
रतलाम गेहूँ लोकवान 1661-1981
रतलाम इटालियन चना 4900-4916
रतलाम पीला सोयाबीन 4600-5002
रतलाम- सेलाना उपज मंडी
रतलाम पीला सोयाबीन 3700-5801
रतलाम गेहूँ लोकवान 1521-2240
रतलाम चन्ना 4700-5053
रतलाम मटर 2599-3800
रतलाम मसूर 5370
रतलाम मेधी दाना 5900-7200
रतलाम मक्का 1310-1320
अलोट सोयाबीन 4300-5451
अलोट गेहूँ 1501-1801
अलोट चन्ना 3800-4825
अलोट मैथी 5300-5780
अलोट सरसो 4902-5001
अलोट मक्का 1076
अलोट धनिया 5456
खंडवा सोयाबीन 3000-5051
खंडवा सरसो 3001-4601
खंडवा गेहूँ 1525-1712
खंडवा चन्ना 4251-4666
खंडवा तुवर 5200-6100
खंडवा मक्का 1180-1256
खंडवा मुंग 5500
खंडवा उड़द 2370
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तरबूज की वर्तमान फसल अवस्था में जरूरी है कीट प्रबंधन

Insect management in watermelon
  • वर्तमान में कई किसान तरबूज की खेती कर रहे हैं और फसल अभी अंकुरण की शुरूआती अवस्था में है जिसके कारण फसल में कीट प्रकोप अधिक मात्रा में होती है।
  • शुरुआती वृद्धि अवस्था में लीफ माइनर, रस चूसक कीटों का प्रकोप अधिक मात्रा में होता है।
  • इसके नियंत्रण के लिए थियामेंथोक्साम 12.6% + लैम्ब्डा साइहेलोथ्रिन 9.5% ZC @ 80 मिली/एकड़ या फिप्रोनिल 40% + इमिडाक्लोप्रिड 40% WG@ 40 ग्राम/एकड़ या एबामेक्टिन 1.9% EC @ 150 मिली/एकड़ की दर से उपयोग करें।
  • जैविक उपचार के रूप में बवेरिया बेसियाना @ 250 ग्राम/एकड़ की दर से उपयोग करें।
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मध्य प्रदेश के इस जिले में होगी सूरन की खेती, कम समय में होगा ज्यादा लाभ

Suran cultivation

सूरन जिसे जिमीकंद भी कहते हैं को दरअसल मकान की बाड़ी या बागीचे बगैरह में ज्यादातर लगाया जाता है। पर अब मध्य प्रदेश के बालाघाट जिले में इसकी खेती करने की शुरुआत की जा रही है। ऐसा कर के अन्य किसानों को भी इसकी खेती के लिए प्रेरित किया जाएगा।

बता दें की सूरन कम कृषि लागत में अधिक लाभ देने वाली फसल है। इसीलिए इसकी खेती किसानों के लिए लाभ का सौदा साबित हो सकती है। बालाघाट जिले के कटंगी तहसील के तीन गांवों के 20 किसानों द्वारा इसकी खेती की शुरुआत की जा रही है। ये किसान करीब 10 एकड़ क्षेत्र में इसकी खेती करेंगे।

बता दें की सूरन एक नकदी फसल है और इसकी बुआई फरवरी से जून महीने तक होती है। करीब नौ से दस महीने में इसकी फसल तैयार होती है और बाजार में इसका भाव 40-50 रुपये प्रति किलोग्राम से भी अधिक मिलता है। इसकी फसल को ज्यादा सिंचाई नहीं लगती और किसान को बहुत अधिक मेहनत भी नहीं करना पड़ता है।

स्रोत: नई दुनिया

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दक्षिणी मध्य प्रदेश समेत मध्य भारत के इन क्षेत्रों में जारी रहेगा गर्मी का दौर

Weather Update Hot

मध्य भारत में भीषण गर्मी का प्रकोप जारी है, कई स्थानों पर तापमान 40 डिग्री के आसपास बना हुआ है। आने वाले दिनों में तापमान में और ज्यादा वृद्धि देखने को मिल सकती है। ख़ास कर के दक्षिणी मध्य प्रदेश, गुजरात, राजस्थान, महाराष्ट्र में गर्मी से कोई राहत मिलती नजर नहीं आ रही है।

वीडियो स्रोत: स्काईमेट वेदर

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तरबूज की फसल में कवक रोगों से होगा नुकसान, ऐसे करें निदान

fungal diseases in watermelon crop
  • गर्मियों के मौसम की फसलों में तरबूज की फसल को बहुत सारे किसान प्राथमिकता देते हैं।
  • हालांकि इसकी फसल में अंकुरण के पश्चात कई प्रकार की समस्याएं सामने आती हैं जिनमें पत्तियों में पीलापन, जड़ों में गलन, तना सड़न जैसी समस्याएं शामिल होती हैं।
  • इसके निवारण के लिए थायोफिनेट मिथाइल 70% W/W @ 500 ग्राम/एकड़ या क्लोरोथालोनिल 75% WP @ 400 ग्राम/एकड़ की दर से उपयोग करें।
  • जैविक उपचार के रूप में स्यूडोमोनास फ्लोरोसेंस @ 250 ग्राम/एकड़ की दर से उपयोग करें।
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