अगले 7 दिन तक बारिश का अलर्ट, 13 राज्यों पर दिखेगा असर

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देशभर में गर्मी से टेंपरेचर का टॉर्चर शुरू हो चुका है। राजधानी दिल्ली में भी दिन में झुलसाने वाली धूप से लोग परेशान हैं हालाँकि मौसम विभाग का अनुमान है की वेस्टर्न डिस्टरवेंस की वजह से देश के 13 राज्यों में 7 दिन तक बारिश हो सकती है। खबर को विस्तार से जानने के लिए वीडियो देखें।

स्रोत: न्यूज़ नेशन

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2024 में अच्छी बारिश का पूर्वानुमान, देखें इस साल कैसा रहेगा मौसम

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इस बार 2024 का दक्षिण पश्चिम मानसून सामान्य रहने का अनुमान है। 1 जून से 30 सितंबर के बीच 868.6 मिली मीटर बारिश होती है। परंतु इस बार 886 मिलीमीटर बारिश का अनुमान है जो सामान्य का 102% होगी। जून में सामान्य का 95% जुलाई में 105% अगस्त में 98% तथा सितंबर में 110% बारिश होने का अनुमान है। पूर्वी और उत्तर पूर्वी राज्यों में बारिश सामान्य से कम रह सकती है। देश के बाकी हिस्से अच्छी बारिश देखेंगे। मुख्यतः मध्य और दक्षिण भारत में सामान्य से ज्यादा बारिश रहने का अनुमान है।

स्रोत: स्काइमेट वेदर

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पीएम किसान योजना पर बड़ा अपडेट, इन दिन जारी हो सकती है 17वीं किस्त

PM Kisan Samman nidhi Yojana

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का लाभ लेने वाले किसानों के लिए यह खबर बेहद जरूरी है। गौरतलब है की देश भर के करोड़ों किसान अब तक 2000 रूपये की 16 किस्तों का लाभ ले चुके हैं। अब किसान इस योजना की 17वीं किस्त के इंतजार में हैं।

ख़बरों के अनुसार, सरकार इस योजना की 17वीं किस्त जून या फिर जुलाई महीने में किसानों के बैंक खाते में भेज सकती है। वैसे सरकार की तरफ से इस बाबत कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी गई है। पर मीडिया रिपोर्ट्स में ऐसी संभावना जताई जा रही है की आगामी लोकसभा चुनावों के बाद ही यह क़िस्त किसानों के बैंक अकाउंट्स में जा पाएगी। लोकसभा चुनाव अप्रैल और मई माह में होने हैं तो इस हिसाब से पीएम किसान योजना की अगली क़िस्त जून या जुलाई माह में ही आ पायेगी।

यहाँ यह ध्यान जरूर रखें की जिन किसानों ने अभी तक इस योजना के लिए अपने भूलेखों का सत्यापन एवं ई-केवाईसी नहीं करवाया है, उन्हें इससे बंचित रहना पड़ेगा। बता दें की प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का लाभ लेने के लिए पात्र किसानों को अपना ई-केवाईसी करवाना जरूरी होता है। इसके बगैर किसान योजना का लाभ नहीं उठा सकते हैं। ई-केवाईसी करवाने के लिए आप अपने आसपास सीएससी सेंटर या बैंक में जा सकते हैं। आप चाहें तो घर बैठे पीएम किसान पोर्टल के माध्यम से ई-केवाईसी की प्रक्रिया को पूरा कर सकते हैं।

स्रोत: कृषि जागरण

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लहसुन के भाव में तेजी जारी, उच्च भाव पहुंचे 25000 रुपये के पार

garlic mandi rate,

मध्य प्रदेश के अलग अलग मंडियों में क्या चल रहे हैं लहसुन के भाव? आइये देखते हैं पूरी सूची।

मध्य प्रदेश की मंडियों में लहसुन के ताजा मंडी भाव
जिला कृषि उपज मंडी किस्म न्यूनतम मूल्य (प्रति क्विंटल) अधिकतम मूल्य (प्रति क्विंटल)
धार बदनावर लहसुन 1900 16000
भोपाल भोपाल लहसुन 6650 16700
मन्दसौर दलौदा लहसुन 4500 25000
सागर देवरी औसत 4400 6200
सागर देवरी लहसुन 6200 6200
इंदौर इंदौर लहसुन 500 15980
रतलाम जावरा देसी 12450 12450
रतलाम जावरा लहसुन 6000 12810
नीमच जावद लहसुन 6200 11901
मन्दसौर मन्दसौर लहसुन 4300 10600
नीमच नीमच औसत 10000 10000
मन्दसौर पिपल्या औसत 6800 6800
मन्दसौर पिपल्या लहसुन 1101 18802
मन्दसौर पिपल्या लहसुन-जैविक 13310 13310
रतलाम रतलाम लहसुन 11000 11000
रतलाम सैलाना लहसुन 14555 14555
शाजापुर साजापुर लहसुन 2300 11486
राजगढ़ सारंगपुर औसत 3210 4200
मन्दसौर शामगढ़ लहसुन 5001 9300
मन्दसौर सीतामऊ लहसुन 4400 9340

स्रोत: एगमार्कनेट

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तरबूज में फल मक्खी के नियंत्रण हेतु प्रभावी उपाय

Damage and control measure of fruit fly in watermelon

  • किसान भाइयों कद्दू वर्गीय फसलों में से एक तरबूज की फसल में फल मक्खी का आक्रमण मुख्यतः बहुत ज्यादा देखने को मिलता है। जो फसल को हानि पहुंचाकर उपज को प्रभावित करता है। 

  • फल मक्खी फलों के अंदर अंडे देती है। अंडे से इल्ली निकलकर फलों के गूदे को खाती है जिससे फल सड़ने लगते है l फल टेड़े-मेड़े हो जाते है तथा कमजोर होकर बेल से अलग हो जाते है। 

  • प्रबंधन के उपाय:- फेनप्रोप्रेथ्रिन 10% ईसी [डैनिटोल] @ 400 मिली या प्रोफेनोफॉस 40 % + साइपरमेथ्रिन 4% ईसी [ प्रोफेनोवा ] @ 400 मिली या स्पिनोसेड 45% एससी [ट्रेसर] @ 60 मिली/एकड़ की दर से छिड़काव करें। 

  • फल मक्खी के अच्छे प्रबंधन के लिए 10 फ्रूट फ्लाई ट्रैप प्रति एकड़ की दर से उपयोग करें।

  • जैविक प्रबंधन के लिए बवेरिया बेसियाना [बवे कर्ब ] @ 250 ग्राम/एकड़ की दर से उपयोग कर सकते है।

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खेती के मशीनों पर मिल रही जबरदस्त सब्सिडी, जानें कैसे पा सकते हैं इसका लाभ

Expensive farming machines are available at half the price

सरकार की तरफ से किसानों की आमदनी में इजाफा करने और खेती को आसान बनाने के उद्देश्य से कई लाभकारी योजनाएं चलाई जा रही है। इन योजनाओं का लाभ उठा कर किसान अपनी खेती को बेहतर करने के साथ साथ अपनी आर्थिक स्थिति को भी बेहतर कर रहे हैं। सरकार किसानों को बुआई से लेकर उपज की बिक्री तक के सभी कार्यों में मदद पहुंचाती है। इसी कड़ी में सरकार आगामी खरीफ सीजन के लिए किसानों को आधुनिक खेती के मशीनों पर सब्सिडी उपलब्ध करवा रही है। यह सब्सिडी सरकार “कृषि यंत्र अनुदान योजना” के माध्यम से किसानों को देगी।

बता दें की इस योजना को अलग अलग राज्यों में कई नामों से चलाया जा रहा है। मध्य प्रदेश में इस योजना को ‘ई-कृषि यंत्र अनुदान योजना’ के रूप में चलाया जा रहा है, वहीं उत्तरप्रदेश और बिहार में यह ‘कृषि यंत्रीकरण योजना’ के नाम से प्रचलित है। राजस्थान में इसे ‘कृषि यंत्र अनुदान योजना’ कहा जाता है। ऐसे ही अलग अलग राज्यों में इसे कई दूसरे नामों से जाना जाता है। इसके तहत किसान कृषि मशीनों की खरीद पर सब्सिडी का लाभ लेते हैं।

“कृषि यंत्रीकरण योजना” के माध्यम से राज्य के किसानों को 40 से 80% की सब्सिडी मिलती है। इस योजना में जुताई, बुवाई, निराई-गुड़ाई, सिंचाई, कटाई, दौनी व उद्यानिकी आदि से जुड़े कृषि यंत्रों को रखा गया है।

स्रोत: कृषि जागरण

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मध्य प्रदेश की मंडियों में सोयाबीन के उच्च भाव 4800 रुपए के पार

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मध्य प्रदेश के अलग अलग मंडियों में क्या चल रहे हैं सोयाबीन के भाव? आइये देखते हैं पूरी सूची।

मध्य प्रदेश की मंडियों में सोयाबीन के ताजा मंडी भाव
जिला कृषि उपज मंडी किस्म न्यूनतम मूल्य (प्रति क्विंटल) अधिकतम मूल्य (प्रति क्विंटल)
रतलाम बहुत सोयाबीन 4452 4452
आलीराजपुर आलीराजपुर सोयाबीन 4300 4500
बड़वानी अंजड़ पीला 4011 4011
सागर बाँदा सोयाबीन 4290 4300
शिवपुरी बराड़ सोयाबीन 4380 4450
शाजापुर बेरछा सोयाबीन 3950 4700
खरगोन भीकनगांव सोयाबीन 3000 4620
राजगढ़ ब्यावरा सोयाबीन 3100 4850
छतरपुर छतरपुर सोयाबीन 3980 3980
दमोह दमोह पीला 4220 4310
दमोह दमोह सोयाबीन 4200 4400
डिंडोरी गोरखपुर पीला 4175 4405
खंडवा हरसूद पीला 4200 4325
आलीराजपुर जोबट सोयाबीन 4400 4400
आलीराजपुर जोबट पीला 4200 4300
खंडवा खंडवा पीला 4160 4355
देवास खातेगांव सोयाबीन 4300 4300
धार कुक्षी सोयाबीन 4200 4600
शाजापुर नलकेहड़ा पीला 2900 4568
शाजापुर नलकेहड़ा सोयाबीन 4496 4661
छिंदवाड़ा पंधुरना सोयाबीन 4425 4425
धार राजगढ़ पीला 4300 4300
रतलाम रतलाम सोयाबीन 4250 4300
सागर शाहगढ़ सोयाबीन 4250 4300
उमरिया उमरिया सोयाबीन 4000 4000
श्योपुर विजयपुर पीला 4000 4210

स्रोत: एगमार्कनेट

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तरबूज की फसल में गमी तना झुलसा के लक्षण एवं नियंत्रण के उपाय

Gummy stem blight symptoms and control in watermelon crop Symptoms

तरबूज की खेती के दौरान इसके पूरे फसल चक्र में कई प्रकार के रोगों का प्रकोप देखने को मिलता है। इन रोगों की रोकथाम कर के तरबूज की अच्छी उपज की प्राप्ति की जा सकती है। तरबूज की फसल का एक प्रमुख रोग है गमी तना झुलसा और इस लेख में हम जानेंगे इसी रोग से संबंधित जानकारी एवं रोकथाम के उपाय।

लक्षण: तरबूज की फसल में गमी तना झुलसा गंभीर पर्णीय बीमारियों में से एक है। इस रोग में तने और पत्तियों पर भूरे धब्बे बन जाते हैं और यह धब्बे पीले ऊतकों से घेरे होते हैं। साथ ही तने में यह घाव बढ़कर गलन का निर्माण करता है और इससे चिपचिपे, भूरे रंग के द्रव का स्रावण होता है। इस रोग में फल शायद ही कभी प्रभावित होते हैं, लेकिन पर्णसमूह के नुकसान से उपज और फलों की गुणवत्ता भी प्रभावित हो सकती है।

नियंत्रण: गमी तना झुलसा से बचने के लिए रोग रहित बीज का उपयोग करें, साथ ही सभी कद्दू वर्गीय फसलों से 2 वर्ष का फसल चक्र रखें। इसके अलावा रोग के लक्षण दिखाई देने पर रासायनिक नियंत्रण के लिए, फफूंदनाशक जैसे जटायु (क्लोरोथॅलोनिल 75% डब्लूपी) 400 ग्राम प्रति एकड़ या एम 45 (मैंकोज़ेब 75% डब्लूपी) 600-800 ग्राम प्रति एकड़ 150 से 200 लीटर पानी के दर से छिड़काव करें। इसके जैविक नियंत्रण के लिए, मोनास कर्ब (स्यूडोमोनास फ्लोरोसेन्स) 500 ग्राम/एकड़ के हिसाब से छिड़काव करें। 

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किसान रहें सावधान, कई राज्यों बारिश से होगा फसलों को नुकसान

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मध्य और पूर्वी भारत में बारिश के साथ बादलों की गरज चमक और तेज हवाएं शुरू हो गई हैं। यह प्री मानसून बारिश की गतिविधियां अगले हफ़्ते पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली, उत्तर प्रदेश होते हुए मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और दक्षिण भारत तक पहुंचेंगी। कई राज्यों में बारिश के साथ तेज हवाएं और एक दो स्थानों पर ओलावृष्टि फसलों को नुकसान पहुंचा सकती है। 13 अप्रैल से बारिश की गतिविधियां काफी बढ़ जाएगी।

स्रोत: स्काइमेट वेदर

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क्यों ग्रीष्मकालीन मूंग की खेती किसानों के लिए है फायदेमंद?

Know the benefits of growing summer moong

रबी की फसलों की कटाई के बाद खरीफ सीजन आने तक खेत खाली रह जाता है। पर किसान भाई चाहें तो रबी तथा खरीफ के बीच वाले समय जिसे जायद कहते हैं, का सही इस्तेमाल कर के बढ़िया लाभ प्राप्त कर सकते हैं। जायद सीजन में खेती के लिए सबसे अच्छा चुनाव अगर कोई हो सकता है तो वो है मूंग की फसल का जो कम अवधि की फसल है और अच्छा मुनाफ़ा दे सकती है। इसकी खेती के फायदेमंद होने के मुख्य कारण निम्न हैं। 

  • इसकी खेती खरपतवारों को नियंत्रित करती है और गर्मियों में हवा के कटाव को रोकती है।

  • फसल पर कीट एवं रोगों का आक्रमण बहुत कम होता है। 

  • फसल/किस्में परिपक्व होने में कम समय लेती हैं (60-65 दिन)

  • इसकी खेती से राइजोबियम फिक्सेशन के माध्यम से कम से कम 30-50 किग्रा उपलब्ध नाइट्रोजन/हेक्टेयर जुड़ जाता है जिसे अगली खरीफ मौसम की फसल में उर्वरकों को देते समय समायोजित किया जा सकता है।

  • इसकी खेती से फसल की सघनता बढ़ जाती है।

  • आलू, गेहूँ और सर्दियों के मौसम की मक्का जैसी भारी उर्वरक माँग वाली फसलों के बाद उगाए जाने पर यह मिट्टी की अवशिष्ट उर्वरता का उपयोग करती है।

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