मानसून अब गुजरात समेत पूर्वी राज्यों में आगे बढ़ेगा, कई राज्यों में होगी बारिश

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पिछले 24 घंटे के दौरान बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल सहित उत्तर प्रदेश, हरियाणा, दिल्ली और पंजाब में बारिश की गतिविधियां देखने को मिली हैं। गुजरात में भी बारिश बढ़ी है वहीं दक्षिणी गुजरात में भारी बारिश देखी गई है। पूर्वोत्तर राज्यों में भारी बारिश जारी है। असम में बाढ़ की स्थिति गंभीर बनी हुई है। दिल्ली, पंजाब, हरियाणा और उत्तरी राजस्थान में आंधी और बारिश देखी गई है। तापमान में अब कमी देखने को मिलेगी और मानसून तेजी से आगे बढ़ेगा।

स्रोत: स्काइमेट वेदर

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लहसुन के भाव में तेजी जारी, 29300 रुपये तक पहुंचे उच्च भाव

garlic Mandi bhaw

मध्य प्रदेश के अलग अलग मंडियों में क्या चल रहे हैं लहसुन के भाव? आइये देखते हैं पूरी सूची।

मध्य प्रदेश की मंडियों में लहसुन के ताजा मंडी भाव
जिला कृषि उपज मंडी किस्म न्यूनतम मूल्य (प्रति क्विंटल) अधिकतम मूल्य (प्रति क्विंटल)
रतलाम आलोट लहसुन 6240 9440
उज्जैन बड़नगर औसत 5550 5550
उज्जैन बड़नगर लहसुन 2625 16100
धार बड़नावर लहसुन 500 18250
मंदसौर दलोदा लहसुन 5065 20800
सागर देवरी औसत 4348 6205
इंदौर गौतमपुरा लहसुन 1100 11000
इंदौर इंदौर लहसुन 1500 18200
इंदौर इंदौर लहसुन-ऑर्गेनिक 12300 12300
रतलाम जावरा लहसुन 2222 29300
नीमच जावद लहसुन 4005 4010
नीमच मनासा लहसुन 3000 16700
मंदसौर मंदसौर लहसुन 2000 19400
राजगढ़ नरसिंहगढ़ लहसुन 1080 15700
नीमच नीमच औसत 5100 18301
नीमच नीमच लहसुन 6199 27400
मंदसौर पिपल्या लहसुन 1000 20803
मंदसौर पिपल्या लहसुन-ऑर्गेनिक 3712 18152
धार राजगढ़ लहसुन 4000 14500
रतलाम सैलाना औसत 6400 7400
रतलाम सैलाना लहसुन 3600 21322
रतलाम सैलाना लहसुन-ऑर्गेनिक 7120 7120
मंदसौर शामगढ़ लहसुन 4400 18601
मंदसौर सीतमऊ देसी 12500 14810
मंदसौर सीतमऊ लहसुन 4000 15000
उज्जैन उज्जैन लहसुन 1000 18051

स्रोत: एगमार्कनेट

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कपास में बढ़ रही है आद्र गलन की समस्या, जानें निवारण के उपाय

Whitefly infestation and control measures in tomatoes

आद्र गलन रोग कपास की फसल में लगने वाले कुछ घातक रोगों में से एक है। इस रोग के कारण 5 से 20 प्रतिशत तक फसल नष्ट हो जाते हैं। आद्र गलन रोग का प्रभाव 10-15 दिन के पौधों में ज्यादा देखने को मिलता है। इस रोग से पौधों की जड़ें और तना गलने लगते हैं। पौधों के तने पतले होने लगते है और पत्ते मुरझाने लगते हैं। इस रोग की समस्या बढ़ने पर, पत्तियां पीली होकर, सूखने लगती हैं और पौधे जमीन पर गिर जाते हैं। 

आद्र गलन रोग पर नियंत्रण के तरीके:

  • इस रोग से फसल को बचाने के लिए फसल चक्र अपनाएं और आद्र गलन रोग की प्रतिरोधी बीज किस्मों का चयन करें।

  • बुवाई से पूर्व बीजोपचार करना अति आवश्यक है। 

  • जैविक नियंत्रण के लिए, कॉम्बैट (ट्राइकोडर्मा विरडी) 8 ग्राम/किलो बीज  या

  • विटावैक्स पावर  (कार्बोक्सिन 37.5% + थिरम 37.5% WS) 3 ग्राम/किलो बीज से उपचारित करें।

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उत्तर भारत में आंधी और बारिश से गर्मी के कहर से मिलेगी राहत, देखें मौसम पूर्वानुमान

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19 से 21 जून के बीच पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश के कई जिलों सहित उत्तरी राजस्थान में धूल भरी आंधी के साथ बादलों की गरज चमक दिखेगी साथ ही बारिश भी हो सकती है। गर्मी से परेशान लोगों को इस बारिश से राहत मिलने की संभावना है। पिछले 18 दिनों से पूर्वी भारत के ऊपर मानसून आगे नहीं बढ़ पाया है परंतु अब मानसून के आगे बढ़ने की राह आसान हो गई है। अगले तीन दिनों के दौरान मानसून बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, उड़ीसा और छत्तीसगढ़ तक बढ़ सकता है। अब धीरे-धीरे पूर्वी उत्तर प्रदेश और पूर्वी मध्य प्रदेश में भी बारिश बढ़ेगी। 24 और 25 जून तक उत्तर प्रदेश के मध्य भागों सहित मध्य प्रदेश के अधिकांश भागों में तथा पूर्वी राजस्थान और पूर्वी गुजरात में भी बारिश अच्छी हो सकती है।

स्रोत: स्काइमेट वेदर

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फास्फोरस सॉल्युबलाइजिंग बैक्टीरिया से फसलों को मिलते हैं कई लाभ

Crops get many benefits from phosphorus solubilizing bacteria

फसल उत्पादन में जिन 16 आवश्यक पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है, उनमें प्रमुख रूप से नाइट्रोजन, फास्फोरस व पोटाश तत्व का महत्व सबसे अधिक होता है। इन तत्वों में से किसी भी एक तत्व की कमी से फसल उत्पादन में गंभीर रूप से प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।

लगातार उर्वरकों के उपयोग से खेतों की मिट्टी कठोर होती जा रही है, या पहले जैसा उत्पादन लेने में अधिक उर्वरक देना पड़ रहा है, इससे भूमि की गुणवत्ता भी नष्ट हो रही है। फास्फोरस युक्त रासायनिक उर्वरक जैसे सिंगल सुपर फास्फेट, डीएपी आदि की जो भी मात्रा हम फसल उत्पादन के लिए खेतों में डालते हैं, उसका सिर्फ 20 से 25 प्रतिशत भाग ही पौधों को उपलब्ध हो पाता है, शेष फास्फोरस मिट्टी के कणों द्वारा स्थिर कर लिया जाता है। रासायनिक क्रियाओं द्वारा अघुलनशील मिश्रण में परिवर्तित हो जाता है। यह जीवाणु अघुलनशील और अनुपलब्ध फास्फोरस तत्व को घुलनशील तत्व में बदलकर पौधों को उपलब्ध कराने में मदद करते हैं। फास्फोरस घोलक जीवाणु रॉक फास्फेट व ट्राइकैल्सियम फॉस्फेट जैसे अघुलनशील फास्फोरस धारित उर्वरक के कणों को सूक्ष्म आकार में बदलकर घुलनशील बना कर पौधों को पोषक तत्व के रूप में उपलब्ध करा देता है। इसके प्रयोग से लगभग 10 से 12 किलो प्रति एकड़ फास्फोरस युक्त रासायनिक उर्वरक की बचत की जा सकती है।

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मानसून किन राज्यों में बढ़ सकता है आगे, जानें कब मिलेगी गर्मी से राहत?

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फिलहाल उत्तर और मध्य भारत को गर्मी से राहत मिलती हुई नहीं नजर आ रही है। पंजाब, हरियाणा और दिल्ली सहित उत्तरी राजस्थान में 19 से 21 जून के बीच कुछ राहत मिल सकती है परंतु उसके बाद तापमान फिर बढ़ जाएंगे। पश्चिम दिशा से गर्म और तेज हवाएं लगातार चल रही हैं जो तापमान को गिरने नहीं दे रही हैं। पूर्वी भारत में मानसून आगे बढ़ने के लिए उत्सुक है और हो सकता है कि 19 या 20 तारीख से मानसून आगे बढ़ना शुरू भी कर दे। असम और मेघालय में भारी से अति भारी बारिश के कारण बाढ़ जैसी स्थिति पैदा हो सकती है, यहाँ बाढ़ का खतरा काफी अधिक दिखाई दे रहा है।

स्रोत: स्काइमेट वेदर

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मध्य प्रदेश की मंडियों में सोयाबीन के उच्च भाव पहुंचे 4800 रुपए

soybean mandi Bhaw

मध्य प्रदेश के अलग अलग मंडियों में क्या चल रहे हैं सोयाबीन के भाव? आइये देखते हैं पूरी सूची।

मध्य प्रदेश की मंडियों में सोयाबीन के ताजा मंडी भाव
जिला कृषि उपज मंडी किस्म न्यूनतम मूल्य (प्रति क्विंटल) अधिकतम मूल्य (प्रति क्विंटल)
बड़वानी अंजड़ पीला 4011 4011
शाजापुर बेरछा सोयाबीन 4200 4400
खरगोन भीकनगांव सोयाबीन 2441 4550
राजगढ़ ब्यावरा सोयाबीन 3905 4745
छिंदवाड़ा चौरई पीला 4346 4346
छिंदवाड़ा छिंदवाड़ा पीला 4250 4300
देवास देवास सोयाबीन 4280 4280
धार धार सोयाबीन 4250 4400
नरसिंहपुर गादरवाड़ा सोयाबीन 4100 4800
इंदौर गौतमपुरा पीला 4200 4200
डिंडोरी गोरखपुर पीला 4150 4200
इंदौर इंदौर सोयाबीन 4200 4200
सीहोर जवार पीला 4192 4365
अलीराजपुर जोबट सोयाबीन 4105 4400
खंडवा खंडवा पीला 4400 4450
धार कुक्षी सोयाबीन 4300 4300
धार कुक्षी पीला 4460 4500
खंडवा मुंडी सोयाबीन 4150 4200
शाजापुर नलकेहड़ा सोयाबीन 4500 4500
शाजापुर नलकेहड़ा पीला 4250 4250
खंडवा पंधाना पीला 4241 4371
खंडवा पंधाना सोयाबीन 4250 4300
छिंदवाड़ा पंढुर्ना सोयाबीन 4300 4300
रतलाम रतलाम सोयाबीन 4200 4300
सागर रेहली सोयाबीन 4200 4215
रतलाम सैलाना पीला 4200 4200
शहडोल शहडोल सोयाबीन 3900 3900
उज्जैन उज्जैन सोयाबीन 4570 4570

स्रोत: एगमार्कनेट

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फसलों में आधार खाद नहीं डालने से होगा बड़ा नुकसान, पढ़ें पूरी जानकारी

Why is it necessary to apply basic fertilizers in crops

खेतों में उर्वरकों का प्रयोग करने से पहले अगर मिट्टी परीक्षण करवा लिया जाए और इसके परीक्षण रिपोर्ट के आधार पर उर्वरक डाले जाएँ तो इससे हमें पता रहता कि हमें किस मात्रा में खाद का उपयोग करना है। इसलिए किसान अपने खेत का मिट्टी परीक्षण जरूर करवाएं। बहरहाल बहुत सारे किसान बुआई के समय आधार खाद का उपयोग हीं नहीं करते, वे अक्सर ये धारणा रखते हैं कि अभी गर्मी ज्यादा है तो खाद देना उचित नहीं होगा और बारिश होने पर देंगे लेकिन यह सोच गलत है। जड़ों का निर्माण, पौधे की वृद्धि और शाखाओं के निर्माण के लिए प्रारंभिक अवस्था में आधार खाद डालना अतिआवश्यक होता है, अन्यथा उत्पादन में भारी कमी हो जाएगी।

किसान गर्मियों के मौसम में आपने खाली खेत खेत की गहरी जुताई अवश्य करें, ताकि मिट्टी में मौजूद फफूंद और अन्य कीट का नियंत्रण किया जा सके, और साथ ही साथ मिट्टी भूरभूरी हो जाए जिससे इसकी जल धारण क्षमता अधिक हो जाए। उपलब्ध होने पर अच्छी तरह से सड़ी हुई गोबर की खाद/कम्पोस्ट को 4 से 5 टन प्रति एकड़ की दर से, अवश्य देना चाहिए।

इसके साथ हीं ग्रामोफ़ोन की “कपास समृद्धि किट” से मिट्टी उपचार करें। इस किट में कई जबरदस्त उत्पाद हैं, जो भूमि प्रबंधन को बेहतर बनाते हैं। इस किट में जिंक सॉल्युबलाइजिंग बैक्टेरिया, समुद्री शैवाल, एमिनो एसिड, ह्यूमिक एसिड, ट्राइकोडर्मा विरिडी और एनपीके बैक्टेरिया का कन्सोर्टिया है, जो फसल को संपूर्ण विकास व पोषण देने के साथ-साथ हानिकारक मिट्टीजनित कवक रोगों से भी सुरक्षा देते हैं।

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2 दिन बाद राजस्थान समेत कई राज्यों में आएगी आंधी बारिश, देखें मौसम पूर्वानुमान

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बांग्लादेश के उत्तरी भागों में और उत्तर पूर्वी असम में चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बना हुआ है जहाँ अब पूर्वी हवाएं जोर पकड़ेंगी। ये हवाएं मानसून को 19 जून से बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल और उड़ीसा में आगे बढ़ाएगी। इन राज्यों में गर्मी का कहर अब समाप्त हो जाएगा। वेस्टर्न डिस्टरबेंस अब उत्तर पश्चिम भारत में आएगा इसके प्रभाव से 18 जून की शाम से पंजाब में तथा 19 जून से 21 जून के बीच पंजाब, हरियाणा, उत्तर पश्चिमी राजस्थान और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में आंधी और बारिश हो सकती है। दिल्ली में 20 जून को हल्की बारिश संभव है। 19 जून के बाद लगभग पूरे भारत में हीट वेव समाप्त हो सकती है।

स्रोत: स्काइमेट वेदर

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कपास में बढ़ेगा हरा तेला, चेपा और सफेद मक्खी का प्रकोप, ऐसे करें रोकथाम

Outbreak and prevention of sucking pests like Aphids Jassids and Whitefly in cotton

इस कीट के शिशु व प्रौढ़ दोनो हीं रूप पत्तियों की निचली सतह पर रहकर पत्तियों का रस चूसते हैं। ये कीट आकार में बहुत छोटे होते हैं, और कपास की पत्तियों की निचली सतह पर समूह में पाए जाते हैं। ये कीट पौधे की पत्तियों से रस चूसते हैं, जिससे पत्तियों का आकार बिगड़ जाता है और पौधा कमजोर हो जाता है। ये कीट पत्तों पर मधुरस भी उत्सर्जित करते हैं, जिससे पौधों की पत्तियों पर एक काली परत बन जाती हैं, जिसके कारण प्रकाश संश्लेषण क्रिया नहीं हो पाती है और इसी वजह से पौधे सूखने लगते हैं। 

रोकथाम: इस कीट के निवारण के लिए, बुवाई से पहले बीज का उपचार जरूर करना चाहिए। फसल में कीट दिखाई दें तो, नीमगोल्ड (नीमआयल 3000 PPM 1 लीटर/एकड़ या बवेकर्ब (बवेरिया बेसियाना 5% WP) 500 ग्राम/एकड़ या पेजर (डायफेंथियुरॉन 50% WP) 240 ग्राम/एकड़ या उलाला (फ्लोनिकैमिड 50% WG) 60 ग्राम/एकड़ की दर से 200 लीटर पानी में मिला कर छिड़काव करें। 

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