लहसुन भाव में तेजी का दौर जारी, 17000 रुपये तक पहुंचे उच्च भाव

garlic Mandi bhaw

मध्य प्रदेश के अलग अलग मंडियों में क्या चल रहे हैं लहसुन के भाव? आइये देखते हैं पूरी सूची।

मध्य प्रदेश की मंडियों में लहसुन के ताजा मंडी भाव
जिला कृषि उपज मंडी किस्म न्यूनतम मूल्य (प्रति क्विंटल) अधिकतम मूल्य (प्रति क्विंटल)
शाजापुर अकोदिया औसत 1000 15101
धार बदनावर (F&V) लहसुन 3000 10000
खरगोन बड़वाह अन्य 8000 15000
सीहोर इछावर लहसुन 4130 10800
नीमच जावद अन्य 12000 12000
शाजापुर कालापीपल अन्य 4530 13340
मन्दसौर मन्दसौर अन्य 7000 17000
नीमच नीमच देसी 6000 15700
मन्दसौर पिपल्या लहसुन 5000 17000
रतलाम रतलाम (F&V) देसी 1250 14325
सीहोर सीहोर अन्य 4303 14001
शाजापुर शाजापुर (F&V) अन्य 6000 13000
शाजापुर शुजालपुर अन्य 1000 13903
सिंगरोली सिंगरोली अन्य 10000 10000
मन्दसौर सीतामऊ अन्य 8090 14000
झाबुआ थांदला औसत 4000 6000

स्रोत: एगमार्कनेट

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सरसों की फसल में सिंचाई से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियां

Critical stages of irrigation in mustard crop
  • सरसों 110-120 दिन की अवधि वाली फसल है, इसमें पहली सिंचाई फूल आने के समय अर्थात बुआई के लगभग 30 दिन बाद करनी चाहिए।

  • इसमें दूसरी सिंचाई फली बनने के समय अथवा बुआई के लगभग 60-65 दिन बाद करनी चाहिए।

  • जब सरसों को मिश्रित फसल के रूप में उगाया जाता है तो इसकी सिंचाई मुख्य फसल के रूप में की जाती है।

  • कई क्षेत्रों में शुद्ध सरसों की फसल असिंचित फसल के रूप में उगाई जाती है।

  • सरसों की फसल फूल आने और दाने बनने की अवस्था में मिट्टी में नमी की कमी के प्रति बहुत संवेदनशील होती है। इसीलिए इसकी बुआई के 25 दिन बाद एक सिंचाई आवश्यक है।

  • यदि सिंचाई के निर्धारित समय के कुछ दिन पहले वर्षा होती है तो फसल की सिंचाई नहीं करनी चाहिए।

  • सरसों की फसल वाले खेतों में जल निकास की अच्छी व्यवस्था होनी चाहिए।

  • सरसों का पौधा जल जमाव की स्थिति के प्रति बहुत संवेदनशील होता है।

  • जब केवल एक सिंचाई उपलब्ध हो तो बुआई के 30 से 35 दिन बाद हीं सिंचाई करनी चाहिए।

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दो तूफ़ान आएंगे एकसाथ, कई राज्यों पर दिखेगा इसका असर

know the weather forecast,

अरब सागर और बंगाल की खाड़ी में तूफ़ान बनने की संभावना प्रबल होती जा रही है। अरब सागर में बनने वाला समुद्री तूफान उत्तर पश्चिम दिशा में आगे बढ़ते हुए ओमान या यमन की तरफ जाएगा। इसके गुजरात या मुंबई की तरफ आने की संभावना काफी कम है। बंगाल की खाड़ी में बनने वाले तूफान के उड़ीसा और पश्चिम बंगाल के आसपास पहुँचने की संभावना है। इसका प्रभाव 24 अक्टूबर को भारी बारिश के रूप में यहां दिखाई दे सकता है। बंगाल की खाड़ी में उत्तर पूर्वी दिशा से हवाओं का जोर बढ़ रहा है। अब जल्दी ही नॉर्थ ईस्ट मानसून सेट हो सकता है। 21 और 22 अक्टूबर को एक पश्चिमी विक्षोभ का प्रभाव पश्चिमी राजस्थान पर हल्की बारिश के रूप में दिखाई देगा।

स्रोत: स्काइमेट वेदर

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इस योजना से किसानों को मिलेंगे 5000 रुपये

Farmers will get Rs 5000 from this scheme

किसानों की मदद के लिए चलाई जा रही योजनाओं में से एक है मुख्यमंत्री कृषि आशीर्वाद योजना जिसके तहत 5000 रूपए प्रति एकड़ के हिसाब से सरकारी सहायता राशि मिलती है। इसका लाभ छोटे किसान को दिया जाता है इसलिए 5 एकड़ से ज्यादा जमीन वाले किसान को इसका लाभ नहीं मिलता।

झारखंड सरकार के द्वारा शुरु की गई यह योजना राज्य के किसानों के लिए लाभकारी है। इसमे आवेदन करने के लिए किसान का झारखंड का स्थायी / मूल निवासी होना आवश्यक है। इस योजना से हर साल किसानों को लाभ मिलेगा, हालांकि यह लाभ सिर्फ खरीफ सीजन की फसलों के लिए हीं मिलेगा। झारखण्ड प्रदेश के किसान ऑनलाइन माध्यम से योजना में आवेदन कर सकते हैं। योजना के अंतर्गत मिलने वाला लाभ किसानों के बैंक अकाउंट में भेज दिया जाएगा।

स्रोत: कृषि जागरण

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मध्य प्रदेश की प्रमुख मंडियों में गेहूँ भाव में दिखी कितनी तेजी?

wheat mandi rates

मध्य प्रदेश के अलग अलग मंडियों में क्या चल रहे हैं गेहूँ के भाव? आइये देखते हैं पूरी सूची।

मध्य प्रदेश की मंडियों में गेहूँ के ताजा मंडी भाव
जिला कृषि उपज मंडी किस्म न्यूनतम मूल्य (प्रति क्विंटल) अधिकतम मूल्य (प्रति क्विंटल)
पन्ना अजयगढ़ देशी 2300 2340
शाजापुर अकोदिया मिल गुणवत्ता 2200 2410
शाजापुर अकोदिया शरबती 2400 2611
भिंड आलमपुर अन्य 2350 2410
सतना अमरपाटन अन्य 2350 2370
बड़वानी अंजड़ लोकवन 2500 2500
अनुपुर अनुपपुर देशी 2350 2350
सीहोर आष्टा लोकवन 2453 3390
सीहोर आष्टा एमपी शरबती 3040 5400
सीहोर आष्टा एमपी(देसी) 2300 2571
सीहोर आष्टा शरबती 2440 3255
सीहोर आष्टा अन्य 2370 2522
छतरपुर बड़ामलहेड़ा अन्य 2280 2450
उज्जैन बड़नगर लोकवन 2224 3041
उज्जैन बड़नगर अन्य 2214 2841
धार बदनावर लोकवन 2465 3390
बड़वानी बड़वानी लोकवन 2750 2800
रीवा बैकुंठपुर दारा मिल गुणवत्ता 2280 2370
होशंगाबाद बानापुरा मिल गुणवत्ता 2300 2613
होशंगाबाद बनखेड़ी मिल गुणवत्ता 2436 2506
रायसेन बरेली अन्य 2365 2498
भोपाल बैरसिया पिस्सी 1500 2450
भोपाल बैरसिया पिस्सी 2205 2574
दतिया भांडेर WH-542 2380 2511
खरगोन भीकनगांव लोकवन 2501 2900
सागर बीना एमपी(देसी) 2200 2615
सागर बीना शरबती 2475 4122
गुना बीनागंज अन्य 2350 2580
बुरहानपुर बुरहानपुर अन्य 2400 2776
छिंदवाड़ा छिंदवाड़ा स्थानीय 2480 3310
धार धामनोद लोकवन 2640 2716
धार गंधवानी अन्य 2515 2670
इंदौर गौतमपुरा 147 औसत 2400 2600
सिवनी घंसौर अन्य 2125 2452
डिंडोरी गोरखपुर मिल गुणवत्ता 2000 2350
सीहोर इछावर लोकवन 2660 2900
सीहोर इछावर मिल गुणवत्ता 2365 2554
सीहोर इछावर शरबती 3200 3200
सीहोर इछावर अन्य 2100 2400
होशंगाबाद इटारसी मिल गुणवत्ता 2250 2538
जबलपुर जबलपुर मध्यम बढ़िया 2385 2805
टीकमगढ़ जतारा मिल गुणवत्ता 2280 2300
टीकमगढ़ जतारा अन्य 2300 2300
दमोह जवेरा मिल गुणवत्ता 2300 2390
सीहोर जावर अन्य 2431 2815
आलीराजपुर जोबट अन्य 2500 2550
शाजापुर कालापीपल लोकवन 2040 2510
शाजापुर कालापीपल मिल गुणवत्ता 1950 2280
शाजापुर कालापीपल एमपी शरबती 2650 3090

स्रोत: एगमार्कनेट

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सरसों के किसान ऐसे करें खेती की तैयारी, इन बातों का रखें ध्यान

How to prepare the field for soybean sowing
  • सरसों की खेती दोमट या बलुई मिट्टी वाली भूमि जिसमें जल निकास की व्यवस्था अच्छी सबसे बेहतर मानी जाती है। अगर पानी के निकास का उचित व्यवस्था न हो तो प्रत्येक वर्ष फसल लेने से पहले ढेचा को हरी खाद के रूप में उगाना चाहिए।

  • अच्छी पैदावार के लिए जमीन का पी.एच.मान 7.0 होना चाहिए। ज्यादा अम्लीय एवं क्षारीय मिट्टी इसकी खेती के लिए उपयुक्त नहीं होती है।

  • बारानी क्षेत्र सरसों के बीजों की दर 5-6 कि.ग्रा/हैक्टेयर और सिंचित क्षेत्र में 4.5-5 कि.ग्रा/हैक्टेयर तक रखनी चाहिए।

  • सिंचित क्षेत्रों में खरीफ फसल की कटाई के बाद पहली जुताई मिट्टी पलटने वाले हल से और उसके बाद तीन-चार जुताईयाँ तवेदार हल से करनी चाहिए।

  • सिंचित क्षेत्र में जुताई करने के बाद खेत में पाटा लगाना चाहिए जिससे खेत में ढेले न बनें। गर्मी में गहरी जुताई करने से कीड़े मकौड़े व खरपतवार नष्ट हो जाते हैं।

  • अगर बोनी से पहले भूमि में नमी की कमी है तो खेत में पलेवा करना चाहिए। बोने से पूर्व खेत खरपतवार रहित कर लेना चाहिए।

  • बारानी क्षेत्रों में प्रत्येक बरसात के बाद तवेदार हल से जुताई कर नमी को संरक्षित करने के लिए पाटा लगाना चाहिए जिससे कि भूमि में नमी बनी रहे।

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दोतरफा समुद्री तूफ़ान का दिखेगा असर, होगी भारी बारिश

know the weather forecast,

अरब सागर में बना निम्न दबाव का क्षेत्र अब और सशक्त होकर गहरा निम्न दबाव का क्षेत्र बन जाएगा। 21 तारीख तक यह डिप्रेशन का रूप ले सकता है। उसके बाद यह तेज तूफान बन सकता है। बंगाल की खाड़ी में भी जल्दी ही एक लो प्रेशर एरिया बनेगा जो धीरे-धीरे डिप्रेशन बन जाएगा। फिलहाल यह कहना मुश्किल है कि यह समुद्री तूफान बनेगा या नहीं। पहाड़ों सहित उत्तर पश्चिम मध्य और पूर्वी भारत का मौसम लगभग साफ रहेगा। एक नए पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से 20 और 21 तारीख को पश्चिमी राजस्थान में हल्की बारिश हो सकती है।

स्रोत: स्काइमेट वेदर

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मिलेंगे हर महीने 3000 रुपये, जानें किन किसानों को मिलेगा लाभ?

These farmers will get free pulses and oilseeds for four years

खेती के क्षेत्र में मौजूद अनिश्चितताओं की वजह से किसान भाईयों की आर्थिक स्थिति स्थिर नहीं रह पाती है। ऐसी स्थिति में इन्हें वृद्धावस्था में जीवनयापन करने में मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। किसानों की इसी परेशानी को दूर करने के लिए केंद्र सरकार ने ‘प्रधानमंत्री किसान मानधन योजना’ की शुरुआत की है। इस योजना का उद्देश्य 60 वर्ष की आयु पूरी कर चुके किसानों को आत्मनिर्भर बनाना और भूमिहीन किसानों को शक्ति प्रदान करना है। इस योजना के तहत किसान भाई 55 रूपए से 200 रूपए का प्रीमियम भरकर प्रतिमाह 3000 रूपए की पेंशन राशि प्राप्त कर सकते हैं।

किसे मिलेगा इस योजना का लाभ?
इस योजना का लाभ उठाने वाले आवेदक की आयु 18 से 40 वर्ष के बीच होनी चाहिए। इसी के साथ ही इस योजना का लाभ केवल उन्हीं किसानों को मिलेगा जिनके पास 2 हेक्टेयर या उससे कम कृषि योग्य भूमि होगी। वहीं योजना से जुड़ने के बाद 18 वर्ष के लाभार्थी को 55 रूपए प्रतिमाह और 40 वर्ष के लाभार्थी को 200 रूपए प्रतिमाह का भुगतान करना होगा। लाभार्थी की आयु 60 वर्ष हो जाने पर आर्थिक सहायता के रूप में 3000 रूपए प्रतिमाह पेंशन राशि दी जाएगी। यदि पेंशन प्राप्त कर रहे लाभार्थी की मृत्यू हो जाती है तो उसकी पत्नी को 1500 रूपए प्रतिमाह दिए जाएंगे।

कैसे करें आवेदन?
इस योजना से जुड़ने के लिए सबसे पहले आधिकारिक वेबसाइट https://maandhan.in/ पर जाएं। यहां लॉगिन बटन पर क्लिक कर लॉगिन करें और मोबाईल नंबर का पंजीकरण करवाएं। इसके बाद आवेदन फॉर्म को ध्यानपूर्वक भरकर सबमिट कर दें।

स्रोत: कृषि जागरण

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मध्य प्रदेश की मंडियों में क्या चल रहे हैं सोयाबीन के भाव?

soybean mandi Bhaw

मध्य प्रदेश के अलग अलग मंडियों में क्या चल रहे हैं सोयाबीन के भाव? आइये देखते हैं पूरी सूची।

मध्य प्रदेश की मंडियों में सोयाबीन के ताजा मंडी भाव
जिला कृषि उपज मंडी किस्म न्यूनतम मूल्य (प्रति क्विंटल) अधिकतम मूल्य (प्रति क्विंटल)
शाजापुर आगर अन्य 2000 5070
आलीराजपुर आलीराजपुर अन्य 4000 4000
अशोकनगर अशोकनगर सोयाबीन 2650 4678
सीहोर आष्टा पीला 2301 5400
छतरपुर बड़ामलहेड़ा सोयाबीन 3890 4255
उज्जैन बड़नगर पीला 3144 6411
धार बदनावर पीला 3950 6225
शाजापुर बड़ोद पीला 4300 4800
खरगोन बड़वाह पीला 2655 4270
होशंगाबाद बानापुरा पीला 2851 4700
रायसेन बेगमगंज अन्य 3800 4680
भोपाल बैरसिया पीला 1600 4710
बेतुल बेतुल पीला 3800 4675
खरगोन भीकनगांव अन्य 3900 5555
भोपाल भोपाल पीला 2000 4600
छतरपुर बिजावर सोयाबीन 4000 4100
सागर बीना पीला 3800 4511
गुना बीनागंज अन्य 4000 4670
बुरहानपुर बुरहानपुर अन्य 3695 4470
राजगढ़ छापीखेड़ा अन्य 4150 4800
छिंदवाड़ा छिंदवाड़ा पीला 4000 4675
देवास देवास अन्य 3000 4975
धार धामनोद पीला 2550 4505
धार धार पीला 2940 5052
नरसिंहपुर गाडरवाड़ा पीला 3900 5202
रायसेन गैरतगंज पीला 3785 4600
धार गंधवानी सोयाबीन 4500 4950
विदिशा गंज बासौदा पीला 3000 4702
मन्दसौर गरोठ अन्य 4500 4691
इंदौर गौतमपुरा अन्य 3800 4700
डिंडोरी गोरखपुर पीला 4300 4310
सीहोर इछावर पीला 3500 4790
इंदौर इंदौर पीला 1000 4845
अशोकनगर ईसागढ़ पीला 4000 4560
होशंगाबाद इटारसी पीला 2751 4731
रतलाम जावरा अन्य 3800 4782
सीहोर जावर सोयाबीन 2405 4737
राजगढ़ जीरापुर पीला 4300 4725
झाबुआ झाबुआ पीला 4400 4500
झाबुआ झाबुआ सोयाबीन 4000 4752
आलीराजपुर जोबट अन्य 4500 4500
शाजापुर कालापीपल पीला 4125 4760
नरसिंहपुर करेली पीला 3800 4650

स्रोत: एगमार्कनेट

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आलू के रोपण की तीन प्रमुख विधियों की जानकारी

Information about three main methods of planting potatoes

भारत में आम तौर पर किसान आलू की रोपाई तीन तरीके से करते हैं। आज के इस लेख में आइये जानतें हैं इन्हीं तीन तरीकों की जानकारी।

  • मेड़ों पर आलू की रोपाई: इस विधि में खेत की तैयारी के बाद थोड़ी-थोड़ी दूरी पर मेढ़े बनाई जाती हैं। कुदाल की सहायता से 45-60 सेमी आलू की रोपाई मेढ़ों पर खुरपी की सहायता से की जाती है।

  • समतल विधि: इस विधि में आलू की रोपाई समतल सतह पर उथली खाँचों में की जाती है। अंकुरण के बाद जब पौधे 10-12 सेमी ऊंचाई के हो जाते हैं तो मेड़ें बनाई जाती हैं। यह विधि हल्की मिट्टी के लिए उपयुक्त मानी जाती है। बाद में, मेड़ों को मोटा करने के लिए दो से तीन अर्थिंग यानी मिट्टी चढाने की प्रक्रिया की जाती है।

  • मेड़ों के बाद समतल सतह पर आलू बोना: इस विधि में खेत तैयार किया जाता है और फिर समतल सतह पर उथले खांचे खोले जाते हैं। इसमें आलू कूड़ों में बोये जाते हैं तथा कंद लगाने के तुरंत बाद छोटी-छोटी मेढ़े बना देते हैं। बाद में इन मेढ़ों को किनारे की मिट्टी पर और मिट्टी डालकर मोटा बना दिया जाता है।

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