कई राज्यों में होगी मूसलाधार बारिश, पहाड़ों पर आएगा नया वेस्टर्न डिस्टरबेंस

know the weather forecast,

बंगाल की खाड़ी में जल्द ही डिप्रेशन बनने वाला है जो उत्तर पश्चिम दिशा में आगे बढ़कर तूफान का रूप ले सकता है। दक्षिणी गुजरात, दक्षिणी मध्य प्रदेश सहित दक्षिणी छत्तीसगढ़ और दक्षिणी उड़ीसा में बारिश जारी रहेगी। महाराष्ट्र, तेलंगना, कर्नाटक, तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश के कई जिलों में तेज बारिश के आसार हैं। अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में भारी से अति भारी बारिश हो सकती है। 25 अक्टूबर के आसपास पहाड़ों पर एक नया वेस्टर्न डिस्टरबेंस आएगा जो ऊंचे पहाड़ों पर बारिश और बर्फबारी दे सकता है। दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश के अधिकांश जिलों सहित उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल का मौसम शुष्क बना रहेगा।

स्रोत: स्काइमेट वेदर

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कृषि मशीनरी की खरीद पर इस राज्य के किसानों को मिलेगी 80% तक की सब्सिडी

Agricultural Mechanization Scheme

केंद्र एवं अलग अलग राज्य किसानों को सशक्त बनाने के उद्देश्य से कई प्रकार की सरकारी योजनाएं चलाते हैं। इसी कड़ी में उत्तर प्रदेश सरकार ने किसानों के लिए एक बेहतरीन योजना शुरू की है। इसके तहत एग्रीकल्चर मशीनरी की खरीद पर सब्सिडी उपलब्ध कराई जा रही है। किसान इसका लाभ कृषि यंत्रीकरण योजना के तहत उठा सकते हैं, जिसमें कृषि रक्षा उपकरण, कस्टम हायरिंग सेंटर, हाईटेक हब, थ्रेशिंग फ्लोर, छोटे गोदाम और अन्य कृषि यंत्रों पर सब्सिडी उपलब्ध करवाई जायेगी।

इस योजना का लाभ उन किसानों को मिलेगा जिनकी आर्थिक स्थिति कमजोर हो और जिनके पास पहले से कोई कृषि उपकरण न हो। योजना के तहत किसान अधिकतम 2 कृषि यंत्रों के लिए सब्सिडी प्राप्त कर सकते हैं। हालांकि, ट्रैक्टर माउंटेड स्पेयर के अलावा किसी अन्य यंत्र पर सब्सिडी नहीं दी जाएगी। किसान 23 अक्टूबर, 2024 से पहले इस योजना का लाभ ले सकते हैं।

सभी कृषि यंत्रों पर अधिकतम 50% तक की सब्सिडी मिलेगी। कस्टम हायरिंग सेंटर और हाईटेक हब के लिए 40% और फार्म मशीनरी बैंक के लिए अधिकतम 80% तक की सब्सिडी दी जाएगी। किसानों को कृषि यंत्रों का लाभ ई-लॉटरी के माध्यम से मिलेगा। ई-लॉटरी की जानकारी जैसे समय, तारीख और स्थान की सूचना जनपदीय उप कृषि निदेशक द्वारा दी जाएगी।

अगर आप भी इस योजना का लाभ उठाना चाहते हैं, तो आपको उत्तर प्रदेश कृषि विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन आवेदन करना होगा।

स्रोत: कृषि जागरण

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क्या चल रहे हैं सोयाबीन के भाव, देखें मध्य प्रदेश के मंडियों का हाल

soybean mandi Bhaw,

मध्य प्रदेश के अलग अलग मंडियों में क्या चल रहे हैं सोयाबीन के भाव? आइये देखते हैं पूरी सूची।

मध्य प्रदेश की मंडियों में सोयाबीन के ताजा मंडी भाव
जिला कृषि उपज मंडी किस्म न्यूनतम मूल्य (प्रति क्विंटल) अधिकतम मूल्य (प्रति क्विंटल)
शाजापुर आगर सोयाबीन 3800 3900
छतरपुर बड़ामलहेड़ा सोयाबीन 3900 4000
शिवपुरी बदरवास सोयाबीन 4240 4240
धार बदनावर सोयाबीन 4024 4549
धार बदनावर पीला 4100 4100
शाजापुर बड़ोद सोयाबीन 3800 4000
खरगोन बड़वाह सोयाबीन 2300 4411
सागर बाँदा सोयाबीन 3850 3850
शाजापुर बेरछा सोयाबीन 3700 4300
खरगोन भीकनगांव पीला 3900 3975
राजगढ़ ब्यावरा सोयाबीन 2300 4550
छतरपुर बिजावर पीला 4900 4910
दमोह दमोह सोयाबीन 7500 7500
दमोह दमोह पीला 3870 3950
देवास देवास सोयाबीन 3200 4300
धार धामनोद सोयाबीन 2505 4265
धार धामनोद पीला 3195 4280
धार धार सोयाबीन 3950 4400
इंदौर गौतमपुरा सोयाबीन 4100 4750
इंदौर गौतमपुरा पीला 4100 4100
हरदा हरदा सोयाबीन 3950 4275
आलीराजपुर जोबट सोयाबीन 4000 4501
देवास कन्नोड सोयाबीन 3950 4000
खंडवा खंडवा सोयाबीन 3650 3750
खरगोन खरगोन सोयाबीन 2600 4318
देवास खातेगांव सोयाबीन 3250 3350
हरदा खिरकिया पीला 4400 4400
धार कुक्षी सोयाबीन 3750 4100
उज्जैन महिदपुर सोयाबीन 4000 4300
खंडवा मुंडी सोयाबीन 3820 4195
शाजापुर नलकेहड़ा सोयाबीन 3450 4550
शाजापुर नलकेहड़ा पीला 700 4541
राजगढ़ नरसिंहगढ़ सोयाबीन 4125 4250
नरसिंहपुर नरसिंहपुर पीला 4200 4200
टीकमगढ़ निवाड़ी सोयाबीन 3945 3945
राजगढ़ पचौर सोयाबीन 4250 4250
झाबुआ पेटलावद सोयाबीन 3900 4040
सागर राहतगढ़ सोयाबीन 4000 4150
धार राजगढ़ पीला 3850 4000
सागर सागर सोयाबीन 4000 4100
रतलाम सैलाना सोयाबीन 4180 4180
राजगढ़ सारंगपुर पीला 3990 4005
सीहोर सीहोर पीला 3302 4352
बड़वानी सेंधवा सोयाबीन 3600 3610
सागर शाहगढ़ सोयाबीन 4000 4260
शाहडोल शाहडोल सोयाबीन 4000 4000
शाजापुर शाजापुर सोयाबीन 4050 4100
शिवपुरी शिवपुरी सोयाबीन 4180 4290
उज्जैन तराना पीला 4200 4310
नरसिंहपुर तेंदूखेड़ा सोयाबीन 3600 4000
टीकमगढ़ टीकमगढ़ पीला 4400 4400
उज्जैन उज्जैन सोयाबीन 3000 3800
उज्जैन उज्जैन पीला 2500 4151

स्रोत: एगमार्कनेट

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सरसों के किसान ऐसे करें खेत की तैयारी, इन बातों का रखें ध्यान

How to prepare the field for soybean sowing
  • सरसों की खेती दोमट या बलुई मिट्टी वाली भूमि जिसमें जल निकास की व्यवस्था अच्छी सबसे बेहतर मानी जाती है। अगर पानी के निकास का उचित व्यवस्था न हो तो प्रत्येक वर्ष फसल लेने से पहले ढेचा को हरी खाद के रूप में उगाना चाहिए।

  • अच्छी पैदावार के लिए जमीन का पी.एच.मान 7.0 होना चाहिए। ज्यादा अम्लीय एवं क्षारीय मिट्टी इसकी खेती के लिए उपयुक्त नहीं होती है।

  • बारानी क्षेत्र सरसों के बीजों की दर 5-6 कि.ग्रा/हैक्टेयर और सिंचित क्षेत्र में 4.5-5 कि.ग्रा/हैक्टेयर तक रखनी चाहिए।

  • सिंचित क्षेत्रों में खरीफ फसल की कटाई के बाद पहली जुताई मिट्टी पलटने वाले हल से और उसके बाद तीन-चार जुताईयाँ तवेदार हल से करनी चाहिए।

  • सिंचित क्षेत्र में जुताई करने के बाद खेत में पाटा लगाना चाहिए जिससे खेत में ढेले न बनें। गर्मी में गहरी जुताई करने से कीड़े मकौड़े व खरपतवार नष्ट हो जाते हैं।

  • अगर बोनी से पहले भूमि में नमी की कमी है तो खेत में पलेवा करना चाहिए। बोने से पूर्व खेत खरपतवार रहित कर लेना चाहिए।

  • बारानी क्षेत्रों में प्रत्येक बरसात के बाद तवेदार हल से जुताई कर नमी को संरक्षित करने के लिए पाटा लगाना चाहिए जिससे कि भूमि में नमी बनी रहे।

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आने वाले 10 दिन कैसा रहेगा मौसम, कहां होगी बारिश और कहाँ बढ़ेगी सर्दी?

know the weather forecast

आने वाले 10 दिनों में मौसम में कई बदलाव देखने को मिल सकते हैं। उत्तर भारत में सर्दी धीरे-धीरे बढ़ेगी, खासकर 24 और 25 अक्टूबर को पहाड़ी क्षेत्रों में बर्फबारी की संभावना है, जिससे ठंड बढ़ेगी। दक्षिण गुजरात, महाराष्ट्र और दक्षिणी प्रायद्वीप में बारिश जारी रहेगी। वहीं, एक निम्न दबाव का क्षेत्र अरब सागर में बनने की संभावना है, जो ओमान और यमन की ओर बढ़ सकता है। इसके साथ ही ओडिशा तट की ओर बढ़ने वाले चक्रवातीय हवाओं से भी कुछ इलाकों में बारिश हो सकती है।

स्रोत: किसान तक

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आलू के रोपण की तीन प्रमुख विधियों की जानकारी

Information about three main methods of planting potatoes

भारत में आम तौर पर किसान आलू की रोपाई तीन तरीके से करते हैं। आज के इस लेख में आइये जानतें हैं इन्हीं तीन तरीकों की जानकारी।

  • मेड़ों पर आलू की रोपाई: इस विधि में खेत की तैयारी के बाद थोड़ी-थोड़ी दूरी पर मेढ़े बनाई जाती हैं। कुदाल की सहायता से 45-60 सेमी आलू की रोपाई मेढ़ों पर खुरपी की सहायता से की जाती है।

  • समतल विधि: इस विधि में आलू की रोपाई समतल सतह पर उथली खाँचों में की जाती है। अंकुरण के बाद जब पौधे 10-12 सेमी ऊंचाई के हो जाते हैं तो मेड़ें बनाई जाती हैं। यह विधि हल्की मिट्टी के लिए उपयुक्त मानी जाती है। बाद में, मेड़ों को मोटा करने के लिए दो से तीन अर्थिंग यानी मिट्टी चढाने की प्रक्रिया की जाती है।

  • मेड़ों के बाद समतल सतह पर आलू बोना: इस विधि में खेत तैयार किया जाता है और फिर समतल सतह पर उथले खांचे खोले जाते हैं। इसमें आलू कूड़ों में बोये जाते हैं तथा कंद लगाने के तुरंत बाद छोटी-छोटी मेढ़े बना देते हैं। बाद में इन मेढ़ों को किनारे की मिट्टी पर और मिट्टी डालकर मोटा बना दिया जाता है।

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आलू के किसान बीज चयन करते समय जरूर रखें इन बातों का ध्यान

Potato farmers must keep these things in mind while selecting seeds
  • आलू की खेती के लिए किसान अधिक उपज देने वाली, कीटों से मुक्त, स्वस्थ एवं शुद्ध बीजों का हीं चयन करें। अच्छी पैदावार के लिए प्रमाणित बीज का उपयोग बेहद जरूरी है।

  • हर 3-4 साल में बीज भंडार को बदलने की भी सलाह दी जाती है क्योंकि ऐसा ना करने से किस्में ख़राब हो जाती हैं और परिणाम स्वरूप पैदावार कम मिलती है।

  • रोपण के लिए स्वस्थ, मध्यम या छोटे आकार के अंकुरित कंदों का चयन करना चाहिए।

  • आदर्श रोपण के लिए कंद का आकार लगभग 2.5 सेमी व्यास और 25-40 ग्राम वज़न होना चीहिए।

  • बड़े आकार के कंदों को काटा जा सकता है। प्रत्येक टुकड़े में 2-3 आँखों के आकार के लंबे टुकड़े होने चाहिए।

  • पिछले वर्ष की फसल का बीज होना चाहिए, बीज दर लगभग 1.5 से 2.5 टन प्रति हेक्टेयर।

  • मुख्य फसल के लिए कटे हुए कंद लगाए जा सकते हैं। कंदों को काटते समय सावधानी बरतनी चाहिए।

  • प्रत्येक टुकड़े में दो से तीन आंखें और वजन कम से कम 25 ग्राम होनी चाहिए। यदि कोई रोगग्रस्त कंद दिखाई दे, तो उससे हटा देना चाहिए।

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उत्तर भारत में सर्दी बढ़ने की उम्मीद है, 24 और 25 अक्टूबर को बर्फबारी का पूर्वानुमान है

know the weather forecast,

अरब सागर में एक निम्न दबाव का क्षेत्र बनेगा जो डिप्रेशन बनाकर भारत के तट से दूर होता जाएगा। यह ओमान और यमन की तरफ बढ़ सकता है। अंडमान सागर में एक चक्रवाती हवा का क्षेत्र बना हुआ है, यह सशक्त होकर निम्न दबाव बनाएगा। निम्न दबाव उत्तर पश्चिम दिशा में आगे बढ़ते हुए डिप्रेशन बन सकता है। इसके तूफान बनने की संभावना भी नजर आ रही है। यह उड़ीसा के तट की तरफ बढ़ेगा। दक्षिणी गुजरात, महाराष्ट्र तथा दक्षिणी प्रायद्वीप में बारिश की गतिविधियां जारी रहेगी। पहाड़ों पर 24 और 25 अक्टूबर को बर्फबारी होने की संभावना है। स्नोफॉल होने के बाद उत्तर भारत में सर्दी बढ़ जाएगी।

स्रोत: स्काइमेट वेदर

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मध्य प्रदेश की प्रमुख मंडियों में गेहूँ भाव में दिखी कितनी तेजी

wheat mandi bhaw

मध्य प्रदेश के अलग अलग मंडियों में क्या चल रहे हैं गेहूँ के भाव? आइये देखते हैं पूरी सूची।

मध्य प्रदेश की मंडियों में गेहूँ के ताजा मंडी भाव
जिला कृषि उपज मंडी किस्म न्यूनतम मूल्य (प्रति क्विंटल) अधिकतम मूल्य (प्रति क्विंटल)
शाजापुर आगर गेहूँ 1996 2400
आलीराजपुर आलीराजपुर स्थानीय 2500 2500
आलीराजपुर आलीराजपुर गेहूँ 2720 2740
बड़वानी अंजड़ गेहूँ 2510 2610
अनुपुर अनुपपुर गेहूँ 2100 2100
अनुपुर अनुपपुर गेहूं का मिश्रण 2650 2650
छतरपुर बड़ामलहेड़ा मिल गुणवत्ता 2700 2750
शिवपुरी बदरवास गेहूँ 2690 2725
रीवा बैकुंठपुर मिल गुणवत्ता 2650 2700
होशंगाबाद बानापुरा गेहूँ 3400 3400
मुरैना बनमोरकलां गेहूँ 2650 2650
रायसेन बेगमगंज गेहूँ 2600 2705
शाहडोल ब्यौहारी गेहूँ 2600 2600
बेतुल बेतुल मिल गुणवत्ता 2365 2436
भिंड भिंड मिल गुणवत्ता 2715 2750
भिंड भिंड गेहूँ 2762 2762
भोपाल भोपाल गेहूँ 2700 3040
राजगढ़ ब्यावरा गेहूँ 2750 2875
मंडला बिछिया मिल गुणवत्ता 2500 2500
मंडला बिछिया गेहूँ 2600 2600
छतरपुर बिजावर मिल गुणवत्ता 2490 2675
गुना बीनागंज गेहूँ 2660 2770
बुरहानपुर बुरहानपुर गेहूँ 2400 2400
रीवा चाकघाट मिल गुणवत्ता 2300 2700
रीवा चाकघाट गेहूँ 2600 2640
राजगढ़ छापीहेड़ा गेहूँ 2375 2490
ग्वालियर डाबरा गेहूँ 2600 2841
दमोह दमोह मिल गुणवत्ता 2630 2640
दतिया दतिया मिल गुणवत्ता 2705 2754
दतिया दतिया अन्य 2741 2761
देवास देवास गेहूँ 2402 2498
धार धार लोकवन 2600 2650
धार धार मिल गुणवत्ता 2120 2125
डिंडोरी डिंडोरी स्थानीय 2600 2625
नरसिंहपुर गाडरवाड़ा गेहूँ 2800 2800
मन्दसौर गरोठ गेहूँ 2700 2700
इंदौर गौतमपुरा गेहूँ 2379 2781
भिंड गोहाद मिल गुणवत्ता 2745 2900
डिंडोरी गोरखपुर मिल गुणवत्ता 2500 2500
देवास हाटपिपलिया गेहूँ 2200 2300
छतरपुर हरपालपुर गेहूँ 2705 2730
सीहोर इछावर (F&V) लोकवन 2803 3100
सीहोर इछावर (F&V) मिल गुणवत्ता 2771 2790
सीहोर इछावर (F&V) अन्य 2700 2766
सीहोर इछावर (F&V) शरबती 3300 3300
इंदौर इंदौर मिल गुणवत्ता 1637 3301
इंदौर इंदौर गेहूँ 2500 3037
जबलपुर जबलपुर मिल गुणवत्ता 2705 2887
जबलपुर जबलपुर गेहूँ 2400 2902
रतलाम जावरा गेहूँ 2550 3381
दमोह जवेरा मिल गुणवत्ता 2700 2700
राजगढ़ जीरापुर मिल गुणवत्ता 2770 2780
राजगढ़ जीरापुर गेहूँ 2665 2800
आलीराजपुर जोबट मिल गुणवत्ता 2575 2600
आलीराजपुर जोबट गेहूँ 2600 2750
मुरैना कैलारस गेहूँ 2737 2770
शिवपुरी करेरा मिल गुणवत्ता 2450 2511
कटनी कटनी मिल गुणवत्ता 2155 2835
कटनी कटनी गेहूँ 2650 2874
खंडवा खंडवा मिल गुणवत्ता 2751 3149
खंडवा खंडवा गेहूँ 2750 2775
टीकमगढ़ खरगापुर मिल गुणवत्ता 2635 2660
खरगोन खरगोन गेहूँ 2600 2950
देवास खातेगांव गेहूँ 2722 2847
हरदा खिरकिया मिल गुणवत्ता 2810 2810
शिवपुरी कोलारस गेहूँ 2620 2620
धार कुक्षी गेहूँ 2500 2700
गुना कुंभराज मिल गुणवत्ता 2550 2550
भिंड लहार मिल गुणवत्ता 2745 2745
भिंड लहार गेहूं का मिश्रण 2744 2744
ग्वालियर लश्कर गेहूँ 2760 2780
देवास लोहारदा गेहूँ 2492 2505
राजगढ़ माचलपुर गेहूँ 2620 2620
गुना मकसूदनगढ़ गेहूँ 2722 2733
मंडला मंडला स्थानीय 2510 2705
मन्दसौर मन्दसौर गेहूँ 2101 2101
सतना मेहर स्थानीय 2501 2750
सतना मेहर गेहूँ 2500 2540
भिंड मेहगांव मिल गुणवत्ता 2700 2705
इंदौर महू गेहूँ 1340 2841
बालाघाट मोहगांव स्थानीय 2305 2305
बालाघाट मोहगांव गेहूँ 2275 2275
मुरैना मुरैना गेहूँ 2760 2760
भिंड मऊ मिल गुणवत्ता 2670 2680
शाजापुर नलकेहड़ा मिल गुणवत्ता 2590 2620
नरसिंहपुर नरसिंहपुर मिल गुणवत्ता 2701 2750
सीहोर नसरुल्लागंज गेहूँ 2810 2900
छतरपुर नौगांव गेहूँ 2650 2680
नीमच नीमच स्थानीय 2650 2650
टीकमगढ़ निवाड़ी मिल गुणवत्ता 2751 2807
जबलपुर पाटन मिल गुणवत्ता 2285 2950
राजगढ़ पचौर गेहूँ 2760 2790
पन्ना पन्ना मिल गुणवत्ता 2550 2600
दमोह पथरिया गेहूँ 2650 2680
झाबुआ पेटलावद गेहूँ 2550 2600
झाबुआ पेटलावद गेहूं का मिश्रण 2350 2350
शिवपुरी पिछौर गेहूँ 2678 2710
टीकमगढ़ पृथ्वीपुर मिल गुणवत्ता 2706 2706
छतरपुर राजनगर गेहूं का मिश्रण 2500 2600
रीवा रीवा मिल गुणवत्ता 2660 2660
मुरैना सबलगढ़ मिल गुणवत्ता 2680 2745
सागर सागर गेहूँ 2510 2510
खरगोन सनावद गेहूँ 2740 2835
इंदौर सांवेर मालवा शक्ति 2800 2800
सतना सतना लोकवन 2512 2512
सतना सतना मिल गुणवत्ता 2720 2720
सतना सतना गेहूँ 2000 2710
जबलपुर सीहोरा मिल गुणवत्ता 2730 2920
सिवनी सिवनी स्थानीय 2201 2406
दतिया सेवड़ा मिल गुणवत्ता 2789 2809
सागर शाहगढ़ गेहूँ 2600 2600
शाहडोल शाहडोल मिल गुणवत्ता 2500 2500
जबलपुर शाहपुरा(जबलपुर) गेहूँ 2550 2550
मन्दसौर शामगढ़ गेहूँ 2600 2600
श्योपुर श्योपुरबडोद गेहूँ 2650 2731
सीधी सीधी मिल गुणवत्ता 2380 2410
रायसेन सिलवानी मिल गुणवत्ता 2715 2750
पन्ना सिमरिया गेहूँ 2480 2505
टीकमगढ़ टीकमगढ़ मिल गुणवत्ता 2715 2724
टीकमगढ़ टीकमगढ़ गेहूँ 2650 2871
टीकमगढ़ टीकमगढ़ गेहूं का मिश्रण 2752 2752
टीकमगढ़ टीकमगढ़ (F&V) 147 औसत 2650 2871
उमरिया उमरिया स्थानीय 2720 2720
उमरिया उमरिया मिल गुणवत्ता 2500 2600
उमरिया उमरिया गेहूँ 2425 2750
उमरिया उमरिया गेहूँ-जैविक 2600 2600

स्रोत: एगमार्कनेट

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स्वयं बनाएं जीरो एनर्जी कूल चैम्बर, जानें इसकी निर्माण विधि

Construction Method of Zero Energy Cool Chamber
  • शून्य ऊर्जा शीत गृह के निर्माण के लिए हवादार और छायादार जगह का चुनाव करना चाहिए। 

  • ईंटों को जमा कर एक आयताकार करीब 165 X 115 सेमी के चबूतरे का निर्माण किया जाता है। इस चबूतरे पर गारे की सहायता से ईंटों की दोहरी दीवार का निर्माण किया जाता है। ईंटों की दोहरी दीवार के मध्य 7-8 सेमी तक स्थान खाली रखा जाता है। दोहरी दीवार की ऊंचाई 60-65 सेमी. तक रखी जाती है। 

  • इसके पश्चात छनी हुई बजरी को जल में भिगोकर दोहरी दीवार के मध्य बने खाली स्थान में भरा जाता है। बांस, टाट या बोरी के टुकड़ों से ढक्कन का निर्माण किया जाता है। इस ढक्कन की लंबाई व चौड़ाई पूरे शीत गृह के समकक्ष रखी जाती है। 

  • पानी की टंकी को 4 से 5 फीट की ऊंचाई पर रख देते हैं जिसमें 1 पाईप को लगा दिया जाता है। पाईप को ईंटों की दोहरी दीवारों के मध्य चारो तरफ घुमाया जाता है साथ ही पाइप में 15-15 सेमी. की दूरी पर छेद कर दिए जाते हैं जिससे जल का बून्द बून्द कर के रिसाव होता है और यह पानी रेत व ईंटों को गीला रखता है।

  • फलों और सब्जियों को प्लास्टिक की टोकरी में रखकर उन्हें इस शीत गृह में रख दिया जाता है और ऊपर से ढक्कन लगा दिया जाता है।  

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