मटर की उन्नत खेती के लिए बुआई से पहले करें बीज़ उपचार

peas seed treatment
  • जिस प्रकार बुआई के पूर्व मिट्टी उपचार आवश्यक होता है ठीक उसी प्रकार बुआई के पूर्व बीज उपचार भी बहुत आवश्यक होता है।
  • बीज उपचार करने से बीज जनित रोगों का नियंत्रण होता है साथ ही बीजों का अंकुरण भी अच्छा होता है
  • बीज उपचार हम रासायनिक एवं जैविक दो विधियो से कर सकते हैं।
  • रासायनिक उपचार: बुआई से पहले मटर के बीजो को कार्बेन्डाजिम 12% + मैनकोज़ेब 63% @ 2.5 ग्राम/किलो बीज या कार्बोक्सिन 17.5% + थायरम 17.5% @ 2.5 ग्राम/किलो बीज से उपचारित करें।
  • जैविक उपचार: ट्रायकोडर्मा विरिडी @ 5 ग्राम/किलो + PSB @ 2 ग्राम/किलो बीज़ या स्यूडोमोनास फ्लोरोसेंस @ 5 ग्राम/किलो बीज की दर बीज उपचार करें।
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देश के कई हिस्से में हो सकती है बारिश, जानें अपने राज्य का मौसम पूर्वानुमान

weather forecast

देश के कई हिस्से में अभी भी मानसून सक्रिय जिसकी वजह से कई राज्यों में बारिश के आसार बने हुए हैं। कई राज्यों में भारी बारिश के कारण बाढ़ की स्थिति पैदा हो गई है। मौसम विभाग के मुताबिक आने वाले कुछ घंटों में देश के कई राज्यों में भारी बारिश की संभावना है।

मौसम विभाग के अनुसार पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश, विदर्भ, ओडिशा, झारखंड, छत्तीसगढ़, गुजरात, रायलसीमा, तमिलनाडु समेत कई राज्यों में गरज के साथ हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है। इसके अलावा पूर्वी मध्य अरब सागर के ऊपर बने चक्रवात के कारण पूर्वोत्तर और प्रायद्वीपीय भारत में अगले 4 से 5 दिनों में भारी बारिश की संभावना है। 

स्रोत: कृषि जागरण

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जल्दी पकने वाली मटर की किस्में

मास्टर हरिचंद्र PSM-3 एवं सीडएक्स PSM-3

यह मटर की दो मुख्य किस्में हैं जिनको PSM-3 किस्म के नाम से भी जाना जाता है। इनकी फसल अवधि 60 दिनों की होती है और तुड़ाई 1 बार होती है। PSM-3 एक जल्दी पकने वाली किस्म है जिसे आर्केल एंड जीसी 141 के क्रॉस से विकसित किया गया है। इस किस्म के पौधे बौने होते हैं तथा पत्ते गहरे हरे होते हैं। इस किस्म की फली 6-8 बीजों से भरी होती है। इसकी पैदावार 3 टन/एकड़ तक होती है।

मास्टर हरिचंद्र AP3

इस किस्म की फसल अवधि 60-70 दिनों की होती है तुड़ाई 1 बार होती है। इसकी फली 6-8 बीजों से भरी होती है। यह एक जल्दी पकने वाली किस्म है और बुआई के 70 दिनों के बाद पहली तुड़ाई के लिए तैयार हो जाती है। अगर यह अक्टूबर के दूसरे सप्ताह में बोई जाए तो यह औसतन 2 टन/एकड़ की पैदावार देगी।

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मटर की इन दो अर्केल किस्मों का करें चुनाव और पाएं उच्च उत्पादन

  • मालव सुपर अर्केल
  • मालव अर्केल
  • यह मटर की दो मुख्य किस्मे है जिनको अर्केल किस्म के नाम से भी जाना जाता है। 
  • इनकी फसल अवधि 60-70 दिनों की होती है।
  • इनकी तुड़ाई 2-3 बार की जा सकती है।
  • इनके बीजों की संख्या (फली में) 6-8 रहती है। 
  • इस किस्म के पौधे बौने होते हैं एवं उच्च उत्पादन देते हैं। इनकी फलियां गहरे हरे रंग की होती है।
  • यह किस्में पाउडरी मिल्डयू के लिए प्रतिरोधी होती है।
  • इस किस्म की पहली तुड़ाई 55-60 दिनों में की जा सकती है एवं इसकी उपज 2 टन/एकड़ तक रहती है।
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मध्यप्रदेश के 20 लाख किसानों के खातों में फसल बीमा के 4688 करोड़ रुपये भेजे जायेंगे

4688 crores of crop insurance will be sent to the accounts of 20 lakh farmers of MP

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत 16 सितंबर को राज्य के करीब 20 लाख किसानों के खाते में करीब 4688 करोड़ रुपये डाले जाएंगे। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान 16 सितंबर को एक बटन दबाकर यह राशि किसानों के खातों में भेजेंगे। यह साल 2019 के फसल बीमा की बकाया राशि है।

ख़बरों के अनुसार साल 2019 के फसल बीमा की बकाया ये पूरी राशि 16 से 18 सितंबर तक सभी 20 लाख किसानों तक पहुँच जाएगी। ग़ौरतलब है की खराब मौसम की वजह से फ़सलों के बर्बाद होने पर किसानों को किसी तरह का नुकसान ना हो, इसीलिए इस योजना के तहत किसानों के फ़सलों का बीमा कराया जाता है।

स्रोत: कृषि जागरण

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बेहतर उपज के लिए उपयोगी मटर की तीन पेंसिल किस्में

  • मालव वेनेज़िया
  • यूपीएल / एडवांता / गोल्डन जीएस – 10
  • मालव MS10
  • यह मटर की तीन मुख्य किस्में है जिनको पेंसिल किस्म के नाम से भी जाना जाता है। 
  • यह खाने में मीठी होती हैं।  
  • इनकी फसल अवधि 75-80 दिनों की होती है।
  • इनकी तुड़ाई 2-3 बार की जा सकती है।
  • इसके बीजों की संख्या (फली में) 8-10 रहती है। 
  • इस किस्म का पौधा मध्यम आकार का होता है एवं शाखाएँ फैली हुई होती हैं।  
  • यह 4 टन प्रति एकड़ उपज देती है एवं पाउडरी मिल्डयू के लिए प्रतिरोधी होती है।
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रबी की इन तीन प्याज किस्मों की बुआई कर बेहतर उपज की तरफ कदम बढ़ाएं

These three advanced onion varieties of Rabi
  • यह प्याज़ की मुख्य तीन किस्में हैं जो रबी सीजन की किस्म के नाम से जानी जाती हैं। 
  • ओनियन | इल्लोरा | गुलाब :- इस किस्म का आकार अंडाकार गोल तथा रंग आकर्षक गुलाबी होता है। इसकी परिपक्वन अवस्था 120-130 दिनों की होती है और बीज़ दर 2-3 किलो/एकड़ होती है। इस किस्म के प्याज की भंडारण क्षमता 7 माह तक की होती है।
  • ओनियन | मालव | रुद्राक्ष :-  इस किस्म का आकार गोल तथा रंग हल्का लाल होता है। इसकी परिपक्वन अवस्था 100-110 दिनों की होती है तथा बीज़ दर 2.5-3  किलो/एकड़ है। इस किस्म के प्याज की भंडारण क्षमता 6-8 माह की होती है।
  • ओनियन | मालव | रुद्राक्ष | प्लस :-  इस किस्म का आकार गोल तथा रंग हल्का लाल होता है। इसकी परिपक्वन अवस्था 90-100 दिनों की होती है तथा बीज़ दर 2.5-3 किलो/एकड़ है। इस किस्म के प्याज की भंडारण क्षमता 6-8 माह की होती है।

 

 

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मंडी भाव: मध्य प्रदेश के मंडियों में क्या है प्याज, गेहूं, चना, सोयाबीन का भाव

इंदौर के गौतमपुरा मंडी में प्याज़ का भाव 450 रूपये प्रति क्विंटल चल रहा है और बड़वानी जिले के सेंधवा मंडी में टमाटर का भाव 900 रूपये प्रति क्विंटल है। सेंधवा मंडी में ही पत्ता गोभी, फूलगोभी, बैंगन, भिण्डी और लौकी का भाव क्रमशः 900, 950, 900, 900, 750 रूपये प्रति क्विंटल चल रहा है।

उज्जैन जिले के खाचरौद मंडी की बात करें तो यहाँ गेहूं, चना और सोयाबीन का भाव क्रमशः 1550, 5151, 3550 रूपये प्रति क्विंटल चल रहा है। इसके अलावा उज्जैन के ही बडनगर मंडी में गेहूं का मॉडल रेट 1880 रूपये प्रति क्विंटल, चना 4301 रूपये प्रति क्विंटल, डॉलर चना 6212 रूपये प्रति क्विंटल, मटर 6180 रूपये प्रति क्विंटल, मेथीदाना 5599 रूपये प्रति क्विंटल, लहसुन 7085 रूपये प्रति क्विंटल और सोयाबीन का भाव 3680 रूपये प्रति क्विंटल चल रहा है।

स्रोत: किसान समाधान

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नर्सरी में बुआई के लिए उपयुक्त है रबी सीजन की ये तीन उन्नत प्याज की किस्में

These three advanced onion varieties of Rabi
  • यह प्याज़ की मुख्य तीन किस्में हैं जो रबी सीजन की किस्म के नाम से जानी जाती हैं।   
  • ओनियन | जिंदल | पुना फुरसुंगी | अग्रिम :- यह किस्म गोल आकार की होती है और इसकी सतह पर मामूली लालिमा होती है। इसका रंग हल्का लाल होता है तथा इनकी परिपक्वन अवस्था 110-120 दिनों की होती है। इस किस्म की बीज़ दर  3 किलो/एकड़ होती है और भंडारण क्षमता 8-9 माह की होती है। 
  • ओनियन | पंच गंगा| पूना फुरसुंगी :-यह किस्म गोल आकार की होती है और इसकी सतह पर मामूली लालिमा होती है। इसका रंग हल्का लाल होता है तथा इनकी परिपक्वन अवस्था 80-90 दिनों की होती है। इस किस्म की बीज़ दर 2.5-3 किलो/एकड़ होती है तथा भंडारण क्षमता 4 माह की होती है।
  • ओनियन | प्रशांत | फुरसुंगी :- यह किस्म गोल आकार की होती है और इसकी सतह पर मामूली लालिमा होती है। इसका रंग हल्का लाल होता है तथा इनकी परिपक्वन अवस्था 110-120 दिनों की होती है। इस किस्म की बीज़ दर  3 किलो/एकड़ होती है और भंडारण क्षमता 5-6 माह की होती है।
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कई लाभकारी खूबियों वाली इन तीन प्याज की किस्मों का करें चयन

These three onion varieties of late kharif are suitable for sowing in nursery
  • यह प्याज़ की मुख्य तीन किस्में हैं जो सितम्बर माह में नर्सरी की तैयारी करने के लिए उपयुक्त हैं। ये तीनों हीं पछेती खरीफ की किस्म के नाम से भी जानी जाती हैं।   
  • ओनियन |  पंच गंगा | सरदार :- इस किस्म के फल का आकार ग्लोब की तरह होता है एवं रंग लाल होता है। इनकी परिपक्वन अवस्था 80 से 90 दिनों की होती है और बीज़ दर 2.5-3 किलो/एकड़ होती है। इस किस्म के प्याज की भंडारण क्षमता  5-6 माह की होती है एवं यह एक उच्च उत्पादन क्षमता वाली किस्म है। 
  • ओनियन |  पंच गंगा| सुपर :- इस किस्म के फल का आकार ग्लोब की तरह होता है एवं रंग लाल होता है। इनकी परिपक्वन अवस्था 100-110 दिनों की होती है तथा भंडारण क्षमता 2-3 माह की होती है।
  • ओनियन | प्राची |सुपर:- इस किस्म के फल का आकार अंडाकार गोल तथा रंग आकर्षक काला लाल होता है। इनकी परिपक्वन अवस्था 95-100 दिनों की होती है और बीज़ दर 2.5-3 किलो/एकड़ होती है। इस किस्म के प्याज की भंडारण क्षमता  2 माह की होती है।
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