- चने का पौधा एवं उसमें लगने वाले फल दोनों का ही सब्ज़ी के रूप में उपयोग किया जाता है।
- इसी कारण से चने की फसल में फूल अवस्था में पोषण प्रबंधन करना बहुत आवश्यक होता है।
- बदलते मौसम के कारण कई बार फसल में पोषक तत्वों की कमी हो जाती है और चने की फसल में फूल गिरने की समस्या शुरू हो जाती है।
- अधिक मात्रा में फूल गिरने के कारण चने की फसल में फल उत्पादन बहुत प्रभावित होता है।
- इस समस्या के निवारण के लिए सूक्ष्म पोषक तत्वों@ 250 ग्राम/एकड़ की दर से उपयोग करें।
- फूल गिरने से रोकने के लिए होमब्रेसिनोलाइड @ 100 मिली/एकड़ या पिक्लोबूट्राज़ोल 40% SC @ 30 मिली/एकड़ की दर से उपयोग करें।
कृषि कार्यों में मशीनों के उपयोग को दोगुना करने की तैयारी में सरकार
भारतीय कृषि को बेहतर करने के लिए सरकार कई कदम उठा रही है। अब इसी कड़ी में भारतीय पारंपरिक कृषि को आधुनिक बनाने के लिए सरकार कृषि में मशीनों के उपयोग को बढ़ाने की तैयारी में है। केंद्रीय कृषि मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर ने इस विषय पर कहा कि “कृषि क्षेत्र के विकास की दृष्टि से देश में प्रति हेक्टेयर मैकेनाइजेशन 10 साल में दोगुना करने का लक्ष्य है। सरकार का जोर किसानों के खेत तक महंगे व बड़े एडवांस्ड कृषि यंत्र उपलब्ध कराने पर है।”
श्री नरेंद्र सिंह तोमर ने एसोसिएशन के सदस्यों से छोटे रकबे वाले किसानों को छोटी उपयोगी मशीनें उपलब्ध कराने का आग्रह किया है जिससे ताकि इन 86 प्रतिशत किसानों को आसानी हो और वे उन्नत बनें तथा उनकी आय भी बढ़ सकें। श्री तोमर ने यह बात ट्रैक्टर एंड मैकेनाइजेशन एसोसिएशन की वार्षिक साधारण सभा की बैठक में कही।
स्रोत: कृषक जगत
Shareमध्यप्रदेश में तापमान में गिरावट का सिलसिला थमेगा, जानें मौसम पूर्वानुमान
मध्य भारत के राज्यों मध्यप्रदेश तथा छत्तीसगढ़ में आने वाले कुछ दिनों में तापमान गिरने का सिलसिला थम जाएगा और यथा स्थिति बरकरार रहेगी।
वीडियो स्रोत: स्काईमेट वेदर
Shareअन्नदाता किसान भाइयों को किसान दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं
23 दिसंबर का दिन भारतवर्ष के सभी किसान भाइयों के सम्मान में समर्पित है। इस दिन हर साल किसान भाइयों के प्रति आभार प्रकट करने के लिए ‘किसान दिवस’ मनाया जाता है। गौरतलब है की आज ही के दिन भारत के पांचवें प्रधानमंत्री और किसानों तथा गरीबों के नेता कहे जाने वाले चौधरी चरण सिंह जी की जयंती है।
चौधरी चरण सिंह जी ने देश में भूमि सुधारों पर काफ़ी काम किया था। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में और केन्द्र में वित्तमंत्री के रूप में उन्होंने गांवों और किसानों को प्राथमिकता में रखकर बजट बनाया था। उनका मानना था कि खेती के केन्द्र में है किसान, इसलिए उसके साथ कृतज्ञता से पेश आना चाहिए और उसके श्रम का प्रतिफल अवश्य मिलना चाहिए।
Shareफसलों के लिए काफी लाभदायक होता है जैविक उत्प्रेरक का उपयोग
- जैविक उत्प्रेरक दरअसल ऐसे उत्पाद होते हैं जो फसलों में होने वाली वृद्धि एवं विकास की क्रिया को उत्तेजित करने का कार्य करते हैं।
- फसलों में फूल अवस्था या फल अवस्था के समय यदि किसी प्रकार का अवरोध उत्पन्न होता है तो इन उत्प्रेरको के उपयोग से इसका निवारण करने में सहायता मिलती है।
- यह फसलों में चयापचय की क्रिया को बढ़ने में मददगार साबित होते है।
- बहु वर्षीय फसलों एवं पौधों में कोशिका विभाजन एवं ऊतकों को भोजन बनाने की प्रक्रिया में सहायता करते हैं।
कड़कनाथ कुक्कुट-पालन योजना हेतु मध्यप्रदेश के चार जिलों को मिलेंगे 3 करोड़ रुपये
केन्द्र सरकार की तरफ से कड़कनाथ कुक्कुट-पालन योजना के अंतर्गत मध्यप्रदेश के चार जिलों के लिए 3 करोड़ रुपये की बड़ी रकम स्वीकृत की है। इन चार जिलों में झाबुआ, अलीराजपुर, बड़वानी और धार शामिल हैं।
3 करोड़ रुपये की यह बड़ी राशि इन जिलों की 20 समितियों के 300 सदस्यों को दी जाएगी। इस योजना के हर हितग्राही को 28 दिन के नि:शुल्क वैक्सीनेटेड 100 चूजे, दवा, दाना, दाना-पानी बर्तन और प्रशिक्षण दिया जायेगा। पालन-पोषण के लिये हितग्राहियों के निवास पर शासन द्वारा शेड भी निर्मित किया जायेगा।
स्रोत: कृषक जागरण
Shareइंदौर मंडी में क्या चल रहा है प्याज लहसुन और आलू का भाव?
प्याज का भाव | |
किस्म का नाम | भाव |
सुपर | 1400-1600 रूपये प्रति क्विंटल |
एवरेज | 1200-1400 रूपये प्रति क्विंटल |
गोलटा | 600-900 रूपये प्रति क्विंटल |
गोलटी | 300-600 रूपये प्रति क्विंटल |
छाटन | 300-600 रूपये प्रति क्विंटल |
लहसुन का भाव | |
किस्म का नाम | भाव |
सुपर | 5500-6500 रूपये प्रति क्विंटल |
एवरेज | 4500-5500 रूपये प्रति क्विंटल |
मीडियम | 3100-4500 रूपये प्रति क्विंटल |
हल्की | 2000-2500 रूपये प्रति क्विंटल |
आलू का भाव | |
आवक: 8000 कट्टे | |
किस्म का नाम | भाव |
सुपर पक्का | 1400-1500 रूपये प्रति क्विंटल |
ऐवरेज | 1200-1400 रूपये प्रति क्विंटल |
गुल्ला | 900-1400 रूपये प्रति क्विंटल |
छररी | 300-500 रूपये प्रति क्विंटल |
छाटन | 400-700 रूपये प्रति क्विंटल |
लीफ माइनर कीट की ऐसे करें पहचान एवं नियंत्रण
- लीफ माइनर (पत्ती सुरंगक) कीट बहुत ही छोटे होते हैं। ये पत्तियों के अंदर जाकर सुरंग बनाते हैं। इससे पत्तियों पर सफेद लकीरें दिखती हैं।
- लीफ माइनर का वयस्क कीट हलके पीले रंग का एवं शिशु कीट बहुत छोटा एवं पैर विहीन पीले रंग का होता है।
- कीट का प्रकोप पत्तियों पर शुरू होता है। यह कीट पत्तियों में सर्पिलाकार सुरंग बनाता है।
- यह पौधों की प्रकाश संश्लेषण क्रिया में बाधा पैदा करता है जिससे अततः पत्तियां गिर जाती है।
- इस कीट के नियंत्रण के लिए एबामेक्टिन 1.9% EC@ 150 मिली/एकड़ या क्लोरेंट्रानिलिप्रोल 8.8% + थायोमेथोक्जाम 17.5 SC @ 200 मिली/एकड़ या सायनट्रानिलीप्रोल 10.26% OD@ 300 मिली/एकड़ का उपयोग करें।
- जैविक उपचार के रूप में बवेरिया बेसियाना @ 250 ग्राम/एकड़ दर से छिड़काव करें।
प्याज़ की फसल में कंद फटने की समस्या का कारण एवं निदान
- कंद फटने के प्रथम लक्षण पौधे के आधार पर दिखाई देते हैं।
- प्याज़ के खेत में अनियमित सिंचाई के कारण इस विकार में वृद्धि होती है।
- खेत में ज्यादा सिंचाई, के बाद में पूरी तरह से सूखने देने एवं अधिक सिंचाई दोबारा करने के कारण कंद फटने लगते हैं।
- एक समान सिंचाई और उर्वरकों की मात्रा उपयोग करने से कंदों को फटने से रोका जा सकता है।
- धीमी वृद्धि करने वाले प्याज की किस्मों का उपयोग करने से इस विकार को कम कर सकते हैं।
इंदौर के अलग अलग मंडियों में क्या चल रहा है भाव?
डिवीजन | मंडी | फसल | न्यूनतम दर (₹/क्विंटल) |
अधिकतम दर (₹/क्विंटल) |
मॉडल दर (₹/क्विंटल) |
इन्दौर | बड़वाह | कपास | 4600 | 5300 | 5005 |
इन्दौर | बड़वाह | गेहूँ | 1526 | 1700 | 1559 |
इन्दौर | बड़वाह | तुअर/अरहर | 4551 | 4551 | 4551 |
इन्दौर | बड़वाह | मक्का/भुट्टा | 1200 | 1265 | 1235 |
इन्दौर | बड़वाह | सोयाबीन | 4075 | 4150 | 4150 |
इन्दौर | धार | गेहूँ | 1605 | 2127 | 1688 |
इन्दौर | धार | चना देशी | 3590 | 4575 | 4306 |
इन्दौर | धार | डॉलर चना | 3800 | 6085 | 5238 |
इन्दौर | धार | मक्का | 1000 | 1314 | 1255 |
इन्दौर | धार | मटर | 3590 | 3590 | 3590 |
इन्दौर | धार | मसूर | 4200 | 4498 | 4349 |
इन्दौर | धार | सोयाबीन | 2675 | 4702 | 4002 |
इन्दौर | सेंधवा | टमाटर | 900 | 1500 | 1200 |
इन्दौर | सेंधवा | पत्ता गोभी | 700 | 1000 | 850 |
इन्दौर | सेंधवा | फूलगोभी | 900 | 1100 | 1000 |
इन्दौर | सेंधवा | बैंगन | 800 | 1200 | 1000 |
इन्दौर | सेंधवा | भिण्डी | 900 | 1300 | 1100 |
इन्दौर | सेंधवा | लौकी | 700 | 1200 | 950 |