- एफिड सरसों की फसल में होने वाला एक प्रमुख कीट है जिसे माहू और चेपा के नाम से भी जाना जाता है।
- इस कीट का शिशु एवं प्रौढ़ दोनो ही रूप पौधों के कोमल तने, पत्तियों, फूलों एवं नई फलियों से रस चूसकर उसे कमजोर करते हैं।
- इसके साथ ही ये अपने तेज़ मुख से पत्तियों को खुरचते हैं और उनका रस चूसते हैं।
- इसके कारण सरसों की पत्तियों पर काले कवक का प्रकोप हो जाता है तथा प्रकाश संश्लेषण की क्रिया प्रभी भावित हो जाती है।
- इस कीट का प्रकोप दिसम्बर-जनवरी से लेकर मार्च तक बना रहता है और बादल घिरे रहने पर इसका प्रकोप तेजी से होता है।
- इसके नियंत्रण के लिए इमिडाक्लोप्रिड 30.5% SC@ 100 मिली/एकड़
या फ्लोनिकामिड 50% WG@ 60 मिली/एकड़
या थियामेंथोक्साम 25% WG@ 100 ग्राम/एकड़ की दर से छिड़काव करें। - जैविक उपचार के रूप में बवेरिया बेसियाना @ 250 ग्राम/एकड़ की दर से उपयोग करें।
मध्य प्रदेश के करनावद में बनेगी आलू चिप्स बनाने की इकाई, किसानों को होगा लाभ
मध्य प्रदेश के देवास में पिछले दिनों राज्य पोषित योजनान्तर्गत आलू की फसल के लिए प्रसंस्करण संबंधी कृषक प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया। इस आयोजन के मुख्य अतिथि थे विधायक श्रीमती गायत्री राजे पंवार और कलेक्टर श्री चंद्रमौली शुक्ला। इस प्रशिक्षण में 250 किसान सम्मिलित हुए l
इस दौरान कलेक्टर श्री चंद्रमौली शुक्ला ने जानकारी दी कि बागली अनुभाग के करनावद में फूड प्रोसेसिंग का क्लस्टर बनाकर आलू चिप्स बनाने की इकाई आरम्भ की जा रही है। उन्होंने कहा की इस नई शुरुआत से किसानों की आय दोगुनी हो जायेगी। उन्होंने कहा की किसानों द्वारा उत्पादित आलू सीधे मंडी में बेचने से अच्छे दाम नहीं मिलते, इसलिए वे आलू का प्रसंस्करण कर अच्छी आय अर्जित कर सकते हैंl
स्रोत: कृषक जागरण
Shareमध्य प्रदेश समेत इन राज्यों में बारिश का मौसम बरकरार रहेगा
आने वाले 48 घंटे में देश के कई क्षेत्रों में पुनः बारिश की संभावना बनी हुई है। इस बीच मध्य प्रदेश के कुछ हिस्सों महाराष्ट्र के अधिकांश भागों, कर्नाटक, केरल और तमिलनाडु में भी बारिश का मौसम बरकरार रहेगा।
वीडियो स्रोत: स्काईमेट वेदर
Shareटमाटर की फसल में फल छेदक का नियंत्रण कैसे करें
- फल छेदक कीट टमाटर की फसल को काफी नुकसान पहुँचाते हैं।
- इस कीट का वयस्क भूरे रंग का तथा इल्ली हरे रंग की होती है।
- इस कीट की सबसे हानिकारक अवस्था ही इल्ली होती है।
- इल्ली शुरूआती अवस्था में मुलायम पत्तों पर हमला करती है तथा बाद में फलों पर आक्रमण करती है।
- यह इल्ली टमाटर के फल के अंदर घुस कर अंदर ही अंदर पूरे फल को नष्ट कर देती है।
- एक इल्ली 8-10 फलों को नष्ट करने में सक्षम होती है जिससे यह कीट टमाटर की खेती करने वाले किसानों को आर्थिक रूप से काफी नुकसान पहुंचाती है।
- इसके नियंत्रण के लिए इमामेक्टिन बेंजोएट 5% SG@ 100 ग्राम/एकड़ या फ्लूबेण्डामाइड 50% WG @ 100 ग्राम/एकड़ या क्लोरानट्रानिलीप्रोल 18.5% SC@ 60 ग्राम/एकड़ या नोवालूरान 5.25% + इमामेक्टिन बेंजोएट 0.9% SC@ 600 मिली/एकड़ की दर से छिड़काव करें।
फसलों में सिंगल सुपर फॉस्फेट के उपयोग से मिलते हैं कई फायदे
- सिंगल सुपर फॉस्फेट (एसएसपी) भूरे या या राख के रंग के सख्त दानेदार पाउडर के दानों वाला उर्वरक होता है।
- इस उर्वरक के दाने आसानी से हाथ से नहीं टूटते हैं।
- दानेदार एसएसपी में नाईट्रोजन की मात्रा – 0% फास्फोरस – 16% सल्फर की मात्रा – 11% कैल्शियम – 19% तथा जिंक – 1% होता है।
- एसएसपी बाकी दूसरे खाद से कम घुलनशील है, इसका प्रयोग हमेशा जुताई के समय कराना चाहिए।
- एसएसपी का उपयोग मिट्टी उपचार के रूप में भी किया जा सकता है जिसका फायदा पौधों को अंकुरण के समय अधिक होता है।
- एसएसपी का उपयोग सही समय पर करने से फल एवं फूल अधिक मात्रा में लगते हैं।
- एसएसपी के उपयोग से फसलों में फास्फोरस, सल्फर, कैल्शियम तथा ज़िंक की पूर्ति आसानी से की जा सकती है।
पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष रबी फ़सलों की बुआई हुई अधिक
देश में रबी फ़सलों की बुआई अब लगभग पूरी हो चुकी है। अब तक 597 लाख हेक्टेयर से अधिक भूमि पर बुआई की गई है। इस सीजन के बुआई का आंकड़ा पिछले साल की तुलना में अधिक है। पिछले साल इस समय तक 573.23 लाख हेक्टेयर में बोनी की गई थी वहीं इस साल ये आंकड़ा बढ़कर 597.92 लाख हेक्टेयर हो गया है।
अगर बात करें रबी सीजन के मुख्य फसल गेहूँ की तो देश में अब तक गेहूँ का रकबा 313.24 लाख हेक्टेयर हो गया है। पिछले वर्ष इस अवधि में यह आंकड़ा 297.39 हेक्टेयर ही था। कृषि विशेषज्ञों का मानना है कि इस बार रबी सीजन में बुआई बेहतर होगी तथा उत्पादन भी अच्छा होने की उम्मीद है।
स्रोत: कृषक जगत
Shareगेहूँ की फसल में पीलेपन की समस्या का ऐसे करें नियंत्रण
- गेहूँ की फसल में 35-40 दिनों की अवस्था में पीलेपन की समस्या दिखाई देती है।
- यह समस्या गेहूँ की फसल में पोषक तत्वों की कमी के कारण होती है।
- इस समस्या के निवारण के लिए जिब्रेलिक एसिड@ 300 मिली/एकड़ या ह्यूमिक एसिड@ 100 ग्राम/एकड़ की दर से उपयोग करें।
- इसके अलावा 19:19:19 @ 1 किलो/एकड़ या 20:20:20 @ 1 किलो/एकड़ की दर से उपयोग करें।
पूरे देश में बारिश का दौर जारी, जानें आज के दिन का मौसम पूर्वानुमान
पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान और उत्तर प्रदेश समेत मध्य प्रदेश में 6 जनवरी से मौसम साफ होने की संभावना है। जबकि जम्मू कश्मीर से लेकर हिमाचल और उत्तराखंड तक हल्की से मध्यम वर्षा व बर्फबारी जारी रहेगी। दक्षिण भारत में तमिलनाडु, केरल और कर्नाटक के अधिकांश इलाकों में भारी बारिश।
वीडियो स्रोत: स्काईमेट वेदर
Shareआलू की फसल में स्कैब रोग का प्रभाव एवं निवारण के उपाय
- आलू की फसल में होने वाला यह रोग फफूंद जनित होता है।
- इस रोग का प्रभाव आलू के कंद पर बहुत अधिक मात्रा में देखे जाते हैं।
- आलू के कंदो पर गहरे भूरे रंग के स्कैब उभरते हैं जो हाथ से छूने पर दरदरे महसूस होते हैं।
- इस रोग से ग्रसित आलू के कंद खाने योग्य नहीं रहते हैं।
- इस रोग के निवारण के लिए थायोफिनेट मिथाइल 70% W/W @ 300 ग्राम/एकड़ या कासुगामायसिन 5% + कॉपर आक्सीक्लोराइड 45% WP@ 300 ग्राम/एकड़ की दर से उपयोग करें।
- जैविक उपचार के रूप में स्यूडोमोनास फ्लोरोसेंस @ 250 ग्राम/एकड़ की दर से उपयोग करें।
- इस रोग के प्रभावी के नियंत्रण के लिए बुआई से पहले बीज उपचार करना बहुत आवश्यक होता है।
मध्यप्रदेश के ग्रामीण प्रवासी मजदूरों को इस योजना से मिलेगा ब्याज मुक्त ऋण
साल 2020 में पूरी दुनिया में फैले कोरोना महामारी से छोटे छोटे बिजनेस करने वाले लोगों काफी नुकसान का सामना करना पड़ा। इसी नुकसान की भरपाई के लिए मध्य प्रदेश सरकार ने ग्रामीण स्ट्रीट वेंडर्स के लिए एक योजना की शुरुआत की है। इस योजना का नाम मुख्यमंत्री ग्रामीण स्ट्रीट वेंडर ऋण योजना है।
इस योजना के माध्यम से महामारी के दौरान शहरों से गांव पहुंचे प्रवासी मजदूरों और लघु व्यापारियों को बिना ब्याज के ऋण दिया जाएगा जिससे वे छोटा-मोटा रोजगार पुनः शुरू कर सकेंगे।
इस योजना का लाभ वेंडर्स सर्टिफिकेट लेने के बाद मिलेगा और इस सर्टिफिकेट के लिए आवेदन करना होगा। इस आवेदन का सत्यापन ग्रामीण विकास विभाग, मध्य प्रदेश द्वारा किया जाएगा। आवेदन हेतु जरुरी दस्तावेजों में आधार कार्ड, समग्र आईडी और आधार से लिंक मोबाइल नंबर की जरुरत होती है। इस योजना में ऑनलाइन पंजीयन हेतु http://kamgarsetu.mp.gov.in/ पर जाएं।
स्रोत: कृषि जागरण
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