इस विधि से तैयार करें अच्छी कम्पोस्ट खाद

How to prepare good compost manure
  • अच्छी कम्पोस्ट खाद बनाने के लिए खेत से निकले कचरे को एक जगह इक्कठा कर लेना चाहिये।
  • इसके बाद 15 से 20 फुट लम्बा, 5-6 फुट चौड़ा, 3-3 ½ फुट गहरा गड्ढा बना लेना चाहिए।
  • सारे कचरे को आपस में अच्छे से मिलाकर गड्ढे में एक परत बिछा दें और उसके ऊपर गीला गोबर फैला दें।
  • यही क्रम तब तक दोहराते रहें जबतक की कचरे का स्तर भूमि की सतह से 2-2½ फुट ऊँचा ना हों जाए।
  • यदि गर्मी के मौसम में कम्पोस्ट तैयार कर रहे हैं तो 15-20 दिन के अन्तर पर 1-2 बार गड्ढे में पानी चला देना चाहिए ताकि कचरे को गलाने के लिए पर्याप्त नमी बनी रहे।
  • वर्षा एवं सर्दी के मौसम में ज्यादा पानी डालने की आवश्यकता नहीं होती है।
  • इस पूरी प्रक्रिया के बाद जो खाद बनकर तैयार होती है उसमें 0.5 प्रतिशत नाइट्रोजन, 0.15 प्रतिशत फास्फोरस तथा 0.5 प्रतिशत पोटाश की मात्रा होती है।
Share

पोटैशियम से करें फसल का पोषण प्रबंधन, मिलेंगे कई लाभ

Potassium contributes to plant nutritional management
  • पोटैशियम फसल की पत्तियों में शर्करा और स्टार्च के निर्माण में सहायता करता है एवं पत्तियों के कार को भी बढ़ाता है।
  • पोटैशियम कोशिकाओं में प्रोटीन संश्लेषण को बढ़ाता है एवं जल संचरण में सहायता करता है।
  • इसके अतिरिक्त पौधों की विभिन्न क्रियाओं को नियंत्रित करने वाले एन्जाइमों को सुचारु रूप से चलाने में भी यह सहायक होता है।
  • पोटैशियम फसल में रोग प्रतिरोधक क्षमता का निर्माण करता है एवं पौधे में लौह तत्व की मात्रा को संतुलित बनाये रखता है।
  • इससे पौधे के तने को मज़बूती मिलती है।
Share

फोटो प्रतियोगिता के छठे दिन इन किसानों ने बनाई टॉप टेन में जगह

Gramophone Krishi Mitra app

ग्रामोफ़ोन कृषि मित्र एप पर 22 जनवरी से ‘मेरा गांव मेरा अभिमान’ फोटो प्रतियोगिता चल रहा है जिसमे हजारों किसान भाग ले रहे हैं और अपने गांव की तस्वीरें पोस्ट कर अपने दोस्तों से उसपर लाइक बढ़ा रहे हैं।

27 जनवरी को शीर्ष पर रहे दस किसान
नरेंद्र सिसोदिया
दीपेश सोलंकी
मोतीलाल पाटीदार
भूरू पटेल
कुलदीप चौहान
धर्मेंद्र विश्वकर्मा
कमल कृष्ण माली
प्रेम पाटीदार
सतीश मेवाड़ा
सुमित राजपूत

ग़ौरतलब है की इस दस दिनी प्रतियोगिता में अभी चार दिन और शेष हैं। इसीलिए इसमें अन्य किसान भी बढ़-चढ़ कर भाग ले सकते हैं और आकर्षक पुरस्कार जीत सकते हैं।

इस प्रतियोगिता में विजेताओं का चुनाव पोस्ट की गई गांव की तस्वीरों पर आये लाइक्स की संख्या के आधार पर किया जाएगा। 10 दिनों तक चलने वाली इस प्रतियोगिता में हर दो दिन पर अपनी तस्वीरों पर सबसे अधिक लाइक प्राप्त करने वाला एक प्रतियोगी को पुरस्कार मिलेगा और इसके साथ ही दस दिनी प्रतियोगिता के अंत में टॉप किसानों को मिलेंगे बम्पर पुरस्कार।

*नियम व शर्तें लागू

Share

मध्य प्रदेश सरकार अब गोबर व पराली से बनाएगी सीएनजी और जैव उर्वरक

MP government will now make CNG and bio-fertilizer from cow dung and Crop residue

मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार अब गोबर और पराली के उपयोग से सीएनजी और जैव उर्वरकों का उत्पादन करने की तैयारी में है। प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने रविवार को आनंद, गुजरात के भारत बायोगैस एनर्जी लिमिटेड के पदाधिकारियों के साथ बैठक की। इस बैठक के दौरान उन्होंने कहा कि गोबर एवं पराली दोनों ही अत्यंत उपयोगी हैं और इनके उपयोग से मध्यप्रदेश में बायो सीएनजी और ऑर्गेनिक सॉलिड एवं लिक्विड फर्टिलाइजर्स के उत्पादन के लिए योजना बनाई जा रही है।

उन्होंने कहा की “पहले चरण में इसके लिए सालरिया गौ-अभयारण्य एवं कामधेनु रायसेन को चुना गया है। यहां भारत बायोगैस एनर्जी लिमिटेड के माध्यम से प्रोजेक्ट बनाए जाकर उस पर कार्य किया जाएगा।”

स्रोत: वन इंडिया डॉट कॉम

Share

मटर की फसल में एस्कोचाईटा ब्लाईट के लक्षण एवं नियंत्रण

Symptoms and control of ascochyta blight in peas
  • इस रोग से प्रभावित होकर मटर की फसल में पौधे मुरझा जाते हैं।इसके कारण पौधों की जड़ें भूरी हो जाती हैं, पत्ते तथा तने पर भी भूरे धब्बे पड़ जाते हैं।
  • इस बीमारी से फसल कमजोर हो जाती है।

रासायनिक उपचार: इसके निवारण के लिए क्लोरोथालोनिल 70% WP@ 300 ग्राम/एकड़ या कार्बेन्डाजिम 12% + मैनकोज़ब 63% WP@ 500 ग्राम/एकड़ या ऐजोस्ट्रोबिन 11% + टेबूकोनाज़ोल 18.3% SC@ 250 मिली/एकड़ की दर से छिड़काव करें।

जैविक उपचार: जैविक उपचार के रूप में रूप में स्यूडोमोनास फ्लोरोसेंस @ 250 ग्राम/एकड़ की दर से छिड़काव करें।

Share

गेहूँ की फसल में दीमक के प्रकोप की पहचान, लक्षण एवं प्रबंधन

Symptoms and control of termite attack in wheat crop
  • दीमक पोलीफेगस कीट होता है और यह सभी फसलों को नुकसान पहुँचाता है।
  • गेहूँ की फसल में भी दीमक के कारण बहुत नुकसान होता है।
  • दीमक गेहूँ के अंकुरित पौधों को चट कर जाती हैं।
  • यह कीट जमीन में सुरंग बनाकर पौधों की जड़ों को खाते हैं। इसके प्रकोप अधिक होने पर ये तने को भी खाते हैं।
  • इस कीट का वयस्क मोटा होता है, जो धूसर भूरे रंग का होता है।
  • यह कीट दरारों या गिरी हुई पत्तियों के नीचे छिप जाते हैं और रात में तने और पत्तियों का नरम हिस्सा खाते हैं।
  • जिस खेत में कच्ची खाद का उपयोग किया जाता है वहाँ दीमक का प्रकोप बहुत ज्यादा होता है।
  • बुआई के पहले खेत में गहरी जुताई करें।
  • खेत में अच्छी सड़ी हुई खाद का ही उपयोग करें।
  • इसके नियंत्रण के लिए क्लोरपायरीफोस 50% EC@ 500 मिली/एकड़ की दर से छिड़काव के रूप में उपयोग करें या कारटॉप हाइड्रोक्लोराइड 4% GR@ 7.5 किलो/एकड़ की दर से मिट्टी उपचार के रूप में उपयोग करें।
  • इसके अलावा क्लोरोपायरीफोस 20% EC @ 1 लीटर/एकड़ को किसी भी उर्वरक के साथ मिलाकर जमीन से दें और सिंचाई कर दें।
  • जैविक उपचार के रूप में बवेरिया बेसियाना @ 250 ग्राम/एकड़ की दर से उपयोग करें।
Share

तरबूज की फसल में एफिड एवं जैसिड के प्रकोप से होगा नुकसान

Damage due to Aphid and Jassid in melon crop
  • एफिड एवं जेसिड छोटे एवं नरम शरीर वाले कीट होते हैं जो पीले, भूरे, हरे या काले रंग के हो सकते हैं।
  • ये आमतौर पर तरबूज की फसल की छोटी पत्तियों और टहनियों के कोनों पर समूह बनाकर पौधे से रस चूसते हैं तथा चिपचिपा मधु रस (हनीड्यू) छोड़ते हैं। इससे फफूंदजनित रोगों की संभावनाएं बढ़ जाती है।
  • गंभीर संक्रमण के कारण पत्तियां और टहनियां कुम्हला सकती हैं या पीली पड़ सकती हैं।
  • एफिड एवं जेसिड कीट से बचाव हेतु थायोमेथोक्सोम 25% WG@100 ग्राम/एकड़ या इमिडाक्लोप्रिड 17.8% SL@100 मिली/एकड या फ्लूनेकामाइड 50% WG @ 60 ग्राम/एकड़ की दर से छिड़काव करें।
  • जैविक उपचार के रूप में बवेरिया बेसियाना @ 250 ग्राम/एकड़ की दर से उपयोग करें।
Share

तरबूज़ की फसल के बेहतर बढ़वार हेतु बुआई पूर्व जरूर करें इन उर्वरकों का उपयोग

Which fertilizer is beneficial in watermelon crop before sowing
  • तरबूज की फसल में बुआई के पहले खेत की जुताई के बाद उर्वरक की आपूर्ति करना बहुत आवश्यक होता है।
  • बुआई के पहले उर्वरकों का प्रबंधन करने से तरबूज़ की फसल को अंकुरण के लिए पोषक तत्वों की पूर्ति आसानी से हो जाती है।
  • बुआई पूर्व उर्वरक प्रबंधन करने के लिए DAP@ 50 किलो/एकड़ + एसएसपी @ 75 किलो/एकड़ + पोटाश @ 75 किलो/एकड़ + जिंक सल्फ़ेट@ 10 किलो/एकड़ + मैगनेशियम सल्फ़ेट @ 10 किलो/एकड़ की दर से उपयोग करें।
  • इसी के साथ किसान चाहे तो तरबूज समृद्धि किट का उपयोग भी मिट्टी उपचार के रूप में कर सकते हैं।
Share

इस हस्तचालित यंत्र से आसानी से निकल जाएगा खेतों का खरपतवार

Weed of fields will be removed easily by this manual weed dispenser
  • खरपतवार हर फसल के लिए एक बहुत बड़ी समस्या होती है।
  • खरपतवार को खेत से निकालने के लिए खरपतवार निकलने वाले यंत्र का उपयोग बहुत लाभकारी होता है।
  • यह हुक टाइप का एक ऐसा हस्तचालित यंत्र होता है जो फसल की पंक्तियों के बीच खरपतवार को नष्ट करता है।
  • इसमें एक रोलर होता है जिसमें लोहे की रॉड द्वारा फिट की गई दो डिस्क लगी होती है। रॉड पर छोटे समचतुर्भुज आकार के हुक जुड़े होते हैं। इस यंत्र का रोलर नरम लोहे से निर्मित होता है।
Share

इस दिन शुरू होगा गेहूँ व अन्य रबी फसलों की एमएसपी पर बिक्री हेतु पंजीकरण

Registration for sale on MSP of Rabi crops will start on this day

मध्यप्रदेश में गेहूँ समेत अन्य रबी फसलों की समर्थन मूल्य पर बिक्री हेतु पंजीकरण की प्रक्रिया शुरू होने जा रही है। यह प्रक्रिया आगामी 25 जनवरी से शुरू होगी। हरियाणा राज्य में यह प्रक्रिया पहले ही शुरू कर दी गई है।

बता दें कि केंद्र सरकार के द्वारा हर साल खरीफ एवं रबी की 23 फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य जारी किये जाते हैं। इसी के अंतर्गत साल 2021-22 के लिए रबी फसलों जैसे गेहूँ 1975 रुपये प्रति क्विंटल, जौ 1600 रुपये रुपये प्रति क्विंटल, चना 5100 रुपये प्रति क्विंटल रुपये, मसूर 5100 रुपये रुपये प्रति क्विंटल, रेपसीड एवं सरसों 4650 रुपये रुपये प्रति क्विंटल एवं कुसुम 5327 रुपये रुपये प्रति क्विंटल जारी किये गए हैं।

स्रोत: किसान समाधान

Share