मध्य प्रदेश समेत देश के कई राज्यों में बढ़ रही है गर्मी, तापमान 40 के करीब

Weather Forecast

मध्यप्रदेश के दक्षिणी क्षेत्र, उड़ीसा एवं विदर्भ में तापमान सामान्य से ऊपर पहुँच गया है। आने वाले दिनों में कुछ क्षेत्रों में तो अधिकतम तापमान 40 के करीब तक पहुंचने की संभावना जताई जा रही है। इसके अलावा पहाड़ी क्षेत्रों में अगले 24 घंटे बारिश और हिमपात जारी रहने की संभावना है। हालांकि 28 फरवरी से वर्षा में कमी आने के आसार बन रहे हैं।

वीडियो स्रोत: स्काईमेट वेदर

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मिट्टी परीक्षण करवाना होता है लाभकारी, जानें इसके फायदे

Know what are the benefits of Soil Testing
  • मिट्टी परीक्षण से मिट्टी में उपस्थित तत्वों का सही सही पता लगाया जाता है। इनकी जानकारी के बाद मिट्टी में उपलब्ध पोषक तत्व के अनुसार ही खाद व उर्वरक की मात्रा सम्बन्धी सिफारिश की जाती है। 
  • यानी मिट्टी परीक्षण जाँच के बाद संतुलित मात्रा में उर्वरक देकर खेती में अधिक लाभ लिया जा सकता है और उर्वरक लागत को कम किया जा सकता है। 
  • मिट्टी परीक्षण से मिट्टी पीएच, विघुत चालकता, जैविक कार्बन के साथ साथ मुख्य पोषक तत्वों और सूक्ष्म पोषक तत्वों का पता लगाया जा सकता है।
  • मिट्टी पी.एच.मान से मिट्टी की सामान्य, अम्लीय या क्षारीय प्रकृति का पता लगाया जा सकता है। मिट्टी पी.एच. घटने या बढ़ने से पादपों की वृद्धि पर असर पड़ता है। 
  • मिट्टी पी.एच. पता चल जाने के बाद समस्या ग्रस्त क्षेत्रों में फसल की उपयुक्त उन किस्मों की सिफारिश की जाती है जो अम्लीयता और क्षारीयता को सहन करने की क्षमता रखती हो। 
  • मिट्टी पी.एच. मान 6.5 से 7.5 के बीच होने पर पौधों द्वारा पोषक तत्वों का सबसे अधिक ग्रहण किया जाता है तथा अम्लीय भूमि के लिए चूने एवं क्षारीय भूमि के लिए जिप्सम डालने की सलाह दी जाती है। 
  • मिट्टी परीक्षण से विद्युत चालकता जानी जा सकती है, इससे यह जानकारी मिल जाती है कि मिट्टी में लवणों की सांद्रता या मात्रा किस स्तर पर है।
  • मिट्टी में लवणों की अधिक सान्द्रता होने पर पौधों द्वारा पोषक तत्वों के अवशोषण में कठिनाई आती है।
  • मिट्टी परीक्षण से जैविक कार्बन जाँच कर मिट्टी की उर्वरता का पता चलता है। 
  • मिट्टी के भौतिक गुण जैसे मृदा संरचना, जल ग्रहण शक्ति आदि जैविक कार्बन से बढ़ते है।  
  • जैविक कार्बन पोषक तत्वों की लीचिंग (भूमि में नीचे जाना) को भी रोकता है।
  • इसके अतिरिक्त पोषक तत्वों की उपलब्धता स्थानांतरण एवं रुपांतरण और सूक्ष्मजीवों की वृद्धि के लिए भी जैविक कार्बन बहुत उपयोगी होता है।
  • मिट्टी की उर्वरा क्षमता के आधार पर कृषि उत्पादन एवं अन्य उपयोगी योजनाओं को लागू करने में सहायता मिलती है। 
  • अतः इन सभी जानकारियों से मालूम होता है कि मिट्टी परीक्षण कितना आवश्यक है। 
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मध्य प्रदेश के 21 लाख से ज्यादा किसानों ने एमएसपी पर गेहूँ की बिक्री हेतु करवाया पंजीयन

More than 21 lakh farmers of MP got registration done for sale of wheat on MSP

हर साल केंद्र सरकार द्वारा 23 फ़सलों के एमएसपी यानी न्यूनतम समर्थन मूल्य का निर्धारण करती है और फिर इसी मूल्य पर राज्य सरकार किसानों से उपज खरीदती है। मध्य प्रदेश सरकार ने इस वर्ष रबी सीजन की मुख्य फसल गेहूँ की समर्थन मूल्य पर खरीदी हेतु पंजीकरण की प्रक्रिया 25 फरवरी तक चलाई है।

ख़बरों के अनुसार मध्य प्रदेश के 21 लाख 6 हजार किसानों ने इस बार ई-उपार्जन पोर्टल पर गेहूँ की एमएसपी पर खरीदी के लिए पंजीकरण करवाया है। यह संख्या पिछले साल की तुलना में 1 लाख 59 हजार ज्यादा है। बता दें की मध्य प्रदेश के इंदौर और उज्जैन जिले में गेहूँ उपार्जन की प्रक्रिया 22 मार्च से 1अप्रैल तक चलेगी।

स्रोत: किसान समाधान

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25 फरवरी के इंदौर मंडी के भाव

Mandi Bhaw

 

फसल न्यूनतम भाव अधिकतम भाव
डॉलर चना 3500 6795
गेहु 1501 2061
चना मौसमी 3800 5300
सोयाबीन 2100 5095
मक्का 1200 1365
मसूर 5150 5180
मूंग 6650 6650
उड़द 4005 5250
बटला 3805 3905
तुअर 5955 6805
मिर्ची 5000 13700
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भिंडी पित शिरा वायरस का ऐसे करें नियंत्रण

yellow vein mosaic of okra
  • पित शिरा विषाणु भिंडी में लगने वाला प्रमुख विषाणु जनित रोग है।
  • यह सफ़ेद मक्खी के कारण फैलता है एवं इसके कारण भिंडी की फसल को 25 से 30% तक का नुकसान होता है।
  • इस रोग के लक्षण पौधे की सभी अवस्था में देखा जाता है।
  • इसके कारण पत्तियों की शिराएं पीली पड़ जाती हैं एवं पत्तियों पर जाल जैसी संरचना बन जाती है।
  • इसके निवारण के लिए एसिटामिप्रीड 20% SP @ 100 ग्राम/एकड़ या डायफैनथीयुरॉन 50% WP @ 250 ग्राम/एकड़ या पायरीप्रोक्सीफैन 10% + बॉयफैनथ्रिन 10% EC@ 300 मिली/एकड़ की दर से उपयोग करें।
  • जैविक उपचार के रूप में बवेरिया बेसियाना @ 250 ग्राम/एकड़ की दर से उपयोग करें।
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गेहूँ के दानों में चमक बढ़ाने के लिए क्या उपाय करें?

What measures should be taken to increase the glow in wheat grains?
  • गेहूँ की फसल में यदि दानों का आकार एवं चमक अच्छी होती है तो उस फसल का बाजार भाव बहुत अच्छा मिलता है।
  • गेहूँ की फसल में दानो में चमक बेहतर करने के लिए दाना भरने की अवस्था के समय 00:00:50 @ 1 किलो/एकड़ के साथ प्रोपिकोनाज़ोल 25% EC@ 200 मिली/एकड़ की दर से छिड़काव करें।
  • इन उत्पादों के उपयोग से गेहूँ के दानो में चमक के साथ-साथ कवक जनित रोगों से फसल की रक्षा होती है एवं पोषण सम्बन्धी आवश्यकता की भी पूर्ति हो जाती है।
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मध्य प्रदेश समेत अन्य राज्यों में कैसा रहेगा मौसम, जानें मौसम पूर्वानुमान

Weather Forecast

मध्य प्रदेश समेत मध्य भारत के अन्य राज्यों में मौसम शुष्क रहने की संभावना है और गर्मी के भी बढ़ने की संभावना है। इसके साथ ही पश्चिमी विक्षोभ की वजह से पहाड़ी क्षेत्रों में बारिश और बर्फबारी का दौर जारी रहेगा। पंजाब व उत्तरी हरियाणा जैसे क्षेत्रों में भी हल्की बारिश की संभावना बन रही है। इसके साथ ही दक्षिण भारत में आने वाले दिनों में बारिश के कोई आसार नहीं बन रहे हैं।

वीडियो स्रोत: स्काईमेट वेदर

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मध्य प्रदेश के किसानों को इस दिन मिलेगी मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना की राशि

Chief Minister Kisan Kalyan Yojana

मध्य प्रदेश के किसानों को जल्द ही मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना के अंतर्गत मिलने वाली राशि वितरित कर दी जायेगी। इस राशि का वितरण आगामी 27 फरवरी के दिन दोपहर 3 बजे से आयोजित एक कार्यक्रम में किया जाएगा।

इस कार्यक्रम में मध्य प्रदेश के करीब 20 लाख किसानों को 400 करोड़ रूपये वितरित किये जाएंगे। इस राशि का वितरण प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा किया जाएगा। यह कार्यक्रम एक वर्चुअल कार्यक्रम होगा।

स्रोत: कृषक जगत

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उपज के सुरक्षित भंडारण के समय इन बातों का रखें ध्यान

Insect pests attacks in storage crops
  • उपज के सुरक्षित भंडारण के समय इन बातों का रखें ध्यान
  • फसल के कटाई के बाद सबसे जरूरी काम उपज भंडारण का होता है।
  • उपज के सुरक्षित भंडारण के लिए वैज्ञानिक विधि अपनाने की जरूरत होती है, इससे अनाज को लम्बे समय तक भंडारित करके रखा जा सकता है।
  • उपज में भंडारण के समय लगने वाले मुख्य कीटों में अनाज का छोटा बेधक, खपड़ा बीटल, आटे का लाल भृंग, दालों का भृंग, अनाज का पतंगा, चावल का पतंगा आदि शामिल हैं।
  • यह सभी कीट भंडारण के दौरान अनाज को खाकर खोखला कर देते हैं।
  • इन कीटों से अनाज को सुरक्षित रखने के लिए भंडारण करने के पहले भण्डार गृह की सफाई अच्छे से जरूर कर लें।
  • इसके साथ ही अनाज को अच्छी तरह से सुखाकर ही भंडारित करें।
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मुंहपका-खुरपका रोग से जानवरों को होती है कई परेशानियां

Foot and mouth disease in Animals
  • मुंहपका-खुरपका रोग एक विषाणु जनित होता है।
  • यह रोग किसी भी उम्र की गाय व भैंस में हो सकता है साथ ही यह रोग किसी भी मौसम में हो सकता है।
  • इसके चपेट में आने से पशु की कार्य करने व उत्पादन क्षमता कम हो जाती है।
  • इस रोग की चपेट में आने पर पशु को तेज बुखार आता है साथ ही पशु के मुंह, मसूड़े, जीभ के ऊपर, होंठ के अंदर व खुरों के बीच छोटे-छोटे दाने उभर आते हैं।
  • इसके कारण पशु जुगाली करना बंद कर देते हैं, मुंह से लार गिरने लगती है, और वे सुस्त होकर खाना पीना तक छोड़ देता है।
  • खुर में जख्म होने पर पशु लंगड़ाकर चलते हैं और खुरों में कीचड़ लगने पर कीड़े पड़ जाते हैं जिससे कभी-कभी पशु की मौत भी हो जाती है।
  • इस रोग से ग्रसित पशु को दूसरे स्वस्थ पशुओं से अलग रखना चाहिए।
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