मिर्च की नर्सरी में जरूरी है यह पहला छिड़काव

What are the benefits of first spraying in chilli nursery
  • मिर्च की नर्सरी में बुआई के बाद 10-15 दिनों की अवस्था में छिड़काव करना बहुत आवश्यक होता है।

  • इस छिड़काव के द्वारा पौध गलन और जड़ गलन जैसे रोग मिर्च की फसल में नहीं लगते हैं।

  • मिर्च की नर्सरी की प्रारंभिक अवस्था में लगने वाले कीटों का आसानी से नियंत्रण किया जा सकता है।

  • इस अवस्था में मिर्च की नर्सरी में इन उत्पादों का उपयोग बहुत लाभकारी होता है।

  • नर्सरी की 10-15 दिनों की अवस्था में उपचार: यह अवस्था अंकुरण की प्रारभिक अवस्था है अतः इस अवस्था में दो प्रकार से छिड़काव किया जा सकता है।

  • कीटो के प्रकोप से बचने के लिए थायमेथोक्सम 25% WP@ 10 ग्राम/पंप या बवेरिया @ 5 -10 ग्राम/लीटर की दर से छिड़काव करें एवं किसी भी तरह के कवक जनित बीमारियों की रोकथाम के लिए थायोफिनेट मिथाइल 70% W/W 30 ग्राम/पंप या ट्राइकोडर्मा + स्यूडोमोनास फ्लोरोसेंस @ 5-10 ग्राम/लीटर नर्सरी की अच्छी बढ़वार के लिए ह्यूमिक एसिड @ 10 ग्राम/पंप की दर से छिड़काव करें।

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गर्मियों में खेत से खरपतवार के बीजों को ऐसे करें खत्म

How to destroy weed seeds from the field in summer
  • गर्मियों में फसल ना लगी होने के कारण खेत खाली रहते हैं।

  • यह समय खेत को खरपतवार से मुक्त करने के उपाय का सही समय है।

  • इसके लिए गहरी जुताई करके खेत को समतल कर लें।

  • जब गर्मियों में खेत में गहरी जुताई की जाती है तो तेज़ धुप होने के कारण खरपतवार के बीज़ जो मिट्टी में दबे रहते हैं वह नष्ट हो जाते हैं।

  • इसके अलावा खाली खेत में डीकॉमपोज़र का उपयोग करके खरपतवार के बीजों को नष्ट किया जा सकता है।

  • इस प्रकार अगली फसल को खरपतवार से मुक्त रख कर उगाया जा सकता है।

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आगे बढ़ रहा है समुद्री तूफ़ान यास, जानें किन क्षेत्रों में होगा इसका असर

weather forecast

बंगाल की खाड़ी में आया समुद्री तूफ़ान यास अब आगे बढ़ रहा है। इसके कारण आंध्र प्रदेश उड़ीसा और केरल सहित कर्नाटक में तेज बारिश के आसार हैं। उत्तर पश्चिम भारत का मौसम शुष्क रहेगा। मध्य भारत में भी बारिश बहुत कम रहेगी।

वीडियो स्रोत: स्काइमेट वेदर

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ऐसे करें अपने खाली खेत में पंचगव्य का उपयोग

How to use Panchagavya in an empty field
  • पंचगव्य एक जैविक उत्पाद है। फसलों एवं खाली खेत में इसका उपयोग करने से फसलों एवं मिट्टी की उर्वरा शक्ति बढ़ती है।

  • पंचगव्य का खाली खेत की मिट्टी में मौजूद हानिकारक कीटों, कवक एवं जीवाणुओं को ख़त्म करने का महत्वपूर्ण कार्य करता है।

  • पंचगव्य मिट्टी सुधारक की तरह कार्य करता है।

  • पंचगव्य की 3 लीटर मात्रा एक एकड़ के लिए पर्याप्त होता है।

  • इसके अलावा पंचगव्य के 3% घोल को फल पेड़-पौधों और फसल पर छिड़काव करके प्रयोग किया जा सकता है। 3 लीटर पंचगव्य एक एकड़ खड़ी फसल के लिए पर्याप्त होता है।

  • पंचगव्य के 3% घोल को सिंचाई के पानी के साथ उपयोग किया जा सकता है।

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22 मई को मध्य प्रदेश में क्या रहे प्याज, आलू और सोयाबीन के भाव?

Madhya pradesh Mandi bhaw

प्याज के भाव

मंडी

न्यूनतम

अधिकतम

हटपिपलिया

600

1000

आलू के भाव

मंडी

न्यूनतम

अधिकतम

हटपिपलिया

1000

1800

सोयाबीन के भाव

मंडी

न्यूनतम

अधिकतम

अलोट

5500

6666

ये भी पढ़ें: क्यों जताई जा रही है लहसुन के भाव में तेजी आने की संभावना?

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गिलकी की फसल में सफ़ेद मक्खी का नियंत्रित कैसे करे

  • इस कीट के शिशु एवं वयस्क दोनों ही अवस्था गिलकी की फसल को बहुत अधिक नुकसान पहुंचाते है।

  • यह पत्तियों का रस चूस कर पौधे के विकास को बाधित कर देता है एवं पौधे पर सूटी मोल्ड के जमाव का कारण भी बनता है।

  • इसके अधिक प्रकोप की स्थिति में गिलकी की फसल पूर्णतः संक्रमित हो जाती है।

  • फसल के पूर्ण विकसित हो जाने पर भी इस कीट का प्रकोप होता है। इसके कारण से फसलों की पत्तियां सूख कर गिर जाती है।

  • इस कीट के निवारण के लिए डायफेनथुरोंन 50% SP@ 250 ग्राम/एकड़ या फ्लोनिकामाइड 50% WG@ 60मिली/एकड़ या एसिटामेप्रिड 20% SP @ 100 ग्राम/एकड़ या पायरीप्रोक्सीफेन 10% + बॉयफेनथ्रीन 10% EC 250 मिली/एकड़ की दर से छिड़काव करें।

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कृषि मंत्रालय का बड़ा फैसला, तिलहन के बीज मुफ्त में बांटेगी सरकार

the government will distribute seeds of oilseeds for free

तिलहन फसलों के उत्पादन में आत्मनिर्भर बनने के उद्देश्य से कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय ने नई रणनीति बनाई है। इस रणनीति के अंतर्गत इस खरीफ सीजन में किसानों को मिनी किट्स के रूप में तिलहन बीज मुफ्त वितरण की जायेगी।

इस कड़ी में मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान, गुजरात, कर्नाटक, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश और बिहार जैसे राज्यों में मंत्रालय के आंकलन के अनुसार अलग अलग तिलहन फसलों के बीज बितरित किये जाएंगे। जल्द ही इस योजना से सम्बंधित और सूचनाएं भी सरकार देने वाली है।

स्रोत: टीवी 9 भारत वर्ष

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किसानों के लिए खुशखबरी, डीएपी खाद पर सरकार देगी 140% की सब्सिडी

government will give 140% subsidy on DAP fertilizer

केंद्र सरकार ने डीएपी खाद पर सब्सिडी को 140 प्रतिशत बढ़ा दिया है। किसानों को अब DAP पर 500 रुपये प्रति बोरी से बढ़कर अब 1200 रुपये प्रति बोरी सब्सिडी मिलेगी। सब्सिडी बढ़ाने से किसानों को DAP का एक बैग 2400 रुपये के बजाए अब 1200 रुपये में ही मिलेगा।

स्रोत: दी लल्लनटॉप

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मिर्च की नर्सरी में पौध गलन होने पर अपनाएं बचाव के ये उपाय

What causes the problem of Damping off chilli nursery?
  • खेत की मिट्टी में अत्यधिक नमी एवं मध्यम तापमान पौध गलन रोग के विकास के मुख्य कारक होते हैं।

  • मिर्च के पौधे में इस रोग को आर्द्र विगलन या डम्पिंग ऑफ के नाम से भी जाना जाता है।

  • इस रोग का प्रकोप मिर्च नर्सरी की अवस्था में देखा जाता है।

  • इस रोग में रोगजनक सबसे पहले पौधे के कालर भाग मे आक्रमण करता है।

  • अतंतः कालर भाग गल जाता है और पौधे गल कर मर जाते हैं।

  • इस रोग के निवारण के लिए बुआई के समय स्वस्थ बीज का चयन करना चाहिये।

  • इससे बचाव के लिए कार्बेन्डाजिम 12% + मैनकोज़ेब 63% @ 30 ग्राम/पंप या थायोफिनेट मिथाइल 70% W/W @ 50 ग्राम/पंप या मैनकोज़ेब 64% + मेटालेक्सिल 8% WP @ 60 ग्राम/पंप की दर से छिड़काव करें।

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मानसून के दस्तक के साथ यश तूफान का कई राज्यों पर होगा असर, जानें मौसम पूर्वानुमान

मानसून का आगमन बंगाल की खाड़ी और दक्षिणी अंडमान सागर में हो चुका है और अगले 48 घंटों में यह आगे बढ़ेगा। उत्तरी अंडमान सागर पर अगले 24 घंटों में निम्न दबाव का क्षेत्र विकसित हो सकता है। पूर्वी तटीय राज्यों में बढ़ेगी बारिश। केरल, कर्नाटक, समेत पश्चिमी घाट पर भी वर्षा के आसार। दिल्ली में मौसम शुष्क रहेगा। इसके अलावा यश नाम का तूफ़ान भी अपना असर दिखायेगा।

वीडियो स्रोत: मौसम तक

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